फोरेक्स में व्यापार

बाजार संरचना

बाजार संरचना
नई व्यवस्था में पूर्वी, दक्षिण, पश्चिम के साथ ही एक नया मध्य जोन भी बनाया गया है। कमिश्नरेट में अब चार जोन, 14 सर्किल और 49 थाने होंगे। पूर्वी जोन में चार सर्किल और 13 थाने, पश्चिम जोन में तीन सर्किल और 10 थाने, दक्षिण जोन में तीन सर्किल और 12 थाने, जबकि मध्य जोन में चार सर्किल और बाजार संरचना 14 थानों को रखा गया है।

कानपुर के काकादेव में घटना के बाद घरवाले रो रोकर बेहाल हैं।

बदली संरचना : अब कमिश्नरेट का हुआ कानपुर आउटर, अब होंगे चार जोन, 14 सर्किल और 49 थाने

कानपुर पुलिस में आउटर का अस्तित्व समाप्त करके कमिश्नरेट में समाहित होने के बाद चार जोन बांटे गए हैं और अब 14 एसीपी के कार्यक्षेत्र में 49 थानों को समाहित किया गया है। हालांकि इसमें तीन महिला थानों को फिलहाल अलग रखा गया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। लंबे इंतजार के बाद रविवार को कानपुर आउटर का कानपुर कमिश्नरेट में विलय कर दिया गया। शासन ने जो आदेश जारी किया है, उसमें आउटर की अवधारणा पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है। वहीं कमिश्नरेट में अब ग्रामीण जैसा भी कुछ नहीं होगा, बल्कि जिले को चार जोन में बांटा गया है। मध्य जोन को छोड़कर अन्य तीनों जोन में शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों को समाहित किया गया है।

शासन ने कमिश्नरेट और आउटर के विलय का जो आदेश जारी किया है, उसमें कमिश्नरेट की नई संरचना का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक कानपुर कमिश्नरेट में अब 49 थाने होंगे। अगर कानपुर आउटर के तीन महिला थाने भी क्रियाशील रहेंगे तो कुल थानों की संख्या 52 होगी। हालांकि पुलिस महानिदेशक कार्यालय से नई संरचना की जो सूची जारी हुई है, उसमें कानपुर में स्थित तीनों महिला थानों का जिक्र नहीं है।

आउटर का अस्तित्व हुआ समाप्त कमिश्नरेट में अब चार जोन

पूर्वी जोन एसीपी कोतवाली : कोतवाली, फीलखाना, मूलगंज, महिला थाना

यूपी विधानसभा अध्यक्ष और कानपुर के सांसदों के बीच मतभेद सामने आए।

एसीपी कलक्टरगंज : कलक्टरगंज, हरबंशमोहाल, बादशाहीनाका

एसीपी छावनी : छावनी, रेल बाजार, जाजमऊ

एसीपी चकेरी : चकेरी, महाराजपुर, नर्वल पश्चिमी जोन

एसीपी पनकी : पनकी, सचेंडी, अर्मापुर

एसीपी कल्याणपुर : कल्याणपुर, रावतपुर, बिठूर

एसीपी बिल्हौर : बिल्हौर, शिवराजपुर, चौबेपुर, ककवन

Kanpur Pollution : कानपुर की हवा होती जा रही जहरीली।

कम लागत भंडारण संरचना और बेहतर भंडारण विधि से बढ़ता लहसुन का अचल जीवन

लहसुन, सिंचित तरीके से उगाई जाने वाली प्याज के बाद दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिगत कंद फसल है, जिसका उपयोग पूरे देश और दुनिया में मसाले के रूप में किया जाता है। यह फसल देश के लिए एक महत्त्वपूर्ण विदेशी मुद्रा अर्जक है।

Low Cost Storage Structure and Improved Storage Method Enhances Shelf Life of GarlicLow Cost Storage Structure and Improved Storage Method Enhances Shelf Life of Garlic

राजस्थान में यह फसल बड़े पैमाने पर बारां, झालावाड़, कोटा, बूंदी (हरोली क्षेत्र), चित्तौड़गढ़, जोधपुर और प्रतापगढ़ जिलों में विशेष रूप से सिंचित प्रणाली के साथ उगाई जाती है। हारोटी क्षेत्र को राजस्थान का लहसुन का कटोरा माना जाता है, जो 90% फसल का उत्पादन करता है। वर्ष 2018-19 के दौरान, राजस्थान में लहसुन की खेती 1.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है और औसत उत्पादकता 5.4 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से 7.18 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। दो दशकों से यह सोयाबीन-लहसुन आधारित फसल प्रणाली में उगाया जाता है। इन क्षेत्रों में किए गए उत्पादन के खुशबू की पहचान कई खाड़ी देशों में भी है। मसालेदार भोजन खासकर मांसाहारी व्यंजन में लहसुन का इस्तेमाल मुख्य तत्त्व के रूप में किया जाता है। आजकल बाजार में पेस्ट, पाउडर, फ्लेक्स, लहसुन कैप्सूल लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। .

अल्पाधिकार बाजार की विशेषताएं लिखिए।
What are the characteristics of an oligopoly market?

1. कुछ विक्रेता - अल्पाधिकार बाजार में विक्रेता फर्मों की संख्या कम होती है । थोड़े से विक्रेता होने के कारण बाजार में प्रत्येक फार्म अपनी अच्छी उपस्थिति रखती है?

2. गैर कीमत प्रतियोगिता - कीमत एवं उत्पादन निर्धारण की नीतियों में विक्रेताओं के बीच परस्पर निर्भरता रहती है।

विज्ञापन एवं विक्रय लागतों के माध्यम से कीमत युद्ध की स्थिति रहती है।

3. कीमत दृढ़ता - अल्पाधिकार बाजार में प्राइस वार के डर से वस्तुओं की कीमत में स्थिरता रहती है।

4. प्रवेश एवं बहिर्गमन - बाजार में फर्मों के प्रवेश एवं बहिर्गमन में कठोरता रहती है।

Write the features of oligopoly market.

What are the characteristics of बाजार संरचना an oligopoly market?

Write two characteristics of oligopoly market.

The following are the characteristics of an oligopoly market:

1. Few sellers – In an oligopoly market, the number of seller firms is less. Each farm maintains a good presence in the market due to the presence of few vendors.

2. Non-price competition – There is interdependence between sellers in the policies of price and production determination.

There is a price war through advertising and selling costs.

3. Price firmness - The fear of price wars in an oligopoly market keeps the prices of commodities stable.

4. Entry and exit – There is rigidity in the entry and exit of firms in the market.

ट्राई: केबल टेलीविजन सेवाओं में बाजार संरचना और प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दों पर मांगे गए सुझाव

TRAI

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को केबल टेलीविजन सेवाओं में बाजार संरचना और प्रतिस्पर्धा से संबंधित मुद्दों पर एक परामर्श पत्र जारी किया और हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित कीं। ट्राई ने एक बयान में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के एक संदर्भ के बाद यह कदम उठाया गया है।

ट्राई ने कहा कि एमआईबी ने 12 दिसंबर 2012 को केबल टीवी सेवाओं में एकाधिकार और बाजार के प्रभुत्व से संबंधित मुद्दों पर अपनी सिफारिशें मांगी थीं। एक उचित परामर्श प्रक्रिया के बाद ट्राई ने 26 नवंबर 2013 को उसी पर सिफारिशें जारी की हैं।

विस्तार

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को केबल टेलीविजन सेवाओं में बाजार संरचना और प्रतिस्पर्धा से संबंधित मुद्दों पर एक परामर्श पत्र जारी किया और हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित कीं। ट्राई ने एक बयान में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के एक संदर्भ के बाद यह कदम उठाया गया है।

ट्राई ने कहा कि एमआईबी ने 12 दिसंबर 2012 को केबल टीवी सेवाओं में एकाधिकार और बाजार के प्रभुत्व से संबंधित मुद्दों पर अपनी सिफारिशें मांगी थीं। एक उचित परामर्श प्रक्रिया के बाद ट्राई ने 26 नवंबर 2013 को उसी पर सिफारिशें जारी की हैं।

ट्राई को अब 19 फरवरी, 2021 को एमआईबी से एक बैक रेफरेंस प्राप्त हुआ है, जिसमें जिक्र किया गया है कि सिफारिशें किए गए काफी समय बीत चुका है और मीडिया और मनोरंजन परिदृश्य में काफी बदलाव आया है, खासकर इस क्षेत्र में नई डिजिटल तकनीकों के आगमन से बड़ा बदलाव आया है।

प्रतिभूति बाजार का वर्गीकरण

प्रतिभूति बाजार का वर्गीकरण

प्रतिभूति बाजार या शेयर बाजार आर्थिक संबंधों, जो मुद्दे और शेयरों के संचलन के दौरान बनते हैं की कुल है। बाजार संरचना बाजार कुछ हद तक, एक भूमिका निभा इसके प्रतिभागियों जो, कई देशों की आर्थिक परिस्थितियों में के माध्यम से वित्तीय संसाधन redistributes. उनकी गतिविधियों से, प्रमुख खिलाड़ियों एक दहशत बाजार में, इस प्रकार शेयर कीमतों और वित्तीय संकट के पतन के लिए अग्रणी हो सकता है।

प्रतिभूति बाजार एक जटिल संरचना है जो एक व्यापार या बाजार सहभागियों के बीच संबंध के बाजार संरचना संगठन निस्र्पक के विभिन्न सुविधाओं के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है। मुख्य विशेषताओं द्वारा जो प्रतिभूति बाजार वर्गीकृत किया जा सकता हैं:

  • शेयर बाजार प्रतिभूतियों का एक संगठित बाजार, जहां खरीदने बेचने के संचालनों शेयरों के एक एक्सचेंज द्वारा स्थापित नियमों के अनुसार जगह ले है। मुद्रा बाजार के लिए; केवल सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर जारी किए जाते हैं
  • -काउंटर बाजार प्रतिभूतियों की एक असंगठित बाजार, जहां लेन-देन की शर्तों बाजार संरचना रहे हैं पर सहमत हुए खरीदार और विक्रेता के साथ है। ओटीसी बाजार में, जो सूचीबद्ध नहीं किया गया है या एक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जा करने की इच्छा नहीं है, जारीकर्ता के शेयरों परिचालित हैं.
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