बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

आयकर विभाग ने बताया कि 26 दिसंबर तक जमा हुए आयकर रिटर्न में 2.44 करोड़ रिटर्न आईटीआर-1 फॉर्म (सहज) हैं, जबकि 1.12 करोड़ रिटर्न आईटीआर-4 फॉर्म (सुगम) हैं।
Budget 2022: अब Cryptocurrency पर भी लगेगा 30% का टैक्स, जानिए कैसे कर सकते हैं इसमें निवेश
By: ABP Live | Updated at : 01 Feb 2022 01:42 PM (IST)
How Invest in Cryptocurrency: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने देश के सामने वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए बजट संसद में पेश किया है. वित्त मंत्री का यह बजट भाषण करीब 90 मिनट का बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है रहा जिसमें उन्होंने विभिन्न सेक्टर्स के लिए अलग-अलग कई ऐलान किए हैं. अपने भाषण में वित्त मंत्री में ऐलान किया कि वर्चुअल डिजिटल ऐसेट (Virtual Digital Asset) से आमदनी पर 30 फीसदी का टैक्स (30% Tax on Digital बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है Assets) लगेगा. इससे यह साफ हो गया कि क्रिप्टोकरेंसी (Tax on Cryptocurrency) भी इसके दायरे में आ जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी से आय (Cryptocurrency Income Tax) पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों ने सरकार से वर्चुअल डिजिटल ऐसेट पर अपनी स्थिति को साफ करने की मांग कर रहे थें.
सेबी का फैसला: अब मुश्किल होगा म्यूचुअल फंड स्कीम को बंद करना, लेनी होगी यूनिटधारकों की मंजूरी
म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई), वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), म्युचुअल फंड और समाधान प्रक्रिया से जुड़े नियमों में भी बदलाव का फैसला किया गया।
शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन हरे निशान पर बंद, सेंसेक्स निफ्टी एक सप्ताह के उच्चस्तर पर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 147.20 अंक यानी 0.86 प्रतिशत मजबूत होकर 17,233.45 अंक पर बंद हुआ।
अब इस शख्स की हिम्मत पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा की नजर पड़ी है। महिंद्रा ने इस शख्स को महिंद्रा लॉजिस्टिक्स में नौकरी का ऑफर तक दे दिया है।
साल खत्म होने से पहले भारत के लिए आई अच्छी खबर, 2021-22 में 9% GDP ग्रोथ का अनुमान
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हम अर्थव्यवस्था के संगठित और असंगठित क्षेत्रों के बीच स्पष्ट ‘के’ आकार के पुनरूद्धार के साथ चालू वित्त वर्ष में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर कायम हैं।’’
E-Scooter: हम लेकर बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है आए हैं 3 किफायती स्कूटर्स जो एक बार फुल चार्ज होने पर 100 किमी. से ज्यादा का सफर करते हैं।
रघुराम राजन का बिटकॉइन पर ध्रुवीकरण वाला रुख
यह बढ़ रहा है और लोग इस बेशुमार बढ़त के दौर में कुछ फायदा उठाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी की ओर भाग रहे हैं और इस बढ़त का इस बार कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। पिछले साल बिटकॉइन गिरकर 10,000 डॉलर पर आ गया और दिसम्बर 2020 में यह 40,000 डॉलर पर पहुँच गया। इस प्रक्रिया में कई बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है खुदरा निवेशक भी इस ब्लॉकचेन दुनिया में अन्य ऑल्टकॉइन के साथ पैसे बनाने आ गये। हालांकि भारत के मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन जिन्होंने 2008 के वित्तीय संकट की ठीक-ठीक भविष्यवाणी की थी, वह न बिटकॉइन से प्रभावित हैं और न ही बिटकॉइन में इस बढ़त को वृद्धि की रूपरेखा मानते हैं। सो इस शीर्ष अर्थशास्त्री की बिटकॉइन पर क्या राय है?
बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)
जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?
इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।
इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।
मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क
बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।
भारत सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है ?
अगर सरकार के नए क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री भारत में गैरकानूनी हो जाएगी. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी औंधे मुंह गिर रही है.
हैदराबाद : 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार 26 नए विधेयकों को विचार के लिए संसद में पेश करेगी. इन नए विधेयकों में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है. अभी इस बिल का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है, मगर यह माना जा रहा है कि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है. इसके बाद इथेरियम और बिटकॉइन जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा.