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सिल्वर ETF

सिल्वर ETF

Silver ETF क्या है, निवेश करना कितना है सुरक्षित?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी SEBI ने कुछ दिन पहले सिल्वर ETF के लिए परिचालन को लेकर मानदंड जारी कर दिए हैं. लोगों को अब चांदी की खरीदारी के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होगी और वे ETF के जरिए एक ग्राम चांदी भी खरीद सकेंगे.

एडलवाइस एमएफ ने पेश किया भारत का पहला गोल्ड और सिल्वर फंड

एडलवाइस एमएफ ने पेश किया भारत का पहला गोल्ड और सिल्वर फंड |_40.1

एडलवाइस म्यूचुअल फंड 24 अगस्त को भारत की पहली स्कीम लॉन्च करने वाली है, जो सिंगल फंड के जरिए सोने और चांदी में निवेश की पेशकश करेगी। एडलवाइस गोल्ड एंड सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (FoF) के लिए नया फंड ऑफर (NFO) 7 सितंबर को बंद होगा। स्कीम के लिए फंड के सिल्वर ETF मैनेजर भावेश जैन और भरत लाहोटी हैं। भारत का पहला गोल्ड फंड, निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड BEES, मार्च 2007 में लॉन्च किया गया था, जबकि सिल्वर का म्यूचुअल फंड पहली बार इस साल जनवरी में पेश किया गया।

सेबी ने सिल्वर ETF ETF के पोर्टफोलियो नियमों में किया बदलाव, जानें सिल्वर ईटीएफ का फायदा

सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी (Silver ETF) के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नियम में बदलाव किया है. वर्तमान सिल्वर ETF में केवल इंडियन म्यूचुअल फंड्स को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी Gold ETF लॉन्च करने की अनुमति है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी (Silver ETF) के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नियम में बदलाव किया है. वर्तमान में केवल इंडियन म्यूचुअल फंड्स को गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी Gold ETF लॉन्च करने की अनुमति है. सिल्वर ईटीएफ को लेकर सेबी ने नियम में बदलाव किया है.

SEBI ने कहा कि सिल्वर ईटीएफ एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसमें इन्वेस्टमेंट मुख्य रूप से सिल्वर या फिर सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में किया जाता है. सेबी ने कहा कि अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम किसी भी एक्सचेंज ट्रेडेड कमोडिटी डेरिवेटिव्स में निवेश करती है तो वह अंडरलाइंग गुड्स यानी फिजिकल कमोडिटी को सेटलमेंट वाले कॉन्ट्रैक्ट में होल्ड कर सकती है.

हालांकि, Silver ETF स्कीम में फिजिकल सिल्वर या सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट को सेबी रजिस्टर्ड कस्टोडियन के पास जमा करना होगा. सिल्वर ईटीएफ स्कीम में इन्वेस्टमेंट को लेकर कुछ शर्तें शामिल हैं. अगर कोई सिल्वर ईटीएफ में निवेश करता है तो फंड का इस्तेमाल केवल सिल्वर या फिर सिल्वर रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट में किया जाएगा. म्यूचुअल फंड कंपनी इस फंड का इस्तेमाल शॉर्ट टर्म में किसी बैंक में जमा कर भी कर सकती है.

सिल्वर ईटीएफ का सीधा मतलब है कि जैसे लोग स्टॉक को खरीदते और बेचते हैं, वैसे ही सिल्वर ईटीएफ की खरीद-बिक्री भी हो सकेगी. इससे सिल्वर में कमाई के मौके बढ़ जाएंगे. शेयर या स्टॉक में भी यही होता है कि कोई निवेशक जैसे फायदे का सौदा देखता है, वह बेचकर मुनाफा कमा लेता है. सिल्वर ईटीएफ के साथ भी ऐा ही होगा.

अगर फिजिकल सिल्वर घऱ में रखते हैं तो उसे बेचने के लिए किसी सोनार या ज्वेलरी की दुकान में जाना होगा. सोनार अखबार में चांदी की रेट देखेगा या बुलियन देखकर आपकी चांदी का हिसाब लगाएगा. फिर बिक्री होने पर आपके सिल्वर ETF हाथ में पैसे आएंगे. सिल्वर ईटीएफ में तो झट से बिकवाली और झट से कमाई का पैसा जेब में आ सकता है.

चांदी में निवेश से होगी आपकी ‘चांदी’, अगली दिवाली तक मिलेगा 52 फीसदी तक का बंपर रिटर्न

बिजनेस डेस्क | दिवाली पर्व पर सोने और चांदी में उछाल देखने को मिला है जबकि दुनिया की अर्थव्यवस्था महंगाई और मंदी से जूझ रही है. विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में सोना- चांदी पर दबाव जरुर है लेकिन अगले साल इसमें अच्छी तेजी दर्ज हो सकती है. महंगाई को देखते हुए यह निवेश का सुरक्षित ऑप्शन भी है. Kedia Commodity के डायरेक्टर अजय केडिया सोना और चांदी को लेकर काफी बुलिश हैं. उनका मानना है कि अगली दिवाली तक चांदी 52 प्रतिशत का रिटर्न दे सकती हैं जबकि सोना 11 प्रतिशत तक रिटर्न दे सकता है.

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इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सिल्वर की डिमांड

अजय केडिया ने कहा कि ग्रीन टेक्नोलॉजी में चांदी की जरूरत होती है. हाल ही में 5G लॉन्च किया गया है. टेलीकॉम कंपनियां 5जी टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर उत्सुक हैं. टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5जी टेक्नोलॉजी में सिल्वर बहुत ही महत्वपूर्ण कंपोनेंट होगा. इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेगमेंट से भी चांदी की बंपर मांग आ रही है. इसके कारण आने वाले दिनों में चांदी में बड़ी तेजी आएगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी बनाने में चांदी की जरूरत होती है. हर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में 25-50 ग्राम चांदी प्रयोग में लाई जाती है.

डिजिटल सिल्वर और सिल्वर ETF

डिजिटल गोल्ड की तरह डिजिटल सिल्वर को लेकर भी तेजी से क्रेज बढ़ रहा है. इसके अलावा SEBI भी सिल्वर ETF को तेजी से मंजूरी दे रहा है. सिल्वर की डिमांड इंडस्ट्रियल है. आर्थिक गतिविधियों के ट्रैक पर लौटने से इंडस्ट्रियल डिमांड भी बढ़ेगी. इससे चांदी की कीमत को मजबूती मिलेगी.

8200 टन रह सकतीं हैं चांदी की मांग

इस साल ग्लोबल सिल्वर डिमांड 1.10 बिलियन आउंस रहने की उम्मीद है, जबकि सप्लाई 1.03 बिलियन आउंस रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सिल्वर की डिमांड पिछले साल के मुकाबले तीन गुना बढ़कर 8200 टन रह सकतीं है.

अगली दिवाली पर यहां तक पहुंच सकता है सोना- चांदी

एक्सपर्ट का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार के कारण चांदी की मांग में तेजी आएगी. इसके अलावा दुनिया महंगाई और मंदी के दौर से गुजर रही है. ऐसे में हेजिंग के लिए सोना और चांदी की मांग बढ़ेगी. अगले साल तक सोना 56000 रुपए प्रति दस ग्राम के सिल्वर ETF स्तर तक पहुंच सकता है. 50500 रुपए के स्तर सिल्वर ETF पर एंट्री की सलाह होगी. चांदी 85000 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच सकती है. 56000 रुपए के स्तर पर खरीद की सलाह होगी.

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