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ट्रेडर्स वे सपोर्ट

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नई दिल्ली: ग्राहकों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के संस्थापक नितिन कामत ने शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों को एक बहुत जरूरी सलाह दी है. नितिन कामत ने शेयर बाजार के ट्रेडर से कहा है कि उन्हें रात भर जग कर अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा है कि इसकी जगह ट्रेडर अगर रात को चैन से सोएं तो वे दिन में एक्टिव तरीके से भारत ट्रेडर्स वे सपोर्ट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

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नितिन कामत ने कहा है कि अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करने से भारत में शेyरों की खरीद-फरोख्त या होल्ड करने में कोई फायदा होने वाला नहीं है. नितिन ने कहा है कि पिछले कुछ समय में भारत का शेयर बाजार अमेरिकी शेयर बाजार से अलग चाल चल रहा है, इसलिए अगर कोई ट्रेडर रात भर जग कर अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करता है तो उससे उसे यहां फायदा मिलने की उम्मीद नहीं है.

मारपीट का मामला: निजी ट्रेडर्स कंपनी कर्मी के साथ दुकान में घुसकर की गई मारपीट में केस दर्ज

सदर थाना क्षेत्र के कहरा ब्लॉक रोड , शर्मा चौक ट्रेडर्स वे सपोर्ट निवासी स्व ज्योतिंद्र नारायण सिंह के पुत्र एवं महावीर चौक स्थित आशीष ट्रेडर्स कंपनी कर्मी चमन कुमार भारती ने अपने साथ दुकान में कार्य करने के दौरान मारपीट किए जाने , हथियार सटा कर छिनतई करने और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराया है। पीड़ित ने बताया कि वे निजी दुकान में कार्यरत हैं। वे दुकान में कार्य कर रहे थे। तभी महावीर चौक स्थित कोसी अलंकार के स्वामी संजय अलंकार के पुत्र ऋषभ सोनी दुकान पर पहुंचे। उन्होंने सामान खरीदा। जिसके बाद पैसे मांगने पर गाली-गलौज करने लगा और धमकी देते हुए मारपीट की। वारदात सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हुई। जिसके बाद उन्हें वे दुकान से बाहर घसीटते हुए ले गए। जहां सीसीटीवी कैमरा के रेंज से छिपा कर पिस्टल सटा कर सोने का चेन व पर्स की छिनतई कर ली।

नए साल में भी कमाई के बनेंगे मौके, Budget 2022 से मिल सकता है बाजार को बूस्ट, ट्रेडर्स और निवेशक क्या स्ट्रैटेजी अपनाएं

कोविड 19 के पहली और दूसरी लहर में जिस तरह से हेल्थकेयर सेक्टर पर दबाव था, वैसा दबाव अब नहीं रहा. कॉरपोरेट अर्निंग की बात करें तो दिसंबर तिमाही के नतीजे बेहतर रहने की उम्मीद है.

2021 की तरह भले ही नहीं, लेकिन 2022 में भी बाजार में कमाई के अच्छे मौके बनेंगे.

Stock Market Outlook: शेयर बजार के लिए 2021 बेहतर साल रह है, हालांकि साल के अंत में जिस तरह से बिकवाली का दबाव देखने को मिला, निवेशकों का कॉन्फिडेंस कुछ हिल गया. नए साल की बत करें तो बाजार की शुरूअत पॉजिटिव नोट में हुई है. बाजार के लिए ओमिक्रॉन वेरिएंट, महंगाई, रेट हाइक और FIIs के द्वारा बिकवाली जैसे फैक्टर अभी भी मजबूत हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि साल 2021 की तरह भले ही नहीं, लेकिन 2022 में भी बाजार में कमाई के अच्छे मौके बनेंगे. 2022 भी निवेशकों व ट्रेडर्स के लिहाज ट्रेडर्स वे सपोर्ट से बेहतर रह सकता है. जी बिजनेस के मैनेजिंग डयरेक्टर अनिल सिंघवी के साथ बात चीत में Kotak AMC के ग्रुप प्रेसिडेंट और एमडी नीलेश शाह ने नए साल के आउटलुक के लेकर अपनी राय दी है.

