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स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? (What is Swing Trading?)

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) ट्रेडिंग की एक शैली है जो कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक स्टॉक (या किसी भी वित्तीय साधन) में लघु से मध्यम अवधि के लाभ को पकड़ने का प्रयास करती है। व्यापार के अवसरों की तलाश के लिए स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं।

मूल्य प्रवृत्तियों और पैटर्न का विश्लेषण करने के अलावा स्विंग व्यापारी मौलिक विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं।

प्रमुख बिंदु :

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक प्रत्याशित मूल्य चाल से लाभ के लिए कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक चलने वाले ट्रेडों को शामिल किया जाता है।स्विंग ट्रेडिंग एक व्यापारी को रात भर और सप्ताहांत के जोखिम के लिए उजागर करती है, जहां कीमत में अंतर हो सकता है और बाजार अगले सत्र को काफी अलग कीमत पर खुल सकता है।

स्विंग ट्रेडर्स स्टॉप लॉस (Stop Loss) और प्रॉफिट टारगेट के आधार पर एक स्थापित जोखिम/इनाम अनुपात का उपयोग करके लाभ ले सकते हैं, या वे तकनीकी संकेतक या मूल्य कार्रवाई आंदोलनों के आधार पर लाभ या हानि ले सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग को समझना ( Understanding Swing Trading)

आमतौर पर, स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र के लिए या तो लंबी या छोटी स्थिति धारण करना शामिल होता है, लेकिन ये आमतौर पर कई हफ्तों या कुछ महीनों से अधिक नहीं होता है। यह एक सामान्य समय सीमा है, क्योंकि कुछ ट्रेड कुछ महीनों से अधिक समय तक चल सकते हैं, फिर भी व्यापारी उन्हें स्विंग ट्रेडों पर विचार कर सकते हैं। स्विंग ट्रेड एक ट्रेडिंग सत्र के दौरान भी हो सकते हैं, हालांकि यह एक दुर्लभ परिणाम है जो अत्यंत अस्थिर परिस्थितियों के कारण होता है।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का लक्ष्य संभावित मूल्य चाल के एक हिस्से पर कब्जा करना है। जबकि कुछ व्यापारी बहुत सारे आंदोलन के साथ अस्थिर स्टॉक की तलाश करते हैं और कुछ अन्य व्यापारी अधिक शांत स्टॉक पसंद कर सकते हैं। किसी भी मामले में, स्विंग ट्रेडिंग यह पहचानने की प्रक्रिया है कि किसी परिसंपत्ति की कीमत आगे बढ़ने की संभावना है और स्टॉक एक स्थिति में प्रवेश कर रहा है, और फिर उसमे व्यापारी को लाभ दिख रहा है।

सफल स्विंग ट्रेडर केवल अपेक्षित मूल्य चाल के स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है? एक हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं, और फिर अगले अवसर पर आगे बढ़ते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ( Advantages and Disadvantages of Swing Trading)

कई स्विंग ट्रेडर ट्रेडों का मूल्यांकन जोखिम/इनाम के आधार पर करते स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है? हैं। एक परिसंपत्ति के चार्ट का विश्लेषण करके वे निर्धारित करते हैं कि वे कहां प्रवेश करेंगे, जहां वे स्टॉप लॉस (Stop Loss) रखेंगे, और फिर अनुमान लगाएंगे कि वे लाभ के साथ कहां से बाहर निकल सकते हैं। यदि वे एक सेटअप पर ₹ 1 प्रति शेयर का जोखिम उठा रहे हैं जो उचित रूप से ₹ 3 लाभ उत्पन्न कर सकता है, तो यह एक अनुकूल जोखिम/इनाम अनुपात है। दूसरी ओर, केवल ₹1 को जोखिम में डालकर ₹ 0.75 बनाना उतना अनुकूल नहीं है।

ट्रेडों की अल्पकालिक प्रकृति के कारण, स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं। विश्लेषण को बढ़ाने के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर किसी स्टॉक में तेजी की स्थिति देखता है, तो वे यह सत्यापित करना चाहते हैं कि परिसंपत्ति के मूल तत्व अनुकूल दिखते हैं या इसमें सुधार भी हो रहा है।

स्विंग ट्रेडर्स अक्सर दैनिक चार्ट पर अवसरों की तलाश करेंगे और सटीक प्रविष्टि, स्टॉप लॉस (Stop Loss) और टेक-प्रॉफिट स्तर खोजने के लिए 1-घंटे या 15-मिनट के चार्ट देख सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग की योग्यता :

इसे दिन के कारोबार की तुलना में व्यापार करने के लिए कम समय की आवश्यकता होती है।

यह बाजार के बड़े उतार-चढ़ाव पर कब्जा करके अल्पकालिक लाभ क्षमता को अधिकतम करता है।

व्यापारी विशेष रूप से तकनीकी स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है? विश्लेषण पर भरोसा कर सकते हैं, व्यापार प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के दोष :

व्यापार की स्थिति रातोंरात और सप्ताहांत बाजार जोखिम के अधीन हैं।

बाजार में अचानक उलटफेर से काफी नुकसान हो सकता है।

स्विंग ट्रेडर्स अक्सर शॉर्ट-टर्म मार्केट मूव्स के पक्ष में लंबी अवधि के रुझानों को याद करते हैं।

Swing Trading क्या होता है

जब हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को बहुत कम समय के लिए निवेश करते हैं तो उसे हम Swing Trading कहते हैं! जब हम Intraday Trading करते है तो हमे Share को उसी दिन बेचना होता है, लेकिन Swing Trading में आप कुछ दिनों तक रख सकते है ! इसमें आप शेयर को Delivery, F &O, Cash में खरीद बेच सकते है !

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इसे आप इस तरह से भी कह सकते है कि जब आप लंबे समय के लिए Trading करते है तो उसको Swing Trading कहते है !

Example:-

जैसे माना कि आपने किसी कंपनी XYZ के शेयर आज खरीदे हैं और आप उसे एक दिन से एक सप्ताह या एक-दो महिने के लिए निवेश करते हैं और उसके बाद बेच देते तो इसे हम Swing Trading कहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग शेयर खरीदने का मकसद यह होता है कि जब शेयर कि मूल्य बढ़ जाये तब बेचना होता है!

जब हम इन्वेस्टमेंट करते हैं तब हम कंपनी के Value के बारे में पता करते हैं और कंपनी और लंबे समय में कैसा प्रदर्शन करेंगी उसे देख कर इन्वेस्ट करते हैं! तो उसे Investment कहते हैं! स्विंग ट्रेडिंग में बिल्कुल इसके उलट होता है हम शेयर को एक कम समय के लिए एक निश्चित टारगेट के साथ खरीदते या बेचते हैं!

Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?

आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है? परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।

स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेते हैं

आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।

Table of Contents

Swing trading क्या है?

Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।

यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

इस ट्रेडिंग का उपयोग कोई भी आम व्यक्ति लॉयर डॉक्टर, बिजनेसमैन ,आर्किटेक्ट या कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की जॉब करता है वह कर सकता है।

इस ट्रेडिंग की मदद से आप शॉर्ट टर्म में शेयर के प्राइस मूवमेंट से पैसे कमा सकते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके आप शेयर के प्राइस मूवमेंट का पता लगाकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में किसी शेयर में कितनी वृद्धि हो सकती है।

Swing trading में stock selection कैसे करें?

स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

मौलिक विश्लेषण

सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।

लिक्विडिटी

स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।

ट्रेंड व मार्केट चाल

स्विंग ट्रेड करते समय आपको टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से आप उस कंपनी के पुराने डाटा के आधार पर आने वाले समय में उस शेयर में होने वाले बदलाव का अनुमान लगा सकते हैं इसके आधार पर आपको उसके ट्रेंड शेयर की औसत चाल तथा उसके प्राइस मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।

अन्य स्टॉक के साथ तुलना

किसी कंपनी को चयन करने से पहले आपको उस कंपनी के सेक्टर की अन्य कंपनियों के साथ उसकी तुलना करनी चाहिए जिससे आपको शेयर की जानकारी अच्छी तरीके से हो सके।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।

चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें?

यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग से लाभ प्राप्त करना है तो आपको सही समय पर शेयर में एंट्री करने की आवश्यकता होती है।यह तय करने हेतु आपको मार्केट में विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना है। तथा किसी की सहायता से आप अपना लाभ भी तय कर सकते हैं।

Support and resistance

शेयर बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।क्योंकि सपोर्ट मार्केट में खरीदारी को प्रदर्शित करता है ।अर्थात यहां खरीदारी का ज्यादा दबाव होता है ।तथा रेजिस्टेंस सप्लाई को अर्थात् बिकवाली को प्रदर्शित करता है तो यदि आप किसी शेयर मे एंट्री लेते हैं तो आप यह सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की सहायता से कर सकते हैं।यदि मार्केट कहीं स्ट्रांग सपोर्ट बना रहा है तो आप वहां छोटे स्टॉपलॉस के साथ एंट्री लेने की योजना बना सकते हैं तथा रेजिस्टेंस पर उसको बेच सकते हैं।

मूविंग एवरेज

मूविंग एवरेज मार्केट की औसत चाल को बताने का कार्य करता है चार्ट के तकनीकी विश्लेषण में 21,33,50 ,100,एवं 200 मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है। यह मार्केट के पिछले कुछ दिनों की औसत चाल के अनुसार आपको भविष्य में आने वाले उतार चढ़ाव का डाटा बताता है।इसकी सहायता से आप अपनी एंट्री की योजना बना सकते हैं।

इंडिकेटर का उपयोग

मार्केट में कई तरह के इंडिकेटर उपलब्ध हैं जो आपको मार्केट की भिन्न-भिन्न दशाओं से अवगत कराते हैं आप इन इंडिकेटर्स का उपयोग करके प्रवेश करने तथा बाहर निकलने की रणनीति को बना सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।

स्विंग ट्रेडिंग Vs लांगटर्म इन्वेस्टमेंट

स्विंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग से भिन्न है जहां इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको ब्रोकर द्वारा मार्जिन मनी प्राप्त होती है तथा उसी दिन आपको शेयर खरीद कर मार्केट बंद होने से पहले बेचकर बाहर निकलना होता है। किसी भी हालत में आप अपने सौदे को अगले दिन तक नहीं ले जा सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग, लांगटर्म ट्रेडिंग की भांति ही होती है इसमें ब्रोकर द्वारा मार्जिन प्राप्त नही होता है। लांगटर्म की भांति आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए जितने शेयर खरीदते हैं उनका पूरा पैसा आपको अदा करना होता है।

स्विंग-ट्रेडिंग-Vs-लांगटर्म-इन्वेस्टमेंट

जब एक बार आप शेयर खरीद लेते हैं तो यह पूरी तरह आप पर ही निर्भर करता है कि आप उसे कब बेचते हैं, यदि आप इसे कुछ दिनों, कुछ हफ़्तो या कुछ महीनों में बेचकर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग को आधार बनाकर ही ट्रेडिंग करते हैं तो कुछ मामलों में यह लांगटर्म इन्वेस्टमेंट से भिन्न हो जाता है। क्योंकि लांगटर्म इन्वेस्टमेंट और स्विंग ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग रणनीतियां बनानी होती हैं।

मुख्यतः स्विंग ट्रेडिंग के लिए किसी कंपनी का फंडामेंटल अधिक मायने नहीं रखता है बल्कि यहां टेक्निकल एनालिसिस ज्यादा कारगर होता है। टेक्निकल एनालिसिस द्वारा ही अपना छोटा छोटा लक्ष्य निर्धारित किया जाता है और लक्ष्य मिलते ही शेयर बेचकर बाहर निकल जाया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग में मुख्यतः कुछ दिनों, कुछ हफ्तों या एक दो महीने का ही लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।

संक्षेप में हम कह सकते हैं कि कम समय मे छोटे-छोटे प्रॉफिट के लिए निवेश करना ही स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

लेकिन स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन काफी सटीक होना चाहिए वरना प्रॉफिट बना पाना असंभव होता है।

लांगटर्म इन्वेस्टमेंट ( Long-Term Investment )

लांगटर्म इन्वेस्टमेंट में किसी शेयर को खरीदने की वही प्रक्रिया होती है जो स्विंग ट्रेडिंग में होती है फर्क सिर्फ इतना है कि स्विंग ट्रेडिंग में जब कोई शेयर खरीदा जाता है तो उसका एक छोटा सा लक्ष्य निर्धारित कर के कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में उस शेयर को बेच दिया जाता है।

वही लांगटर्म के लिए जो शेयर खरीदा जाता है लंबे समय के निवेश को लक्ष्य बनाकर खरीदा जाता है यह समय 2- 4 वर्ष का भी हो सकता है 10- 20 वर्ष का या इससे भी अधिक हो सकता है।

लांगटर्म में निवेश करके शेयर बाजार से काफी बड़ा प्रॉफिट बनाया जाता है क्योंकि यहां निवेशक को ‘पावर आफ कंपाउंडिंग’ का लाभ प्राप्त होता है। जितने लोगों ने शेयर बाजार से मोटा पैसा कमाया है लांगटर्म इन्वेस्टमेंट से ही कमाया है।

लांगटर्म निवेश के लिए टेक्निकल एनालिसिस की जरूरत बहुत कम होती है यहां किसी कंपनी के फंडामेंटल को देखकर निवेश किया जाता है।

लांगटर्म में निवेश के लिए एक ही बार किसी अच्छे स्टॉक को चुनना होता है और उसे खरीद कर लंबे समय के लिए अपने पास रख लिया जाता है। जितना अधिक समय बीतता है उतना अधिक फायदा हमें देखने को मिलता है।

लांगटर्म निवेश में अपने समय की बचत तो होती ही है, इसके अलावा बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव से भी कोई घबराहट नहीं होती है।

निष्कर्ष

लांगटर्म निवेश और स्विंग ट्रेडिंग दोनों ही अपनी अपनी जगह सही है, दोनों में ट्रेड करने का तरीका भी एक ही है।

फर्क सिर्फ इतना है कि किसी को जल्दी जल्दी प्रॉफिट बुक करने में मजा आता है तो किसी को अपने निवेश में पावर आफ कंपाउंडिंग देखने में मजा आता है।

कम समय में छोटा-छोटा लाभ लेना है तो स्विंग ट्रेडिंग बेहतर है, और मल्टीपल लाभ लेना हो तो लांगटर्म निवेश बेहतर है। किंतु दोनों ही परिस्थितियों में स्टॉक का चयन सटीक करना जरूरी है।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

स्विंग ट्रेडिंग भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है इसलिए आज हम Swing Trading Meaning in Hindi लेख में समझेंगे कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

स्विंग ट्रेडर जब किसी स्टॉक में एक अच्छे ट्रेंड को बनते हुए देखते हैं, तो वह ट्रेड करना शुरू कर देते हैं और जब तक ट्रेड में बने रहते है जब तक कि वह ट्रेंड ख़त्म न हो जाए।

स्विंग ट्रेडिंग मूल रूप से तेजी से पैसा बनाने के लिए बढ़ते स्टॉक या अन्य प्रकार के निवेश की तलाश के वारे में हैं। ये सुनने में मजेदार लगता है, लेकिन सवाल यह आता है कि क्या स्विंग ट्रेडिंग वास्तव में एक प्रॉफिट वाली निवेश रणनीति है? आइए इस पर गहराई से विचार करते है।

शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग एक प्रकार की ट्रेडिंग शैली है जहां ट्रेडर किसी भी स्टॉक में अपनी पोजीशन ले कर उसको कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखता है। स्विंग ट्रेडिंग का लक्ष्य उस समय सीमा के दौरान स्टॉक की कीमत में बदलाव से लाभ कमाना है।

सबसे अच्छाएंट्री और एग्जिट पॉइंट चुनने के लिए अधिकांश स्विंग ट्रेडर डेली चार्ट, 60 मिनट, 24 घंटे, 48 घंटे, आदि का उपयोग करते हैं। हालांकि, आप कम समय सीमा चार्ट का उपयोग भी कर सकते हैं, जैसे कि 4-घंटे या 1 घंटा चार्ट।

स्विंग ट्रेडर किसी भी स्टॉक में पोजीशन लेने से पहले उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करता है और ये पता लगाने की कोशिश करता है कि किस स्टॉक में ट्रेंड की शुरुआत हो रही है जिससे कि वह शुरुआती ट्रेंड में ट्रेड ले और जब तक बना रहे जब तक की उस स्टॉक में ट्रेंड बदल न जाए, जिससे कि वह अच्छा प्रॉफिट कर सके।

स्टॉक मार्केट में अवसरों का लाभ उठाने के लिए, एक स्विंग ट्रेडर को अल्पावधि में लाभ कमाने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए शीघ्रता और बुध्दिमानी से कार्य करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

सबसे पहले, स्विंग ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर को आमतौर पर मार्केट ट्रेंड और पैटर्नों को देखना होता है ताकि स्विंग ट्रेडर्स को डाउन ट्रेंड या अपट्रेंड वाले स्टॉक खोजने में मदद मिल सके।

स्विंग ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में अच्छी मूवमेंट करने वाला है, तो वे स्टॉक खरीद लेंगे और कीमत फिर से गिरने से पहले उसे बेच देंगे। वही दूसरी तरफ अगर उन्हें लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में नीचे जाने वाला है, तो वे उस स्टॉक को “शॉर्ट” करेंगे।

ज्यादातर समय, स्विंग ट्रेडर्स यह तय करने में लगाते हैं कि संभावित ट्रेड में जोखिम और अधिकतम लाभ को देखते हुए ट्रेड करना है या नहीं।

उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर का मानना ​​​​है कि अगले सप्ताह में किसी स्टॉक की कीमत बहुत तेजी से बढ़ सकती है, तो वह ट्रेडर उस जोखिम को लेने और कुछ शेयर खरीदने के लिए इच्छुक हो सकता हैं। क्योंकि वहां उसको कम जोखिम के साथ अच्छा प्रॉफिट करने का मौका मिल रहा है।

लेकिन अगर उस स्टॉक कीमत नीचे गिर जाती है तो उस स्थिति में ट्रेडर को अपनी पोजीशन साइज के अनुसार नुकसान उठाना होगा। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा अपनी पोजीशन साइज कम रखे जिससे कि ज्यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:

1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।

2) स्विंग ट्रेड के बाद की प्रवृत्ति – माइनर ट्रेंड की दिशा में सपोर्ट पर खरीदना या रेजिस्टेंस पर बेचना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान सपोर्ट में खरीदना)।

अभी तक आप Swing Trading Meaning in Hindi को अच्छे से समझ गए होंगे अभी हम ये देखते है कि स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।

स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।

डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।

जबकि अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से कोइ मार्जिन नहीं दिया जाता है जिस कारण से आपको ट्रेड करने के लिए ज्यादा पैसो आवश्यकता होती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडिंग के मुकाबले ज्यादा जोखिम है क्योंकि आपको मार्जिन मिलता है जिस कारण से आप पोजीशन साइज बड़ा रख लेते है और मार्केट आपके खिलाफ जाने पर ज्यादा नुकसान करते है।

निष्कर्ष

स्विंग ट्रेडिंग सक्रिय ट्रेडिंग का सबसे लोकप्रिय रूप माना जाता है, क्योंकि इसमें कम जोखिम के साथ ज्यादा प्रॉफिट अर्जित करने की क्षमता है। यह भारतीय शेयर बाजार में ट्रेड करने का एक शानदार तरीका है।

स्विंग ट्रेडिंग से एक ट्रेडर को काफी लाभ और रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, एक ट्रेडर के रूप में आपको इसमें शामिल जोखिम से अवगत होना महत्वपूर्ण है।

हमें उम्मीद है कि आपको Swing Trading Meaning in Hindi लेख अच्छे से समझ में आ गया होग, कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है….

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