इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण

सेबी के नए मार्जिन नियम
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
*रिटेल निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में जोखिम कम करने के लिए सेबी ने मार्जिन के नए नियमों का एलान किया है.*
ये नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. शेयर बाजार से जुड़े पक्ष नए नियमों को लागू करने के लिए कुछ वक्त चाहते थे. लेकिन, सेबी ने उनकी मांग ठुकरा दी.
*आइए मार्जिन के नए नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.*
*मार्जिन के नए नियम क्या है?*
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है. कैश मार्केट का मतलब ऐसे ट्रांजेक्शन से है, जिनमें शेयरों की डिलीवरी होती है. ये नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. दूसरा नियम पीक मार्जिन रिपोर्टिंग के लिए है. इसका संबंध डेरिवेटिव ट्रेडिंग से है. ये नियम 1 दिसंबर से लागू होंगे.
*मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?*
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
*फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?*
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
*शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?*
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
*यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?*
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
*इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?*
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
Traders Diary: आज इन 20 Stocks के साथ करिये कमाई ! इंट्राडे के लिए तैयार कर लें लिस्ट
शेयर बाजार की इंट्राडे ट्रेडिंग में रोज की तरह आज भी कुछ शेयर खबरों या किसी नए सेंटीमेंट के चलते जोरदार तेजी दिखा सकते हैं. ज़ी बिज़नेस के रिसर्च टीम से आशीष चतुर्वेदी और वरुण दुबे ने Traders Diary प्रोग्राम पर निवेशकों के लिए कुछ एक्शन वाले स्टॉक्स चुनें हैं.
ट्रेडिंग क्या है | ऑनलाइन ट्रेडिंग और ऑफलाइन ट्रेडिंग की जानकारी
शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री करने की क्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं स्टॉक मार्केट में कोई भी शेयर सस्ते दामों पर खरीदना और भाव बढ़ने पर उसे बेच देने की क्रिया को ही ट्रेडिंग कहते हैं और शेयर खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति को निवेशक या ट्रेडर कहते हैं निवेशक और ट्रेडर के बीच बहुत कम ही अंतर होता है निवेशक एक तरह से किसी भी शेयर को खरीदकर कर उसमें निवेश करता है उसे लंबे अंतराल के बाद भाव बढ़ने पर बेचता है किंतु ट्रेडर को निवेशक नहीं कहा जा सकता ट्रेडर एक ही दिन में शेयरों को खरीद बेच कर पैसे कमाता है शेयर बाजार में ट्रेडर हो या निवेशक यदि पैसा कमाना है तो ट्रेडिंग करना ही पड़ेगा निवेशक हफ्ते में 15 दिन में या 1 महीने में ट्रेड करता है किंतु ट्रेडर सुबह से शाम तक ट्रेडिंग करके पैसे कमाता है
ट्रेडिंग क्या है | ऑनलाइन ट्रेडिंग और ऑफलाइन ट्रेडिंग की जानकारी हिंदी में
अब हम बात करेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 इंट्राडे ट्रेडिंग ( intraday trading)
2 पोजीशनल ट्रेडिंग ( positional trading)
3 शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ( short term treading)
इंट्राडे ट्रेडिंग ( intraday trading) क्या है
सुबह पैसे लगाओ शाम तक कमाई करने के फंडे को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयरों की ट्रेडिंग एक ही दिन के लिए करने की क्रिया को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग का चलन इन दिनों चल रहा है आप सुबह से शाम तक शेयरों इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ सुविधाएं भी है जैसे कि आपको एक तिहाई दामों पर ही शेयर को खरीदने और बेचने का अधिकार 1 दिन के लिए दे दिया जाता है सरल शब्दों में यदि आपके पास डीमेट अकाउंट के वॉलेट में ₹10000 हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में (अनुमान) ₹30000 की वैल्यू के शेयर 1 दिन के लिए खरीद और बेच सकते हैं यदि आप ज्यादा क्वांटिटी में शेयरों की ट्रेडिंग करेंगे तो आपको लाभ भी ज्यादा हो सकता है इंट्राडे ट्रेडिंग में आप खरीदे गए शेयरों को होल्ड नहीं कर सकते आपको मार्केट बंद होने से पहले ही शहरों को खरीदना या बेचना पड़ेगा
पोजीशनल ट्रेडिंग ( positional trading) क्या है
