स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म

उपलब्ध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म - वे कितने बदल गए हैं?
पिछले कुछ दशकों में, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बहुत बदल गए हैं। एक बार, वे सॉफ्टवेयर के बहुत ही सरल टुकड़े थे जहां निवेशक व्यापार कर सकते थे। आज, वे बहुत जटिल हैं और न केवल वास्तविक व्यापार प्रक्रिया के लिए बनाए गए हैं बल्कि जटिल बाजार विश्लेषण के लिए भी उपयोग किए जा सकते हैं।
2004-2005 से पहले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की दुनिया में सब कुछ काफी सरल था। लेकिन, तब मेटाक्वाट्स ने अपना सफल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, मेटाट्रेडर 4 और विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार जारी किया, और जिस तरह से लोग इसे देखते हैं वह हमेशा के लिए बदल गया है।
न केवल यह करना बहुत आसान हो गया है व्यापार मुद्रा जोड़े मेटा ट्रेडर 4 के रिलीज होने के बाद, लेकिन यह बहुत अधिक फायदेमंद हो गया है। इसके लिए काफी आसान व्याख्या है। मेटाट्रेडर 4 ने विदेशी मुद्रा व्यापारियों को न केवल व्यापारिक पदों को खोलने और बंद करने की अनुमति दी है, बल्कि बाजार में मूल्य आंदोलनों के बारे में अपने विचारों को दोबारा जांचने के लिए बहुत जटिल एल्गोरिदम का भी उपयोग किया है।
तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके, जो सीधे चार्ट में जोड़े जाते हैं, व्यापारी बाजार के प्रमुख रुझानों को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम होते हैं, साथ ही उन रुझानों के संभावित उलट भी। जबकि 2004 में मेटाट्रेडर 4 मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए था, तब से यह बहुत स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म बदल गया है।
5 में मेटा ट्रेडर 2010 के रिलीज होने के बाद, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अन्य वित्तीय बाजारों के लिए भी किया जाने लगा। इसमें स्टॉक, इंडेक्स, सीएफडी, क्रिप्टो और कई अन्य शामिल हैं। ये दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, जबकि एक दूसरे के समान हैं, अभी भी पूरी तरह से अलग प्लेटफॉर्म हैं और अधिकांश विदेशी मुद्रा दलालों द्वारा व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म के रूप में पेश किए जाते हैं।
बाजार में कई विदेशी मुद्रा दलाल उपलब्ध हैं जो इन दो व्यापारिक प्लेटफार्मों में से कम से कम एक की पेशकश करते हैं। जबकि कई इन दोनों की पेशकश करते हैं, अन्य केवल एमटी 4 या एमटी 5 की पेशकश करते हैं।
जिन दलालों ने मेटाक्वाट के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से किसी एक को व्यापक रूप से अपनाया है, उनमें क्लिकट्रेड्स हैं। उनके बहुत विस्तृत के रूप में व्यापार समीक्षा पर क्लिक करें इंगित करता है, दलाल व्यापारियों को केवल मेटा ट्रेडर 4 प्रदान करता है। यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए, हालांकि, एमटी 4 विश्व स्तर पर सबसे अधिक अपनाया जाने वाला ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है।
लेकिन, ये दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म केवल वही नहीं हैं जिन्होंने लोगों के व्यापार करने के तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया है। ऐसे कई अन्य कार्यक्रम हैं जिन्होंने लोगों के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को देखने के तरीके को बदल दिया है। MT4 और MT5 उस विशाल परिवर्तन के दो बेहतरीन उदाहरण हैं जो पिछले कुछ वर्षों में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने अनुभव किया स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म है।
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कैसे बदल गए
दो दशक पहले और आज के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बीच सबसे बड़ा अंतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का उद्देश्य है। एक बार, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का एकमात्र उद्देश्य पोजीशन को खोलना और बंद करना था। आज, यह कहीं भी सच्चाई नहीं है।
आधुनिक व्यापारी हैं ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करना न केवल ओपन और क्लोज पोजीशन बल्कि वित्तीय बाजारों का विश्लेषण करने के लिए भी। आइए विदेशी मुद्रा व्यापार के एक विशिष्ट उदाहरण पर चर्चा करें। मान लें कि आप मौलिक विश्लेषण के आधार पर एक निश्चित मुद्रा जोड़ी का व्यापार कर रहे हैं जो आपने पहले किया था लेकिन आप पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हैं कि इस जानकारी पर भरोसा करना है या नहीं।
तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करना अपने विचारों को दोबारा जांचने का एक शानदार तरीका है। आधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की बदौलत खुदरा विदेशी मुद्रा व्यापारियों के लिए तकनीकी विश्लेषण उपलब्ध हो गया। MT4 और MT5 जैसे प्लेटफॉर्म व्यापारियों को कई विदेशी मुद्रा व्यापार चार्ट प्रदान करते हैं। ये चार्ट बाजार के बारे में पिछली जानकारी प्रदर्शित करने में सक्षम हैं।
कुछ ही क्लिक में, आप अपने चार्ट में विशेष तकनीकी संकेतक जोड़ सकते हैं। ये संकेतक चार्ट पर मूल्य आंदोलनों का उपयोग गति, प्रवृत्तियों और विभिन्न प्रकार के मूल्य स्तरों को खोजने के लिए कर रहे हैं। कुछ संकेतक आपको समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के बारे में जानकारी भी दे सकते हैं जो व्यापार करते समय काफी उपयोगी हो सकते हैं।
साथ ही, कुछ संकेतक आपको प्रवृत्तियों में संभावित आगामी परिवर्तनों के बारे में जानकारी भी दे सकते हैं, जिन्हें रिवर्सल कहा जाता है। यदि ये संकेतक बाजार की दिशा के बारे में आपके विचारों की पुष्टि करते हैं, तो आप बहुत अधिक आत्मविश्वास के साथ ऑर्डर कर सकते हैं।
कुछ ब्रोकर कस्टम प्लेटफॉर्म की पेशकश क्यों करते हैं?
जबकि कई हैं विदेशी मुद्रा व्यापार मंच , जैसे MT4, MT5, NinjaTrader, cTrader, और कई अन्य, अभी भी कुछ विदेशी मुद्रा दलाल हैं जो स्वयं का एक मंच बनाने का निर्णय लेते हैं। यह बाजार में एक बहुत ही आम प्रथा है।
इस फैसले के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक विदेशी मुद्रा दलाल हो सकता है जिसके पीछे टीम यह मानती है कि उपलब्ध ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से कोई भी उनके विचारों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
दूसरी ओर, कारण थोड़ा कम खास हो सकता है - पैसे से जुड़ा। आप देखते हैं, MT4 और MT5 जितने उपयोगी हैं, उनके अपनाने से दलालों को कुछ पैसा मिल सकता है, और हर दलाल उसके लिए इतना पैसा देने को तैयार नहीं होता है।
बल्कि, ये कंपनियां अपना खुद का प्लेटफॉर्म बनाना पसंद कर सकती हैं। इस तरह, वे अपने विचारों के अनुसार प्लेटफॉर्म को बेहतर ढंग से अनुकूलित कर सकते हैं।
मोबाइल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म
पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय बाजारों में कई चीजें बदली हैं, लेकिन एक चीज जो वास्तव में आश्चर्यजनक है वह है मोबाइल ट्रेडिंग। इन अनुप्रयोगों के लिए धन्यवाद, व्यापारी पूरे दिन अपने कंप्यूटर के सामने बैठने की आवश्यकता के बिना वित्तीय बाजारों के संपर्क में रह सकते हैं।
अधिकांश आधुनिक विदेशी मुद्रा दलाल व्यापारियों को मोबाइल ट्रेडिंग तक पहुंच प्रदान करते हैं, और यह उन व्यापारियों के लिए विशेष रूप से अच्छा हो सकता है जो लगातार चलते रहते हैं। आधुनिक विदेशी मुद्रा व्यापार अनुप्रयोगों का उपयोग करके, इन व्यापारियों को समय पर घर पहुंचने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि वे कहीं से भी व्यापार कर सकते हैं।
विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए मोबाइल एप्लिकेशन दुनिया भर के व्यक्तिगत विदेशी मुद्रा दलालों द्वारा पेश किए जाते हैं। ज्यादातर मामलों में, इन अनुप्रयोगों में से अधिकांश वास्तविक विदेशी मुद्रा व्यापार मंच जो कुछ भी कर सकते हैं वह करने में सक्षम हैं।
पिछले कुछ वर्षों में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बहुत बदल गए हैं और विकसित हुए हैं। न केवल मजबूत हो गए, बल्कि उनका उपयोग करना भी बहुत आसान हो गया। फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स ने जो परिवहन देखा, वह पूरे बाज़ार के आगे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।
NSE पाठशाला के बारे में जानकारी – DEMO TRADING
आज के इस पोस्ट में मै आपसे NSE की तरफ से आम निवेशको को दी जाने वाली इसी सुविधा के बारे में थोड़े डिटेल में बात करूँगा, तो अगर आप NSE पाठशाला द्वारा दी जाने वाली इस एजुकेशनल (शैक्षणिक) प्लेटफार्म के बारे में जानना चाहते है, तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े,
आइये बात करते है, NSE पाठशाला वास्तव में क्या है ?
