फोरेक्स में व्यापार

बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट

बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट

बीसीडी USDC कनवर्टर करने के लिए

बीसीडी को रुबिक्स के साथ यूएसडीसी में परिवर्तित करना आसान है। ऐसा करने के लिए, आपको अपने BCD को खाते में जमा करने की आवश्यकता होगी। उसके बाद, आप USDC कनवर्टर करने के लिए BCD का उपयोग कर सकते हैं। एक बार ऐसा हो जाने के बाद, आप बाहरी वॉलेट के माध्यम से अपनी नई परिवर्तित मुद्रा को पकड़ सकते हैं, व्यापार कर सकते हैं या वापस ले सकते हैं।

कनवर्टर रूबिक्स प्लेटफ़ॉर्म पर एक ट्रेडिंग तंत्र है जो आपके व्यापार के दौरान स्वचालित रूप से आपके BCD को USDC में बदल देता है। आप इसे वापस लेने के लिए ऐप में ट्रांसफर फ़ंक्शन का उपयोग कर सकते हैं या आवश्यकतानुसार यूएसडीसी और अन्य सिक्कों के बीच आगे और पीछे परिवर्तित कर सकते हैं।

BCD से BTC

BCD से ETH

BCD से USD

USDC के लिए BCD

BCD से USDT

BCD से BNB

सभी सिक्के

BCD और USDC के बारे में

Bitcoin Diamond क्या है?

Bitcoin Diamond Bitcoin का एक कांटा है जिसे 24 नवंबर 2017 को बनाया गया था। Bitcoin Diamond Bitcoin पर ही एक सुधार है। "सुपरब्लॉक्स" नामक एक नई तकनीक के साथ, बिटकॉइन डायमंड बिटकॉइन की तुलना में दस गुना तेज होने का वादा करता है।

Bitcoin Diamond में Bitcoin ब्लॉक की तरह 10 मिनट का ब्लॉक समय होता है। हालांकि, बीसीडी मानक बिटकॉइन ब्लॉक 1एमबी की तुलना में 8 एमबी रखता है, जिससे यह प्रसंस्करण जानकारी में आठ गुना तेज हो जाता है। इन सुधारों को ध्यान में रखते हुए, बिटकॉइन डायमंड अपनी महत्वपूर्ण गति वृद्धि के कारण मूल बिटकॉइन को बढ़ाता है।

USD Coin क्या है?

USDC Ethereum blockchain पर एक stablecoin और ERC-20 टोकन है। इसका मतलब यह है कि इसकी USD में एक निश्चित कीमत है और किसी बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट भी अन्य cryptocurrency की तरह कार्य करता है लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए stablecoin तकनीक का उपयोग करता है कि इसके मूल्य में बेतहाशा उतार-चढ़ाव न हो। USDC स्थिरता प्रदान करता है, भले ही स्मार्ट अनुबंधों और एल्गोरिदम का उपयोग करके आपूर्ति में उतार-चढ़ाव हो, जो इस उद्देश्य के लिए स्पष्ट रूप से डिज़ाइन किए गए हों।

USDC सिर्फ स्थिरता से अधिक प्रदान करता है। इन सिक्कों में एक व्यक्तिगत बटुए में किए गए जमा के कुछ सेकंड के भीतर लगभग शून्य लागत पर तत्काल लेनदेन शामिल हैं। इसलिए, आप आमतौर पर पारंपरिक क्रिप्टो एक्सचेंजों में मौजूद खनन शुल्क के कारण प्रतीक्षा घंटों तक इंतजार नहीं करते हैं।

उच्च लेनदेन लागत की अनुपस्थिति भी उन प्रतिभागियों के बीच माइक्रोट्रांजेक्शन के लिए जगह छोड़ देती है जो ऑनलाइन बातचीत करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको सिस्टम पर किए गए प्रत्येक ऑपरेशन द्वारा आवश्यक महंगी गैस फीस की आवश्यकता नहीं है।

प्रतिबिंब

Rubix का उपयोग कर USDC के लिए BCD कनवर्ट करें

Rubix एक cryptocurrency विनिमय है और प्राथमिक विशेषताओं में से एक सिक्का-से-सिक्का रूपांतरण है, जैसे बीसीडी से यूएसडीसी के लिए। सबसे पहले, आपको Rubix वेबसाइट पर जाना होगा और शीर्ष मेनू बार से "बाजार" चुनना होगा। एक बार जब आप इस विकल्प का चयन करते हैं, तो USDC पेयरिंग के लिए BCD का चयन करें। यह आपको यह गणना करने की अनुमति देगा कि आप अपने बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट बीसीडी के लिए कितने यूएसडीसी का आदान-प्रदान कर सकते हैं। आप यह चुनने में सक्षम होंगे कि आप कितने यूएसडीसी खरीदना चाहते हैं तो आप अपने ऑर्डर की पुष्टि कर सकते हैं। पुष्टि करने के बाद, यूएसडीसी की मांगी गई राशि आपके खाते में डाल दी जाएगी।

Bitcoin Diamond to USD Coin अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में

बीसीडी को यूएसडीसी में कैसे परिवर्तित करें?

BCD को USDC में कनवर्ट करने के लिए, आप प्लेटफ़ॉर्म पर "बाजार" अनुभाग पर जाएँ. वहां से, अपनी जमा मुद्रा के रूप में BCD और अपनी वांछित मुद्रा के रूप में USDC का चयन करें। उन सिक्कों की मात्रा दर्ज करें जिन्हें आप व्यापार करना चाहते हैं और लेनदेन की पुष्टि करना चाहते हैं।

यूएसडीसी को बीसीडी का व्यापार करने के लिए मुझे किस विनिमय का उपयोग करना चाहिए?

आप एक सम्मानित एक्सचेंज का उपयोग करने में रुचि रख सकते हैं जो आपको हर समय अपनी गोपनीयता और सुरक्षा का नियंत्रण बनाए रखने की अनुमति देगा, जबकि ट्रेडिंग जोड़े की एक सरणी तक भी पहुंचेगा। आप किसी भी एक्सचेंज का उपयोग कर सकते हैं जो यूएसडीसी ट्रेडिंग के लिए बीसीडी का समर्थन करता है।

यूएसडीसी एक्सचेंज के लिए बीसीडी कैसे काम करता है?

अपने BCD को USDC में परिवर्तित करने के लिए, आपको Rubix एक्सचेंज के ट्रेडिंग पेज पर जाना होगा और उपयुक्त विकल्प चुनना होगा। उदाहरण के लिए, यदि आप BCD को USDC में कनवर्ट करना चाहते हैं, तो आप दर्ज करते हैं कि आप कितना BCD एक्सचेंज करना चाहते हैं और प्लेटफ़ॉर्म USDC की मात्रा में भरता है जो आपको मिलेगा।

क्या यूएसडीसी एक्सचेंज के लिए बीसीडी का उपयोग करना सुरक्षित है?

हाँ, USDC विनिमय के लिए एक BCD का उपयोग करना सुरक्षित है। Rubix प्लेटफ़ॉर्म में उपयोगकर्ताओं की खाता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय हैं। Lorem ipsum dolor बैठो amet.

USDC Exchange के लिए BCD का उपयोग सुरक्षित और सुरक्षित है। एक्सचेंज का उपयोग करते समय कोई जोखिम शामिल नहीं होता है, क्योंकि सभी लेनदेन सुरक्षित प्रणालियों के माध्यम से संसाधित होते हैं।
Rubix पर USDC विनिमय करने के लिए BCD अपने सिक्कों का व्यापार करने के लिए एक शानदार तरीका है। Rubix लंबे समय तक इंतजार किए बिना एक प्रतिस्पर्धी दर पर USD Coin में व्यापार के लिए अनुमति देता है। रूबिक्स प्लेटफ़ॉर्म 24/7 ग्राहक सहायता भी प्रदान करता है जिसका अर्थ है कि जब आप मदद लेते हैं तो आपको कभी भी अकेला महसूस नहीं होता है। आपके पास समय पर संबोधित की जाने वाली कोई भी चिंता होगी ताकि आप हमेशा निर्दोष रूप से व्यापार कर सकें।

100+ क्रिप्टोक्यूरेंसी सांख्यिकी और तथ्यों को अवश्य जानना चाहिए

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ननमदी ओकेके एक कंप्यूटर उत्साही हैं जो पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला को पढ़ना पसंद करते हैं। उसे विंडोज़/मैक पर लिनक्स के लिए प्राथमिकता है और वह उपयोग कर रहा है
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Railway Ticket: रेलवे की यात्रियों के लिए नई योजना, अब बिना टिकट भी कर सकेंगे यात्रा

Railway Ticket: भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए समय-समय पर नई सुविधाएं लाई जाती है जिनके माध्यम से हमारे देश में रोज रेलवे का सफर करने वाले लाखों लोगों को फायदा दिया जा सके हाल ही में रेलवे द्वारा लाए गए नए नियम अनुसार अब्से आप बिना टिकट के भी यात्रा कर सकते हैं।

Railway Ticket

रेलवे में बिना टिकट यात्रा (Without ticket)

Railway without ticket: यदि आप भी भारतीय रेलवे में सफर करते हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है अब आप बिना टिकट के भी रेलवे में यात्रा कर पाएंगे। अब से आप बिना रिजर्वेशन के ही रेलवे में यात्रा कर सकते हैं रेलवे द्वारा जारी किए गए नए नियम अनुसार आप अब बिना टिकट के भी रेलवे में यात्रा कर पाएंगे।

प्लेटफॉर्म टिकट लेकर कर सकेंगे यात्रा (Platform ticket)

Platform ticket: रेलवे विभाग द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार यदि आप अचानक कहीं जाना चाहते हैं और आपके पास वहां जाने के लिए टिकट नहीं है तो आप ऐसी स्थिति में प्लेटफॉर्म टिकट खरीद कर रेल में चल सकते हैं और यात्रा कर सकते हैं इसके लिए आपको रेल में चढ़ने के बाद तुरंत टीटी से मिलना होगा और आपके जाने वाली जगह का टिकट बनवाना होगा।

प्लेटफॉर्म टिकट के फायदे (Benefits)

Benefits: रेलवे विभाग द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार अब से प्लेटफॉर्म टिकट आपको यात्रा करने में मदद कर सकता है। इमरजेंसी की स्थिति में यात्रा करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट को आपके डिपार्चर स्टेशन के तौर पर माना जाता है साथ ही इमरजेंसी में ट्रेन में चढ़ने पर आप जिस श्रेणी में सफर करेंगे उसी श्रेणी का आपका टिकट बनाया जाएगा।

दो स्टेशनों तक आपकी होगी सीट (Seat regervation)

Railway Ticket: यदि आपके ट्रेन किसी भी कारण से छूट जाती है तो अगले आने वाले 2 स्टेशनों तक टीटी आपकी सीट को किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दे सकता है यानी कि ट्रेन छूटने के दो स्टेशन तक यदि आप ट्रेन पकड़ लेते हैं तो आपकी सीट सुरक्षित रहेगी लेकिन यदि दो स्टेशन तक आपकी सीट खाली है तो आपकी सीट को टीटी द्वारा आरएसी टिकट वाले यात्री को अलॉट कर दि जाती है।

RBI का डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा?

