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E Shram Card : अगर आपके खाते में नहीं आये है रुपये तो, ऐसे करें चेक

E Shram Card : केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत इसी साल की गई थी, ताकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का डेटाबेस तैयार हो सके। ई श्रम कार्ड के जरिए सरकार का मुख्य मकसद जानकारी हासिल करना है कि कितने लोग असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जिनतक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। यानी की ई-श्रम पर पंजीकरण करने से सरकार और असंगठित कामगारों के बीच की दूरी खत्म होगी।

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लखनऊ. E shram कार्डधारकों के लिए एक अच्छी खबर है। अगर आपका ई श्रम कार्ड बना है तो अपने बैंक का एकाउंट चेक कीजिये। क्योंकि सोमवार को आपके खाते में एक हजार रुपये आ गए हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने डेढ़ करोड़ श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता दिया। लखनऊ के लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना के पहले चरण में एक-एक हजार रुपये की धनराशि असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों श्रमिकों के खाते में ट्रांसफर की है। यह धनराशि उन श्रमिकों के खाते में भेजी गई है, जिन्होंने 31 दिसंबर तक E Shram Portal पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। आइए हम आपको कि बताते है कि कि किस तरह से आप चेक कर सकते हैं कि आपके खाते में पैसा आया है या नहीं।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के रोजगार एवं श्रम मंत्रालय ने करीब चार माह पूर्व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए ई श्रम (E Shram) योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से श्रमिकों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। यह धनराशि उन श्रमिकों को दी जायेगी, जिन्होंने अभी तक श्रम विभाग की किसी योजना का लाभ न लिया हो और वे लोग आसानी से आजीविका चला सकें। केंद्र सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ई श्रम कार्ड योजना के तहत कामगारों को 500 रुपये प्रतिमाह देने का एलान कर रखा है।

डेढ़ करोड़ श्रमिकों के खाते में भेजी गई है धनराशि

यूपी की योगी सरकार ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने का एलान किया था। सोमवार को सीएम योगी ने इस योजना के तहत पहले चरण में प्रदेश के डेढ़ करोड़ कामगारों के खातों में एक-एक हजार रुपये की धनराशि ट्रांसफर की।

दिसंबर से मार्च यानी चार माह तक 500-500 रुपये भत्ता दिया जाएगा। कुल दो हजार रुपये दिये जायेंगे। जिसकी एक-एक हजार की दो किश्तें जारी होंगी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या पांच करोड़ 90 लाख से अधिक है।

आइए हम आपको बताते है कि आप किस तरह से चेक कर सकते हैं कि आपके बैंक अकाउंट में E Sharam Card योजना के तहत पैसा आया है या नहीं। आपका जिस बैंक में खाता हो तो वहां बैंक जाकर अपना बैलेंस दे सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी पासबुक में एंट्री करा सकते है। गूगल-पे, पेटीम, वॉलेट के जरिए भी आप अपने बैलेंस की जांच कर सकते हैं। बैंक के टोल फ्री नंबर से आप अपने अकाउंट की जानकारी ले सकते हैं।

national emblemव्यय विभाग DEPARTMENT OF Expenditure

मुख्‍य सलाहकार लागत का कार्यालय व्‍यय विभाग, वित्‍त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत एक प्रभाग है। यह कार्यालय लागत लेखा मामलों पर मंत्रालयों तथा सरकारी उपक्रमों को सलाह देता है तथा उनकी ओर से लागत जांच कार्य करता है। यह एक पेशेवर निकाय है जिसके कर्मचारी लागत/चार्टर्ड लेखाकार होते हैं।

मुख्‍य सलाहकार लागत का कार्यालय, लागत निर्धारण तथा मूल्‍य निर्धारण संबंधी मामलों, उचित मूल्‍यों के निर्धारण के लिए अध्‍ययनों, उपभोक्‍ता प्रभारों के संबंध में अध्‍ययनों, परियोजनाओं के लागत-लाभ विश्‍लेषण, लागत कटौती के मुख्य खाते संबंध में अध्ययनों, लागत दक्षता, पूंजी-गहन परियोजनाओं के मूल्यांकन, लाभप्रदता विश्‍लेषण तथा भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों के लिए लागत एवं वाणिज्यिक वित्‍तीय लेखांकन से संबंधित आधुनिक प्रबंधन उपकरणों के अनुप्रयोग के मामले देखता है।

