निवेशकों के लिए अवसर

करेंसी का विनियमन

करेंसी का विनियमन
यह विधेयक भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है। भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने विभिन्न हितधारकों के साथ क्रिप्टो वित्त और क्रिप्टो करेंसी के गुण-दोष पर चर्चा की। कई सदस्य क्रिप्टो करेंसी का विनियमन करेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय इसके बाजार को विनियमित करने के पक्ष में हैं।

Digital Currency को नकदी में तब्दील किया जा सकता है, 'आत्मनिर्भर अर्थव्‍यवस्‍था' कार्यक्रम में बोले PM Modi

By: करेंसी का विनियमन पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 02 Feb 2022 05:57 PM (IST)

Edited By: vaibhavsingh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Budget 2022 Digital Currency: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आम बजट में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा को नकदी में तब्दील किया जा सकता है और यह करेंसी का विनियमन फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलगा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा आयोजित ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल मुद्रा ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित बनाएगा तथा इसमें किसी प्रकार का करेंसी का विनियमन कोई खतरा नहीं होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आने वाले समय में डिजिटल अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ये डिजिटल रुपया करेंसी का विनियमन अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा.’’

RBI seeks ban on cryptos:आरबीआई क्रिप्‍टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहता है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण वैश्विक सहयोग चाहती हैं

  • Date : 08/08/2022
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  • Read in English: RBI seeks ban on cryptos but India needs global support to make that effective: FM Sitharaman

आरबीआई क्रिप्‍टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहता है!

RBI seeks ban on cryptos

भारत के केंद्रीय बैक, आरबीआई ने भारत सरकार से क्रिप्‍टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आरबीआई ने कहा कि एसेट क्‍लास का असर भारत की मॉनिटरी और फिस्‍कल पॉलिसी पर पड़ता है। इसे ध्‍यान में रखते हुए, आरबीआई ने एसेट क्‍लास पर प्रतिबंध लगाने और एसेट क्‍लॉस करेंसी का विनियमन को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है। 18 जुलाई 2022 को संसद में वित्त मंत्री के बयान के अनुसार, आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध चाहता है।

क्रिप्टो का विनियमन

अटकलें तेज हैं कि सरकार सोमवार, 18 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टोकरेंसी सेक्‍टर को विनियमित कर सकती है। करेंसी का विनियमन लेकिन अभी तक कोई विधेयक पेश करने के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। सरकार से एक क्रिप्टो कंसल्‍टेंट पेपर लिखने की भी उम्मीद की जा रही है, जिससे एसेट क्‍लास पर सरकार का रुख को बताए जाने की उम्मीद की जा रही है। पेपर मई में आने वाला था, लेकिन अभी भी उसका इंतजार है।

भारत सरकार ने एसेट क्‍लास पर अपना रुख ज़ाहिर नहीं किया है कि क्‍या यह फाइनेशियल एसेट के दायरे में आता है या करेंसी का विनियमन कमोडिटी एसेट है। वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी विनियमन पर संयुक्त वैश्विक कार्रवाई के लिए कहा है।

अभी तक, क्रिप्टोकरेंसी पर कोई विनियमन नहीं है। वैश्विक समन्वय में भी इरादे की कमी है। इस बीच, आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है। डिजिटल करेंसी के 2022 के अंत तक लॉन्च होने की उम्मीद है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर द्वारा की गई टिप्पणियों के अनुसार, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का मतलब निजी क्रिप्टोकरेंसी के अस्तित्व की बहस का अंत हो सकता है। टिप्पणियों के अनुसार, उनका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा डिजिटल करेंसी निजी क्रिप्टोकरेंसी का पूरी तरह से स्‍थान ले सकती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है भारत सरकार (Cryptocurrency Ban in India)

भारत सरकार देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है। सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए एक विधेयक पेश करने जा रही है।

मुख्य बिंदु

मंगलवार को जारी एक लोकसभा बुलेटिन में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 (Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा।

RBI ने जुलाई में कहा था कि वह अपनी डिजिटल करेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहा है। इसके बाद सरकार अपनी आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी/डिजिटल करेंसी लांच कर सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी के साथ चुनौतियां

  • IMF के अनुसार, तेजी से विकास और क्रिप्टो परिसंपत्तियों की बढ़ती लोकप्रियता से वित्तीय स्थिरता चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • ऐसी विकेन्द्रीकृत मुद्राएं अस्थिरता पैदा कर सकती हैं क्योंकि वे अत्यंत अस्थिर हैं। वे इक्विटी या कमोडिटी या विनिमय दरों की तुलना में बहुत अधिक अस्थिर हैं।
  • डिजिटल मुद्रा की तुलना में इसकी लेनदेन लागत काफी महंगी है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह के लेनदेन से पूंजी प्रवाह अस्थिर हो जाता है। यह क्रिप्टो संपत्ति के प्रावधान से कई परिचालन और वित्तीय अखंडता जोखिम भी पैदा करता है।

यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।

Cryptocurrencies bill: क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा, शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने की उम्मीद, नकेल कसने की तैयारी

Cryptocurrency Bill Among 29 Introduced In Winter Session PM narendra modi Digital Currency Bill, 2021 | Cryptocurrencies bill: क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा, शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने की उम्मीद, नकेल कसने की तैयारी

Highlights सरकार के विधायी एजेंडे में कुल 29 विधेयकों में से एक है। आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है। कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं।

नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं, क्रिप्टोकरेंसी पर और तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाला विधेयक भी शामिल है।

कुछ समय से समाचारों में क्रिप्टो करेंसी के बारे में तेजी से सुनाई पड़ रहा है। हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री ने सिडनी डायलॉग में सभी लोकतंत्रों से क्रिप्टो के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की है, ताकि वे गलत हाथों में पड़कर हमारे युवाओं को बर्बाद न करे। आरबीआई गवर्नर ने मैक्रोइकॉनॉमी और वित्तीय स्थिरता के लिए क्रिप्टो को संशय की दृष्टि से देखा है।

यदि सरकार के नजरिए से देखें, तो बिना किसी विनियमन के चलने वाली क्रिप्टो मुद्रा; मनी लॉड्रिंग, ड्रग तस्करी तथा आतंकवाद की फंडिंग जैसी अवैध गतिविधियों का माध्यम बन सकती है। दूसरी ओर, क्रिप्टो को मान्यता देने और विनियमन के द्वारा इसे एसेट वर्ग में लाकर ट्रेडिंग गतिविधि की मॉनिटरिंग, निवेशकों के लाभ पर कर लगाने, और पारदर्शिता के सिद्धांत लागू करने में सफल हो सकती है।

आरबीआई की संभावित आशंकाएं-

  • आरबीआई में शामिल केंद्रीय बैंकों को सबसे अधिक डर यह है कि क्रिप्टो, उनकी मौद्रिक संप्रभुता को नष्ट कर सकता है।
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