इक्विटी शेयर के प्रकार

“(ए) इक्विटी शेयर पूंजी-
(i) मतदान के अधिकार के साथ; या
(ii) ऐसे नियमों के अनुसार लाभांश, मतदान, या अन्यथा के रूप में विभेदक अधिकारों के साथ, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है;
इक्विटी और डेरिवेटिव्स में निवेश करें
इक्विटी निवेश में आपके बैंक खाते में साधारण बचत राशि की तुलना में अधिक बढ़त होती है। इक्विटी और वित्तीय डेरिवेटिव्स बाजारों में निवेश करने से, उच्च दर का रिटर्न देते हुए और निवेश की गई मूल राशि के मान को बढ़ाते हुए मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में सहायता मिलती है। पूंजीगत लाभ और आवधिक आय इक्विटी निवेश से होने वाले मुनाफ़े के स्रोत हैं।
- समय के साथ धन बढ़ाएं
- किसी भी इक्विटी शेयर के प्रकार समय चलनिधि
- लाभांश और पूंजी की वृद्धि
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- एक्सचेंज में व्यापार
- स्तविक समय में निवेश को ट्रैक करें
इक्विटी निवेश के लिए अमेरिका को क्यों चुनें
- लीवरेज उत्पाद
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- प्रोफाइल इक्विटी शेयर के प्रकार आधारित इक्विटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
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इक्विटी व्यापार के लिए अनुशंसाएं
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इक्विटी व्यापार और डेरिवेटिव्स एफ.ए.क्यू
इंट्राडे क्या है?
इंट्राडे व्यापार एक्सचेंज द्वारा खरीदे जाने वाले व्यापारिक घंटों के दौरान उसी दिन शेयरों की खरीद और बिक्री के क्षेत्र में कार्य करता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, "इंट्रा-डे व्यापार" एक शेयर व्यापारी को संदर्भित करता है जो उसी व्यापारिक दिन पर एक स्क्रिप्ट में अपना स्थान खोलता और बंद करता है। संक्षेप में, व्यापारिक दिन के अंत से पहले ही पदों को समाप्त कर दिया जाता है।
इक्विटी में व्यापार कैसे शुरू कर सकता हूं?
शेयर बाजार में व्यापार या निवेश शुरू करने के लिए, आपको एक बैंक खाते, व्यापारिक खाते, डीमैट खाते और एक ब्रोकिंग खाते की आवश्यकता होगी। एक बार जब आपके पास ये सभी होते हैं, तो आपको अपने अनुसंधान कौशल को अच्छा करने की आवश्यकता होगी, यदि आप मोतीलाल ओसवाल जैसी अच्छी ब्रोकिंग कंपनी का चयन करते हैं, तो इस पर आपका मार्गदर्शन किया जा सकता है।
इक्विटी शेयर होल्डर और मालिकाना हक
इक्विटी शेयर होल्डर को कंपनी का असली मालिक माना जाता है ऐसा इसलिए है क्योंकि इक्विटी शेयर होल्डर के पास कंपनी में किए जाने वाले मैनेजमेंट के फैसले में वोट देने का अधिकार होता है। इस तरह से इक्विटी शेयर होल्डर कंपनी के कार्यों पर नियंत्रण रखता है।
इक्विटी शेयर होल्डर को कंपनी द्वारा अर्जित किए गए लाभ में सबसे अंत में लाभ से डिविडेंड के रूप में हिस्सा दिया जाता है। यही वजह है कि अगर कंपनी लाभ अर्जित नहीं करती है तो इक्विटी शेयर होल्डर को किसी भी तरह का लाभ कंपनी द्वारा नहीं दिया जाता है।
इस तरह से देखा जाए तो इक्विटी शेयर होल्डर किसी कंपनी के शेयर को खरीद करके वह अपनी पूंजी अधिक जोखिम में डाल देता है। क्योंकि अगर कभी कंपनी बंद होती है तो इक्विटी शेयर होल्डर को सबसे अंत में पूंजी वापस मिलता है, और इसलिए इनको कंपनी का असली मालिक माना जाता है।
Equity Share से कंपनी को क्या फायदा होता है?