इसकी स्‍थापना, उत्पादन लागत सत्यापित करने के लिए और निर्दिष्ट मामलों के संबंध में रक्षा खरीद सहित सरकारी विभागों के लिए उचित विक्रय मूल्य निर्धारित करने के लिए केंद्र सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में की गई थी। इस कार्यालय की भूमिका का और विस्तार किया गया तथा प्रशासित मूल्‍य व्यवस्था (एपीएम) के अंतर्गत अनिवार्य वस्तु अधिनियम के तहत पेट्रोलियम, इस्‍पात, कोयला, सीमेंट आदि जैसे अनेक उत्‍पादों का मूल्‍य निर्धारण भी शामिल किया गया। चूंकि मंत्रालयों में लागत/मूल्‍य निर्धारण का काम काफी बढ़ गया है, इसलिए अन्‍य कई मंत्रालयों/ विभागों ने ऐसे कार्यों, जिनमें लागत/वाणिज्यिक लेखा मामलों में विशेषज्ञता की जरूरत होती है, इस सेवा के अधिकारियों की तैनाती कराकर अपनी इन-हाउस विशेषज्ञता हासिल कर ली है। उदारीकरण के बाद के इस दौर में यह कार्यालय, लागत-मूल्‍य अध्ययनों के परंपरागत क्षेत्रों के अलावा सरकार की उदारीकरण की नीति के साथ-साथ संकालन में अध्‍ययन कार्य प्राप्‍त कर रहा है तथा अध्ययन कर रहा है।

मुख्‍य सलाहकार लागत का कार्यालय, भारतीय लागत लेखा सेवा (आईसीओएएस) का संवर्ग नियंत्रक कार्यालय भी है तथा विभिन्‍न प्रतिभागी संगठनों में कार्यरत आईसीओएएस अधिकारियों को व्‍यावसायिक मार्गदर्शन देने के अलावा यह कार्यालय, अधिकारियों के ज्ञान और कौशल में लगातार वृ‍द्धि करने के लिए उनकी प्रशिक्षण संबंधी जरूरतें भी देखता है।

मुख्‍य सलाहकार लागत के कार्यालय के व्‍यावसायिक कार्यों के प्रमुख क्षेत्र निम्‍नलिखित हैं:-
i. विभिन्‍न सेवाओं/उत्‍पादों हेतु उचित मूल्‍यों के निर्धारण में मूल्‍य/लागत से संबंधित जटिल मामलों को सुलझाने में केन्‍द्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/संगठनों की सहायता करना और लागत मामलों में विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों को परामर्श देना।
ii. सरकारी विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा आपूर्तिकर्ताओं के बीच क्रय करारों से उत्पन्न दावों की जांच/सत्‍यापन।
iii. सरकार को आपूर्त उत्‍पादों और सेवाओं का मूल्‍य निर्धारण ताकि सरकारी विभाग आपूर्तिकर्ता संगठनों के साथ मूल्‍यों पर समझौता वार्ता कर सकें।
iv. लागत/उचित मूल्‍यों के निर्धारण के लिए अध्‍ययन करना तथा उत्‍पादों और सेवाओं के लिए उचित मूल्‍यों/दरों की सिफारिशें करना तथा प्रभारित मूल्यों, शुल्‍क संरचना आदि का औचित्‍य भी निर्धारित करना।
v. अधिगृहीत उद्योग की परिसंपत्तियों एवं देयताओं तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों का मूल्‍यांकन।
vi. लागत/वित्‍तीय तथा मूल्‍य निर्धारण से संबंधित मामलों मुख्य खाते में सरकार/विभिन्‍न विभागों द्वारा गठित समितियों के अध्‍यक्ष/सदस्‍यों के रूप में कार्य करना।
vii. औद्योगिक उपक्रमों की लागत एवं कार्य निष्‍पादन लेखापरीक्षा करना।
viii. बाजार हस्तक्षेप स्कीमों के तहत सब्सिडी का निर्धारण एवं दावों का सत्यापन तथा राज्य और केंद्र सरकार द्वारा घाटे के सहभाजन हेतु मूल्य समर्थन स्कीम।
ix. विभागीय उपक्रमों/स्‍वायत्‍त निकायों के लिए लागत लेखांकन प्रणाली विकसित करना।
x. प्रमुख परियोजनाओं के समय और लागत में वृद्धि का अध्ययन करना।

Honda ने लाया अपना Activa 7G, पुराने Activa का घटा दाम और जारी हुआ ऑफर. इलेक्ट्रिक स्कूटी वाले निकले फर्जी.

Honda ने लाया अपना Activa 7G, पुराने Activa का घटा दाम और जारी हुआ ऑफर. इलेक्ट्रिक स्कूटी वाले निकले फर्जी.

Honda ने अपने Activa के अगले Version 7G को कन्फर्म कर दिया हैं. इस क्रम में Honda के द्वारा Electric Scotty के चर्चाओं पर भी लगाम लग गया हैं. कई लोग 7G संस्करण को लेकर भ्रामक हैडलाइन दे रहे हैं.

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अगर घर में हैं HDFC या FEDERAL बैंक का कार्ड तो बच जाएगा 10 हज़ार तक ख़रीददारी में.

जानिए Honda Activa 7G के बारे में.

यह गाड़ी भी पेट्रोल इंजन पर आधारित होगी और साथ ही साथ इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और अन्य कुछ फीचर दिए जाएंगे. गाड़ी में माइलेज को लेकर और सुधार किया गया है. आने वाले गाड़ी की माइलेज लगभग 60 किलोमीटर प्रति लीटर तक जा सकती है वहीं इसका इंजन 110cc का होगा. शोरूम क़ीमत इसकी 79 हज़ार से शुरू होगी.

पुराने वाले Activa पर चल रहा हैं offer.

पुराने गाड़ियों को स्टॉक से हटाने की जरूरत पड़ेगी ताकि नए गाड़ियों की बिक्री निर्बाध रूप से चल सके. इसके लिए कंपनी ने ऑफर जारी किया है.

SBI, Federal समेत कुछ और अन्य बैंकों के कार्ड पर 5% कैशबैक उपलब्ध कराया जा रहा है वही गाड़ी की शोरूम कीमत 77 हज़ार कर दी गई है. लोगों को और सहूलियत प्रदान करने के लिए 100% ऑन रोड फाइनेंस किया जा रहा है. साथ ही साथ कुछ शोरूम पर कुछ एक्सेसरीज भी कम कीमत पर ऑफर किए जा रहे हैं.

आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक और केनरा बैंक को रूस के साथ व्यापार के लिए विशेष वोस्ट्रो रुपया खाता खोलने की अनुमति दी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआईI) ने भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक केनरा बैंक को रूस के साथ रुपये में व्यापार के लिए एक विशेष "वोस्ट्रो खाता" खोलने की अनुमति दी है।

वोस्ट्रो एक प्रकार का बैंक खाता होता है जहां एक बैंक स्थानीय मुद्रा में अन्य बैंकों की ओर से एक खाता रखता है। आम तौर पर यहां अन्य बैंक विदेशी बैंक होते हैं।

जुलाई 2022 में आरबीआई ने निर्यात को बढ़ावा देने और आयात को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान के लिए एक तंत्र की शुरुआत की थी।

यह रूस के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने मुख्य खाते के लिए किया गया था जो यूक्रेन पर आक्रमण के लिए पश्चिमी देशों से प्रतिबंध का सामना कर रहा था।

रूसी ऊर्जा प्रमुख गज़प्रोम ने यूको बैंक के साथ एक खाता खोला है जबकि वीटीबी बैंक और सबरबैंक ने भारत में स्थित शाखा कार्यालयों में खाते खोले हैं।

एचडीएफसी बैंक भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है जिसका मुख्यालय मुंबई में है।

केनरा बैंक एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।

क्या आप भी जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं? खाना खाने में वैसे कितना टाइम लगना चाहिए?

कोलकाताः स्वास्थ्य ही हमारी पूंजी है और इसी स्वास्थ्य के लिए हम खाना खाते हैं ,लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आराम से और धीरे-धीरे खाना खाना तो बिल्कुल भूल ही गए हैं। खाना खाने को हम किसी काम की तरह जल्दी बाजी में निपटा देते हैं। यही वजह है कि आज इंसान बीमार है। लोगों को 100 तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप भी फास्ट ईटर हैं तो आपको इससे जुड़ी कुछ बातें जरूर जाननी चाहिए।

खाना खाने के लिए औसत कितना समय लेना चाहिए?

एक्सपर्ट और विशेषज्ञों के मुताबिक खाना खाने के समय आपको कम से कम 30 से 35 मिनट का समय जरूर लेना चाहिए। इस दौरान आपको बिल्कुल रिलैक्स होकर भोजन को खूब चबाकर खाना चाहिए। एक्सपर्ट कहते हैं कि भोजन को आनंद लेते हुए सेवन करने से ये शरीर में लगता भी है और आपको खाने ने मजा भी आता है। खाना खाते समय आपको दिमाग को शांत रखते हुए थाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। खाने को आराम-आराम से धीरे-धीरे खाना चाहिए क्योंकि जल्दी बाजी में खाने से आपके खाने का कण सांस वाली मुख्य खाते नली में फंस सकता है, जल्दी बाजी में खाना खाने से पाचन क्रिया पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे भोजन को पचने में अधिक समय लगता है।

भोजन की गति को धीमा करने के सुझाव

अपने भोजन को 30 मिनट तक बढ़ाने के लिए टाइमर का उपयोग करें या घड़ी देखें।

भोजन के आधार पर प्रत्येक निवाले को 15 से 30 बार चबाने की कोशिश करें।

हर कुछ खाने के निवाले के साथ पानी के घूंट लें। यह आपको भरा हुआ महसूस करने में भी मदद कर सकता है।

क्या कहती है स्टडी?

एक अलग अध्ययन से यह बात सामने आई, खाने की गति में कमी से वजन बढ़ना कम हो गया और मोटापे को रोका गया। जापान के एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने टाइप 2 मधुमेह वाले 59,717 लोगों के डेटा की जांच की। शोधकर्ताओं ने लोगों से खुद को फास्ट ईटर्स, मीडियम ईटर्स या स्लो ईटर्स के रूप में वर्णित करने के लिए कहा, जो लोग धीरे-धीरे खाने वाले थे उनमें मोटापे का जोखिम सबसे कम था। जो लोग स्वयं को मध्यम-खाने वाले के रूप में वर्णित करते हैं, उनमें थोड़ा अधिक जोखिम था, लेकिन सबसे अधिक जोखिम मुख्य खाते तेजी से खाने वाले समूह में था।

जल्दी में खाने से हो सकती है ये परेशानियां

अगर आप खाना धीरे और चबा कर खाते हैं तो इससे आपका डाइजेशन सही रहता है, लेकिन जल्दी बाजी में खाना खाने से या चबाने के बजाय निगल जाने से डाइजेशन बिगड़ सकता है। सीने में जलन, अपच और गैस जैसी दिक्कतें होने की संभावना रहती है।

जल्दी-जल्दी मुख्य खाते खाने से आपको डायबिटीज का भी खतरा हो सकता है। खाना जल्दी खाने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम होने मुख्य खाते और ब्लड ग्लूकोस के बढ़ने की संभावना बनी रहती है, इसके चलते आप डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।

जल्दी में खाना खाने से इंसान मेटाबोलिक सिंड्रोम का शिकार हो जाता है। ऐसे में उसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है, और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
जल्दी जल्दी खाने की आदत कैसे बदले

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