पोजीशनल ट्रेडिंग एक तरह से निवेशकों के द्वारा की जाती है निवेशक अधिकतर उस कंपनी के शेयर में निवेश के नजरिए से ट्रेड करते हैं खरीदे गए शेयरों को एक लंबे अंतराल के बाद भाव बढ़ने पर बेचते हैं लंबी अवधि के नजरिए से खरीदे गए शेयरों की ट्रेडिंग को पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं ऐसे निवेशक जो किसी शेयर को 6 महीने 1 साल या 2 साल के लिए होल्ड करते हैं या शेयर पोजीशन बनाने के नजरिए से ट्रेड करते हैं इसे ही पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ( short term treading) क्या है
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को निवेशक या ट्रेडर दोनों ही करते हैं खरीदे गए शेयरों को 1 हफ्ते 2 हफ्ते या 1 या 2 दिन के बाद ही उनको भाव मिलने पर बेच दिया जाए कुछ ही दिनों के बाद शेयरों को बेच देने के उद्देश्य से की गई ट्रेडिंग को शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है इस प्रकार की ट्रेडिंग में आपके पास डिमैट अकाउंट में जितने रुपए होंगे उतने ही रुपए के शेयर खरीद या बेच सकते हैं खरीदे गए शेयरों को आप अपनी मनमर्जी से जब चाहे तब बेच सकते हैं
ट्रेडिंग कैसे करते हैं
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है जो मुख्यतः बड़ी बैंके और सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर डीमेट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं अकाउंट ओपन होने के बाद आप स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं
ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है
1ऑनलाइन ट्रेडिंग online treading
2 ऑफलाइन ट्रेडिंग offline treading
ऑनलाइन ट्रेडिंग online treading क्या है
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेशक या ट्रेडर स्वयं शेयर बाजार में ट्रेडिंग करता है शेयरों की खरीद और बिक्री करने के लिए उसे किसी तीसरे व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ती वह ऑनलाइन ही मोबाइल या लैपटॉप पीसी आदि के माध्यम से स्वयं ट्रेडिंग करता है ट्रेडिंग करने के इस विकल्प को ऑनलाइन ट्रेडिंग कहते हैं
ऑफलाइन ट्रेडिंग offline treading क्या है
ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेशक या ट्रेडर स्टॉक मार्केट में स्वयं ट्रेडिंग नहीं करता है उसे ट्रेडिंग करने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति की मदद लेनी पड़ती है यदि उसको कोई भी शेयर खरीदना और बेचना हो तो वह किसी तीसरे व्यक्ति की मदद से स्टॉक एक्सचेंज में अपना आर्डर डालेगा और शेयरों पर हुए नफा नुकसान की जिम्मेदारी निवेशक या ट्रेडर की ही रहती है ट्रेडिंग करने के इस तरीके को ऑफलाइन ट्रेडिंग कहते हैं उदाहरण के तौर पर कॉल ऑन ट्रेड . ब्रोकर के माध्यम से ट्रेड यह सब ऑफलाइन ट्रेडिंग के उदाहरण है
कॉल ऑन ट्रेड coll on traid के बारे में जानकारी
आपका डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट जिस ब्रोकर या कंपनी के माध्यम से खुला है उस कंपनी के माध्यम से ही कॉल ऑन ट्रेड की सुविधा प्रदान की जाती है आप उन्हें कॉल करके अपना गोपनीय कोड अकाउंट आईडी बताकर स्टॉक एक्सचेंज में किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने का आर्डर कर सकते हैं कॉल ऑन ट्रेड में आपके द्वारा की गई फोन कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है
यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग की शुरुआत करने जा इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण रहे हैं तो ट्रेडिंग संबंधित नियम और स्टॉक एक्सचेंज की शर्तों के बारे में जानकारी अवश्य रखें
ट्रेडिंग में क्या ना करें
यदि आप इंट्राडे ट्रेड करने की सोच रहे हैं या इंट्राडे ट्रेड कर रहे हैं तो आप कॉल ऑन ट्रेड ना करें इससे आपको नुकसान होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं क्योंकि कॉल ऑन ट्रेड से शेयर का भाव नहीं मिल पाता है उदाहरण के तौर पर यदि आपने कोई भी शेयर खरीदा और उसको भाव आने पर तुरंत बेचना है या stop-loss को कम या ज्यादा करना हो तो आपको कम से कम 5 मिनट लग सकते हैं क्योंकि आप कस्टमर केयर को कॉल करेंगे और वह कॉल रिसीव करेगा और फिर आपका ऑर्डर डालेगा इतने समय में शेयर का भाव कम या ज्यादा हो सकता है
Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
Hello friends, कैसे हैं आप? आशा करता हूँ आप सभी अच्छे होंगे. Aryavarta Talk – hindi me jaankari में आपका स्वागत है. यह वेबसाइट आप लोगों जैसे जिज्ञाषु readers के लिए ही समर्पित है, जहाँ पर आप रोजाना कुछ नया सीखते हैं. आज का हमारा विषय है Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
आपलोगों ने शेयर मार्केट के बारे में जरुर सुना होगा. शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए लोगों को लम्बा इन्तिज़ार करना पड़ता है. महीनो तक invest करना पड़ता है. लोगों के बीच यह अवधारणा बनी हुई है कि पैसा कमाने के लिए लम्बा इंतिजार करना पड़ता है. किन्तु share market में कम समय में भी कमाई करने का option है.
Intraday trading से हो सकती है एक ही दिन में कमाई, समझिये हमारे साथ क्या है इंट्रा डे ट्रेडिंग का पूरा process. आप हर रोज शेयर खरीद या बेंचकर कमा सकते हैं – पैसे.
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Intraday trading tips in Hindi
किसी कंपनी के शेयर को एक ही दिन में खरीद कर बेच देना Intraday trading कहलाता है. इस प्रक्रिया में सुबह पैसा लगाकर शाम को कमाई की जा सकती है. ऐसा माना जाता है कि यहाँ मुनाफा त्वरित और आसानी से कमाया जा सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में जिस दिन आपने शेयर ख़रीदा उसी दिन आपको वह शेयर market बंद होने से पहले बेचना होता है या तकनिकी भाषा में कहें तो स्क्वायर ऑफ करना होता है.
Intraday trading का उद्देश्य निवेश करना नहीं होता है बल्कि लाभ कमाना होता है. यहाँ शेयर्स खरीदने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. एक बात आपको ज्ञात होनी चाहिए कि शेयर्स बाज़ार में निवेश करने के लिए Demat account के साथ – साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना जरुरी है. ट्रेडिंग अकाउंट ब्रोकर के जरिये खोला जाता है.
Intraday trading जोखिम भरा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास समय नहीं होता है. यहाँ हिसाब उसी दिन बराबर करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान.
लाभ कैसे कमाया जाता है?
इंट्राडे ट्रेडिंग में आप शेयर खरीदकर उसी दिन जब शेयर का भाव ऊपर हो उस समय में बेंचकर लाभ कमा सकते हैं. किन्तु यहाँ जोखिम इस बात की होती है कि शेयर का भाव उसी दिन बढ़ेंगे या घटेंगे यह कोई नहीं कह सकता है. यहाँ अनुभव काम आती है. जब कोई निवेशक यहाँ निवेश करता है तो वह बाज़ार के उतार चढ़ाव पर हर वक़्त नज़र बनाये रखता है.
तकनिकी विश्लेषण :
कहते हैं लालच बुरी बला है यह बात बिल्कुल यहाँ सटीक बैठती है. ज्यादातर निवेशक यहाँ लालच के कारण नुकसान उठाते हैं. यहाँ लाभ कमाने के लिए एक निवेशक को बाज़ार का तकनिकी ज्ञान के साथ – साथ बहुत सारे रिसर्च करने पड़ते हैं. इंट्राडे ट्रेडर्स और नियमित निवेशक में अंतर होता है.
- सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप क्या करने जा रहे हैं क्योंकि यह जितना आसन लगता है उतना है नहीं.
- इसके दोनों सकारात्मक और नकारात्मक पहलु होते हैं.
- शुरुआत करने से पहले प्लान बनाना आवश्यक है.
- लाभ और हानि दोनों स्थितियों को ट्रैक करना सीखें.
- ज्यादा liquidity वाले शेयर्स पर ध्यान दें ताकि किसी भी वक़्त उसे खरीदने और बेंचने के लिए इन्तिज़ार नहीं करना पड़े. ऐसे शेयर्स उपयुक्त मात्रा में मौजूद होते हैं.
- वर्तमान बाज़ार के उतार – चढ़ाव के साथ आगे बढ़ें.
- मंदी के समय में उन shares पर नज़र रखें जिन शेयर्स को निचे जाने की संभावना हो.
- बाज़ार की चाल पकड़ने की कला सीखें इसके उतार और चढ़ाव से सीधे टक्कर न लें तो बेहतर होगा.
- कीमतों की movement पर नज़र बनाये रखने के लिए इंट्राडे ट्रेडर्स के द्वारा चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है. यह चार्ट आमतौर पर तकनिकी विश्लेषण करने में ट्रेडर्स की मदद करता है.
- जोखिम को ध्यान में रखकर कूल व्यापारिक पूंजी का 2 या 3 प्रतिशत से ज्यादा जोखिम न उठायें. इसके लिए Stop Loss का उपयोग करें.
- इंट्राडे ट्रेडिंग का समय प्रातः 9:15 से शाम 3:30 बजे तक होती है.
- जहाँ तक हो सके यहाँ trading पुख्ता जानकारी के आधार पर ही करें.
- शुरुआत में trading को सिमित रखें, धैर्य से काम लें, भावनाओं में ना बहें.
- दुनिया की ख़बरों से अवगत रहें, सीखते रहें और इसके बुनियादी नियम की ओर विशेष ध्यान दें.
Conclusion : निष्कर्ष
सारी स्तिथियों का जायजा लेने के पश्चात हम यह कह सकते हैं कि intraday trading एक सट्टे की तरह ही है. बाज़ार का रूझान कब आपके खिलाफ हो जाएगी और कब आपके साथ होगी ये बात कोई नहीं बता सकता है. इसमें लाभ कमाने का कोई पक्का फार्मूला मौजूद नहीं है. इसके जोखिम को ध्यान में रखते हुए हमेशा उसी धन का उपयोग करें जिसे खोने के लिए आप तैयार हैं.
हर दिन आपको एक अलग ट्रेडिंग शैली या रणनीति के साथ बाज़ार में उतरना होगा. लोगों के सुझाव, इसमें उपयोग होनेवाली software, तकनिकी संकेतक केवल मार्गदर्शन के लिए हैं हो सकता है परिणाम इसके विपरीत भी हो सकते हैं. किसी दिन आपको profit होगा तो किसी दिन loss भी हो सकता है.
यदि आप बाज़ार में उतर गये हैं तो किसी को दोष ना दें. यह आपका चुनाव है, बस सीखते रहें, अनुभव लेते रहें, शेयर बाज़ार में टिके रहने का यही एक बेस्ट formula है. बाज़ार का क्षेत्र बहुत बड़ा है यहाँ कब बाज़ी पलटेगी आपको शत प्रतिशत कोई नहीं बता सकता है.
अंत में मेरी राय
यदि हो सके तो लम्बे समय के इंट्राडे ट्रेडिंग के उदाहरण लिए invest करें. इसमें return कम मिलता है लेकिन जोखिम भी कम होता है. वास्तव में share market उनके लिए है जिन्हें इस field में अच्छी जानकारी है और intraday trading के लिए तो यह बहुत जरुरी है.
मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.
Intraday Trading के लिए सबसे बढ़िया स्टॉक कैसे चुनें?
Intraday Stock Selection Tips: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है। लेकिन सवाल आता है कि अपने लिए बेस्ट इंट्राडे स्टॉक का चयन कैसे करें? (How to choose the best intraday stock?) तो बताए गए टिप्स का पालन करके बेस्ट स्टॉक चुने।
Intraday Trading Tips in Hindi: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है, हालांकि यह काफी जोखिम भरा है, लेकिन इसमें रिटर्न काफी अच्छा है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, Intraday Trading में एक ही ट्रेडिंग दिन में स्टॉक खरीदना (Buy) और बेचना (Sell) शामिल है।
अटक की कीमतों में उतार-चढ़ाव तेज होता है, इसलिए व्यापारियों के लिए उच्च स्तर के जोखिम और कम लाभ के लक्ष्य के प्रति सचेत रहना आवश्यक है। इंट्राडे ट्रेडिंग में बड़ी संख्या में छोटे-लाभकारी ट्रेड करना शामिल है, जो लंबे समय में जुड़ जाता है।
हालांकि जब Intraday Trading की बात आती है, तो सभी स्टॉक इस स्ट्रेटेजी के लिए सही विकल्प नहीं हो सकते हैं। इसलिए इस स्ट्रेटेजी के साथ आगे बढ़ने से पहले सही स्टॉक चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। अब सवाल आता है कि अपने लिए बेस्ट इंट्राडे स्टॉक का चयन कैसे करें? (How to choose the best intraday stock?) यहां कुछ टिप्स बताए गए है जिनका अनुसरण करके आप Intraday Trading के लिए बढ़िया स्टॉक चुन सकते है।
1) लिक्विड स्टॉक की तलाश करें
ऐसे स्टॉक जिन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है, लिक्विड स्टॉक कहलाते हैं। जब इंट्राडे आधार पर स्टॉक ट्रेडिंग की बात आती है तो लिक्विडिटी बहुत बड़ी भूमिका निभाती है क्योंकि आप उन्हें उसी दिन खरीद और बेच रहे होंगे।
आमतौर पर लार्ज कैप और मिड कैप स्टॉक स्मॉल कैप कैटेगरी के शेयरों की तुलना में अधिक लिक्विड होते हैं। इसलिए, अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ऐसे शेयरों में बने रहने की सलाह दी जाती है।
2) अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयरों से दूर रहें
अस्थिरता इस बात का सूचक है कि किसी शेयर का शेयर मूल्य कितनी जल्दी बदलता है। अत्यधिक अस्थिर स्टॉक आमतौर पर सेकंड या मिनटों के भीतर कीमतों को बहुत तेज़ी से बदलते हैं। और कम अस्थिरता वाले शेयरों की कीमत अधिक स्थिर होती है, जिसमें दोनों तरफ कम गति होती है।
Intraday Trading में भाग लेते समय मध्यम अस्थिरता वाले शेयरों से चिपके रहना एक अच्छा विचार है। यह न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि आपको कई ट्रेडों को जल्दी से करने की अनुमति भी देगा। हालांकि अत्यधिक अस्थिर शेयरों का कारोबार किया जा सकता है, लेकिन कीमत में बेतहाशा बदलाव के कारण वे बहुत जोखिम भरे हैं।
3) बाजार के रुझान के साथ चलने वाले शेयरों को चुनें
सभी शेयर बाजार के रुझान का पालन नहीं करते हैं। कुछ इसका विरोध भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि बेंचमार्क सूचकांक पॉजिटिव हैं, तो यह पॉजिटिव मार्केट प्रवृत्ति को दर्शाता है और इसके विपरीत, बाजार की प्रवृत्ति का पालन करने वाले शेयरों में व्यापार करने से मौजूदा प्रवृत्ति के विपरीत चलने वाले शेयरों में व्यापार की तुलना में मुनाफा कमाने का एक बेहतर मौका है। इसलिए, अगर बाजार का रुख सकारात्मक है, तो ऐसे शेयरों में बने रहने की कोशिश करें, जिनमें तेजी भी हो।
4) ऐसे स्टॉक चुनें जिनका डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार होता है
जब सबसे अच्छा इंट्राडे स्टॉक चुनते हैं, तो उन शेयरों से चिपके रहना एक अच्छा विचार है, जिनकी डेरिवेटिव सेगमेंट में उपस्थिति है। इस तरह के स्टॉक मध्यम रूप से अस्थिर और अत्यधिक तरल होते हैं, जो दो सबसे अच्छी विशेषताएं हैं जो आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक में चाहते हैं। वह सब कुछ नहीं हैं, जिन कंपनियों के शेयर डेरिवेटिव सेगमेंट में हैं, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना भी कहीं अधिक आसान है क्योंकि वे प्रकृति में अधिक पारदर्शी होते हैं।
Conclusion -
ऊपर उल्लिखित सभी युक्तियों का उपयोग करके, आप कुछ ही समय में व्यापार करने के लिए सबसे अच्छा इंट्राडे स्टॉक जल्दी और आसानी से चुन सकते हैं। हालांकि स्टॉक ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करने के लिए, आपके पास पहले एक डीमैट खाता होना चाहिए।