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Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख
हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक (MPC Meet) भी हुई. इसके बाद जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास जब मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक इसी साल डिजिटल करेंसी लेकर आएगी. ये क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी, क्योंकि मौजूदा वक्त में क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी बना रहा है, इसकी कोई सिंगल अथॉरिटी नहीं हैं, ऐसे में ये काफी जोखिम भरा निवेश है.

 क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाए, यह सुनिश्चित करना जरूरीः PM नरेंद्र मोदी

Cryptocurrency पर बदलेगा सरकार का रुख? RBI कर रहा है लगातार विरोध

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर सरकार का क्या रुख होगा. क्या Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख इसे लीगल बनाया जाएगा या इसे बैन किया जाएगा? इसे लेकर तभी से कयास लगाए जा रहे हैं जब से सरकार ने इस साल के बजट में इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया है. हालांकि इसे लेकर RBI लगातार विरोध कर रहा है.

वित्त मंत्री ने संसद में दिया जवाब

सरकार के क्रिप्टो पर टैक्स लगाने Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख के बाद जब संसद में विपक्ष ने इसे लीगलाइज करने या बैन करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा, तो हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि इसे लीगल बनाने या बैन करने का फैसला सरकार विचार-विमर्श के बाद करेगी. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन से होने वाले फायदे पर टैक्स लगाने का अधिकार सरकार को है.

सरकार ने बजट में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन पर 30% तक टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है. साथ ही इसी साल RBI के डिजिटल करेंसी लाने की भी घोषणा की है.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद सत्र में विधेयक पेश करेगी सरकार, बनेंगे सख्त नियम

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद सत्र में विधेयक पेश करेगी सरकार, बनेंगे सख्त नियम

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार विधेयक पेश करने जा रही है. बताया गया है कि सरकार "द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021" को संसद में पेश करेगी.

बता दें कि इस बिल के जरिए सरकार सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगाना चाहती है. इसमें सिर्फ उसी डिजिटल करेंसी को मान्यता दी जाएगी, जो आरबीआई की तरफ से जारी होगी.Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

क्रिप्टोकरेंसी का विरोध

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर लगातार बहस छिड़ी है. जहां दुनिया के तमाम देश इसे अपना रहे हैं, वहीं भारत का रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है. आरबीआई का इस तरह की करेंसी देश की वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. आरबीआई की तरफ से इसके तमाम खतरे गिनाए गए हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग का बढ़ना और करेंसी की डिमांड कम होना जैसे खतरे शामिल हैं.

अब केंद्र सरकार की बात करें तो वो क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन के पक्ष में नहीं है. लेकिन इसके लिए एक ऐसा सिस्टम चाहती है, जिससे ज्यादा खतरा न हो. इसीलिए कानून बनाकर इसके लिए नियम कायदे तय किए जा रहे हैं. जिसके बाद आरबीआई के मुताबिक ही लोग ऐसी किसी करेंसी का इस्तेमाल कर पाएंगे.

बता दें कि आने वाले संसद सत्र Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख में कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे. जिनमें क्रिप्टोकरेंसी के अलावा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का विधेयक भी शामिल होगा.

Cryptocurrency को लेकर अच्छी खबर, सरकार ने बनाई नई योजना..

निवेशकों को डिजिटल करेंसी में ट्रेडिंग काफी भा रही है. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय निवेशक असमंजस में हैं. भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी की वैधता को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों को पशोपेश में डाल रखा है. क्योंकि एक तरफ सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नया और सख्त कानून लाने जा रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय क्रिप्टोकरेंसी लाने पर विचार कर रही है. हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और इसे अपराध की श्रेणी में डालने के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. खबर है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने की सोच रही है.

RBI की डिजिटल करेंसी पर पैनल करेगा स्टडी

ET की खबर के मुताबिक, नई कमिटी इस बात की संभावना तलाशेगी कि क्या ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा यह कमिटी क्रिप्टो को डिजिटल असेट के रूप में रेग्युलेट करने को लेकर भी अपनी सलाह देगी. समिति को भारतीय रिजर्व बैंक के प्रस्तावित डिजिटल रुपये के संचालन के तरीकों का अध्ययन करने के लिए भी कहा जा सकता है. सरकार भारत में क्रिप्टो को नए सिरे से शुरू पर विचार कर रही है. हालांकि, ये अभी शुरुआती चरण में हैं और अभी तक कोई औपचारिक प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. बता दें कि इससे पहले सरकार ने 2019 में एक पैनल का गठन किया था. इस पैनल के अध्यक्ष पूर्व फाइनेंस सेक्रेटरी सुभाष गर्ग थे. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर ब्लैंकेट बैन लगना चाहिए. अब सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर ब्लैंकेट बैन संभव नहीं है.

Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या है RBI का रुख? गवर्नर बोले- हमने सरकार को बता दिया है

Published: June 4, 2021 11:27 PM IST

What is RBI

What is RBI’s stand on cryptocurrencies like Bitcoin? रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि बिटकॉयन जैसी आभासी मुद्रा को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और भारी उतार- चढ़ाव वाली इस मुद्रा को लेकर उसकी ‘‘बड़ी चिंतायें’’ हैं. मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गये सवाल पर दास ने कहा, ‘‘आरबीआई की स्थिति में इसको (आभासी मुद्रा को लेकर) लेकर कोई बदलाव नहीं आया है. इस संबंध में हमारा सर्कुलर स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट करता है.’’

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रिजर्व बैंक ने आभासी मुद्रा को लेकर सबसे पहले 2018 में एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें लोगों को आभासी मुद्रा में निवेश को लेकर सावधान किया गया था. केन्द्रीय बैंक का कहना था कि इस मुद्रा की कोई सावरेन पहचान (सरकारी मान्यता) नहीं है. रिजर्व बैंक ने उसके नियमन के तहत आने वाली इकाइयों को इस तरह के किसी भी साधन में लेनदेन करने से रोक दिया था. लेकिन 2020 की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने उसके सर्कुलर को खारिज कर दिया.

दास ने कहा कि इस संबंध में रिजर्व बैंक ने सोमवार को जो अधिसूचना जारी की है वह जरूरी हो गई थी क्योंकि कुछ बैंक अभी भी उस पुराने सुर्कलर का जिक्र कर रहे थे जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इस लिए संशोधित अधिसूचना जारी की गई. दास ने कहा, ‘‘जहां तक रिजर्व बैंक की बात है (आभासी मुद्रा पर), मैं पहले भी कह चुका हूं, आभासी मुद्रा को लेकर हमारी बड़ी चिंतायें हैं और यह बात हमने सरकार को भी बता दी है.’’

Modi on crypto: पीएम नरेंद्र मोदी ने समझाया क्रिप्टोकरेंसी और डेमोक्रेसी का कनेक्शन

PM Narenda Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

  • मोदी ने कहा कि लोकतंत्र मजबूत करने के लिए हो क्रिप्टो का इस्तेमाल
  • इस बारे में नियम बनाने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत
  • लोकतंत्र कमजोर करने के लिए न हो सोशल मीडिया और क्रिप्टो का इस्तेमाल

मोदी ने शुक्रवार को यूएन समिट फॉर डेमोक्रेसी (UN Summit for Democracy) में कहा कि सोशल मीडिया (Social media) और क्रिप्टोकरेंसीज (cryptocurrencies) जैसी उभरती टेक्नोलॉजीज के लिए वैश्विक नियम बनाने के लिए दुनिया के सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि इनका इस्तेमाल लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए हो, न कि उसे कमजोर करने के लिए।

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