मूल्य सीमाएं

सीमा ने प्रत्येक 300 रुपए के मूल्य पर 20 बैंड खरीदे। उसने 15 बैंड के क्रय मूल्य के बराबर लाभ कमाया। एक बैंड का विक्रय मूल्य ज्ञात कीजिये।
UPSC EPFO APFC New Notification is expected to be released in September 2022. The selection process of UPSC EPFO APFC will include two stages which are a recruitment test and an interview round. The weightage for the recruitment test will be 75% and for an interview, it will be 25%. Candidates with a bachelor’s degree and within the upper age limit i.e. 35 years will be eligible for the recruitment drive. Last year, 421 vacancies were released for UPSC EPFO whose final result was out on 12th August 2022. Know the UPSC मूल्य सीमाएं EPFO Eligibility Criteria here.
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समर्थन मूल्य हेतु उत्पादकता सीमा
भोपाल। राज्य में चना, मसूर एवं सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 10 अप्रैल से 21 मई 2018 तक की जा रही है। इसके लिए लगभग 425 मंडियों में उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं।
राज्य शासन द्वारा इन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत प्रोत्साहन राशि हेतु उत्पादकता निर्धारित कर दी गई है, जो इस प्रकार है-
चना – 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
मसूर – 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
सरसों – 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
इन फसलों पर कृषक समृद्धि योजना अन्तर्गत उत्पादकता के आधार पर 100 रु. प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
रूस के तेल आयात की मूल्य सीमा तय करने के लिए संकल्पबद्धः अमेरिका
वाशिंगटन, तीन सितंबर (भाषा) अमेरिका ने कहा है कि वह विकसित देशों के समूह जी-7 की घोषणा के अनुरूप रूस के तेल आयात पर एक मूल्य सीमा लागू कराने के लिए संकल्पबद्ध है। अमेरिका ने कहा कि यह रूसी तेल के दाम की सीमा तय करने का 'प्रभावशाली तरीका' यूक्रेन में रूस के ‘गैरकानूनी युद्ध’ के लिए धन जुटाने के मुख्य स्रोत पर तगड़ी चोट करेगा। इसके अलावा इस कदम से अमेरिका को तेजी से बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद मिलने की भी उम्मीद है। जी7 समूह के सदस्य देशों ने शुक्रवार को रूस के तेल आयात पर मूल्य
अमेरिका ने कहा कि यह रूसी तेल के दाम की सीमा तय करने का 'प्रभावशाली तरीका' यूक्रेन में रूस के ‘गैरकानूनी युद्ध’ के लिए धन जुटाने के मुख्य स्रोत पर तगड़ी चोट करेगा। इसके अलावा इस कदम से अमेरिका को तेजी से बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद मिलने की भी उम्मीद है।
जी7 समूह के सदस्य देशों ने शुक्रवार को रूस के तेल आयात पर मूल्य सीमा लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का संकल्प जताया। रूस अपने कच्चे तेल की बिक्री से मिलने वाले धन का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जारी सैन्य कार्रवाई में कर रहा है। इस वित्तीय स्रोत को कमजोर करने के लिए जी7 रूसी मूल्य सीमाएं तेल की एक सीमा तय करना चाहता है।
जी7 ने एक बयान में कहा, "हम रूस से तेल खरीद की मंशा रखने वाले सभी देशों से यह अनुरोध करते हैं कि वे निर्धारित मूल्य सीमा से कम दाम पर ही रूस से तेल की खरीद करें।"
जी7 समूह में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान हैं। यह दुनिया की सात सबसे बड़ी एवं अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं का संगठन है जिसका वैश्विक व्यापार और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण व्यवस्था पर प्रभुत्व है।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन जीन-पियरे ने शुक्रवार को यहां नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘रूसी तेल आयात पर मूल्य सीमा तय करना एक प्रभावशाली तरीका है। यह वैश्विक ऊर्जा कीमतों को इस तरह से कम करने के हमारे एजेंडा का हिस्सा है जो अमेरिका में और दुनियाभर में उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा।’’
अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए हुए हैं और उन्होंने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं। लेकिन इन पाबंदियों से बेअसर रूस यूक्रेन के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे हुए है।
सीमा मूल्य विश्लेषण और समानता विभाजन क्या है?
इस विधि में, इनपुट डोमेन डेटा को विभिन्न समतुल्य डेटा वर्गों में विभाजित किया जाता है। इस विधि का आमतौर पर उपयोग किया जाता है परीक्षण के मामले की कुल संख्या को कम करने के लिए परीक्षण योग्य परीक्षण मामलों के एक सीमित सेट के लिए, अभी भी अधिकतम आवश्यकताओं को कवर करता है।
संक्षेप में, यह सभी संभावित परीक्षण मामलों को लेने और उन्हें कक्षाओं में रखने की प्रक्रिया है। परीक्षण करते समय प्रत्येक कक्षा से एक परीक्षा मान लिया जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप 1 से 1000 तक संख्याओं को स्वीकार करने वाले इनपुट बॉक्स के लिए परीक्षण कर रहे हैं, तो सभी 1000 वैध इनपुट संख्याओं के लिए हजार परीक्षण मामलों को लिखने का कोई फायदा नहीं है और अवैध डेटा के लिए अन्य परीक्षण मामलों का भी।
परीक्षण मामलों के ऊपर समतुल्यता विभाजन विधि का उपयोग करके वर्गों के इनपुट डेटा के तीन सेटों में विभाजित किया जा सकता है। प्रत्येक परीक्षण का मामला संबंधित वर्ग का प्रतिनिधि है।
इसलिए उपरोक्त उदाहरण में, हम अपने परीक्षण मामलों को कुछ मान्य और अमान्य इनपुट के तीन समकक्ष वर्गों में विभाजित कर सकते हैं।
समतुल्य विभाजन का उपयोग करके 1 और 1000 के बीच संख्या को स्वीकार करने वाले इनपुट बॉक्स के लिए परीक्षण मामले:
# 1) सभी मान्य इनपुट के साथ एक इनपुट डेटा वर्ग। मान्य टेस्ट केस के रूप में रेंज 1 से 1000 तक का एक मान चुनें। यदि आप 1 और 1000 के बीच अन्य मानों का चयन करते हैं, तो परिणाम समान होने वाला है। तो वैध इनपुट डेटा के लिए एक परीक्षण का मामला पर्याप्त होना चाहिए।
#दो) निचली सीमा के नीचे सभी मानों के साथ इनपुट डेटा वर्ग। अर्थात। अमान्य इनपुट डेटा परीक्षण मामले के रूप में 1 से नीचे का कोई भी मूल्य।
# 3) तीसरे अमान्य इनपुट वर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए 1000 से अधिक मूल्य वाले इनपुट डेटा।
तो समतुल्यता विभाजन का उपयोग करके आपने सभी संभावित परीक्षण मामलों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया है। किसी भी वर्ग के अन्य मूल्यों के साथ परीक्षण के मामले आपको एक ही परिणाम देना चाहिए।
हमने अपने परीक्षण मामलों को डिजाइन करने के लिए प्रत्येक इनपुट वर्ग से एक प्रतिनिधि का चयन किया है। परीक्षण मामले के मूल्यों को इस तरह से चुना जाता है कि समतुल्य वर्ग की विशेषताओं की सबसे बड़ी संख्या का उपयोग किया जा सके।
समतुल्य विभाजन अधिकतम आवश्यकताओं को कवर करने के लिए सबसे कम परीक्षण मामलों का उपयोग करता है।
सीमा मूल्य विश्लेषण
यह व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है कि इनपुट डोमेन के चरम सिरों पर इनपुट मान सिस्टम में अधिक त्रुटियां पैदा करते हैं। अधिक आवेदन सीमाओं पर त्रुटियां होती हैं इनपुट डोमेन का। ‘सीमा मूल्य विश्लेषण’ परीक्षण तकनीक का उपयोग इनपुट डोमेन के केंद्र में मौजूद लोगों को खोजने के बजाय सीमाओं पर त्रुटियों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
सीमा मूल्य विश्लेषण परीक्षण मामलों को डिजाइन करने के लिए समानता विभाजन का अगला हिस्सा है जहां परीक्षण मामलों को समतुल्यता वर्गों के किनारों पर चुना जाता है।
सीमा मूल्य विश्लेषण का उपयोग करके 1 और 1000 के बीच संख्या को स्वीकार करने वाले इनपुट बॉक्स के लिए परीक्षण मामले:
# 1) परीक्षण डेटा के साथ परीक्षण के मामले बिल्कुल उसी तरह जैसे इनपुट डोमेन की इनपुट सीमाएं अर्थात हमारे मामले में मूल्य 1 और 1000।
#दो) इनपुट डोमेन के चरम किनारों के नीचे मानों के साथ परीक्षण डेटा यानी मान 0 और 999।
# 3) इनपुट डोमेन के चरम किनारों यानी मान 2 और 1001 से ऊपर के मूल्यों के साथ परीक्षण डेटा।
सीमा मूल्य विश्लेषण को अक्सर तनाव और नकारात्मक परीक्षण के एक भाग के रूप में कहा जाता है।
ध्यान दें: इनपुट डोमेन मूल्य सीमाएं के लिए आपके द्वारा बनाए गए प्रत्येक समतुल्य वर्ग से केवल एक मान का परीक्षण करने के लिए कोई कठिन-व्रत नियम नहीं है। आप अपनी आवश्यकताओं और पिछले निर्णयों के अनुसार प्रत्येक तुल्यता वर्ग से कई वैध और अवैध मूल्यों का चयन कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आपने 1 से 1000 इनपुट वैल्यू को अवैध डेटा तुल्यता वर्ग में विभाजित किया है, तो आप टेस्ट केस वैल्यू जैसे 1, 11, 100, 950 इत्यादि का चयन कर सकते हैं। अन्य टेस्ट केस के लिए समान मामला अमान्य डेटा वर्ग वाले हैं।
सीमा मूल्य विश्लेषण और समानता विभाजन अवधारणा को समझने के लिए यह एक बहुत ही बुनियादी और सरल उदाहरण होना चाहिए।
Russian oil price cap: रूसी तेल पर मूल्य सीमा को लेकर दबाव मूल्य सीमाएं में नहीं है मोदी सरकार- केंद्रीय मंत्री
आगामी 5 दिसंबर से G-7 के सदस्य देशों द्वारा प्रस्तावित रूसी कच्चे तेल पर मूल्य लागू किए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा जब ऐसा होगा तब देखेंगे। मोदी सरकार इसे लेकर किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रही है।
ग्रेटर नोएडा, एजेंसी। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा है कि मौजूदा सरकार सात उन्नत देशों के समूह 'G-7' द्वारा प्रस्तावित रूसी कच्चे तेल (Russian crude oil) पर मूल्य सीमा को लेकर किसी तरह के दबाव में नहीं है।
आगामी 5 दिसंबर से G-7 के सदस्य देशों द्वारा प्रस्तावित रूसी कच्चे तेल पर मूल्य लागू किए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, ' जब ऐसा होगा तब देखेंगे। मोदी सरकार इसे लेकर किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रही है। मुझे भय या बेचैनी नहीं है। यदि ऐसा होता है तो लाजिस्टिक्स से मार्केट निपटेगा।
World LPG Week 2022
ग्रेटर नोएडा में आयोजित वर्ल्ड एलपीजी वीक 2022 (World LPG Week 2022) के मौके पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की। 2 सितंबर को G7 देशों ने आय के सबसे बड़े स्रोत को सीमित करने के लिए रूस से निर्यात किए जाने वाले तेल की मूल्य सीमा लागू करने पर सहमति दी थी।
G7 के फैसले के अनुसार, शिपिंग व बीमा जैसे ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं को रूस से तेल निर्यात पर लागू किया जाएगा। पिछले महीने वाशिंगटन में अमेरिका के ऊर्जा सचिव जेनिफर मूल्य सीमाएं ग्रानहोम के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद पुरी ने बयान दिया था कि भारत सरकार का अपनी जनता के प्रति नैतिक कर्तव्य है कि उन्हें ऊर्जा उपलब्ध कराई जाए और यह तेल खरीदना जारी रखेगा, चाहें कहीं से भी सौदा करना पड़े।
CNN के साथ एक इंटरव्यू में भी मंत्री ने यह बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि रूय ये तेल खरीदने को लेकर भारत के पास ऐतराज करने की वजह नहीं है। पुरी ने भारत की खरीद को लेकर बचाव किया और कहा था कि यह मूल्य सीमाएं केवल 0.2 फीसद रूसी तेल की खरीद करता है और यूरोप की तुलना में यह काफी कम है।