NSE पाठशाला क्या है ?
अगर सीधे सीधे कहा जाये तो – NSE पाठशाला एक डेमो ट्रेडिंग प्लेटफार्म है, जहा आप लाइव मार्केट के सौदे डेमो मोड में कर सकते है,
यानि , आपको बिना अपने बैंक अकाउंट से पैसे निकाले ही सिर्फ ट्रेडिंग को सीखने और समझने के उद्देश्य से आप इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते है, जहा आपको वर्चुअल (काल्पनिक) रूप से आपके ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ पैसे क्रेडिट कर दीये जाते है, और आप उस पैसे से जो स्टॉक चाहे खरीद सकते है और उसे बेच भी सकते है,
ध्यान दीजिए कि ये सब कुछ सिर्फ और सिर्फ सीखने के मकसद से किया जाता है, और आपके अकाउंट में क्रेडिट होने वाला पैसा नकली होता है,
इस तरह आप देखेंगे कि –
NSE पाठशाला एक ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग को अच्छी तरह से सिखने और समझने के लिए, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से दी जाने वाली एक वर्चुअल लाइव मार्केट में दी जाने वाली ट्रेडिंग प्लेटफार्म की सुविधा है,
जिस तरह आप जब किसी स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोलते है, तो आपको ब्रोकर की तरफ से स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म का USER ID और PASSWORD दिया जाता है, और आप इस यूजर आईडी और पासवर्ड की हेल्प से लाइव ट्रेडिंग कर पाते है,
NSE पाठशाला में भी आप अपना फ्री रजिस्ट्रेशन करके, आप डेमो ट्रेडिंग करना सीख सकते है,
NSE पाठशाला का फायदा
अगर आप मार्केट में नए है तो कई बार सीधे सीधे लाइव ट्रेडिंग करना बहुत जोखिम भरा हो जाता है, और सीखने सीखने में ही आपके काफी पैसे का नुकसान हो जाता है,
तो इस तरह की प्रॉब्लम से बचने के लिए, आप NSE पाठशाला द्वारा दी जाने वाली VIRTUAL TRADING प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके, आप डेमो ट्रेडिंग में काफी कुछ पहले ही सिख सकते है, और इस तरह सीधे सीधे लाइव ट्रेडिंग करने में होने वाले नुकसान से बच सकते है,
तो इस तरह NSE पाठशाला का सबसे बड़ा फायदा है कि – आप स्टॉक मार्केट और इसके सौदे के बारे में अपनी ज्ञान का टेस्ट ले सकते है, आप देख सकते है कि कैसे आप अगर यही सौदा लाइव मार्केट में करेंगे तो आपको कितना फायदा या नुकसान हो सकता है,
स्टॉक मार्केट में डेमो ट्रेडिंग बहुत फायदेमेंद है
जैसे मैंने पहले कहा – कई लोग सीधा सीधा स्टॉक मार्केट में लाइव मार्केट में बिना कीसी खास अनुभव के ट्रेड करना शुरू कर देते है,
और कई बार कोइ बड़ा नुकसान हो जाने पर वो परेशांन हो जाते है,
स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले आपको काफी कुछ सिखने समझने और लाइव मार्केट में ट्रेडिंग की प्रैक्टिस करनी होती है, और इस लिहाज से NSE पाठशाला द्वारा दी जाने वाली इस डेमो ट्रेडिंग प्लेटफार्म का लाभ उठा कर आप मार्केट में काफी कुछ सिख सकते है,
आप देख सकते है कि – आपकी नॉलेज कितनी है, आपका किसी स्टॉक के भाव के बारे में जो सोच रहे है वह कितना सही और कितना गलत है,
तो इस तरह NSE पाठशाला द्वारा दी जा रही इस डेमो ट्रेडिंग के बहुत सारे फायदे है, और उसमे सबसे बड़ा फायदा यही है कि – लाइव मार्केट में अनुभव की कमी और इस वजह से किसी निवेशक द्वारा शुरुआत में होने किसी बड़े नुकसान से बड़ी आसानी से बचा जा सकता है,
तो अब अगर आप भी चाहते है कि – बिना किसी जोखिम को उठाये और अपने मेहनत के कमाए पैसे को सीधा सीधा लाइव स्टॉक मार्केट में लगाये पहले अपनी स्टॉक मार्केट के बारे में जानकरी और अनुभव की जांच कर ले, तो इसके लिए आप NSE पाठशाला की डेमो ट्रेडिंग का लाभ उठा सकते है,
आइये अब जानते है कि – आप NSE पाठशाला की लाइव डेमो स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को कैसे इस्तेमाल कर सकते है –
NSE पाठशाला में कैसे ट्रेड की शुरुआत करे ?
NSE पाठशाला में ट्रेड की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको अपना एक अकाउंट रजिस्ट्रेशन करना होता है,
आपको सबसे पहले https://www.nseindia.com/NP/nse_paathshaala.htm पर जाना होता है, वहा पर आपको अलग अलग विकल्प मीलते है,
अगर आप नए है तो आप NEW USER रजिस्ट्रेशन करना होता है,
पुरे प्रोसेस के लिए आप इस पीडीऍफ़ फाइल को जरुर पढ़े, जो NSE पाठशाला की तरफ से ही दी गई है,
तो आज के इस पोस्ट में हमने NSE PATHSHALA के बारे और स्टॉक मार्केट में डेमो ट्रेडिंग के फायदों के बारे में जाना, अगर आपके मने में इस पोस्ट से जुड़े कुछ सवाल हो तो आप कमेंट करके जरुर पूछे, मै आपके सवालों का जवाब देने की जरुरी कोशीश करूंगा,
संकट में हैं मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज
पंकज भारती, इंदौर। सेबी की गाइडलाइन को पूरा नहीं कर पा रहा है मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज, एमपीएसई के पास अपनी साख बचाने के लिए मात्र एक साल का समय शेष। नए नियमों के तहत नेटवर्थ सौ करोड़ रुपए व टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए करना है क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को।
मध्यभारत के एकमात्र क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज इंदौर स्थित मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज लि. (एमपीएसई) आने वाले समय में अतीत के पन्नों में खो सकता है। इसका कारण यह है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने लगभग दो साल पहले देश के क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। सेबी ने अपनी गाइडलाइन में क्षेत्रीय एक्सचेंजों की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए व टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए करने की बात कही हैं।
इसके लिए एमपीएसई सहित देश के अन्य क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों को तीन साल का समय प्रदान किया गया था। पिछले दो सालों में एमपीएसई ने अपने को सेबी की गाइडलाइल के अनुरूप लाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन इस काम में उसे अब तक सफलता नहीं मिली है। अब मात्र एक साल का समय शेष है जिसे देखते हुए एमपीएसई ने सेबी से यह समय सीमा 4 साल और बढ़ाने की मांग की है।
गौरतलब है कि पिछले एक दशक से ट्रेडिंग से महरूम रहने के बाद एमपीएसई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) व बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) दोनों के साथ रणनीतिक भागीदारी वाले समझौतों पर दस्तखत करने के साथ ही सेक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) धारा 13 के तहत कारोबार नियमन की मंजूरी भी प्राप्त की थी।
इसके पश्चात गत 25 अक्टूबर 2011 को एमपीएसई में लिस्टेड 6 कंपनियों के शेयरों में परमिटेड कैटेगरी के तहत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर कारोबार प्रारंभ किया था। फिलहाल एमपीएसई की कुल 15 कंपनियों के शेयरों में एनएसई व बीएसई के प्लेटफार्म पर कार्य किया जा रहा है।
अन्य से भी चल रही थी बात
सेबी की नई गाइडलाइन के बाद देश के सभी क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों पर संकट के बादल मंडराने लगे है। इसके चलते एमपीएसई द्वारा अन्य क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों को साथ लेकर ट्रेडिंग करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा था। एमपीएसई के डायरेक्टर आशीष गोयल का आईनेक्सट से कहना है कि सेबी की गाइडलाइल के बाद हमारे साथ जुडऩे के लिए लगभग सभी क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों से चर्चा चल रही थी। जिसमें से कम से कम 5 रीजनल स्टॉक एक्सचेंज एमपीएसई से जुडऩे की उम्मीद थी, लेकिन अब यह चर्चा भी रोक दी गई है।
सूत्रों के अनुसार देश के 17 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों में फिलहाल एमपीएसई सबसे बेहतर स्थिति में कार्य कर रहा है। और जिन रीजनल स्टॉक एक्सचेंजों से चर्चा चल रही थी उनमें से कम से कम 5 रीजनल स्टॉक एक्सचेंज एमपीएसई से जुड़ सकते थे। जिन क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों के एमपीएसई के साथ जुडऩे की संभावना अधिक थी उनमें लुधियाना, वड़ोदरा, अहमदाबाद, भुवनेश्वर और पुणे शामिल है।
मात्र 15 फीसदी है नेटवर्थ
एमपीएसई के निदेशकों का कहना है कि फिलहाल एमपीएसई का नेटवर्थ लगभग 15 करोड़ रुपए है जो की सेबी की गाइडलाइन 100 करोड़ रुपए से काफी कम है। हालांकि एमपीएसई के पास बीएसई व एनएसई की प्लेटफार्म सुविधा उपलब्ध होने स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म से इसका टर्नओवर तो 700-800 करोड़ रुपए का है लेकिन सेबी ने अपनी गाइडलाइन में कहा था कि क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने स्वंय के प्लेटफार्म पर 1000 करोड़ रुपए का टर्नओवर दर्शाना होगा।
स्वयं के प्लेटफार्म से दे राहत
एमपीएसई के डायरेक्टर संतोष मुछाल का कहना है कि एक दशक से ट्रेडिंग से महरूम रहने के बाद एमपीएसई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) व बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) दोनों के साथ रणनीतिक भागीदारी वाले समझौतों पर दस्तखत करने के साथ ही सेक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) धारा 13 के तहत कारोबार नियमन की मंजूरी भी प्राप्त की है।
देश में एमपीएसई ही एकमात्र एक्सचेंज हैं जो बीएसई व एनएसई के प्लेटफार्म की सुविधा अपने सदस्यों को देता है तो फिर हमें अपना प्लेटफार्म तैयार करने की क्या आवश्यक्ता है। इस संबंध में एमपीएसई ने सेबी से राहत की मांग की है।
एमपीएसई के पदाधिकारियों का कहना है कि फिलहाल देश में जितने भी क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज कार्यरत हैं उनमें एमपीएसई ही एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है जिसके सदस्यों को एनएसई व बीएसई के प्लेटफार्म पर कारोबार करने की अनुमति है। एमपीएसई के अलावा देश में मद्रास व कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन मद्रास स्टॉक एक्सचेंज को सिर्फ एनएसई का प्लेटफार्म उपयोग करने की अनुमति है यहीं स्थिति कोलकाता की भी है।
क्या कहा था सेबी ने
सेबी ने 20 जून 2012 में अपनी गाइडलाइन में क्षेत्रीय एक्सचेंजों की नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए होने के साथ ही सालाना कारोबार भी कम से कम 1000 करोड़ रुपए होना आवश्यक कहा है। सेबी के अनुसार अगले 3 सालों में यदि क्षेत्रीय एक्सचेंज उक्त शर्तों को पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा। जो एक्सचेंज सेबी की यह शर्त पूरी नहीं कर सकेगा उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
289 कंपनियां लिस्टेड
1919 में प्रारंभ हुए एमपीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या 289 है। इनमे से 145 कंपनियां ऐसी हैं जो सिर्फ एमपीएसई में लिस्टेड है। इन कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग के लिए एमपीएसई में कामकज होना जरूरी है। एमपीएसई के कार्य करते रहने से इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को निश्चित तौर पर लाभ होगा। वहीं फिलहाल एमपीएसई के सदस्यों की संख्या 280 है जिसमें से 135 सदस्य सक्रिय है।
सेबी की गाइडलाइन को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमने सेबी से समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। - आशीष गोयल, डायरेक्टर, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज
एमपीएसई के पास बीएसई व एनएसई का ट्रेडिंग प्लेटफार्म उपयोग करने की सुविधा है। इसलिए हमने सेबी से स्वंय के प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग उपलब्ध कराने के नियम से राहत देने की मांग की है। हम एमपीएसई को बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। - संतोष मुछाल, डायरेक्टर, एमपीएसई
Stock Market Knowledge In Hindi स्टॉक और शेयर मार्केट में क्या अंतर है?
Stock और Share Market क्या अंतर है ज्यादातर लोग यही नहीं समझ पाते हैं. आइए जानते हैं स्टॉक मार्केट कैसे शेयर मार्केट से अलग है.
भले ही इन शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है, लेकिन वे अपने संचालन के तरीकों में भिन्नता होता है. अगर समानता की बात की जाए तो स्टॉक मार्केट एवं शेयर बाजार, एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियां अपना शेयर जारी करता है और निवेशक उसे खरीद या बेच सकता है.
यह जानकारी निवेशकों को यह अनुमान लगाने में मदद कर सकती है कि भविष्य में शेयर बाजार कैसा व्यवहार करेगा और शेयरों में निवेश करने या न करने के बारे में निर्णय ले सकता है।
अगर टेक्निकली देखा जाए तो जब कई शेयरों को एक साथ रखा जाता है, तो इसे स्टॉक कहा जाता है. एक कंपनी सीधे शेयर जारी कर सकती है, लेकिन वह इस तरह से स्टॉक जारी नहीं कर सकती है. याद रखिएगा की शेयर का मूल्य बहुत कम भी हो सकता है किंतु स्टॉक का मूल्य हमेशा ज्यादा होता है.
कंपनी के लाखों-करोड़ों शेयर को स्टॉक के तौर पर देखा जाता है, यही कारण है कि दुनिया के ज्यादातर शेयर मार्केट को स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है. भारत मैं मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज है जिसका नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है.
दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि शेयर मार्केट का सबसे बड़े प्लेटफार्म को स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है. जहां पर करोड़ों की संख्या में निवेशक निवेश करते हैं और कंपनियां अपना शेयर, स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से जारी करता है.
Stock Market Kaise Kam Karta Hai?
एक बार प्राइमरी शेयर (IPO) में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद, उनका सेकेंडरी शेयर बाजार में कारोबार किया जाता है. जहां एक निवेशक दूसरे निवेशक से मौजूदा बाजार मूल्य पर या जिस भी कीमत पर खरीदार और विक्रेता दोनों सहमत होते हैं, शेयर खरीदता है
सेकेंडरी शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज नियामक प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित होते हैं। भारत में, प्राइमरी और सेकेंडरी बाजार भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा शासित होते हैं.स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म
एक स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक ब्रोकरों को कंपनी के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों का व्यापार करने की सुविधा देता है. किसी स्टॉक को केवल तभी खरीदा या बेचा जा सकता है जब वह किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो.
इस प्रकार, यह स्टॉक खरीदारों और विक्रेताओं का मिलन स्थल है. भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं.
Stock Market Trading कैसे करते हैं?
जब कई शेयरों को एक साथ रखा जाता है, तो इसे स्टॉक कहते हैं. मार्केट वह प्लेस होता है, जहां पर शेयर या स्टॉक को बेचेया खरीदे जाते हैं. ट्रेडिंग का सीधा सा मतलब होता है कि मुनाफा लेकर के खरीद-फरोख्त करना होता है.
भारत में दो Stock Market मार्केट है जिसका नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है दूसरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है जहां पर आप ऑनलाइन Trading कर सकते हैं.
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग मुख्य तौर पर तीन प्रकार से कर सकते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है.
Intra-day Trading
इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार का स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है जो 1 दिन के ऑफिशियल आवर में पूरा कर लिया जाता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग को ही सबसे ज्यादा लोग पसंद करते हैं. हर लोग इन दिनों जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं वह सुबह सुबह कुछ शेयर को खरीद करके 3:00 बजे से पहले बेच करके बड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं.
Scalper Trading स्टॉक के लिए ट्रेडिंग प्लेटफार्म
स्कैपर ट्रेडिंग एक प्रकार का ट्रेडिंग है जिसमें कुछ ही मिनटों में शेयर एवं स्टाफ खरीदे जाते हैं और उसे बेच भी दिए जाते हैं. शेयर खरीदने हैं और बेचने के समय में मुश्किल से 10 से 15 मिनटों का अंतर होता है.
शेयर मार्केट के बड़े-बड़े दिग्गज इस तरह के ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं. इस प्रकार के ट्रेडिंग में तुरंत बहुत बड़ा फायदा होने के चांसेस होते हैं किंतु उतना ही चांस होता है कि इतना बड़ा नुकसान हो जाए. यही कारण है कि इस तरह के ट्रेडिंग में स्टॉक मार्केट के दिग्गज खिलाड़ी ही भाग लेते हैं.
Swing Trading
स्विंग ट्रेडिंग उस तरह के निवेशक के लिए सबसे अच्छा माना जाता है जो लंबे समय तक स्टॉक मार्केट में अपना निवेश रखना चाहते हैं. स्विंग ट्रेडिंग में देखा जाता है कि जिस कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा होता है उसी कंपनी के शेयर में इस तरह का ट्रेडिंग किया जाता है.
निवेशक अपने खरीदे हुए शेयरों को लंबे समय तक अपने पास रखते हैं. जब शेयरों का कीमत बढ़ जाता है तभी निवेशक उसे बेचते हैं.
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने का सही समय क्या होता है?
हमारे कुछ यूज़र पूछते हैं कि हमें शेयर कब खरीदना चाहिए और कब उसे बेच देना चाहिए? मेरा सीधा सा उत्तर होता है कि जब आपको शेयर सस्ता मिले तो उसे खरीद लीजिए. आपके द्वारा खरीदे गए शेयर का दाम अगर बढ़ जाता है तो उसे आप बेच दीजिए.
मैंने खुद शेयर मार्केट के एक बड़े एक्सपर्ट से पूछा कि, आखिरकार हमें कैसे पता चलेगा कि सस्ते शेयर का दाम आने वाले समय में उनका दाम बढ़ जाएगा?
एक्सपर्ट का उत्तर – सस्ते शेयर का दाम बढ़ेगा या नहीं यह आपको तभी पता चलेगा जब आप उनके पिछले कुछ सालों का ट्रेंड देखेंगे और उस कंपनी के एनुअल रिपोर्ट का एनालिसिस करेंगे तभी आप सही आकलन कर पाएंगे.
हमारे ज्यादातर यूजर यह सोचते हैं कि हम एक क्लिक से अपने डिमैट अकाउंट में शेर को खरीद लेते हैं और तुरंत ही एक दूसरे क्लिक पर उसे बेच देते हैं. मैं तो कहूंगा कि यह काम इतना आसान नहीं है.
स्टॉक मार्केट नॉलेज से संबंधित आर्टिकल को आपने पढ़ा होगा, जिससे आपको साफ साफ पता चल गया होगा कि आप शेयर या स्टॉक को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एवं मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं. जिसके लिए आप अपने डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कंपनी के एनुअल रिपोर्ट एवं शेयर के पिछले सालों के ट्रेंड को देख कर के आप शेयर खरीदने का फैसला ले सकते हैं. मैं मानता हूं किसी भी कंपनी के एनुअल रिपोर्ट का एनालिसिस करने के लिए आपके पास 3 से 4 घंटे का समय होना चाहिए और आपको ज्ञान भी होना चाहिए.
शेयर बाजार में ऐप से कर रहे हैं ट्रेडिंग? याद रखें ये 5 टिप्स, सेफ रहेगा आपका पैसा
Stock Market Trading Tips: कोरोना महामारी के इस दौर में शॉपिंग से लेकर इन्वेस्टमेंट तक से सभी काम अमूमन हम अब अपने स्मार्टफोन के जरिए कर रहे हैं.
Stock Market Trading Tips: कोरोनावायरस महामारी ने हर आदमी के लाइफ स्टाइल में बड़ा बदलाव ला दिया है. इसका असर शेयर बाजार में रोजमर्रा की ट्रेडिंग पर भी देखने को मिल रहा है. इस महामारी के दौर में हमारा अधिकांश कार्य डिजिटल हो गया है. शॉपिंग से लेकर इन्वेस्टमेंट तक से सभी काम अमूमन हम अब अपने स्मार्टफोन के जरिए कर रहे हैं. ट्रेड और निवेश सहित रोजमर्रा की जरूरतों के लिए टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्युशन ने हमें सशक्त बनाया है. आज के समय में यदि आप भी मोबाइल ऐप के जरिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको ट्रेडिंग सेफ रहे, इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए.