बाजार को क्यों मिल सकता है सपोर्ट

नीलेश शाह का कहना है कि 2022 की बात करें तो अभी बाजार में ओमिक्रॉन को लेकर डर कुछ कम हुआ है. कोविड 19 के पहली और दूसरी लहर में जिस तरह से हेल्थकेयर सेक्टर पर दबाव था, वैसा दबाव अब नहीं रहा. कॉरपोरेट अर्निंग की बात करें तो दिसंबर तिमाही के नतीजे बेहतर रहने की उम्मीद है, मैनेजमंट की गाइडलाइंस ठीक आएंगी. एफआईआई की जो सेलिंग कुछ महीनें से चल रही थी, अब कम हो रही है. वहीं इस बर बजट मार्केट के लिए बड़ा ट्रिगर साबित हो सकता है. उम्मीद है कि यह बजट ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला होगा.

साल 2022 बाजार के लिए अच्छा साबित होगा,नतीजे अच्छे आने की उम्मीद. निवेशकों को एवरेजिंग ट्रेडर्स वे सपोर्ट के साथ निवेश करने की सलाह:नीलेश शाह, ग्रुप प्रेसिडेंट & MD,#KotakAMC

जानिए 2022 का मार्केट आउटलुक अनिल सिंघवी के साथ.

ट्रेडर्स व निवेशक क्या करें

सल 2021 के आखिरी महीनों में बिकवाली के चलते कुछ कॉन्फिडेंस हिला था. इस पर नीलेश शाह का कहना है कि सेंटीमेंट धीरे धीरे बदल रहे हैं, इसलिए 2022 से भी उम्मीदें हैं. ट्रेडर हैं तो स्टॉप लॉस के नियम का पालन करें. वहीं निवेशक हैं तो लॉ आफ एवरेजिंग का पालन करें और लॉन्ग टर्म का नजरिया बनाएं. उनक कहना है कि मार्केट का टॉप कभी नहीं बनता है, यह आगे चलता रहेगा. लंबी अवधि में बाजार से बेहतर रिटर्न मिलेगा.

FII फिर लौटेंगे

उनका कहना है ट्रेडर्स वे सपोर्ट कि देखें तो मार्च 2020 के नुकसान से दिसंबर 2021 तक एमएसआई इंडिया ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. एमएसआई इमर्जिंग मार्केट में रिटर्न करीब 45 फीसदी रह है. भारतीय बाजार ने दुनिया के बाजारों से ज्यादा रिटर्न दिया. बाजार का वैल्युएशन भी ज्यादा हो गया ट्रेडर्स वे सपोर्ट था, इसलिए एफआईआई ने कुछ प्रॉफिट बुक किया है. लेकिन उन्होंने प्राइस लिमिट रहकर बेचा है, ना कि मार्च 2020 की तरह किसी भी भाव में. उम्मीद है कि लंबी अवधि के लिए वे फिर भरतीय बाजार में लौटेंगे. वहीं, डोमेस्टिक निवेशकों का बेस अच्छा बन गया है. 2021 ट्रेडर्स वे सपोर्ट के 11 महीनों में 1 लाख करोड़ से ज्यादा पैसा एसआईपी के जरिए बाजार में आया है.

कुछ चुनौतियां

इस बार ग्लोबल कारण ही चिंताजनक हैं. डोमेस्टिक फैक्टर ठीक हैं. यूएस में महंगाई 7 फीसदी के अस पास है. इस सल यूएस फेड 3 रेट हाइक करना चहत है. अगर फेड रेट हाइक करता है तो एफपीआई मुनाफा वसूली कर सकते हैं. इससे घरेलू बाजार पर कुछ असर होगा.

