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मार्केटप्लेस

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ई-मार्केटप्लेस के लिए ट्रायल 30 जुलाई से 14 अगस्त तक होंगे और यह साइट 15 अगस्त को लाइव होगी।

जनजातीय कारीगर अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने में सक्षम होंगे क्योंकि सरकार एक विशेष ई-मार्केटप्लेस पर काम कर रही है। यह ऑनलाइन पोर्टल स्वतंत्रता दिवस पर लॉन्च मार्केटप्लेस किया जाएगा।

ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (TRIFED), के प्रबंध निदेशक , प्रवीर कृष्ण ने कहा कि ट्राइब्स इंडिया ई-मार्ट को 15 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा और यह अमेज़ॅन या फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की तरह होगा, बस यही होगा विशेष रूप से आदिवासी कारीगरों के लिए।

इस साइट का लाइव होने से पहले 30 जुलाई से 14 अगस्त तक परीक्षण किया जाएगा।

देश भर के आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत सहयोग कार्यों के लिए उचित मूल्य प्रदान करने के लिए 1987 में TRIFED की स्थापना की गई थी। कृष्णा ने कहा कि साइट पर मार्केटप्लेस खुद को विक्रेता के रूप में पंजीकृत करने के लिए आदिवासी कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

कृष्णा ने कहा कि देश भर के 15 क्षेत्रीय कार्यालयों में TRIFED कर्मचारी और राज्य सरकार के अधिकारी कारीगरों को प्रशिक्षित करने और उन्हें खुद को पंजीकृत करने में मदद करने के लिए TRIFED के साथ काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य लगभग पांच लाख आदिवासी कारीगरों को ऑनलाइन लाना मार्केटप्लेस मार्केटप्लेस और उन्हें एक बड़े राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ना है। जब साइट अगस्त में लाइव होती है, तो उसमें लगभग 5,000 कारीगर सवार होंगे।

जब साइट लाइव हो जाती है, तो इन कारीगरों द्वारा बनाए गए पांच लाख आइटम गहने, वस्त्र, पेंटिंग, घर की सजावट, धातु शिल्प आदि सहित 20,000 श्रेणियों में होंगे। उत्पाद भी एक सख्त गुणवत्ता जांच से गुजरेंगे और एक समिति कीमतों को तय करेगी। आइटम नहीं है। उत्पादों को स्थानीय संग्रह केंद्रों से पूरे देश में आपूर्ति की जाएगी। और हर for 100, ₹ 70 इन कारीगरों के पास जाएगा। कृष्णा ने कहा कि इन कारीगरों की शर्ट for 200 में बिकती है, जिसकी कीमत दिल्ली में 1,000 रुपये है।

उन्होंने यह भी कहा कि सबसे अच्छे जैविक उत्पादों को खरीदारों तक पहुंचाया जाएगा, जिनके पास संतुष्ट नहीं होने पर 15 दिनों के भीतर एक वस्तु वापस करने का विकल्प होगा।

नए मार्केटप्लेस से एमेजॉन को फास्ट डिलीवरी में मिलेगी मदद

[ पायल गांगुली | बेंगलुरु ] एमेजॉन इंडिया थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स और स्टाफिंग एजेंसियों के लिए एक अलग प्लेटफॉर्म logisticsamazon.

[ पायल गांगुली | बेंगलुरु ]

एमेजॉन इंडिया थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स और स्टाफिंग एजेंसियों के लिए एक अलग प्लेटफॉर्म logistics.amazon.in बना रही है, जो एमेजॉन डिलीवरी स्टेशंस को मजबूती देगा। इस प्लेटफॉर्म को एमेजॉन ट्रांसपोर्ट सर्विस (एटीएस) चलाएगा। logistics.amazon.in के जरिए जहां कंपनी को डिलीवरी कॉस्ट को कम रखने में मदद मिलेगी, वहीं यह देश के ज्यादा इलाकों तक अपनी पहुंच भी बना पाएगा। एमेजॉन इसी तरह का लॉजिस्टिक मार्केटप्लेस ब्रिटेन, जापान, कनाडा और मेक्सिको में भी ऑपरेट कर रही है, जहां कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी पार्टनर कंपनियों को देती है।

इस प्लेटफॉर्म से एमेजॉन को इंडिया बिजनेस के सभी डिलीवरी सर्विस पार्टनर्स को एक सिंगल प्लेटफॉर्म के तहत लाने में मदद मिलेगी। एमेजॉन इंडिया के स्पोक्सपर्सन ने कहा, 'हमारा नया प्लेटफॉर्म logistics.amazon.in कुछ ही महीनों में शुरू हो जाएगा।' एक्सपर्ट्स के मुताबिक डिलीवरी के लिए आखिरी टाइम पर पार्टनर्स को साथ जोड़ना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में नए प्लेटफॉर्म से एमेजॉन को काफी मदद मिलेगी। कंपनी के स्पोक्सपर्सन ने कहा, 'हमारे पास 160 से ज्यादा सर्विस पार्टनर हैं, जो देशभर में 250 से ज्यादा टियर II और III शहरों में डिलीवरी में हमारी मदद करते हैं। हमारे देशभर में 100 से ज्यादा एमेजॉन डिलीवरी स्टेशंस हैं। इसी के साथ हमने कई स्टाफिंग एजेंसियों को भी पार्टनर बना रखा है, जो एमेजॉन डिलीवरी स्टेशंस में हमारी जरूरत के हिसाब से हमें मैनपावर देती हैं।' उन्होंने कहा कि हम अभी अपने नए प्लेटफॉर्म को शुरू करने के शुरुआती स्तर पर हैं और अभी इस पर काफी काम करना बाकी है।