- इक्विटी शेयर होल्डर को कंपनी अपनी मर्जी से लाभांश देती है। अगर कंपनी फैसला करती है कि लाभांश नहीं देना तो इक्विटी शेयर होल्डर को किसी भी तरह का कोई लाभांश नहीं मिलता है।
- इक्विटी शेयर जारी करने से कंपनी इक्विटी शेयर के प्रकार की संपत्ति के ऊपर कोई अतिरिक्त दायित्व उत्पन्न नहीं होता है।
- इक्विटी शेयर, स्टॉक मार्केट पर आसानी से खरीद बिक्री यानी कि ट्रेडिंग की जा सकती है।
- इक्विटी शेयर, किसी भी कंपनी के लिए पूंजी जुटाने का सबसे बढ़िया साधन है।
- कंपनी की संपत्ति पर कोई शुल्क बनाए बिना इक्विटी शेयर जारी किया जा सकता है।
- इक्विटी शेयर होल्डर को कंपनी का असली मालिक माना जाता है। कंपनी के लाभ अर्जित करने की स्थिति में सबसे आखरी में इक्विटी शेयर होल्डर को लाभांश (Dividend) दिया जाता है।
- इक्विटी शेयर होल्डर के पास कंपनी के कार्यों के लिए वोटिंग या मतदान का अधिकार होता है। इस तरह से इक्विटी शेयर होल्डर कंपनी के कार्यों को नियंत्रित कर सकता है।
- अगर कंपनी बड़ा लाभ कम आती है, तो इसका अधिक फायदा इक्विटी शेयर होल्डर को मिलता है। इक्विटी शेयर का भाव बढ़ जाता है और दूसरा लाभांश अधिक मिलने की उम्मीद होती है।
इक्विटी शेयर से कंपनी को नुकसान
- यदि एक बार कोई कंपनी इक्विटी शेयर जारी कर देती है तो कंपनी इक्विटी पर ट्रेडिंग का लाभ नहीं ले सकती है।
- इक्विटी शेयर होल्डर खुद को जोड़ तोड़ तथा व्यवस्थित करके कंपनी के प्रबंधन के लिए बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
- इक्विटी कैपिटल को भुनाया नहीं जा सकता है, इसीलिए कैपिटलईजेशन का खतरा हमेशा बना रहता है। इक्विटी शेयर के प्रकार
- निश्चित आय के साथ सुरक्षित प्रतिभूतियों में निवेश करने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को ऐसे शेयरों के लिए कोई आकर्षण नहीं होता।
- समृद्ध अवधि के दौरान बाजार में शेयरों के मूल्य में वृद्धि के लिए उच्च लाभांश का भुगतान करना पड़ता है तथा यह अटकलों की ओर जाता है।
इक्विटी शेयर को आप प्राइमरी एवं सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं। आईपीओ या एफपीओ प्राइमरी मार्केट होते हैं। जबकि मान्यता प्राप्त ब्रोकर को सेकेंडरी मार्केट कहा जाता है।
शेयर धारक का हिस्सा
स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी के लिए उपलब्ध संपत्ति की शेष राशि हैशेयरधारकों सभी देनदारियों का भुगतान करने के बाद। शेयरधारकों की इक्विटी एक निगम के तीन तत्वों में से एक हैबैलेंस शीट और यहलेखांकन समीकरण जैसा कि यहां बताया गया है: संपत्ति = देनदारियां + शेयरधारकों की इक्विटी। शेयरधारकों की इक्विटी को शेयरधारकों की इक्विटी भी कहा जाता है। इसकी गणना या तो एक फर्म की कुल संपत्ति में से उसकी कुल देनदारियों को घटाकर या वैकल्पिक रूप से शेयर के योग के रूप में की जाती हैराजधानी और बनाए रखाआय कम ट्रेजरी शेयर। स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी एक व्यवसाय को उसके शेयरधारकों द्वारा दी गई पूंजी की राशि है, साथ ही दान की गई पूंजी और व्यवसाय के संचालन से उत्पन्न आय, जारी किए गए किसी भी लाभांश को कम करता है।
शेयरधारकों की इक्विटी के लिए फॉर्मूला
बैलेंस शीट पर, शेयरधारकों की इक्विटी की गणना इस प्रकार की जाती है:
कुल संपत्ति - कुल देनदारियां = शेयरधारकों की इक्विटी
शेयरधारकों की इक्विटी की एक वैकल्पिक गणना है:
शेयर पूंजी + बरकरार कमाई - ट्रेजरी स्टॉक = स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी
बैलेंस शीट में स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी
पूंजी के भुगतान
आम तौर पर यह उपधारा उन राशियों की रिपोर्ट करती है जो निगम को तब प्राप्त हुई जब उसने पूंजीगत स्टॉक के शेयर जारी किए।
अन्य व्यापक आय संचित करें
यह संचयी राशि हैआय (या हानि) जिसे निगम की आय पर रिपोर्ट की गई शुद्ध आय में शामिल नहीं किया गया हैबयान.
प्रतिधारित कमाई
आम तौर पर यह निगम की संचयी कमाई घटाकर घोषित लाभांश की संचयी राशि है।
खजाने का भंडार
स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी में यह कमी निगम द्वारा पुनर्खरीद के लिए खर्च की गई राशि है, लेकिन पूंजीगत स्टॉक के अपने शेयरों को रिटायर नहीं करना है।
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AMFI Registration No. 112358 | CIN: U74999MH2016PTC282153
Equity Share क्या है? Equity Share in Hindi
Equity share कैपिटल का अर्थ है आम जनता के लिए शेयर जारी करके जुटाई गयी पूंजी या रकम. इक्विटी शेयर कैपिटल को रिस्क कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है.
जब किसी कंपनी को फण्ड की आवश्यकता होती है तो कंपनी अपने शेयर की सदस्य्ता आम लोगो के लिए जारी करती है और लोगो को कंपनी के एक हिस्से का मालिक बनने का प्रस्ताव रखती है.
जब कोई निवेशक पैसे देकर इन कंपनियों के शेयर को खरीदता है तो वह कंपनी के एक हिस्से का मालिक बन जाता है. आसान शब्दों में शेयर जारी करके जुटाई गयी पूंजी या रकम को इक्विटी शेयर कैपिटल कहते है.
जब एक बार Equity share IPO(Initial Public Offer) के माध्यम से लोगो के लिए जारी कर दिया जाता है तो यह कंपनी के लिए धन का एक नियमित श्रोत बन जाता हैं.
इसी समय Equity share धारक को भी शेयर का लाभ प्राप्त होता है. कंपनी के शेयर खरीदने पर वह कंपनी के मालिक बन जाते है और जब कंपनी को कुछ इक्विटी शेयर के प्रकार लाभ होता है तो इनको भी एक हिस्सा लाभांश के रूप में प्राप्त होता है.
इक्विटी शेयर की विशेषताएं क्या हैं?
अभी तक तो आपको इक्विटी शेयर के सिद्धांत के बारे में थोड़ी बहुत जागरूकता हो गयी होगी ,चलिए इसे आगे बढ़ाते हुए जान लेते है की इक्विटी शेयर के विशेषताएं क्या है? जिनकी वजह से लोग इस पर विश्वाश करते है.
Permanent Nature
आप कंपनी के जिन शेयर शेयर को खरीदते है आप इन्हे तब तक वापस नहीं दे सकते है जब तक की कंपनी अपने व्यवसाय को बंद करने का मन नहीं बना लेती है.
Dividend Pay-Out and Transferable
इक्विटी शेयर ट्रांस्फ़ेरेबल(स्थानांतरणीय) होते है जिसका अर्थ है की आप जिन शेयर शेयर को खरीद कर कंपनी के मालिक बने हो उन्हें आप किसी दूसरे निवेशक को बेचकर (स्थानांतरण) कर सकते हो. आसान शब्दों में आप उन शेयर के मालिक किसी दूसरे निवेशक को बना सकते हो.
High Return Potential
इक्विटी शेयर एक जोखिम भरा निवेश है जो स्थिर नहीं होता है लेकिन यह जोखिम लेने लायक भी है क्यूंकि इसमें आपको एक अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है. यदि आप जोखिम लेने में माहिर हो या जोखिम सहन कर सकते है तो इक्विटी शेयर में पैसे निवेश करके आप अपनजी किस्मत को आजमा सकते है.
इक्विटी शेयर पूंजी के प्रकार क्या हैं?
यदि Equity share के विशेषताओं के बारे में पढ़ कर आपके मन में यह बात उठी है की मुझे भी इक्विटी शेयर में पैसे निवेश करने चाहिए। तो चलिए आप पहले इक्विटी शेयर के प्रकार के बारे में जान ले , जो कुछ निचे इस प्रकार दिए है:
Ordinary shares
Ordinary shares जिन्हे हम हिंदी में साधारण शेयर भी कहते है इन शेयर को जारी करने करने का मुख्य उदेश्य है लम्बे समय के खर्चो को पूरा करने के लिए धन को जुटाया जाय. साधारण शेयर के शेयर धारको को कंपनी के प्रबंधन और दूसरे कामो के भाग लेने का अधिकार होता है. जिन निवेशक के पस्स अधिक शेयर होते है उन्हें कंपनी में मतदान का अधिकार होता है.
Preference Equity Shares
Preference Equity Shares को हिंदी में वरीयता इक्विटी शेयर कहते है. इस प्रकार के शेयर में निवेशक को संचित लाभांश(डिविडेंट) के भुगतान के गारंटी के लिए जारी किया जाता है.
वरीयता शेयर का अर्थ (Meaning of Preference share):
“(बी) वरीयता शेयर पूंजी:
बशर्ते कि इस अधिनियम में निहित कुछ भी वरीयता शेयरधारकों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा जो इस अधिनियम के शुरू होने से पहले समापन की आय में भाग लेने के हकदार हैं।”
– Section 43 subsection (b) for the Indian Companies Act, 2013
इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर के बीच अंतर का चार्ट (Chart of Difference between Equity Share and Preference share): –
अंतर का आधार
इक्विटी शेयर
प्राथमिकता शेयर
चार्ट को पीएनजी और पीडीएफ में डाउनलोड करें (Download the chart in PNG and PDF): –
यदि आप चार्ट डाउनलोड करना चाहते हैं तो कृपया निम्न चित्र और पीडीएफ फाइल डाउनलोड करें: –
Chart of Difference between Equity Share and Preference share Difference between Partnership and Company
निष्कर्ष (Conclusion):
इस प्रकार, दोनों प्रकार के व्यवसाय एक दूसरे से एक प्रकार से बहुत भिन्न होते हैं अर्थात इक्विटी शेयर को उनकी सहमति से व्यवसाय चलाने का पूरा अधिकार है, लेकिन वरीयता शेयरधारक दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के साथ-साथ व्यवसाय के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
विषय पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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