संकेतक मानक

बार चार्ट सिग्नल लाइन और एमएसीडी लाइन के बीच की दूरी को प्रदर्शित करता है। यह मूल्य आंदोलन की दिशा के आधार पर शून्य रेखा के सापेक्ष अपनी ध्रुवीयता को बदलता संकेतक मानक है। यदि कीमत ऊपर की ओर जाती है तो बार चार्ट बेसलाइन से ऊपर होता है। यदि यह नीचे की ओर जाता है तो बार चार्ट इसके नीचे होता है। एमएसीडी बारचार्ट को अन्यथा हिस्टोग्राम के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह उस प्रकार का चार्ट है जिसका वह उपयोग करता है।
सेंसेक्स 108 अंक चढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर, निफ्टी में मामूली बढ़त
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार अबतक के उच्चस्तर पर कारोबार कर रहा है…। हालांकि, घरेलू वृहत आर्थिक संकेतक और एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) का निवेश अनुकूल है, लेकिन उच्च मूल्य को देखते हुए घरेलू बाजार में अल्पकाल से मध्यम अवधि में सतर्क रुख देखने को मिल सकता है।’’
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘बाजार सीमित दायरे में रहा। कारोबार समाप्त होने से पहले चुनिंदा लिवाली से सूचकांक बढ़त में रहे। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में रुख हल्का रहा जिसके कारण स्थानीय कारोबारियों ने कारोबार सतर्क रुख के साथ किया।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे जबकि जापान का निक्की बढ़त में रहा।
आर्थिक संकेतक
आर्थिक संकेत (economic indicator) उन आंकड़ों को कहते हैं जो आर्थिक क्रियाकलाप का संख्यात्मक मान प्रस्तुत करते हैं। उदाहरण- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन, सकल घरेलू उत्पाद, बेरोजगारी दर, शेयर सूचकांक, आदि। आर्थिक संकेतकों की सहायता से आर्थिक निष्पादन (परफॉर्मैंस) का पता चलता है और भविष्य के आर्थिक निष्पादन का आकलन किया जा सकता है। .
थोक मूल्य सूचकांक
थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) एक मूल्य सूचकांक है जो कुछ चुनी हुई वस्तुओं के सामूहिक औसत मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। भारत और फिलीपिन्स आदि देश थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन को महंगाई में परिवर्तन के सूचक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। संकेतक मानक किन्तु भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका अब उत्पादक मूल्य सूचकांक (producer price index) का प्रयोग करने लगे हैं। .
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ) GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): "सकल" का अर्थ है सकल घरेलू उत्पाद में से पूंजी शेयर के मूल्यह्रास को घटाया नहीं गया है। यदि शुद्ध निवेश (जो सकल निवेश माइनस मूल्यह्रास संकेतक मानक है) को उपर्युक्त समीकरण में सकल निवेश के स्थान पर लगाया जाए, तो शुद्ध घरेलू उत्पाद का सूत्र प्राप्त होता है। इस समीकरण में उपभोग और निवेश अंतिम माल और सेवाओ पर किये जाने वाले व्यय हैं। समीकरण का निर्यात - आयात वाला भाग (जो अक्सर शुद्ध निर्यात कहलाता है), घरेलू रूप से उत्पन्न नहीं होने वाले व्यय के भाग को घटाकर (आयात) और इसे फिर से घरेलू क्षेत्र में जोड़ कर (निर्यात) समायोजित करता है। अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर्च.
सुखी ग्रह सूचकांक
'सुखी ग्रह सूचकांक' (Happy Planet Index / HPI) एक सूचकांक है जिसे २००६ में विश्व आर्थिक मंच ने शुरु किया। इस सूचकांक की गणना किसी देश के लोगों के सौख्य (well-being) तथा वहाँ के पर्यावरण को ध्यान में रखकर की जाती है। श्रेणी:सौख्य सूचकांक श्रेणी:टिकाऊपन से संबन्धित सूचकांक.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गये सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के औसत मूल्य को संकेतक मानक मापने वाला एक सूचकांक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना वस्तुओं एवं सेवाओं के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है। वस्तुओं एवं सेवाओं का यह मानक समूह एक औसत शहरी उपभोक्ता द्वारा खरीदे जाने वाली वस्तुओ का समूह होता है। जनवरी २०१५ मेंआधार वर्ष में हुए सुधार के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का नवीनतम आधार वर्ष २०१२ को माना संकेतक मानक जाने लगा है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आँकड़े केन्द्र सरकार के सांिख्यकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक आधार पर प्रतिमाह जारी किए जाते हैं। इस सूचकांक हेतु वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य संबंधी आँकड़े राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन NSSO द्वारा चुनिंदा शहरों से संग्रहित किए जाते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आँकड़ों का संग्रहण डाक विभाग द्वारा किया जाता है। .