लॉगइन की जानकारी न साझा करें
अपने लॉगइन क्रेडेंशियल कभी किसी से शेयर न करें. हालांकि, यह थोड़ा फंडामेंटल लग सकता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ ट्रेडर अपने लॉगिन क्रेडेंशियल को हल्के में लेते हैं. यह बात याद रखें, न तो आपका ब्रोकर और न ही आपका बैंक (या कोई भी) कभी भी आपसे ट्रेडिंग आईडी और पासवर्ड मांगेगा. यदि कोई भी आपके पास आकर इस तरह के अनुरोध करता है, तो तुरंत इसकी सूचना सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ पुलिस को भी दें. इसी तरह, अपने क्रेडेंशियल्स को ऐसी जगह पर लिखने और स्टोर करने से बचें, जहां कोई और इसे देख सकता है.
मजबूत पासवर्ड रखें
अपने ट्रेडिंग खाते के लिए कमजोर पासवर्ड रखने से बचें क्योंकि इसे साइबरअटैकर हासिल कर सकता है. अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड का उपयोग करना आपके अकाउंट के लिए हाई सिक्युरिटी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. हालांकि, फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर इन दिनों स्वयं एक अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड अनिवार्य करते हैं. यदि वे ऐसा नहीं कर रहे तो भी आप जरूर यह सुनिश्चित करें. अपने नाम और जन्मदिन के संयोजन वाले सरल पासवर्ड का उपयोग कभी न करें.
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रूटकिट इंस्टॉलेशन कभी न रखें
कई बार पेड एप्लिकेशन का मुफ्त ओवर-द-काउंटर वर्जन मिलने पर यह आकर्षक लग सकता है. हालांकि, जैसा कि यह केस स्टॉक ट्रेडिंग का है, अगर कोई डील बहुत ही अविश्वसनीय लग रही हो, तो वह सच नहीं ही होगी. इस तरह के ओवर-द-काउंटर वर्जन में या तो एप्लिकेशन-लेवल मालवेयर (एक नुकसान पहुंचाने वाला प्रोग्राम) है या इसे रूटकिट लेवल पर तैनात किया जाता है. किसी भी स्थिति में ऐसे एप्लिकेशन आपके फोन के सुरक्षा ढांचे को दरकिनार करते हैं और आपकी क्रेडिट और अन्य संवेदनशील जानकारी को आसानी से निकाल सकते हैं. ऐसे में ये ऐप इंस्टॉल करने पर पैसा बचता कम, नुकसान ज्यादा होता है. इसे बचना चाहिए. यदि आपने ऐसा पहले किया है तो सुनिश्चित करें कि आपने अपने डिवाइस को फैक्टरी डिफॉल्ट पर रीस्टोर किया है.
सार्वजनिक जगह पर लॉगइन करने से बचें
जब भी आप किसी सार्वजनिक स्थान पर अपने अकाउंट एंटर करते हैं, तो संभावना है कि कोई व्यक्ति आपके पासवर्ड को झांककर देख सकता है. आपका कीबोर्ड उन की को सामने लाता है, जिन्हें आप लगातार टाइप करते हैं. इससे आपका अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड भी बेकार हो जाता है. इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त हॉटस्पॉट का उपयोग करने से बचें, क्योंकि वे आपके डिवाइस को साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं.
हर ट्रेड को सुरक्षित करें
ट्रेड करते समय बाजार समय-समय पर काफी अस्थिर हो सकते हैं. कोविड-19 के बाद का बाजार पूरी तरह से ऐसे ट्रेडिंग पैटर्न को दर्शा रहा है. अस्थिर अवधि के दौरान यदि आपका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मजबूत टेक्नोलॉजीकल इंफ्रास्ट्रक्चर से सपोर्टेड नहीं है तो डायनामिक लोड आपके प्लेटफार्म को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे मामलों में, आप अपने ट्रेड को पूरा नहीं कर सकेंगे और काफी हद तक नुकसान हो सकता है. इसलिए आपको हमेशा एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म/मोबाइल ऐप पर भरोसा करना चाहिए जो आपके सभी ट्रेड को सुरक्षित रखें. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ खुद को रजिस्टर करने से पहले आपको इस संबंध में अच्छी तरह से रिसर्च करना चाहिए. उन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से बचें जिन्हें तकनीकी खामियों के लिए अक्सर जाना जाता है.
(Source: Agnel Broking)
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