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इक्विटी फंड्स क्या हैं

इक्विटी फंड्स क्या हैं

'Mutual fund'

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को रिडीम किया था.

Delhi | Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 04:45 PM IST

बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था. आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं. आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए.

निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा करने की योजना (Systematic Investment Plan) पर भरोसा कर रहे हैं

Pan Aadhaar Link.सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा. यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा. उसके बाद करदाताओं को 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय़ किया.इसके तहत जब भी म्यूचुअल फंड के ज्यादातर ट्रस्टी किसी स्कीम को बंद करने का फैसला करते हैं, उनके लिए यूनिटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये 9 लाख करोड़ इक्विटी फंड्स क्या हैं रुपये जुटाए हैं. अगर ओमिक्रॉन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है

इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds) योजनाओं को जुलाई में शुद्ध रूप से 22,583 करोड़ रुपये का निवेश मिला है. यह लगातार पांचवां महीना है जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवाह सकारात्मक रहा है. इस दौरान फ्लेक्सी-कैप श्रेणी (Flexicap Funds) को सबसे अधिक निवेश प्राप्त हुआ.

सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधनों को मंजूरी दे दी. इन नियमों के तहत म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपने नई फंड पेशकशों में जोखिम के स्तर के अनुसार अधिक निवेश करने की जरूरत होगी. इससे कोष चलाने वालों की म्यूचुफंड में खुद की भागीदारी सुनिश्चित होगी.

Aadhaar Linking : अगर आप भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो ये जान लें कि सरकार की सलाह है कि आप इसे आधार कार्ड से लिंक जरूर कराएं. आप ऑनलाइन, ऑफलाइन के अलावा एसएमएस और ईमेल्स के जरिए भी म्यूचुअल फंड को आधार से लिंक कर सकते हैं.

शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के निवेश समाधान प्रमुख गौतम कालिया ने कहा, ‘‘अप्रैल महीने में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े. इससे बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन इसके तुरंत बाद तेजी से सुधार हुआ. म्यूचुअल फंड इकाइयों ने अप्रैल में इस गिरावट का उपयोग इक्विटी निवेश बढ़ाने में किये.’’

Mutual Fund: मीनिंग, प्रकार और अर्थव्यवस्था के विकास में भूमिका

Mutual Fund; स्टॉक, बॉन्ड और अन्य अल्पकालिक निवेश साधनों में निवेश किया गया कई लोगों का सामूहिक निवेश पूल होता है. यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

Meaning of Mutual Fund

विकासशील देशों में पूँजी का सृजन एक बड़ी समस्या रहती है.अगर कोई इक्विटी फंड्स क्या हैं निवेशक कोई बड़ा निवेश करना या उद्योग लगाना चाहता है तो पूँजी की कमी एक प्रमुख समस्या होती है. इस समस्या को चिट फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और बैंक जमा के माध्यम से पूरा किया जाता है.

म्युचुअल फंड का मतलब (Meaning of Mutual Fund)?
एक म्यूचुअल, फंड एक प्रकार का समूह निवेश होता है जिसमें कई लोगों (व्यक्ति,संस्था) द्वारा संयुक्त रूप से स्टॉक, बॉन्ड, अल्पकालिक निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.

यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो फंड के निवेश को निर्धारित करता है और लाभ और हानि खाते को मैनेज करता है. यह मैनेजर, निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

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ध्यान रहे कि म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है. म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश किया जा सकता है. भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. निवेशक, अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund):-

म्यूचुअल फंड को जोखिम, रिटर्न, आकार और निवेश के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा गया है. हमने यहां सिर्फ चार श्रेणियां बताई हैं;

1. इक्विटी फंड (Equity funds)

2. फिक्स्ड-इनकम फंड (Fixed-Income Funds)

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

4. समाधान उन्मुख म्युचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )

आइये अब इनके बारे में एक एक करके जानते हैं

1. इक्विटी फंड (Equity Fund):-यह स्कीम सीधे शेयरों में पैसा लगाती हैं. ये स्कीम शॉर्ट टर्म में रिस्की हो सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद करती है. कंपनियों के आकार के आधार पर उन्हें स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज-कैप में विभाजित किया जाता है. इस प्रकार के म्यूचुअल फंड उन लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं जो ज्यादा जोखिम लेना पसंद करते हैं.

2. फिक्स्ड-इनकम फंड्स (Fixed-Income Funds):- इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स, मालिकों को निश्चित रिटर्न देते हैं. कुछ फ़िक्स्ड रिटर्न फंड्स हैं; कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, सरकारी बॉन्ड्स या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स (debt instruments).म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर, मूल रूप से अपने निवेशकों को ब्याज आय देता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश उन निवेशकों द्वारा किया जाता है जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund):- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) एक से अधिक प्रकार की निवेश सुरक्षा, जैसे स्टॉक और बॉन्ड में निवेश करते हैं. ये म्यूचुअल फंड; स्कीम इक्विटी और डेट (debt) दोनों में निवेश करते हैं. इन योजनाओं को चुनते समय, निवेशकों को अपने जोखिम लेने की क्षमता का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

4. सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund):- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम एक विशिष्ट लक्ष्य या समाधान के अनुसार बनाई जाती हैं. इनमें सेवानिवृत्ति योजनाएं या बच्चों की शिक्षा और लड़की की शादी जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. आपको इन योजनाओं में कम से कम पांच वर्षों के लिए निवेश करना आवश्यक है.

म्युचुअल फंड की सुविधाएँ और लाभ (Features & Benefits of Mutual Funds)

1. जोखिम का विविधीकरण:- इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में फंड का विविधीकरण

2. तरलता:- इक्विटी फंड्स क्या हैं निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार आंशिक या पूर्ण निकासी कर सकता है

3. ट्रान्सपैरेंसी:- इनवेस्टर्स को पता होता है कि पैसा कहां लगाया जा रहा है

4. कम लागत:- म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कोई एंट्री शुल्क नहीं

5. व्यावसायिक प्रबंधन: - उद्योग विशेषज्ञ म्युचुअल फंड की निधियों का प्रबंधन करते हैं जिससे पैसा ज्यादा अच्छी जगह निवेश होता है.

6. प्रभावी दक्षता:- निवेशकों को इक्विटी और डेट फंड में कर छूट का लाभ मिलता है

7. लोचशीलता:- एक फंड से दूसरे फंड में निवेश फंड स्विच करने की स्वतंत्रता

आर्थिक विकास में म्युचुअल फंड की भूमिका (Role of Mutual Funds in the Economic Development)
जैसा कि म्यूचुअल फंड की परिभाषा कहती है कि विभिन्न निवेशकों और संस्थानों द्वारा सामूहिक निवेश का एक पूल अर्थात ऐसी जगह जहाँ पर कई लोगों का पैसा एक जगह इकठ्ठा होता है.

1. यह अर्थव्यवस्था में निवेश के उद्देश्य के लिए धन की व्यवस्था करने में मदद करता है.

2. यह निवेश के माध्यम से जनता की छोटी बचत को जुटाता है जिससे लोगों में बचत और निवेश करने की भावना का विकास होता है

3. हम जानते हैं कि भारत जैसे विकासशील देशों में पूंजी संचय का अभाव है.लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड की मदद से देश में पूंजी संचय होता है और बड़े उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में पैसा मिलता है. इसलिए म्यूचुअल फंड पूंजी संचय में मदद करते हैं जो भारत जैसे विकासशील देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

4. यह घर में पैसे की बेकार होर्डिंग को हतोत्साहित करता है.पुराने समय में लोग पैसों को जमीन में गाड़कर रखते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता है.

5. यह देश में निवेश का वातावरण बनाने में मदद करता है.

6. यह रोजगार सृजन में सहायक है

इसलिए निष्कर्ष में, यह कहना बुद्धिमानी है कि म्यूचुअल फंड देश में कई बड़ी निवेश परियोजनाओं को शुरू करने के लिए धन इकठ्ठा करने में मदद करता है.

SIP Investment: बड़ी खबर! सिर्फ 10,000 रुपये का निवेश और प्राप्त करें 1 करोड़ रुपये का लाभ, जानिए पूरी योजना

Investment Tips: शेयर बाजार में तेजी है। बाजार में निवेशक बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर क्रेजी नजर आ रहे हैं. एसआईपी की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश लगातार बढ़ रहा है। AMFI के मुताबिक, अक्टूबर के महीने में रिकॉर्ड 13041 करोड़ रुपए का SIP किया गया। सितंबर में 12976 करोड़ का एसआईपी किया था। हालांकि, पिछले महीने इक्विटी फंड में निवेश का आंकड़ा घटा और कुल 9390 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। सितंबर में इक्विटी फंड्स में कुल 14500 करोड़ रुपए का निवेश आया।