Zerodha: नितिन कामत ने क्यों ट्रेडर्स को दी रात में चैन से सोने की सलाह, अमेरिकी बाजार को ट्रैक करने से फायदा नहीं

zerodha के नितिन कामत ने कहा ट्रेडर्स वे सपोर्ट है कि इसकी जगह ट्रेडर अगर रात को चैन से सोएं तो वे दिन में एक्टिव तरीके से भारत के शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

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नितिन कामत ने शेयर बाजार के ट्रेडर से कहा है कि उन्हें रात भर जग कर अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

नई दिल्ली: ग्राहकों के लिहाज से देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के संस्थापक नितिन कामत ने शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों को एक बहुत जरूरी सलाह दी है. नितिन कामत ने शेयर बाजार के ट्रेडर से कहा है कि उन्हें रात भर जग कर अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा है कि इसकी जगह ट्रेडर अगर रात को चैन से सोएं तो वे दिन में एक्टिव तरीके से भारत के शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

RBI Policy: जीडीपी ग्रोथ 7% पर रहने की उम्मीद, जानिए आरबीआई गवर्नर के भाषण की खास बातें
नितिन कामत ने कहा है कि अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करने से भारत में शेyरों ट्रेडर्स वे सपोर्ट की खरीद-फरोख्त या होल्ड करने में कोई फायदा होने वाला नहीं है. नितिन ने कहा है कि पिछले कुछ समय में भारत का शेयर बाजार अमेरिकी शेयर बाजार से अलग चाल चल रहा है, इसलिए अगर कोई ट्रेडर रात भर जग कर अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रैक करता है तो उससे उसे यहां फायदा मिलने की उम्मीद नहीं है.


भारत और अमेरिकी शेयर बाजार के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि अमेरिकी शेयर बाजार में दुनिया के किसी हिस्से में कामकाज करने वाली कंपनी लिस्ट हो सकती है. वहां सिर्फ अमेरिका में कामकाज कर रही कंपनी की ही लिस्टिंग नहीं की जाती. अमेरिकी शेयर बाजार के सूचकांक में दुनिया के अलग-अलग देशों की अलग-अलग कारोबार की कंपनियां लिस्ट की जा सकती है.

जहां तक भारत के शेयर बाजार का सवाल है तो भारत के शेयर बाजार में भारतीय कंपनियों की प्रमुखता है. इस वजह से भारत का शेयर बाजार अमेरिकी शेयर बाजार की तुलना में कम उतार-चढ़ाव दर्ज करने वाला है. भारत के शेयर बाजार में सभी ट्रांजैक्शन और निवेश रुपए में किए जाते हैं, इस तरह अमेरिकी शेयर बाजार में कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.

अमेरिकी शेयर बाजार भारत की तुलना में मजबूत माना जाता है. भारत की तुलना में यूएस स्टॉक मार्केट कम उतार-चढ़ाव भरा है. भारत में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक होता है.

भारत के निवेशकों में अमेरिकी शेयर बाजार के लिए दीवानगी देखी जाती है. अमेरिकी शेयर बाजार में दुनिया की कई कंपनियां लिस्ट होती है. भारत में बीएसई सेंसेक्स को शेयर बाजार के प्रतीक के रूप में जाना जाता है उसी तरह अमेरिका में डाउ जॉन्स इंडस्ट्रियल एवरेज है.

पिछले 10 सालों में भारत और अमेरिकी शेयर बाजार में एक तरह का ही रिटर्न निवेशकों को दिया है. अमेरिकी शेयर बाजार का सालाना रिटर्न 9.75% रहा है जबकि भारत के शेयर बाजार का सालाना रिटर्न 9.7% रहा है. पिछले कुछ समय में भारत के शेयर बाजार का अमेरिकी शेयर बाजार से लिंक टूट रहा है.

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गायत्री नायक 7 ट्रेडर्स वे सपोर्ट सागर मालवीय मुंबई बैंकों के लिए रीटेल ट्रेड क्रेडिट सबसे तेजी से उभरने वाला सेगमेंट बन गया है। इकनॉमिक स्लोडाउन के चलते रीटेलर्स की.

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