कॉल ऑप्शन का उदाहरण

सामान्यता आप इक्विटी को खरीद के तेज़ी की पोजिशन बनाते हैं, और बेच कर मंदी की। फ्यूचर्स में भी ऐसा ही करते हैं। लेकिन सिर्फ ऑप्शन ही आपको ये ऑप्शन देता है कि यहां आप खरीद कर तो तेजी की पोजिशन बनाते ही हैं साथ ही साथ आप बेच कर भी Bullish पोजिशन बना सकते है।
कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े कई शब्द आसानी से समझ में नहीं आते हैं.
पुट और कॉल में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल विकल्प विकल्प खरीदने की अनुमति देता है, जबकि पुट विकल्प विकल्प बेचने की अनुमति देता है। जब प्रतिभूतियों का मूल्य गिर रहा होता है तो पुट पैसा बनाता है जब कॉल अंतर्निहित संपत्ति का मूल्य बढ़ाती है, तो पैसा उत्पन्न करता है। कॉल विकल्प के मामले में संभावित लाभ असीमित है, लेकिन पुट विकल्प में ऐसा लाभ सीमित है।
ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।
ऑप्शन सेलिंग कैसे करें?
तो, इसी सोच के साथ ऑप्शन का बिकवाल ऑप्शन बेचता है।…
- प्रीमियम वाले कॉलम में जो जोड़/प्लस (+) का चिन्ह लगाया गया है वह यह बताता है कि ऑप्शन बेचने वाले (ऑप्शन राइटर) के अकाउंट में पैसा आ रहा है।
- ऑप्शन की इंट्रिन्सिक वैल्यू (एक्सपायरी पर) एक ही रहती है वह चाहे कॉल ऑप्शन का बेचने वाले के लिए हो या कॉल ऑप्शन का खरीदार के लिए।
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
कॉल और पुट क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?
क्या कॉल विकल्प और पुट विकल्प है?
इसे सुनेंरोकेंनिफ़्टी की कॉल या पुट ऑप्शन खरीदने का अर्थ है कि आपके पास निफ़्टी के कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने का विकल्प है. निफ़्टी की कॉल आपको निफ़्टी खरीदने का विकल्प देती है. निफ़्टी की पुट आपको निफ़्टी बेचने का विकल्प देती है. विकल्प का अर्थ यह है की आप चाहे तो वह कॉन्ट्रैक्ट ख़रीदे या बेचे, या फिर कुछ न करे.
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi?
इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।
शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।
कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े कई शब्द आसानी से समझ में नहीं आते हैं.
पुट और कॉल में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल विकल्प विकल्प खरीदने की अनुमति देता है, जबकि पुट विकल्प विकल्प बेचने की अनुमति देता है। जब प्रतिभूतियों का मूल्य गिर रहा होता है तो पुट पैसा बनाता है जब कॉल अंतर्निहित संपत्ति का मूल्य बढ़ाती है, तो पैसा उत्पन्न करता है। कॉल विकल्प के मामले में संभावित लाभ असीमित है, लेकिन पुट विकल्प में ऐसा लाभ सीमित है।
ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकमोडिटी मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। अगर पहले से ही फ्यूचर बाजार में खाता है तो अपने ब्रोकर को ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सहमति पत्र देना होगा। इस अकाउंट के जरिए ही निवेशक कमोडिटी एक्सचेंज में फ्यूचर या ऑप्शन में किसी सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं।
ऑप्शन सेलिंग कैसे करें?
तो, इसी सोच के साथ ऑप्शन का बिकवाल ऑप्शन बेचता है।…
- प्रीमियम वाले कॉलम में जो जोड़/प्लस (+) का चिन्ह लगाया गया है वह यह बताता है कि ऑप्शन बेचने वाले (ऑप्शन राइटर) के कॉल ऑप्शन का उदाहरण अकाउंट में पैसा आ रहा है।
- ऑप्शन की इंट्रिन्सिक वैल्यू (एक्सपायरी पर) एक ही रहती है वह चाहे कॉल ऑप्शन का बेचने वाले के लिए हो या कॉल ऑप्शन का खरीदार के लिए।
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
कॉल और पुट क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?
क्या कॉल विकल्प और पुट विकल्प है?
इसे सुनेंरोकेंनिफ़्टी की कॉल या पुट ऑप्शन खरीदने का अर्थ है कि आपके पास निफ़्टी के कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने का विकल्प है. निफ़्टी की कॉल आपको निफ़्टी खरीदने का विकल्प देती है. निफ़्टी की पुट आपको निफ़्टी बेचने का विकल्प देती है. विकल्प का अर्थ यह है की आप चाहे तो कॉल ऑप्शन का उदाहरण वह कॉन्ट्रैक्ट ख़रीदे या बेचे, या फिर कुछ न करे.
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi?
इसे सुनेंरोकेंएक call options एक कॉल ऑप्शन का उदाहरण ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।
शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।
पुट कॉल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।
मार्जिन मीन्स क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंMARGIN MEANING IN HINDI – EXACT MATCHES उदाहरण : जब कोई वस्तु किश्तों में खरीदी जाए तो उस पर लगाए जाने वाली अतिरिक्त राशि।
क्या कॉल विकल्प और पुट विकल्प है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल के खरीदार को एक तय तरीख और निश्चित मूल्य पर अंडरलाइंग स्टॉक खरीदने का अधिकार मिलता है. पुट में खरीदार को शेयरों को बेचने का अधिकार मिलता है. कॉल बेचने वाले विक्रेता को खरीदार से प्रीमियम मिलता है. इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े कई शब्द आसानी से समझ में नहीं आते हैं.
पुट और कॉल में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंकॉल विकल्प विकल्प खरीदने की अनुमति देता है, जबकि पुट विकल्प विकल्प बेचने की अनुमति देता है। जब प्रतिभूतियों का मूल्य गिर रहा होता है तो पुट पैसा बनाता है जब कॉल अंतर्निहित संपत्ति का मूल्य बढ़ाती है, तो पैसा उत्पन्न करता है। कॉल विकल्प के मामले में संभावित लाभ असीमित है, लेकिन पुट विकल्प में ऐसा लाभ सीमित है।
शेयर मार्केट में कॉल ऑप्शन क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंएक call options एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीदार के पास एक मुख्य स्टॉक की एक विशेष मात्रा को बिना किसी बाध्यता के पूर्व निर्धारित मूल्य पर खरीदने का अधिकार है। जब ट्रेडर्स को यह उम्मीद होती है कि प्राइस ऊपर बढ़ सकती है तो वे call option में एक लॉन्ग पोजीशन ले सकते हैं।
शेयर मार्केट में ऑप्शन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
आज हम जानेंगे -
शेयर बाज़ार क्या होता है ?
दोस्तो इसके पहले भी हम शेयर बाजार के बारे में विस्तार से यहां बता चुके हैं, ज्यादा जानने के लिए आप यहाँ क्लिक करे।
शेयर बाजार कैसे काम करता है ?
शेयर बाजार में ट्रेड करने के लिए भारत में 2 प्रचलित एक्सचेंज हैं, NSE और BSE। इन दोनों ही एक्सचेंज में इलेक्ट्रॉनिक तरीको से शेयर्स का आदान प्रदान चंद सेकण्ड्स से भी कम समय में हो जाता है। शेयर बाजार निष्पक्ष तरीके से कॉल ऑप्शन का उदाहरण चले इसके लिए एक्सचैंजेस को इस तरीके से प्रोग्राम किया गया है कि यहाँ किस व्यक्ति ने किस से शेयर लिए हैं या बेचे हैं, ये जानकारी किसी को भी नहीं पता होती हैं। सिर्फ ब्लॉक डील्स जैसी बड़ी डील्स एक्सचेंज कि इजाजत से दो पार्टी मध्य ट्रांसफर कर सकती हैं।
शेयर बाजार क्या होता है और कैसे काम करता है इन दोनों ही टॉपिक के ऊपर हम अपने पहले के पोस्ट में डिटेल्स में बता चुके हैं आप कृपया दी गयी Link के माध्यम से जानकारी ले सकते हैं।
Call Option ( कॉल ) -
कॉल ऑप्शन का उपयोग तेजी और मंदी दोनों कि दिशा में इस्तेमाल किया जा सकता है। CE के जरिये तेजी करने में आपको कॉल ऑप्शन Buy करना होता है। और कॉल ऑप्शन से ही मंदी कि पोजीशन बनानी हो तो आपको कॉल ऑप्शन बेचना होता है।
वैसे आपको बता दे कि ऑप्शन का उपयोग Hedge के तौर पर या इन्शुरन्स के रूप में उपयोग में लाने के लिए बनाया गया था। परन्तु आज कल लोग जल्दी पैसा बनाने के लिए ऑप्शन का उपयोग ट्रेड में करने लगे हैं।
कॉल Option कब खरीदे ?
जब कभी आप को स्टॉक या इंडेक्स के ऊपर जाने का अंदेशा हो लेकिन आपके पास पैसे कम हो तो आप कॉल ऑप्शन Buy करके स्टॉक/इंडेक्स में तेजी बना सकते हैं।
अब आपका एनालिसिस कहता है कि ABC स्टॉक 110 तक जाने कि सम्भावना है, लेकिन आपसे पास अभी पैसा कम है | और आपको इस ABC स्टॉक में ट्रेड भी लेना है तब आप ऑप्शन के जरिये बेहद ही कम पैसो में ABC में आने वाली तेजी का फायदा उठा सकते हैं।
इसके लिए आप 110 की कॉल जो कि लगभग 15-20 रु में ट्रेड कर रही हो को BUY करे और यदि आपका एनालिसिस सही जाता है, और स्टॉक कुछ ही समय में 110 के ऊपर निकल जाता है तो तब तक आपके 110CE कॉल का दाम लगभग 40-50 तक आ चूका होगा। प्रीमियम का दाम स्टॉक के VIX के साथ और भी कई फैक्टर में निर्भर करता है।
जैसा कि आप ने ऊपर उदाहरण में देखा की कि किस प्रकार ऑप्शन में चंद पैसा दे कर आप किस तरह से बड़ा मुनाफा कर सकते हैं।
कॉल Option कब बेचे ?
जब कभी आपको स्टॉक या इंडेक्स के नीचे जाने या ऊपर ना आने का अंदेशा हो तब आप कॉल ऑप्शन को बेच सकते हैं। यहाँ आपको ट्रेड लेने के लिए ज्यादा पैसे भरने पड़ते हैं, जिसके कारण आप कम पैसो में बड़ी पोजीशन नहीं ले सकते। इसलिए Sell करके बड़ा ROI नहीं बनाया जा सकता।
मान ले कि ABC स्टॉक में आप ट्रेड लेना चाहते हैं जिसका CMP 100 है। अब आपका एनालिसिस कहता है कि ABC स्टॉक 100 के ऊपर नहीं जाएगा और 90 तक गिर सकता हैं तब आप सीधे 100 का कॉल sell कर मंदी की पोजीशन बना सकते हैं।
मान लीजिये आपके ट्रेड लेते वक़्त 100CE का भाव 20रु चल रहा था और यदि स्टॉक का दाम एक्सपायरी तक 100 के नीचे ही रहता है तो आपको 100CE की प्रीमियम कि पूरी राशि मिल जायेगी।