सौदा दर्ज करने के नियम

निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता 19 जून 2017
निदेशक ने अपने निर्देशों में कहा कि समय पर सीआर कार्यालय में फाइल जमा नहीं हो रही हैं। कुछ फाइल गुम भी हैं। इसलिए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया था कि अपने रेजिडेंट डॉक्टर को कहें कि व समय पर फाइल जमा कराएं। इसके लिए डॉक्टर को सीआर कार्यालय से हर माह एनओसी लेने का प्रावधान किया गया। इसमें स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी लापरवाही पर पुलिस या कोर्ट कोई एक्शन लेता है तो निदेशक नहीं, बल्कि संबंधित डॉक्टर जिम्मेदार होगा।
Delhi Corona News: दिल्ली में कोरोना नियमों को लेकर प्रशासन सख्त, एक दिन में वसूला इतने करोड़ का चालान
By: Adarsh Jha | Updated at : 12 Jan 2022 11:27 PM (IST)
Delhi Corona News: दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना नियमों को लेकर प्रशासन सख्त बरत रहा है. वहीं पिछले कुछ दिनों में कोरोना नियमों का उल्लंघन करने पर 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुईं है साथ ही करोड़ों रुपये का चालान अब तक लोगों से वसूला जा चुका है.
कल वसूला गया 1.10 करोड़ का चालान
दिल्ली सरकार के मुताबिक कल यानि 11 जनवरी को भी कोरोना नियमों में लापरवाही बरतने के मामले में 63 एफआईआर दर्ज की गईं. वहीं 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया. अधिकारियों का कहना है कि कोरोना तेजी से फैल रहा है बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं.
लापरवाही में पूर्वी दिल्ली सबसे आगे
दिल्ली सरकार की मानें तो कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में पूर्वी दिल्ली का इलाका सबसे आगे है, जबकि नई दिल्ली में कोरोना के नियम तोड़ने के मामले कम ही दिखाई दिए हैं.
‘कैंसर के मरीजों की मौत का सौदा’ मामले के तार पीजीआईएमएस से जुडे़
रोहतक ब्यूरो
Updated Mon, 22 Apr 2019 02:31 AM IST
रोहतक। प्रदेश में कैंसर के मरीजों की मौत का सौदा मामले के तार पीजीआईएमएस रोहतक से भी जुडे़ हैं। इसकी जांच एसटीएफ सोनीपत की टीम कर रही है। यहां नियम भले ही 48 घंटे के अंदर मरीज का रिकार्ड जमा कराने का है, लेकिन इसका अतापता महीनों तक नहीं होता। इस पर डीएमएस प्रभारी रिकॉर्ड डॉ. संदीप ने सवाल उठाया तो उन्हें दबाव में अपना पद ही छोड़ना पड़ गया था। अधिकारी ने सवाल उठाया था कि संस्थान में एमएलआर, पीआई व डेथ रिकार्ड जमा कराने में देरी होती है, इससे काफी समस्याएं होती हैं। लेकिन इसे संस्थान के अधिकारियों ने डॉक्टरों के दबाव में नजर अंदाज किया था।
पूर्व में सवाल उठाया गया था कि मेडिको लीगल केस, पुलिस इंक्वायरी, डेथ रिकार्ड महीनों तक जमा नहीं कराया जाता। अब सवाल उठ रहा है कि मरीजों के रिकार्ड से छेड़छाड़ कर सौदा दर्ज करने के नियम उनकी मौत को भी रुपये कमाने का माध्यम बनाया गया। इन दोनों मामलों के तार जुड़ते हुए दिखाई देते हैं। अब देखना होगा कि एसटीएफ के हाथ कितने पुख्ता सबूत लगते हैं। महज फाइल ही नहीं संस्थान से सौदा दर्ज करने के नियम क्रिमनल केस की सामग्री भी अकसर गुम होती रहती है, इसकी पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा कर संस्थान व डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं। पूर्व के चीफ विजिलेंस अधिकारी डॉ. आरएस दहिया भी मानते हैं कि उन्हें कुछ जांच में मरीजों की फाइल की जरूरत थी, लेकिन वह नहीं मिली। ऐसे में सवाल उठाता है कि सरकारी संस्थान से क्रिमनल केस से जुड़ी फाइलें कैसे गायब हो जाती हैं। यदि कोई अधिकारी आवाज उठाता है तो उसे भी दबा दिया जाता है।
विरोध के बाद ट्रस्टियों ने बुलाई साधारण सभा, बहुमत से होगा निर्णय
- मामला पोरवाल समाज की बेशकीमती जमीन का सौदा करने का नागदा जंक्शन। पोरवाल समाज की बेशकीमती भूमि के विनिमयकरण को लेकर ट्रस्टियों के निर्णय का समाजजन ने विरोध किया था। समाज के युवाओं ने रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद ट्रस्ट मंडल ने जो भी प्रक्रिया की थी, उसे निरस्त कर साधारण सभा बुलाकर बहुमत
