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लाभ और रोक

लाभ और रोक
जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, राशन कार्ड से आधार लिंक का काम जारी है। जिसके साथ सत्‍यापन का कार्य भी किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर फर्जी राशन कार्ड वालों का राशन वितरण बंद किया गया है। आधार कार्ड को लिंक वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत किया जा रहा है।

आपको मिलेगा free में इंश्‍योरेंस कवर, 7 लाख रुपए तक का उठा सकते हैं लाभ, जानें कैसे

UGC की नई तैयारी, PhD प्रवेश के लिए प्रक्रिया में बदलाव अब इन छात्रों को मिलेगा लाभ, इन प्रस्तावों पर रोक

उम्मीदवार जो 4 साल के डिग्री धारक है, उन्हें कम से कम 7.5 सीजीपीए होने चाहिए। वह पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं। इसके अलावा 4 साल की डिग्री और फिर पीजी से पहले और दूसरे साल के छात्र भी पीएचडी लाभ और रोक में एडमिशन लेने की पात्रता रखेंगे।

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने एकबार फिर से बड़ी तैयारी की है। दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पीएचडी में प्रवेश (PhD Admission) के लिए दाखिले नियम को फिर से संशोधित किया लाभ और रोक गया है। संशोधित नियम के तहत 4 साल अंडरग्रैजुएट डिग्री होल्डर कम से कम 7.5 सीजीपीए के साथ अंडरग्रैजुएट डिग्री धारी है। उनके लिए पीएचडी प्रोग्राम आधिकारिक तौर पर ज्वाइन करने का मौका उन्हें प्रदान किया गया है।

बोगस Ration Card के जरिए हजारों लोग यहां उठा रहे थे राशन का लाभ, सामने आई गड़बड़ तो लगी लाभ और रोक डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक

बोगस Ration Card के जरिए हजारों लोग यहां उठा रहे थे राशन का लाभ, सामने आई गड़बड़ तो लगी डिस्ट्रिब्यूशन पर रोक

यहां 11 हजार फर्जी Ration Card पकडे गए हैं। (फाइल फोटो)

राशन कार्ड एक जरुरी दस्‍तावेज के रूप में भी इस्‍तेमाल किया जाता है। साथ ही राशन कार्ड की मदद से सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाता है। वर्तमान में राशन कार्ड पर फ्री राशन दिया जा रहा है। इसी बीच में 11 हजार राशन कार्ड को पकड़ा गया है। ये सभी राशन कार्ड लाभ और रोक फर्जी हैं, जिसे लोगों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा था। इसमें 2 लाख 8 हजार राशन कार्ड फर्जी तरीके से शहरों में उपयोग में लाया जा रहा था और बाकी ग्रामीण क्षेत्र के राशन कार्ड हैं। यह राशन कार्ड पटना क्षेत्र में पकड़े गए हैं। जिसे लेकर जिला प्रशासन ने डिस्‍ट्रीब्‍यूशन पर रोक लगा दी है।

स्टेट बैंक ने कर्ज वापसी पर रोक की सुविधा का लाभ एनबीएफसी को देने का फैसला किया

Published: May 7, 2020 10:27 PM IST

स्टेट बैंक ने कर्ज वापसी पर रोक की सुविधा का लाभ एनबीएफसी को देने का फैसला किया

कोलकाताः देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आरबीआई द्वारा स्वीकृत कर्ज वापसी पर रोक की सुविधा का विस्तार नकदी की कमी से जूझ रहे एनबीएफसी क्षेत्र के लिए करने का फैसला किया है, ताकि वे इस संकट से उबर सकें. बैंक के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार खारा ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

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रिजर्व बैंक ने बैंकों को तीन महीने (मार्च, अप्रैल और मई 2020) के दौरान सभी तरह के सावधि कर्जदारों से किस्त वापसी पर रोक लगाने की अनुमति दी है.

खारा ने कहा, ‘‘एसबीआई ने आरबीआई द्वारा कर्ज वापसी किस्तों पर रोक की दी गई अनुमति का विस्तार एनबीएफसी क्षेत्र के लिए करने का फैसला किया है, जो नकदी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं.’’

उन्होंने बताया कि एसबीआई प्रत्येक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के नकदी बजट और ‘रोक’ की इस सुविधा का उन तक लाभ पहुंचाने की जरूरत की जांच परख करने के बाद मामला दर मामला आधार पर निर्णय लेगा.

खारा ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लाभ और रोक लिए की नकदी प्रवाह में कोई फासला नहीं बने और संकट की इस स्थिति से उन्हें उबारने के लिये एसबीआई ने यह फैसला किया है.’’

इससे पहले एसबीआई ने हर तरह के उधार लेने वालों को अधिकतम 200य करोड़ रुपये तक की सीमा के भीतर 10 प्रतिशत आपातकालीन कोविड आकस्मिक ऋण दिया था.

पीडब्ल्यूडी के जेई को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने के आदेश पर रोक

पीडब्ल्यूडी के जेई को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने के आदेश पर रोक

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ और रोक लाभ देने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग की विशेष अपील पर दिया है। एकल पीठ ने राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगे बगैर याचिका स्वीकार कर याची के पक्ष में आदेश कर दिया था। इस कारण विशेष अपील बेंच ने सरकार को याचिका में लाभ और रोक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस बीच एकल पीठ के आदेश के अमल पर रोक भी लगा दी है। एकल पीठ ने कहा था कि लाभ और रोक भले ही जेई की नियुक्ति वर्ष 2009 में हुई हो, लेकिन उसके चयन की प्रक्रिया वर्ष 2000 की वैकेंसी के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के पूर्व पूरी हो चुकी थी। अपील में कहा गया कि एक अप्रैल 2005 से नई पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है। यूपी रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के नियम 2 (3) में संशोधित व्यवस्था के अनुसार सेवा में एंट्री लाभ और रोक ही पेंशन के लिए मुख्य निर्णायक तिथि है। ऐसे में याची का भले ही चयन पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने के समय हो गया हो, लेकिन उसकी सेवा में लाभ और रोक एंट्री नई पेंशन योजना लागू होने के बाद वर्ष लाभ और रोक 2009 में हुई है। इस कारण उसे पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सकता।

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पॉलिसी धारक को 2.5 लाख से 7 लाख रुपये का सम एश्‍योर्ड लाइफ इंश्‍योरेंस कवर मिलता है

बताते चलें कि (EPFO) के सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) के तहत कवर होते हैं। इसकी मदद से पॉलिसी धारक को 2.5 लाख से 7 लाख रुपये का सम एश्‍योर्ड लाइफ इंश्‍योरेंस कवर मिलता है। जो लोगों को उनकी इमरजेंसी में काफी सहयोग करता है।

खाता धारक का बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु पर मिलता है लाभ

अगर कोई पॉलिसीधारक लाभ और रोक है तो इसका क्लेम इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से किया जाता है। यह उसी स्थिति में होता है जब खाता धारक का बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु हो जाती है। परिजनों को एक मुश्त भुगतान का लाभ मिलता है।

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