RBI का डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को देश की पहली डिजिटल करेंसी के रूप में ई-रुपी (e-rupee) का पायलट लॉन्च कर दिया है। इसका इस्तेमाल विशेष उपयोग के मामलों में किया जाएगा। RBI की ओर से कहा गया है कि शुरुआत में देश के नौ बैंक इस ई-रुपी का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन निपटाने के लिए करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है ई-रुपी और यह करेंसी के रूप में कैसे काम करेगा।

RBI द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट की अपनी योजना की दिशा में ई-रुपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसमें देश के नौ बैंक शामिल होंगे और वह सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान में इसका उपयोग करेंगे। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, ICICI, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल है।

RBI ने डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपी को CBDC नाम दिया है। यह किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है, लेकिन इसका रूप अलग होगा। RBI द्वारा जारी डिजिटल करेंसी एक लीगल टेंडर (कानूनी निविदा) है। इसका विनिमय मौजूदा मुद्रा के बराबर होगा और इसे भुगतान, लीगल टेंडर और मूल्य के सुरक्षित स्टोर के रूप लिया जाएगा। यह RBI की बैलेंस शीट पर देनदारी के तौर पर दिखेगी।

केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। पहला प्रकार रिटेल (CBDC-R) और दूसरा प्रकार होलसेल (CBDC-W) होता है। CBDC-R नकदी का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है और यह सबके लिए उपलब्ध होगी। वहीं CBDC-W को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों को खास एक्सेस देने के लिए डिजाइन किया जाता है। यह बैंकों के आपसी ट्रांसफर और होलसेल लेनदेन के लिए इस्तेमाल होगी। RBI दोनों ही जारी करने पर विचार कर रहा है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं होगा। इसके इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। इसका इस्तेमाल नीति निर्धारण में हो सकेगा। इसी तरह व्यापार में पैसो का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के लेनदेन होगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा, नोटों की छपाई का खर्च बचेगा, इसकी अवधि कागज के नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी।

RBI की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में अलग होगी। क्रिप्टोकरेंसी डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं और वो लीगल टेंडर नहीं मानी जाती। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बहुत अस्थिर होती है, जबकि CBDC को स्थिरता और सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। RBI का कहना है कि क्रिप्टो संपत्ति का प्रसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खतरे को बढ़ावा दे सकता है। साथ ही यह मौद्रिक नीतियों को भी प्रभावित कर सकती है।

RBI के बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट अनुसार, बड़े पैमाने पर डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के लिए इसे गोपनीय रखने की आवश्यकता होगी। हालांकि, डिजिटल लेनदेन में कुछ सबूत होने के कारण यह एक चुनौती हो सकती है। केंद्रीय बैंकों का कहना है कि CBDC के डिजाइन में गोपनीयता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। खासकर नकद भुगतान से जुड़ी गोपनीयता के समान छोटे मूल्य के खुदरा लेनदेन के मामले में यह गोपनीय होना चाहिए। इससे लोगों को अपनी आय गुप्त रखने में मदद मिलेगी।

RBI ने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती है। उसे इसे भी ऑफलाइन मोड में शामिल करना होगा, क्योंकि देश के 80 करोड़ लोग आज भी अच्छी इंटरनेट सुविधा से अछूते हैं। हालांकि, ऑफलाइन मोड में दोहरे खर्च के साथ सुरक्षात्मक खतरे भी हैं। इसमें एक टोकन तकनीकी रूप से CBDC लेजर को अपडेट किए बिना दो बार उपयोग किया जा सकता है, लेकिन लेनदेन की सीमा निर्धारित कर सुरक्षात्मक उपाय कर सकते हैं।

डिजिटल करेंसी पर RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और धोखाधड़ी आशंका नहीं रहेगी। सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच होगी और पैसों के देश में आने या बाहर जाने पर बेहतर नियंत्रण होगा। इससे सरकार भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाएं भी बना सकेगी। यह प्रणाली देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और इसका पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

RBI का डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा?

RBI का डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को देश की पहली डिजिटल करेंसी के रूप में ई-रुपी (e-rupee) का पायलट लॉन्च कर दिया है। इसका इस्तेमाल विशेष उपयोग के मामलों में किया जाएगा। RBI की ओर से कहा गया है कि शुरुआत में देश के नौ बैंक इस ई-रुपी का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन निपटाने के लिए करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है ई-रुपी और यह करेंसी के रूप में कैसे काम करेगा।

RBI द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में ई-रुपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसमें देश के नौ बैंक शामिल होंगे और वह सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान में इसका उपयोग करेंगे। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, ICICI, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल है।

RBI ने डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपी को CBDC नाम दिया है। यह किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है, लेकिन इसका रूप अलग होगा। RBI द्वारा जारी डिजिटल करेंसी एक लीगल टेंडर (कानूनी निविदा) है। इसका विनिमय मौजूदा मुद्रा के बराबर होगा और इसे भुगतान, लीगल टेंडर और मूल्य के सुरक्षित स्टोर के रूप लिया जाएगा। यह RBI की बैलेंस शीट पर देनदारी के तौर पर दिखेगी।

केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। पहला प्रकार रिटेल (CBDC-R) और दूसरा प्रकार होलसेल (CBDC-W) होता है। CBDC-R नकदी का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है और यह सबके लिए उपलब्ध होगी। वहीं CBDC-W को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों को खास एक्सेस देने के लिए डिजाइन किया जाता है। यह बैंकों के आपसी ट्रांसफर और होलसेल लेनदेन के लिए इस्तेमाल होगी। RBI दोनों ही जारी करने पर विचार कर रहा है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं होगा। इसके इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। इसका इस्तेमाल नीति निर्धारण में हो सकेगा। इसी तरह व्यापार में पैसो का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के लेनदेन होगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा, नोटों की छपाई का खर्च बचेगा, इसकी अवधि कागज के नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी।

RBI की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में अलग होगी। क्रिप्टोकरेंसी डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं और वो लीगल टेंडर नहीं मानी जाती। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बहुत अस्थिर होती है, जबकि CBDC को स्थिरता और सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। RBI का कहना है कि क्रिप्टो संपत्ति का प्रसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खतरे को बढ़ावा दे सकता है। साथ ही यह मौद्रिक नीतियों को भी प्रभावित कर सकती है।

RBI के अनुसार, बड़े पैमाने पर डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल के लिए इसे गोपनीय रखने की आवश्यकता होगी। हालांकि, डिजिटल लेनदेन में कुछ सबूत होने के कारण यह एक चुनौती हो सकती है। केंद्रीय बैंकों का कहना है कि CBDC के डिजाइन में गोपनीयता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। खासकर नकद भुगतान से जुड़ी गोपनीयता के समान छोटे मूल्य के खुदरा लेनदेन के मामले में यह गोपनीय होना चाहिए। इससे लोगों को अपनी आय गुप्त रखने में मदद मिलेगी।

RBI ने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती है। उसे इसे भी ऑफलाइन मोड में शामिल करना होगा, क्योंकि देश के 80 करोड़ लोग आज भी अच्छी इंटरनेट सुविधा से अछूते हैं। हालांकि, ऑफलाइन मोड में दोहरे खर्च के साथ सुरक्षात्मक खतरे भी हैं। इसमें एक टोकन तकनीकी रूप से CBDC लेजर को अपडेट किए बिना दो बार उपयोग किया जा सकता है, लेकिन लेनदेन की सीमा निर्धारित कर सुरक्षात्मक उपाय कर सकते हैं।

डिजिटल करेंसी पर RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और धोखाधड़ी आशंका नहीं रहेगी। सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच होगी और पैसों के देश में आने या बाहर जाने पर बेहतर नियंत्रण होगा। इससे सरकार भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाएं भी बना सकेगी। यह प्रणाली देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और इसका पूरी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा।

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