वेल्थ क्रिएट करने के लिए SIP पर जोर

निवेशक SIP की महिमा से अच्छी तरह वाकिफ हो गए हैं। वे जानते हैं कि संपत्ति बनाने का यह सबसे अच्छा तरीका है। संजीव बजाज, प्रबंध निदेशक और संयुक्त अध्यक्ष, बजाज कैपिटल, और गुरमीत चड्ढा, सीआईओ, कम्प्लीट सर्कल के अनुसार, केवल 10,000 रुपये के एसआईपी के साथ, आप 1 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं, जो बुढ़ापे में काम आएगा।

10 हजार से 1 करोड़

अगर आपको सिर्फ 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है तो 10 हजार का एसआईपी पांच साल में 8.16 लाख, 10 साल में 23 लाख, 15 साल में 50 लाख और 20 साल में इक्विटी फंड्स क्या हैं 1 करोड़ हो जाएगा। अगर आपकी उम्र 20-30 साल है तो रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से हर महीने 10 हजार का निवेश किया जा सकता है। रिटायरमेंट के वक्त आपको इतनी रकम मिलेगी, जिससे पूरी जिंदगी आराम से गुजर जाएगी।

एक्सपर्ट ने बताए SIP के 5 बड़े फायदे

1. नियमित निवेश लंबी अवधि में फायदेमंद।
2. बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए फायदेमंद।
3. SIP इक्विटी फंड्स क्या हैं के जरिए निवेश करने में जोखिम कम होता है।
4. SIP कंपाउंडिंग का फायदा देता है।
5. एसआईपी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहतर।

SIP निवेश में 30% का उछाल

निवेशक एसआईपी के कंपाउंडिंग फायदे को अच्छी तरह समझ रहे हैं, इसलिए मई 2022 से हर महीने 12 हजार करोड़ रुपये का एसआईपी लगातार किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में, SIP ने 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। पिछले साल के मुकाबले इस वित्त वर्ष में जमकर निवेश हो रहा है। 2021 में अप्रैल-अक्टूबर के बीच एसआईपी निवेश 67 हजार करोड़ रुपए था। साल 2022 में इसी अवधि में 87 हजार करोड़ का एसआईपी किया था।

बजट 2023 में AIF को टैक्स मोर्चे पर मिल सकती है बड़ी राहत, जानिए क्या है सरकार का प्लान

बजट 2023 में AIF को टैक्स मोर्चे पर मिल सकती है बड़ी राहत, जानिए क्या है सरकार का प्लान

Budget 2023-बजट में AIF को टैक्स के मोर्चे राहत मिल सकती है. वित्त मंत्रालय सभी कैटेगरी में निवेश को Pass though Status देने पर विचार कर रहा है.

Alternative Investment Funds में विदेशी रूट के जरिए निवेश करने वाले फैमिली ट्रस्ट और संस्थागत निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बजट में AIF को टैक्स के मोर्चे राहत मिल सकती है. वित्त मंत्रालय सभी कैटेगीर में निवेश को Pass through Status देने पर विचार कर रहा है. इस स्टेटस के मिलने के बाद AIF के बजाय निवेशकों को टैक्स चुकाना होगा.

इसी वजह से फिलहाल अधिकतर फैमिली ट्रस्ट और संस्थागत निवेशक दूसरे रूट से निवेश करते हैं. जबकि CAT I और CAT II में निवेश को पहले से ही Pass through Status है.

वित्त मंत्रालय फिलहाल बाजार नियामक सेबी और निवेशकों के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. अगर वित्त मंत्रालय की सहमति मिलती है तो बजट में इसका ऐलान हो सकता है. मौजूदा नियमों के तहत CAT III में निवेश पर AIF पर स्लैब के मुताबिक टैक्स देनदारी होती है. इसका मतलब है कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (SCTG), लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG), बिजनेस और डिविडेंड पर AIF को टैक्स चुकाना होता है.

आमतौर पर निवेशक इक्विटी, शेयर या दूसरी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. AIF एक कलेक्टिव फंड है निवेशकों से फंड जुटाकर वेंचर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी, हेज फंड्स, कमर्शियल प्रॉपर्टी, मैनेज्ड फ्यूचर्स समेत दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. AIF को ऑल्ट फंड्स या लिक्विटी ऑल्ट भी कहते हैं. ये निवेश सेबी के नियमों के तहत होता ताकि निवेशकों के हितों का बचाव हो सके. आमतौर पर हाई-नेटवर्थ इंडिविजअल (HNIs) और संस्थागत स्तर पर निवेश इस रास्ते निवेश करते हैं. आम निवेश के मुकाबले AIF में निवेश ज्यादा जोखिमभरा होता है.

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