फोरेक्स में व्यापार

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है
मुकेश अंबानी ने यहां कहा, "ब्लॉकचेन का उपयोग हमारी सप्लाई चेन को आधुनिक बनाने के लिए किया जा सकता है जो हमारी अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा बनाते हैं." उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी ने अगले स्तर के फाइनेंशियल इनोवेशन के लिए शानदार मौके प्रदान किए हैं.

बजट: क्रिप्टो में निवेश को किया उदास, जानिए पर्सनल फाइनेंस को लेकर क्या बदला

Your access to this site has been limited by the site owner

If you think you have been blocked in error, contact the owner of this site for डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है assistance.

If you are a WordPress user with administrative privileges on this site, please enter your email address in the box below and click "Send". You will then receive an email that helps you regain access.

Block Technical Data

Block Reason: Access from your area has been temporarily limited for security reasons.
Time: Fri, 2 Dec 2022 17:49:40 GMT

Wordfence is a security plugin installed on over 4 million WordPress sites. The owner of this site is using Wordfence to manage access to their site.

You can also read the documentation to learn about Wordfence's blocking tools, or visit wordfence.com to learn more about Wordfence.

Click here to learn more: डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है Documentation

Generated by Wordfence at Fri, 2 Dec 2022 17:49:40 GMT.
Your computer's time: .

आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी?, जिसपर मुकेश अंबानी ने जताया भरोसा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने आज एक फिनटेक इवेंट में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के मुकाबले ब्लॉकचेन बहुत अलग टेक्नोलॉजी है. IFSCA द्वारा आयोजित इनफिनिटी फोरम में इंटरव्यू के दौरान मुकेश अंबानी ने कहा, "ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें मैं भरोसा करता हूं. ये क्रिप्टो से बहुत अलग है." उन्होंने कहा कि यहां ऐसे स्मार्ट टोकन हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि आप ऐसे लेनदेन कर रहे हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता है. जबकि यह कहते हुए कि डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है वह वास्तविक समय में विश्वास करते हैं और वास्तविक समय में सब कुछ बदल जाएगा.

मुकेश अंबानी ने कहा, "ब्लॉकचेन की मदद से हम लगभग किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए जबरदस्त सुरक्षा, विश्वास, स्वचालन और दक्षता प्रदान कर सकते हैं." बताते चलें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई मिलकर काम कर रहे हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास उन लोगों में से ही हैं, जो मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ज्यादा मजबूत है जो करेंसी के बिना भी मौजूद रह सकती है.

Crypto Currency Today Price : क्रिप्टो मार्केट में आया 1% का उछाल ! झट से चेक करें टॉप 10 करेंसीज के लेटेस्ट भाव !!

Crypto Currency Today Price :– क्रिप्टो मार्केट में आज अच्छी गर्माहट के बीच चहल-पहल देखने को मिल रही है। मार्केट कैप के नजरिए से बात करें तो Top 10 श्रेणी में शुमार सिर्फ एक को छोड़ अधिकतर क्रिप्टो करेंसीज ग्रीन जोन में दिख रहे हैं। सिर्फ बिटकॉइन की ओर रुख डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है करें तो उसकी स्थिति 0.04% प्रतिशत कमजोर हुई है,और अब क्रिप्टो बाजार में इसकी 38.27% प्रतिशत हिस्सेदारी रह गई है। संपूर्ण विश्लेषण के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें।

Crypto Currency Today Price

Crypto Currency Today Price

आज 14 नवंबर को क्रिप्टो मार्केट में रोशनी से भर देने वाला माहौल बरकरार हैं ! क्रिप्टो मार्केट के वैश्विक मार्केट कैप की बात करें तो आज का दिन 1.31 प्रतिशत यानी 84.27 हजार करोड़ डॉलर के साथ सातवे आसमान पर रहा ! विश्व के सबसे बड़े क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन की बात करें, तो पिछले 24 घंटे में 1.25% की मजबूती दिखाई। और फिलहाल 16793.46$ (13.65 लाख) के भाव से बिक रहा है. वहीं दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी एथेरियम के भाव में 2% का उछाल देखने को मिल रहा है,और यह भी 1200$ के उस पार पहुंच चुका है।Crypto-Currency-Today-Price-क्रिप्टो-मार्केट-में-आया-1-का-उछाल-

What is Blockchain in hindi | ब्लॉकचैन क्या है

ब्लॉकचेन (Blockchain) का नाम हमने कभी ना कभी जरूर सुना होगा क्योंकि आजकल इंटरनेट पर यह नाम हर जगह सुनाइए या दिखाई दे जाता है। ब्लॉकचेन 21वीं सदी की सबसे पॉपुलर टेक्नोलॉजीज में से डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है एक है। ब्लॉकचेन को अगर सरल भाषा में समझा जाए तो यह एक डिजिटल बहीखाता (Ledger) है जोकि नेटवर्क पर होने वाली सभी ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखता है, यह रिकॉर्ड नेटवर्क पर मौजूद अलग-अलग कंप्यूटर के द्वारा रखा जाता है। रिकॉर्ड का एक संस्था के पास ना होना बल्कि दुनिया में फैले हुए इस नेटवर्क के हर कंप्यूटर के पास होना ऐसे ही बोला जाता है डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का आविष्कार 1991 में स्टुअर्ट हेबर और डब्लू स्कॉट के द्वारा किया गया था वह एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते थे जहां पर सेव किए गए डॉक्यूमेंट को छेड़ा ना जा सके। बाद में 2008 में सतोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन का इस्तेमाल बिटकॉइन (Bitcoin) की डिसेंट्रलाइज ब्लॉकचेन बनाने के लिए किया। हालांकि सतोशी नाकामोतो 2011 में अचानक से गायब हो जाते हैं, और बिटकॉइन का ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को छोड़ जाते हैं। सतोशी नाकामोतो की पहचान नहीं की जा सकी है कोई नहीं जानता कि वह कौन है।