एमएसीडी कैसे काम करता है? इस प्रसिद्ध संकेतक के 3 घटकों को कैसे पढ़ें
हमने अपने ब्लॉग पर पहले ही कई तकनीकी विश्लेषण टूल का वर्णन किया है। एमएसीडी कैसे काम करता है? हम अब इस सूचक के बारे में बात करेंगे। एमएसीडी ('मकड़ी') संकेतक लगभग 50 साल पहले गेराल्ड एपेल द्वारा विकसित किया गया था। लेखक का आधार एक संकेतक बनाना था जो शेयर बाजारों में एक प्रवृत्ति की ताकत और दिशा को मापता था।
एमएसीडी संकेतक वर्तमान प्रवृत्ति इसकी ताकत और इसके उलट होने की संभावना को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें एमएसीडी लाइन, एक सिग्नल लाइन और बार चार्ट शामिल हैं। हम संकेतक के इन 3 घटकों पर एक-एक करके चर्चा करेंगे।
एमएसीडी लाइनें
एमएसीडी लाइन
एमएसीडी लाइन अलग-अलग अवधि वाले दो ईएमए मूविंग एवरेज के बीच का अंतर दिखाती है। जब एमएसीडी लाइन शून्य रेखा को पार करती है तो यह इंगित करती है कि इस समय उनके बीच कोई अंतर नहीं है।
आप एमएसीडी संकेतक कैसे पढ़ते हैं?
एमएसीडी को पढ़ने के लिए संकेतक के अलग-अलग घटकों को पढ़ना है। प्रत्येक घटक वर्तमान बाजार की स्थिति के बारे में जानकारी देता है। मानक संकेतक सेटिंग्स 12,26 और 9 हैं। ये भी अनुशंसित सेटिंग्स हैं, अधिकांश व्यापारी उनका उपयोग करते हैं और वे सबसे अच्छा काम करते हैं।
आप बदल सकते हैं संकेतक सेटिंग्स एमएसीडी और सिग्नल लाइन मूविंग एवरेज के लिए अवधि निर्धारित करने के लिए जो मोमबत्तियों की संख्या में मापा जाता है।
एमएसीडी सेटिंग्स
जब सिग्नल लाइन ऊपर की दिशा में एमएसीडी लाइन को काटती है तो यह मूल्य वृद्धि की संभावना होती है। इसके विपरीत, जब सिग्नल लाइन नीचे की दिशा में एमएसीडी लाइन को काटती है तो यह संकेतक मानक मूल्य में कमी की संभावना को इंगित करती है। एमएसीडी संकेतक का मुख्य लाभ इसकी दक्षता और सरलता है। हम आपको पीएसएआर के साथ एमएसीडी का संयोजन के बारे में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
अधिगम संकेतक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार सीखने के संकेतक से अभिप्रायः ऐसे प्रतिमानों, सूचकों से है, जो सीखी गई बात अथवा कार्य की ओर इशारा करे । दूसरे शब्दों में, सीखने के संकेतक शिक्षण अधिगम (सिखाने- सीखने) प्रणाली एवं सीखने की प्रक्रिया में आई प्रगति के संकेतक मानक चिह्न रूप हैं । होता है । विषय-वस्तु, अध्यापक केवल मार्ग-दर्शन अथवा सहायक का कार्य करते हैं ।
इसे सुनेंरोकेंगुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मतलब ऐसी शिक्षा से हैं जो अपने निर्माण के उद्देश्यों के अच्छी तरह समझती हो और आपके लिए फायदेमंद है। अगर आधुनिक युग की बात की जाएं संकेतक मानक तो किसी भी देश की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण कहना गलत होगा। वर्तमान की शिक्षा अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करने में असफल रही हैं।
शिक्षा में गुणवत्ता के मानक से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंहम इस नारेबाज़ी से अलग हटकर इस मुद्दे को देख पाएं, इसीलिए इस पोस्ट में हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (quality education) को समझने का प्रयास कर रहे हैं। आसान शब्दों में, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संकेतक मानक का मतलब ऐसी शिक्षा है जो हर बच्चे के काम आये। इसके साथ ही हर बच्चे की क्षमताओं के संपूर्ण विकास में समान रूप से उपयोगी हो।”
पढ़ना और समझना क्या है?
इसे संकेतक मानक सुनेंरोकेंवास्तव में पढ़ना-लिखना साथ-साथ चलने वाली प्रक्रियाएँ हैं और इस पर समग्रता में ही काम होना चाहिए। इन उद्देश्यों को ध्यान में रखकर काम करने के लिए ज़रूरी है कक्षा की प्रक्रियाओं में बच्चों के साथ पाठ्य सामग्री पर चर्चा और उन्हें पाठ के साथ पूर्व-ज्ञान व अनुभवों को जोड़ने के मौके देना।
इसे सुनेंरोकेंआसान शब्दों में, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मतलब ऐसी शिक्षा है जो हर बच्चे के काम आये। इसके साथ ही हर बच्चे की क्षमताओं के संपूर्ण विकास में समान रूप से उपयोगी हो।”
पूर्ण शिक्षा से क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंभारत में प्रत्येक लड़की और लड़के को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पाने का मौलिक अधिकार है -ऐसी शिक्षा जो बुनियादी पढ़ाई-लिखाई और गणना कौशल अर्जित करने में उनकी मदद करेचाहे वहकहीं सेभी आए हों, बिना भय आनन्दपूर्वक सीखेंतथामहत्वपूर्ण महसूस करते हुए पढ़ने की प्रक्रिया में शामिल हों।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2023 जारी किया गया
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) हर साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में जारी किया जाता है। यह एक उपकरण है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु राजनीति में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। 2005 से, इसने देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मानकीकृत मूल्यांकन प्रदान किया है। यह वर्तमान में पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में देशों की प्रगति को ट्रैक करता है।
यह 59 देशों और यूरोपीय संघ के पर्यावरण प्रदर्शन की तुलना करने के लिए एक मानक ढांचे का उपयोग करता है, जो एक साथ वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 92 प्रतिशत हिस्सा है। यह सूचकांक चार श्रेणियों में 14 संकेतकों का उपयोग करके इन देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का आकलन करता है: