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मार्जिन क्या है?

मार्जिन क्या है?
लेकिन अब ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम अनुसार इस T+1 holding sell value का अन्य शेयर खरीदने के लिए 80% और फ्यूचर & ऑप्शन में ट्रेड करने के लिए सिर्फ 60% रुपये का उपयोग कर सकते हैं

margin meaning in hindi

एक गहन मार्जिन क्या है?

गहन मार्जिन डिग्री (तीव्रता) को संदर्भित करता है जिसके लिए संसाधन का उपयोग या लागू किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक कर्मचारी या कार्यकर्ता द्वारा काम किए जाने वाले घंटों की संख्या में किए गए प्रयास। विपरीत मार्जिन विपरीत। (Econterms)

गहन मार्जिन से संबंधित शर्तें:

गहन मार्जिन पर के बारे में। कॉम संसाधन:
कोई नहीं

एक टर्म पेपर लिखना? गहन मार्जिन पर शोध के लिए यहां कुछ शुरुआती बिंदु दिए गए हैं:

Margin Rule To Change From Today: आज से 100 फीसदी मार्जिन रूल लागू, जानिए- सेबी ने क्यों किया बदलाव?

Published: September 1, 2021 9:54 AM IST

share market today

Margin Rule To Change From Today: सेबी ने 1 सितंबर यानी आज से पीक मार्जिन के नियमों में बदलाव कर दिया है. आज से ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी मार्जिन अपफ्रंट रखने की जरूरत होगी. पहले यह सिर्फ 75 फीसदी था. यानी शेयर खरीदने या बेचने के लिए 75 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत थी. आज से इंट्राडे पोजीशन में भी 100 फीसदी मार्जिन की जरूरत होगी.

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जानिए – 100 फीसदी मार्जिन रूल मार्जिन क्या है? का ट्रेडर्स पर क्या होगा असर?

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) में ट्रेडिंग करने वालों को अब मार्जिन के तौर पर ज्यादा फंड रखना होगा. अब पीक मार्जिन के तौर पर 100 फीसदी मार्जिन अपफ्रंट रखना होगा. एक ही दिन में शेयर खरीदकर बेचने वाले यानी इंट्राडे करने वालों को भी 100 फीसदी मार्जिन की जरूरत होगी. पहले 75 फीसदी मार्जिन अपफ्रंट की जरूरत होती थी.

आसान शब्दों में कहें तो अगर कोई ट्रेडर 10 लाख रुपये का निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट खरीदना चाहता है तो अब उसे बतौर 20 फीसदी मार्जिन 2 लाख रुपये रखना होगा. लेकिन पहले सिर्फ 1.50 लाख रुपये मार्जिन रखने की जरूरत होती थी.

जानिए- क्या है पीक मार्जिन?

पिछले साल तक कारोबारी सत्र के अंत में मार्जिन वसूला जाता था. उदाहरण के तौर पर अगर आपने कल एक करोड़ रुपये F&O में निवेश किया तो आज के मार्केट सत्र में भी अतिरिक्त 1 करोड़ रुपये का निवेश कर सकते थे. पुराने सिस्टम में एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश पर अलग से कोई मार्जिन नहीं चुकाना पड़ता था. यानी कल के मार्केट सत्र से लेकर आज के मार्केट सत्र के बीच सिर्फ एक करोड़ रुपये के मार्जिन पर आप 2 करोड़ रुपये F&O में निवेश कर सकते थे. लेकिन नए नियम के मुताबिक, आपको अतिरिक्त एक करोड़ रुपये पर भी मार्जिन देना होगा.

"Margin" Meaning In Hindi

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1. English Hindi Dictionary
2. English Bengali Dictionary
3. English Telugu Dictionary
4. English Tamil Dictionary
5. English Malayalam Dictionary
6. English Marathi Dictionary
7. English Gujarati Dictionary
8. English Kannada Dictionary
9. English Urdu Dictionary

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं ? जानिए इंट्राडे ऑप्शन और होल्डिंग में हुए सारे बदलाव

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं

क्योंकि सेबी के नए मार्जिन नियमों के अनुसार ज़ेरोधा ने अपने मार्जिन और ट्रेडिंग नियमों में कुछ महत्वपूर्ण अपडेट किये हैं जिसके अनुसार यदि आप अपने डिमैट अकाउंट से कोई होल्डिंग या फिर T+1 (BTST) शेयर्स बेचते हैं तो कुल सेल वैल्यू के 80% रुपये ही उस दिन ट्रेडिंग में उपयोग कर सकते हैं बाकी 20% रुपये मार्जिन डिलीवरी के रूप में ब्लॉक हो जाते हैं

इन सब के साथ ही Intraday, Option And Delivery में ट्रेड करने के लिए सेल वैल्यू के कितने प्रतिशत फण्ड का उपयोग Same day कर सकते हैं इसके लिए भी नए मानदंड निश्चित किये गए हैं

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं – Zerodha New margin & trading rule update 2020

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं

ज़ेरोधा के मार्जिन नियम पहले क्या थे और अब उनमें क्या परिवर्तन हुए हैं यानी अब ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम क्या हैं चलिए इन्हें निम्न सेगमेंट के आधार पर तुलना करके समझते हैं कि

  1. जब आप होल्डिंग से शेयर बेचते हैं
  2. T+1 होल्डिंग (BTST) से शेयर बेचते हैं
  3. इंट्राडे में प्रॉफिट कमाते हैं
  4. ऑप्शन बेचते हैं (F & O)

# 1. जब होल्डिंग से शेयर बेचते हैं – When Stocks sold from holdings

यदि आप अपनी होल्डिंग से 1 लाख रुपये के शेयर बेचते हैं तो तो ज़ेरोधा के पहले के नियम अनुसार आप इस पूरे 1 लाख रुपये से उसी दिन कोई भी अन्य शेयर खरीद सकते थे और साथ ही इन सारे रुपयों से फ्यूचर और ऑप्शन में भी उसी दिन ट्रेडिंग कर सकते थे

ज़ेरोधा के नए मार्जिन नियम संबंधित सवाल जवाब – FAQ’s about Zerodha new margin rule 2020

Q 1 मेरी होल्डिंग में टाटा मोटर्स के 200 शेयर मार्जिन क्या है? थे जिन्हें आज मैंने बेच @ 200/- रुपये प्रति शेयर बेच दिया और मुझे 40,000/- रुपये प्राप्त हुए क्या मैं आज ही इन रूपयों से रिलायन्स के शेयर खरीद सकता हूं ?

हां, आप इन रुपयों से किसी भी कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं लेकिन आज आप पूरे चालीस हजार रुपये के शेयर नहीं खरीद सकते आप सेल वैल्यू 40 हजार का 80% यानी 32 हजार रुपये के ही शेयर खरीद सकते हैं क्योंकि बाकी 20% (8,000/- रुपये) Margin delivery के रूप में ब्लॉक हो गए हैं जो आपको एक्सचेंज के सेटलमेंट टाइम के बाद मिलेंगे

Q 2 मैंने आज अपनी होल्डिंग से 10,000/- रुपये के शेयर बेचे हैं क्या मैं इनसे ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकता हूं ?

हां, आप इन रुपयों से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं लेकिन सेबी के नए मार्जिन नियम के अनुसार आज सिर्फ सेल वैल्यू के 60% अमाउंट यानी 6,000/- रुपये से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं

मार्जिन क्या है :-

स्टॉक मार्केट में निवेश (ट्रेडिंग) करनेवाले सभी निवेशकों (ट्रेडर्स) को SEBI के द्वारा लागु किया गया यह मार्जिन नियम समजना बेहद जरुरी है जिसके लिए मैने पहले से ही एक आर्टिकल पब्लिश किया हुआ है, मार्जिन क्या है? मार्जिन क्या है? SEBI New Margin Rules In Hindi है इस लिंक के जरिये आप उस पोस्ट को भी पढ़ सकते है

फिलहाल इस आर्टिकल की मदद से हम ‘मार्जिन’ के बारेंमे विस्तार से समजने वाले है जिसमे मार्जिन क्या है, मार्जिन किस पर और कितना लगता है साथ ही शेयर (स्टॉक) मार्जिन को भी समजेंगे, तो चलिए शुरू करते है

स्टॉक मार्केट में ‘मार्जिन’ को विभिन्न तथ्यों से जोड़ा जाता है यानि मार्जिन कही सारी चीजों से जुदा हुआ है जैसे की; शेयर मार्केट में मार्जिन को Trading Amount से भी जाना जाता है साथ ही शेयर (स्टॉक) पर लगने वाला मार्जिन और शेयर प्लेजमेंट यानि शेयर को गिरवी रखने की प्रक्रिया में भी शेयर मार्जिन का प्रयोग किया जाता है

‘मार्जिन’ ट्रेडिंग बैलेंस से कैसे संबंधित है ?