क्या ब्लॉकचेन सुरक्षित है | Is Blockchain Secure

जैसा कि हम जान चुके हैं की नेटवर्क पर होने वाली ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड किसी एक संस्था के द्वारा नहीं रखा जाता इस वजह से रिकॉर्ड के साथ छेड़खानी करना बहुत मुश्किल हो जाता है अगर एक पल के लिए हम सोचे की कोई व्यक्ति नकली एंट्री करना चाहे तो उसे नेटवर्क पर मौजूद सभी कंप्यूटर में वह एंट्री करनी पड़ेगी जोकि मुमकिन नहीं है।

बिटकॉइन और ब्लॉकचेन दोनों बहुत अलग-अलग चीज है जहां ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसमें हम किसी किसी भी चीज का डिजिटल रिकॉर्ड बना कर उसे स्टोर कर सकते हैं यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लाइजर है वहीं अगर बिटकॉइन की बात की जाए वह एक डिजिटल माध्यम है जिसके द्वारा चीजों को खरीदा या बेचा जा सकता है बिटकॉइन को एक करेंसी कहना शायद गलत होगा क्योंकि एक्सपर्ट का मानना है की बिटकॉइन 1 बहुत अच्छा स्टोर ऑफ वैल्यू है कुछ लोग बिटकॉइन को आधुनिक गोल्ड भी कहते हैं परंतु इसे करेंसी की तरह इस्तेमाल करना थोड़ा जटिल है क्योंकि जिसमें ट्रांजैक्शन करने के लिए गैस फीस थोड़ी ज्यादा लगती है इसका समाधान काफी सारी अलग क्रिप्टो करेंसी ने ढूंढ निकाला है जिनके नेटवर्क पर ट्रांजैक्शन करना बिटकॉइन से और कुछ पर तो बैंक से भी सस्ता पड़ता है

कैसे होती है Crypto Currency की चोरी, कैसे रखें खुद को सुरक्षित

कैसे होती है Crypto Currency की चोरी, कैसे रखें खुद को सुरक्षित

एक डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) चोरी करने का मामला सामने आया है. वॉर्महोल (Wormhole) ने बुधवार को ट्वीट किया कि उसके पास से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) के एक वर्जन की 1,20,000 यूनिट का “उपयोग” कर लिया गया है. ये 332 मिलियन डॉलर के क्रिप्टो थे. वॉर्महोल एक ऐसी साइट है जो एक क्रिप्टो नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क को इन्फोर्मेशन ट्रांसफर करने की अनुमति देती है.

सवाल है कि क्रिप्टोकरेंसी की चोरी आखिर होती कैसे है और आप इस चोरी का शिकार बनने से खुद को कैसे बचा सकते हैं?

क्रिप्टोकरेंसी की चोरी होती कैसे है?

दुनियाभर में खासकर महामारी के दौरान क्रिप्टो की चोरी के मामले बहुत बढ़ें हैं. क्रिप्टो की चोरी दो तरीके से की जा सकती है. एक तो सीधे तौर पर क्रिप्टो चुराए जा सकते हैं इसके अलावा लोगों के डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है साथ कोई ट्रिक करके भी सेंध मारी जा सकती है.

क्रिप्टो में निवेश करने वाले करने वाले ज्यादातर निवेशक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रेड करते हैं. यहां एक अकाउंट खोलना होता है और उसमें पैसा जमा करना होता है. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी को "कस्टोडियल वॉलेट" में रखा जाता है. आसान शब्दों में कहें तो निवेशक की ओर से एक्सचेंज ही उन क्रिप्टो को अपने पास जमा करता है.

सीएनबीसी के अनुसार, हाल ही में एक बिटमार्ट नामक एक्सचेंज को हैक कर लिया गया था. तब 4 दिसंबर को एक्सचेंज ने घोषणा की कि उसने "एक बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन की पहचान की" जिसके परिणामस्वरूप 'हॉट' वॉलेट से 150 मिलियन डालर के क्रिप्टो की चोरी हुई थी.

इन चोरी निवेश खुद को कैसे बचा सकता है?

निवेशक खुद को एक्सचेंज पर हो रही चोरी से खुद को बचा सकते हैं. जैसा कि आपको बताया गया कि आपके क्रिप्टो का वॉलेट एक्सचेंज के पास होता है तो आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सचेंज से एक सॉफ्टवेयर वॉलेट में डाल सकते हैं, यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया गया एक सुरक्षित एप्लिकेशन होता है.

दूसरा उपाय है कि एक्सचेंज से निकाल कर आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को हार्डवेयर वॉलेट में भी डाल सकते हैं. यह वॉलेट एक हार्डवेयर डिवाइस होगा जो कि इंटरनेट से डिस्कनेक्ट किया जा सकता है. अगर इसे कंप्यूटर और इंटरने से डिसकनेक्ट कर दें तो कोई इसे इंटरनेट के जरिए तो नहीं चुरा पाएगा. लेकिन आपको इस डिवाइस का ख्याल रखना होगा अगर ये चोरी हो गया तो भी आपके क्रिप्टो किसी और के पास पहुंच सकते हैं.

फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कमाए गए प्रॉफिट को टैक्स के दायरे में लाया गया है लेकिन अभी इस पर भारत में कोई कानून नहीं बना है यानी क्रिप्टो से जुड़ा कोई फ्रॉड होता है तो इसको लेकर देश में कोई कानून नहीं. हालांकि सरकार जल्द ही इसपर बिल पेश करने वाली है.

रेटिंग: 4.52
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 349
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *