एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है

एक कॉल विकल्प को उसकी परिपक्वता तिथि से पहले भी बेचा जा सकता है यदि उसके पास हैआंतरिक मूल्य परआधार बाजार की चाल से।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2022-23 नई सूची: Minimum Support Price लॉगिन
देश की सरकार अपने देश को बेहतर बनाने के एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है लिए प्रयास करती रहती है, केंद्र सरकार द्वारा किसानों से फसल खरीदने पर एक न्यूनतम मूल्य का भुगतान किया जाता है, जिसको न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 25 फसलों का एक न्यूनतम दाम तय किया जायेगा। यह सुविधा किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलवाने में कारगर साबित होंगी। इसके अलावा इस Minimum Support Price 2022-23 के माध्यम से किसान सशक्त एवं आत्मनिर्भर भी बनेंगे। सरकार द्वारा शुरू इस सुविधा के बारे में सारी जानकारी जैसे की उदेश्य, पात्रता, दस्तावेज, विशेषताएं, सूची इत्यादि निम्नलिखित है। इसका लाभ लेने के लिए एवं सारी जानकारी हासिल करने के लिए इस आर्टिकल को पूरा देखे एवं पढ़े।[यह भी पढ़ें- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2022: ऑनलाइन आवेदन, एप्लीकेशन फॉर्म]
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का उदेश्य
फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है करने के लिये केंद्र सरकार ने धान, दलहन और तिलहन, सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिये हे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2022-23 में वृद्धि करने की घोषणा की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है और यह किसानों की उत्पादन लागत के कम-से-कम डेढ़ गुना अधिक होती है। Minimum Support Price किसी भी फसल के लिये वह ‘न्यूनतम मूल्य’ है, जिसे सरकार किसानों के लिये लाभकारी मानती है और इसलिये इसके माध्यम से किसानों का समर्थन करती है। सरकार का इस एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है माध्यम से यही उदेश्य है कि सभी किसान भाइयो को उनकी फसल का सही मूल्य मिल पाए एवं उनका आर्थिक विकास हो पाए।[यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना 2022 – PM Karam Yogi Mandhan Yojana]
आप सभी को इस बात का तो भली-भांति ज्ञान है कि सरकार द्वारा किसानो की फसलों को न्यूनतम मूल्य पर खरीदा जाता है। भारत सरकार द्वारा किसानो की फसलों को इस द्रष्टिकोण से खरीदा जाता है, ताकि किसी भी किसान की फसल खराब न हो। इस फसल खरीद के कार्य को पूर्ण करने के लिए सरकार हर फसल का एक मूल्य निर्धारित करती है। इस निर्धारित मूल्य के नीचे इस फसल की खरीद नहीं की जाती। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है मोदी जी ने रबी सीज़न 2022-23 के अंतर्गत रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का निर्णय लिया है, जिसके ज़रिये किसान अधिक आय ग्रहण कर सकते है। फसलों के विधिकरण में बढ़ोत्तरी करने के लक्ष्य से प्रधानमंत्री जी ने फसलों के मूल्य में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत किसानो को मसूर, चना, जौ, कुसुम के फूल आदि के लिए उनके द्वारा लगाई गई उत्पादन लागत की अपेक्षा ज़्यादा राशि प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा तिलहन, दलहन, मोटे अनाज के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। [यह भी पढ़ें- (PMAY) प्रधानमंत्री आवास योजना 2022: ऑनलाइन आवेदन, Awas Yojana Online Form]
खाने के तेल की कीमतों में गिरावट, सरकार ने 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अभिषेक तिवारी
Updated on: Sep 08, 2021 | 8:53 PM
स्थानीय तेल तिलहन बाजार में बुधवार को मांग कमजोर पड़ने से कच्चा पाम तेल (सीपीओ), पामोलीन, सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल सहित लगभग सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली जबकि कुछेक तेल तिलहन भाव पूर्वस्तर पर बने रहे.
सरकार ने आगामी रबी मौसम के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये क्विंटल कर दिया है. गेहूं का नयूनतम समर्थन मूल्य भी 40 रुपये क्विंटल बढ़ाया गया है. बाजार सूत्रों का कहना है कि सरकार को आगामी सरसों फसल के लिए बीज का इंतजाम पहले से रखना चाहिए. बाजार में मंडिया में सरसों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. सरसों का खाद्य तेलों के बाजार में कोई विकल्प भी नहीं है.
बढ़ रही है सरसों की आवक
सूत्रों ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों में आयात शुल्क घटने की रिपोर्ट सामने आने के बाद मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में कोई विशेष घट बढ़ नहीं दिखी. इससे घरेलू तेल तिलहन कीमतों पर उल्टा असर दिखा और यहां भाव कमजोर रहे.
बाजार सूत्रों के मुताबिक देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक मंगलवार को एक लाख 90 हजार बोरी की थी जो बुधवार को बढ़कर लगभग दो लाख बोरी हो गई. लेकिन आने वाले समय में मांग बढ़ने के साथ आवक की क्या स्थिति होगी कहना मुश्किल है. सरसों की अगली फसल आने में चार- पांच महीने का समय है जबकि त्यौहारों का मौसम शुरू होने वाला है.
जयपुर में सरसों के सितंबर अनुबंध का वायदा भाव 82 रुपये क्विन्टल कम रहा. वायदा कारोबार में भाव टूटने का हाजिर कारोबार में कोई फर्क नहीं पड़ा. अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर रहे.
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है?
- किसी फसल की एमएसपी पूरे देश में एक ही होती है.
- अभी एमएसपी के तहत सरकार 23 फसलों को खरीदती है
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) एमएसपी की सिफारिश करता है.
- सरकार सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर एमएसपी तय करती है.
हर साल सरकार पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर सबसे ज्यादा फसल किसानों से खरीदती है. इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. देश के दूसरे राज्यों में भी सरकार किसानों से फसल खरीदती एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है.
पेट्रोल की जगह इथेनॉल के इस्तेमाल से हर लीटर पर बचेंगे 20 रुपये: नितिन गडकरी
- नई दिल्ली,
- 17 जून 2021,एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है
- (अपडेटेड 17 जून 2021, 8:08 PM IST)
- ‘ब्राजील, कनाडा, अमेरिका में 100% इथेनॉल का इस्तेमाल’
- ‘4-5 साल में दोगुना हो जाएगा ईंधन आयात का खर्च’
- भारत में वैश्विक कीमतों से ज्यादा कुछ फसलों का MSP
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें जहां आम आदमी एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है की जेब काटने में लगी हुई हैं. वहीं इसके बढ़ते आयात के बोझ ने सरकार को भी परेशान किया हुआ है. ऐसे में गाड़ियों में इथेनॉल या अन्य वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कहते हुए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इसके उपयोग से हर लीटर ईंधन पर 20 रुपये तक की बचत होगी.
कॉल की मूल बातें समझना
कॉल अर्थ के अनुसार, कॉल ऑक्शन को कॉल . भी कहा जाता हैमंडी. कॉल ऑक्शन को सिक्योरिटीज एक्सचेंजों पर एक प्रकार के ट्रेडिंग मैकेनिज्म के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यहां, कीमतों को एक विशेष समय और अवधि के दौरान ट्रेडिंग की मदद से निर्धारित किया जाता है। एक कॉल विकल्प को एक व्युत्पन्न उत्पाद के रूप में माना जा सकता है जिसे कुछ औपचारिक एक्सचेंज या ओवर-द-काउंटर मार्केटप्लेस पर कारोबार किया जा सकता है।
कॉल अर्थ के अनुसार, 'कॉल' शब्द का उपयोग उधारदाताओं द्वारा भी किया जा सकता है, जब वे कुछ सुरक्षित ऋण के पूर्ण पुनर्भुगतान की मांग कर रहे हों।
कॉल करने का विकल्प
जहां तक कॉल विकल्प का संबंध है, दिए एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है गए परिदृश्य में अंतर्निहित साधन एक बांड, स्टॉक, कमोडिटी, विदेशी मुद्रा, या कोई अन्य साधन हो सकता है जिसका कारोबार किया जा सकता है। विशिष्ट अवधि के भीतर विशेष स्ट्राइक मूल्य पर प्रतिभूतियों के अंतर्निहित उपकरणों को खरीदने के लिए कॉल मालिक को अधिकार प्राप्त होता है, लेकिन उसका दायित्व नहीं। विकल्प के विक्रेता को "लेखक" के रूप में जाना जाता है। एक विक्रेता से उम्मीद की जाती है कि वह दिए गए अनुबंध एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है को पूरा करते हुए पूरा करेगाबुनियादी संपत्ति यदि विकल्प का प्रयोग किया गया है।
जब दिए गए कॉल पर स्ट्राइक मूल्य दिए गए व्यायाम तिथि पर बाजार मूल्य से कम हो जाता है, तो विकल्प धारक कम स्ट्राइक मूल्य पर उपकरणों को खरीदने के लिए संबंधित कॉल विकल्प का उपयोग कर सकता है। यदि बाजार मूल्य स्ट्राइक मूल्य की तुलना में कम हो जाता है, तो कॉल को अप्रयुक्त और अर्थहीन समाप्त होने के लिए जाना जाता है।
कॉल नीलामी
कॉल नीलामी के एक विशिष्ट परिदृश्य में, एक्सचेंज को एक विशेष समय सीमा निर्धारित करने के लिए जाना जाता है जो कुछ स्टॉक के व्यापार के लिए एकदम सही है। स्टॉक की सीमित उपलब्धता के प्रावधान के साथ छोटे पैमाने के एक्सचेंजों पर नीलामी बहुत आम है। शेयरों के खरीदारों से उच्चतम स्वीकार्य मूल्य निर्धारित करने की उम्मीद की जाती है। साथ ही, विक्रेताओं से संबंधित न्यूनतम स्वीकार्य मूल्य निर्धारित करने की अपेक्षा की जाती है।
इच्छुक सभी व्यापारी एक ही समय पर उपस्थित रहें। इसकी समाप्ति पर, अगली कॉल आने तक सुरक्षा अतरल हो जाती है। सरकार कभी-कभी कॉल नीलामियों की भूमिका निभाने के लिए जानी जाती है जब वह बेचती हैबांड, बिल और ट्रेजरी नोट्स।