स्टॉक एक्सचेंज की पसंद

भारत में मुख्य तौर पर दो स्टॉक एक्सचेंज हैं –
Stock Exchange क्या है कार्य और कैसे काम करता है | Stock Exchange in Hindi
Stock Exchange Kya Hai in Hindi: आज के इस लेख के द्वारा हम आपको शेयर मार्केट के Stock Exchange के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Exchange क्या है इन हिंदी, स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है, भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं और स्टॉक एक्सचेंज का कार्य क्या है.
Stock Exchange एक Organized मार्केट होता है, जहाँ हर समय क्रेता और विक्रेता उपलब्ध होते हैं. स्टॉक एक्सचेंज में कई सारी कंपनियां लिस्ट होती हैं और निवेशक Companies के शेयर या प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें, स्टॉक एक्सचेंज की पसंद क्योंकि इसमें आपको स्टॉक एक्सचेंज से सम्बंधित अनेक प्रकार की जानकारी मिलने वाली है.
स्टॉक एक्सचेंज क्या है (Stock Exchange in Hindi)
स्टॉक एक्सचेंज दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है एक स्टॉक और दूसरा एक्सचेंज. किसी कंपनी के शेयर या बांड को स्टॉक कहा जाता है और एक्सचेंज का मतलब खरीदना और बेचना होता है. स्टॉक एक्सचेंज को इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं.
भारत में स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास (History of Stock Exchange in Hindi)
दुनिया में सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज सन 1602 में Dutch East India Company के द्वारा नीदरलैंड में स्थापित किया गया था. आज इसे Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है. यह विश्व का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है.
भारत की बात करें तो भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज Bombay Stock Exchange है, जिसकी स्थापना 1875 में मुंबई में हुई थी. BSE पुरे एशिया का भी सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है.
आज के समय में स्टॉक्स एक्सचेंज इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के द्वारा होता है लेकिन पहले के समय में जब इंटरनेट नहीं था तब स्टॉक्स एक्सचेंज कागजों के द्वारा होता था. अगर कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता था तो उसे एक सर्टिफिकेट मिलता है जो इस बात का प्रमाण रहता था कि निवेशक के पास कंपनी के शेयर हैं.
स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है
स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंज की पसंद निवेशक और कंपनी के बीच में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है. जब कंपनी को फण्ड जुटाने के लिए पैसों की जरुरत होती है तो वह कुछ अपने कुछ प्रतिशत शेयर आम जनता के लिए सार्वजनिक करती है.
कंपनी को शेयर सार्वजनिक करने के लिए पहले खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना होता है, एक बार कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है तो निवेशक ब्रोकर के द्वारा कंपनी के शेयर में ट्रेडिंग कर सकते स्टॉक एक्सचेंज की पसंद हैं. जो ब्रोकर होता है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है. एक निवेशक सीधे तौर पर स्टॉक एक्सचेंज से शेयर नहीं खरीद सकता है.
शेयर बाजार में हर समय शेयर खरीदने और बेचने के लिए अनेक सारे लोग उपलब्ध होते हैं. जब कोई निवेशक शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है तो वह अपने आर्डर को लगा देता है. फिर स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम स्वतः ही खरीदने और बेचने वाले को Match करवाकर Order Complete कर देता है.
पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज: UP में PM पद के लिए मोदी को नहीं मिले 50 फीसदी मत
- नई दिल्ली,
- 21 सितंबर 2018,
- (अपडेटेड 21 सितंबर 2018, 10:46 PM IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश में बनी हुई है. इंडिया टु़डे ग्रुप और एक्सिस माई इंडिया की ओर से कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (पीएसई) सर्वे के अनुसार राज्य में मोदी को बतौर प्रधानमंत्री 48 फीसदी लोग पसंद करते हैं और 2019 में अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश में संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद मोदी बतौर प्रधानमंत्री की पसंद के रूप में PSE सर्वे में 50 फीसदी समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे. मध्य प्रदेश में अगले प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें 56 फीसदी लोगों का समर्थन मिला था. बनारस मोदी को संसदीय चुनावी क्षेत्र है.
शेयर बाजार में यूपी कैसे बना तीसरी बड़ी ताकत, कौन है नंबर एक और दो पर?
राज्य में बढ़ते कारोबार व निवेश के चलते शेयर बाजार में भी यूपी की ताकत बढ़ रही है। अब गुजरात व महाराष्ट्र के बाद यूपी तीसरी बड़ी ताकत बन गया है। यूपी के 52.3 लाख स्टॉक एक्सचेंज की पसंद से अधिक इंवेस्टर एकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हो चुके हैं।
अब उत्तर प्रदेश ना सिर्फ निवेशकों की पहली पसंद बन गया है , बल्कि शेयर बाजार में भी यूपी के निवेशक अप्रत्याशित प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते ही अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में यूपी के 50 लाख से अधिक निवेशक कारोबार कर रहे हैं। यह नया बदलाव है। बीते दो वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में यूपी से संबंधित निवेशक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से जुड़े हैं।
भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India
भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान में भी कार्यरत है
इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.
NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – Stock Exchange Work
जब भी कोई Buyer या Seller ट्रेड प्लेस करते है तो वह ट्रेड सीधा ब्रोकर से होता स्टॉक एक्सचेंज की पसंद स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर तक जाता है स्टॉक एक्सचेंज एक ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है जो ऑर्डर पर काम करने वाला आटोमेटिक मैचिंग सिस्टम है इस सिस्टम में जो भी व्यक्ति या कंपनी ट्रेड प्लेस कर रहा है उसकी पहचान जाहिर नहीं होती है।
किसी भी समय बाजार में एक शेयर को खरीदने या बेचने के लिए बहुत सारे लोग उपस्थित होते है ऐसे में जिस व्यक्ति ने पहले आर्डर प्लेस किया है उसका आर्डर पहले ख़रीदा या बेचा जायेगा लेकिन अगर कोई निवेशक पहले आर्डर की तुलना में कम कीमत डालता है तो उसके आर्डर को पहली Priority दी जाएगी
जब भी कोई निवेशक किसी शेयर कोई खरीदने या बेचने की इच्छा जाहिर करता है और अपने आर्डर को लगा देता है तो स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम अपने आप खरीदने वाले और बेचने वाले को मिलवाकर आर्डर को कम्पलीट कर देता है
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किरण मजूमदार शॉ ने हैरत जताते हुए कहा कि क्या एक्सचेंज में गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. सेबी के आदेश से जुड़े एक लेख का लिंक साझा करते हुए मजूमदार-शॉ ने ट्विटर पर लिखा, ‘एक योगी देश के बड़े शेयर बाजार को कठपुतली की तरह चलाता रहा. वैश्विक स्तर के शेयर बाजार कहे जाने वाले एनएसई में संचालन व्यवस्था की खामियों को देखकर आहत हूं.क्या वहां गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने की कोई व्यवस्था नहीं थी?' शॉ के ट्वीट के जवाब में पई ने 14 फरवरी को लिखा कि किसी को झूठ फैलाना बंद कर देना चाहिए और कोई योगी एक्सचेंज नहीं चलाता.
उन्होंने लिखा, ‘कोई योगी एनएसई को नहीं चलाता. झूठ फैलाना बंद करें. क्या आपको वाकई में लगता है कि दुनिया के बड़े शेयर बाजारों में से एक हाई टेक्नोलॉजी से युक्त एनएसई को कोई संदिग्ध योगी चला सकता है? आप उन सभी महान कर्मचारियों का नुकसान कर रही हैं जिन्होंने 24 घंटे एनएसई इंडिया में काम किया. पई इन्फोसिस के साथ-साथ एनएसई के निदेशक मंडल के भी सदस्य रहे हैं.