एमेजॉन इंडिया का नया प्लेटफॉर्म दूसरे पार्टनर्स ब्लू डार्ट, फेडएक्स, डीएचएल और इंडिया पोस्ट के साथ भी काम करता रहेगा। दूसरी कंपनियों के साथ काम करने से कंपनी को पहुंच बढ़ने की उम्मीद है। उसका कहना है कि इससे कस्टमर सर्विस में भी सुधार आएगा। हालांकि नए प्लेटफॉर्म के शुरू होने के बाद डिलीवरी वॉल्यूम में कितनी कमी आएगी, इस बारे में कंपनी के स्पोक्सपर्सन ने जानकारी नहीं दी।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केटप्लेस मॉडल के कई फायदे हैं। इससे न केवल कंपनी को डिलीवरी कॉस्ट बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि फ्लेक्सिबल नेटवर्क भी मिलेगा। अलीबाबा की फंडिंग वाली कायनियो भी थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक कंपनियों की जरूरत को पूरा करने के लिए इसी तरह के प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है। कंसलटेंसी फर्म अल्वारेज एंड मार्शल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष सहगल ने बताया, 'एमेजॉन के इंडिया मार्केटप्लेस की तुलना अमेरिकी मार्केटप्लेस के साथ नहीं की जा सकती। हालांकि, भारत में एमेजॉन का नए प्लेटफॉर्म बनने के बाद कंपनी छोटी फर्म्स को उन जगहों पर डिलीवरी दे पाएगी, जहां वह पहले सर्विस नहीं दे पा रही थी।'

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने 2021-22 के भीतर ₹1 लाख करोड़ की खरीद को पार किया है। GeM को किस वर्ष लॉन्च किया गया था?

Key Points

  • 2016 में लॉन्च किए गए भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने 2021-22 के भीतर ₹1 लाख करोड़ की खरीद को पार किया है।
  • इसका 57% ऑर्डर छोटे व्यवसायों से आता है।
  • रक्षा मंत्रालय GeM पर सबसे अधिक खरीददारी करता है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) प्लेटफॉर्म पर कुल खरीद का लगभग 25% हैं।

Additional Information

  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है।
  • सरकारी खरीदारों के लिए एक खुला और पारदर्शी खरीद मंच बनाने के उद्देश्य से पहल शुरू की गई थी।
  • प्लेटफ़ॉर्म का स्वामित्व GeM SPV (स्पेशल पर्पस व्हीकल) के पास है, जो कि 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी है।

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Last updated on Nov 16, 2022

RBI Grade B Marksheet released for DEPR, DISM and General(DR) posts on 4th November 2022. Earlier, the RBI Grade B Final Result for these posts was declared. The RBI is conducting the RBI Grade B 2022 exam to recruit candidates for a total number of 294 vacancies. Candidates who are selected for the post will get a basic pay of Rs. 55,200/-. As the final result is released, the board will soon release the new notification for the RBI Grade B 2023 Recruitment.

अब फेसबुक पर भी खरीद-बेच सकेंगे सेकंड हैंड सामान!

भारत मार्केटप्लेस में फेसबुक ने अपने ऐप पर 'मार्केटप्लेस' नाम का एक नया फीचर शुरू किया है। इसके जरिए फेसबुक पर सामान खरीदा-बेचा जा सकेगा.

ओएलएक्स की तरह काम करेगा मार्केटप्लेस

भारत में फेसबुक ने अपने ऐप पर 'मार्केटप्लेस' नाम का एक नया फीचर शुरू किया है। मार्केटप्लेस इसके जरिए फेसबुक पर सामान खरीदा-बेचा जा सकेगा। फिलहाल इसे ट्रायल के लिए सिर्फ मुंबई में शुरू किया गया है।

गौरतलब है कि मार्केटप्लेस अमेरिका समेत 25 मार्केटप्लेस मार्केटप्लेस देशों में पहले से ही मौजूद है और हाल ही में 17 नए देशों में भी शुरू हुआ है। इनमें जर्मनी, फ्रांस और इंग्लैंड भी मार्केटप्लेस शामिल हैं। ऐप पर 'शॉप' बटन पर क्लिक कर के आप मार्केटप्लेस पर बिक्री के लिए सामान की लिस्ट को देख सकते हैं। हाउसहोल्ड, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अलग-अलग कैटिगरी के लिए भी सर्च करने के लिए सुविधा है।

फिलहाल भारत में इस क्षेत्र में ओएलएक्स की मजबूत पकड़ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मार्केटप्लेस इसे टक्कर देने में कितना सफल होता है। हालांकि, मार्केटप्लेस का एक फायदा यह है कि इसपर आप सेलर की प्रोफाइल देख सकते हैं और प्रामाणिकता जांच सकते हैं।

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