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Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है
म्यूचुअल फंड के मामले में ज्यादातर एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत होते हैं कि इनमें निवेश करने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं है.

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है प्रकार, निवेश कैसे करें (Mutual Fund In Hindi)

Mutual Fund In Hindi: अगर आप पैसे से पैसा कमाने में रूचि रखते हैं तो Mutual Fund का नाम आपने जरुर सुना होगा, टीवी में आपने Mutual Fund के कई सारे विज्ञापन भी देखे होंगे पर क्या आप जानते हैं आखिर Mutual Fund क्या है, म्यूच्यूअल फण्ड की शुरुवात कब हुई, म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करें और म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे तथा नुकसान क्या हैं.

अगर आप उपरोक्त सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप एकदम सही लेख पर आये हैं. आज के इस लेख में हम आपको Mutual Fund से जुडी तमाम सारी जानकारी प्रदान करवाने वाले हैं. जिससे कि आपको Mutual Fund में निवेश करने में आसानी हो.

म्यूच्यूअल फण्ड के द्वारा आप अपने पैसों को ऐसे Fund House में निवेश करते हैं जहाँ आपके पैसों को मैनेज करने का काम फण्ड मैनेजर करते हैं. म्यूच्यूअल फण्ड में कई सारे निवेशक पैसे निवेश करते हैं. फण्ड मैनेजर सभी निवेशकों के पैसों को अलग – अलग जगह निवेश कर देते हैं और profit को सभी निवेशकों में निवेश के आधार पर बाँट दिया जाता है.

वैसे म्यूच्यूअल फण्ड निवेश भी जोखिम भरा होता है क्योंकि शेयर बाजार में उतार – चढ़ाव होता रहता है इसलिए म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश भी जोखिम भरा रहता है, हालांकि शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने में कम जोखिम होता है. म्यूच्यूअल फण्ड में पूरी जानकारी पाने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है इसके प्रकार और इसमें निवेश कैसे करें - Mutual Fund In Hindi

तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं – म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है हिंदी में.

Mutual Funds: मौजूदा समय में क्या म्यूचुअल फंड में निवेश है बेहतर विकल्प? कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न? एक्सपर्ट्स की राय

Mutual Funds: एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड में कभी भी निवेश किया जा सकता है. इसके सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लंबे समय में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद करते हैं.

Mutual Funds: मौजूदा समय में क्या म्यूचुअल फंड में निवेश है बेहतर विकल्प? कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न? एक्सपर्ट्स की राय

म्यूचुअल फंड के मामले में ज्यादातर एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत होते हैं कि इनमें निवेश करने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं है.

Mutual Funds SIP: 2022 निवेशकों के लिए एक कठिन वर्ष रहा है. हाई इन्फ्लेशन और मंदी की आशंका के चलते कई निवेशक इस उलझन में रहे कि मार्केट बेस्ड प्रोडक्ट्स जैसे स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए यह समय अच्छा है या नहीं. हालांकि, म्यूचुअल फंड के मामले में ज्यादातर एक्सपर्ट्स इस बात से सहमत होते हैं कि इनमें निवेश करने के लिए कोई भी समय बुरा नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूचुअल फंड हमेशा निवेश के लायक होते हैं क्योंकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लंबे समय में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद करते हैं.

SIP है बेहतर विकल्प

ज्यादातर एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड में कभी भी निवेश किया जा सकता है. इसके सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लंबे समय में उतार-चढ़ाव को मात देने में मदद करते हैं. MarketsMojo के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सुनील दमानिया कहत हैं, “एसआईपी सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव को दूर करता है और निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी निवेश गति को बनाए रखते हैं. समय के साथ, म्यूचुअल फंड अच्छा रिटर्न देते हैं. इसलिए, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए टाइमिंग जरूरी नहीं है. बल्कि निवेश के बाद इसे टाइम देना ज्यादा जरूरी है.” जब म्यूचुअल फंड में निवेश करने की बात आती है तो 3-5 साल की निवेश टाइम फ्रेम को बेहतर माना जाता है.

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सिंपली म्यूचुअल: द 1% फॉर्मूला के लेखक दीपक मलिक कहते हैं कि भारतीय बाजारों में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है, जो म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है. उनका कहना है कि भारत वर्तमान में सबसे आकर्षक डेमोग्राफिक में से एक होने का दावा करता है, जिसमें कामकाजी उम्र में 140 करोड़ आबादी में से 90 करोड़ से अधिक हैं. यह एक उच्च शिक्षित, प्रतिभाशाली वर्कफोर्स है. उन्होंने आगे कहा, “म्यूचुअल फंड निवेशक मौजूदा स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. मेरा मानना है कि निकट भविष्य में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए भारत के विकास में भाग लेने के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक रहेगा.”

क्या करें निवेशक

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इक्विटी बाजार में नए निवेशक जो अपने पोर्टफोलियो में अंडरपरफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड स्कीम का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, वे डिसीप्लीन निवेश अपनाने और संपत्ति बनाने के लिए एसआईपी के माध्यम से Nifty 50 ETF पर विचार कर सकते हैं. Mastertrust की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पालका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि मौजूदा परिदृश्य में जब केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई और कमोडिटी की ऊंची कीमतों के कारण दरें बढ़ा रहे हैं, निवेशकों को अपना एसआईपी जारी रखना चाहिए. अरोड़ा कहते हैं, “अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो वैल्यूएशन हिस्टोरिकल एवरेज से नीचे गिरने के साथ, उन्हें धीरे-धीरे अपने इक्विटी एलोकेशन को नियंत्रित तरीके से बढ़ाना चाहिए. एक निवेशक जो इक्विटी में कम निवेश करता है, उसे मौजूदा बाजार करेक्शन का फायदा उठाना चाहिए और अधिक इक्विटी को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को री-बैलेंस करना शुरू करना चाहिए.” मौजूदा और इच्छुक म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए पेशेवर वित्तीय सलाहकारों से मार्गदर्शन लेना चाहिए.

(Article: Rajeev Kumar)
(ऊपर निवेश को लेकर व्यक्त विचार एक्सपर्ट्स के हैं और Financialexpress.com इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.)

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी

अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।

    और ये कैसे काम करते हैं?
  • म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
  • . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
  • टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स

2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।

  • पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
  • अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
  • म्युचुअल फंड को कब बेचें

3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना

कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।

    और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना

4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।

  • म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
  • म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
  • म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
  • इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी

जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं - Dainik Bhaskar

अच्‍छे रिटर्न के लिए म्‍युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्‍युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्‍युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है। इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।

सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

म्‍युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्‍युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्‍युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा सकता है।

पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्‍यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्‍कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्‍बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते हैं।

दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्‍युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्‍यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्‍यम से भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्‍यादा वेबसाइट हैं जो म्‍युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्‍ट्रेशन कराने के बाद म्‍युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।

तीसरा तरीका
डायरेक्‍ट प्‍लान में निवेश। सेबी के आदेश के बाद सभी म्‍युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्‍कीम्‍स में डायरेक्‍ट प्‍लान का ऑप्‍शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्‍युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्‍कीम चुनते हैं और कुछ स्‍टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।

चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।

शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्‍युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्‍कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्‍टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश रिस्‍की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्‍बे समय तक लगाया जाए तो अच्‍छा रिटर्न पाया जा सकता है।

सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।

सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।

सवाल: क्या मैं म्यूचुअल फंड Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है। इस अवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय बेच सकते हैं।

सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।

Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

रुपयों को तेजी से डबल करने के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है. इसमें दूसरे स्कीमों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.

Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

Updated on: May 12, 2021 | 7:27 PM

इंवेस्टमेंट के लिए वैसे तो कई तरह की स्कीम्स उपलबध हैं, लेकिन तेजी से पैसा बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक पॉपुलर तरीका Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है है. इसमें दूसरी योजनाओं के मुकाबले रिटर्न ज्यादा मिलता है. अगर एसआईपी के जरिए निवेश किया जाए तो जोखिम भी कम रहता है. इसमें आप छोटे अमाउंट से एक तय वक्त तक अच्छा अमाउंट जोड़ सकते हैं. इस फंड से आप आराम से अपने बच्चों की शादी व उनकी पढ़ाई का खर्चा उठा सकते हैं.

कैसे बना सकते हैं मोटा फंड

अगर आप 50 लाख से ज्यादा का फंड तैयार करना चाहते हैं तो हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा करने होंगे. यानी आपको रोजाना 50 रुपए की बचत करनी होगी. फ्रेंकलिन टेम्पलटन ऑफ इंडिया वेबसाइट पर दिए गए कैलकुलेटर के हिसाब से अगर इस पर 12 फीसदी तक रिटर्न मिलता है तो 30 साल बाद आपको करीब 53 लाख रुपए मिलेंगे. वहीं अगर आप म्यूचुअल फंड स्कीम में हर महीने सिर्फ 1000 रुपए का निवेश करते हैं तो 20 साल बाद आपके पास 20 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा.

कितने तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड्स

आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स चार तरह के होते हैं. जिनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड शामिल हैं. हर एक के फायदे और नुकसान है. निवेशक अपनी पसंद एवं कंपनी के बैकग्राउंड के हिसाब से इसमें निवेश करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश करना बेहतर रहता है.

कैसे करें निवेश

अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपक उस कंपनी की वेबसाइट से सीधे जानकारी हासिल कर इंवेस्ट कर सकते हैं.आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. खुद से सीधे निवेश करने पर म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. वहीं एडवाइजर की मदद से निवेश करने पर आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं. डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है.

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