सबसे पहले मार्जिन को Trading Amount के साथ समजते है हम सभी को यह मालूम है की सेबी के इस नए मार्जिन नियम से पहले हमें शेयर खरीद ने के लिए एडवांस पैसों (अमाउंट) को हमारे Trading Account में जमा रखने की जरुरत नहीं थी

क्युकी अगर हमें लम्बी अवधि के लिए किसी शेयर की खरीदी की है तो सिर्फ उसी की फुल पेमेंट करनी होती थी अन्यथा कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग (खरीदी) पर किसी मार्जिन अमाउंट की आवश्यकता नहीं थी

क्यूंकि तब हमारे ब्रोकर्स हमारे ट्रेडिंग अमाउंट को एक्सचेंज को जमा करवा देते थे वो एक सुविधा थी जो हमारे ब्रोकर्स हमें प्रोवाइड करते थे यानि यह एडवांस मार्जिन भरने का नियम पहले से ही था फर्क सिर्फ इतना है की तब वह मार्जिन ब्रोकरों के द्वारा स्वीकार्य रेहता था मगर अब यह नियम सभी निवेशकों (Clients) पर लागु होता है

अब समजते है की Trading Amount को मार्जिन के तौर पर किस प्रकार समजा जाता है, पहले तो यह समजलिजिये की आपके Trading Account की बैलेंस Nill होंगी तो आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते

‘मार्जिन’ शेयरों से कैसे संबंधित है ?

अब बात करते है स्टॉक मार्जिन की तो कोई भी शेयर पर ट्रेडिंग करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरुरी है की उस स्टॉक पर SEBI ने कितना मार्जिन लगाया है

इसका यह मतलब है की शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनीयों के शेयरों पर अलग – अलग मार्जिन नक्की किया हुआ होता है

साथ ही यह मार्जिन दिनों के हिसाबसे भी बदलता रहता है यानि किसी शेयर पर आज 40% मार्जिन है तो दुसरे दिन या आने वाले कुछ दिनों में भी उसमे Up – Down हो सकता है

आमतौर पर SEBI के द्वारा स्टॉक एक्सचेंजीस के जरिये कंपनी के स्टॉक पर कुछ बातोँ को ध्यान में रखते हुए उसके मार्जिन को डीसाइड (नक्की) किया जाता है जैसे की;

शेयरों के ग्रुप के आधार पर मार्जिन

Stocks Group – इसमें आमतौर पर स्टॉक (शेयर) के T – Group पर फुल मार्जिन यानि 100% मार्जिन लगाया जाता है बाकि के Groups पर अलग – अलग मार्जिन लगाया गया होता है जिसमे ज्यादातर 50% मार्जिन के अंदर ही मार्जिन होता है

‘मार्जिन’ शेयर प्लेजमेंट से कैसे संबंधित है ?

मार्जिन को मार्जिन क्या है? आखिर में शेयर प्लेजमेंट यानि शेयर को गिरवी रखने की प्रक्रिया में भी मार्जिन का प्रयोग किया जाता है फिलहाल इस टोपिक पर हम इसके दिप इन्फो में नहीं जायेंगे क्योंकि इसके बाद का आर्टिकल इसी टोपिक पर बेस है

तो हम जब भी कभी अपने Demat Account में पड़े पुराने शेयरों को अपने आगे की ट्रेडिंग सुविधाओं के लिए अपने ब्रोकर के पास Pledge यानि गिरवी रखवाते है तब उसमे हमारे स्टॉक की जो मार्केट वैल्यूएशन होंगी उसकी पूरी मार्जिन वैल्यू को हम अपने ट्रेडिंग में यूज़ नहीं कर सकते है

क्यूंकि हमने जो शेयर प्लेज यानि गिरवी रखे है उसके ऊपर भी कोई मार्जिन लगा होंगा जिनसे हमें उस वैल्यू पर मार्जिन क्या है? कुछ प्रतिशत HairCut (स्टॉक करंट वैल्यू – स्टॉक मार्जिन = नेट वैल्यू) बाद होने पर Net मार्जिन क्या है? Value आयेंगी यानि हम सिर्फ उस Net Value फिगर के मुताबिक ही अपनी ट्रेडिंग कर सकते है

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