- मामला पोरवाल समाज की बेशकीमती जमीन का सौदा करने का
नागदा जंक्शन। पोरवाल समाज की बेशकीमती भूमि के विनिमयकरण को लेकर ट्रस्टियों के निर्णय का समाजजन ने विरोध किया था। समाज के युवाओं ने रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद ट्रस्ट मंडल ने जो भी प्रक्रिया की थी, उसे निरस्त कर साधारण सौदा दर्ज करने के नियम सभा बुलाकर बहुमत के आधार पर निर्णय करने के लिए एजेंडा जारी किया है। इधर, उक्त भूमि ट्रस्ट में दर्ज नहीं होने के कारण ट्रस्टियों का उस पर कोई अधिकार नहीं है। ट्रस्ट नागदा एसडीएम कार्यालय में दर्ज नहीं है। प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद आपत्तियों की सुनवाई का निर्णय एसडीएम करेंगे। इसमें लंबा समय लग सकता है। तब तक मामला स्थगित रहेगा।
क्या Elon Musk को होगी जेल? Twitter डील को लेकर आया ये बड़ा अपडेट
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 20 जुलाई 2022, 7:25 PM IST)
- पिछले महीने ट्विटर ने दर्ज कराया था केस
- मस्क ने की थी सौदा रद्द करने का घोषणा
एलन मस्क (Elon Musk) के ट्विटर डील (Twitter Deal) कैंसिल करने के बाद इस मामले में अब बड़ा अपडेट आया है. दरअसल, डील से पीछे हटने के बाद सोशल मीडिया कंपनी ने Elon Musk के खिलाफ डेवलावेयर कोर्ट (Delaware Court) में केस दर्ज कराया था. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्ष अक्टूबर में ट्रॉयल पर जाएंगे.
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मस्क के वकील ने मांगा और समय सौदा दर्ज करने के नियम
डेलावेयर कोर्ट का पहला फैसला एक मायने में ट्विटर के लिए जीत है. क्योंकि ट्विटर इस मुकदमे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है. ट्विटर के वकील बिल साविट ने कहा कि इस मामले में ट्विटर को दिन के हर घंटे नुकसान हो रहा है. वहीं मस्क के वकीलों ने कहा कि उन्हें इस जांच के लिए समय चाहिए कि ट्विटर प्लेटफॉर्म पर 5 फीसदी स्पाम बॉटकी संख्या सही है या नहीं.
कानूनी विशेषज्ञों ने कही बड़ी बात
दुनिया के सबसे अमीर आदमी और टेस्ला के सीईओ (Tesla CEO) ने अप्रैल में ट्विटर को खरीदने की डील की थी और जुलाई तक आते-आते उन्होंने कह दिया कि वह इस सौदे पर आगे नहीं सौदा दर्ज करने के नियम बढ़ सकते. बता दें कि मस्क सौदा खत्म करते हैं, तो उन्हें 1 अरब डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना देना होगा. डेलावेयर चांसरी कोर्ट में विलय सौदा दर्ज करने के नियम और अधिग्रहण कानूनों के जानकार प्रोफेसर रॉबर्ट मिलर (Robert Miller) की मानें तो यह जुर्माना बहुत अधिक हैं और अगर मस्क इसे नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल भेजा जाना एक अंतिम उपाय होगा.
फ्यूचर-रिलायंस रिटेल सौदा : उच्च न्यायालय के फैसले से अमेजॉन को लगा झटका
राज एक्सप्रेस। देश के सबसे बड़े रिटेल सौदे की राह में आ रही बाधाओं के दूर होने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सौदा दर्ज करने के नियम फ्यूचर ग्रुप और अमेजॉन विवाद मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए नियामकों को निर्देश दिया है कि वे फ्यूचर ग्रुप के आवेदन और आपत्तियों पर कानून के अनुसार निर्णय करें। न्यायालय ने हालांकि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने गुहार लगाई थी कि अमेजॉन को नियामकों से बातचीत करने से रोका जाए।
न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने आज फ्यूचर ग्रुप की वह याचिका तो खारिज कर दी जिसमें सौदे को लेकर अमेजॉन को नियामकों से बातचीत नहीं करने के निर्देश का आग्रह किया गया था। न्यायाधीश सुश्री गुप्ता ने इसके साथ ही सौदे पर नियामकों से फ्यूचर ग्रुप की आपत्तियों और आवेदन के अनुसार निर्णय का निर्देश भी दिया।