Bitcoin के लाभ

1. Cryptocurrency में रिवर्स का ऑप्शन नहीं होने के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वापस नहीं किया जा सकता है। अगर गलत ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को भारी नुकसान हो सकता है।
Crypto Currency क्या है - इसके फायदे और नुकसान क्या है?
आखिरकार Crypto Currency क्या है? क्यों आज के समय में क्रिप्टो करेंसी कि हर तरफ चर्चाएं हो रही है। आज लोग क्यों इस करेंसी में निवेश करना चाहते हैं। क्या सभी देश ने अपने यहां इसे कानूनी तौर पर वैध कर दिया है या अब भी कुछ देश ऐसे है जिसने cryptocurrency को कानूनी तौर पर illegal करार देते हुए अपने यहां बैन कर दिया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में crypto currency में ट्रेड या निवेश करना legal है या illegal है। आज इस लेख Bitcoin के लाभ में हम विस्तार से आपको crypto currency के बारे बताएगे।
Crypto Currency क्या है?
Crypto Currency कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी एक Digital या Virtual Currency है। यानी कि फिजिकली इसका कोई अस्तित्व नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसे किसी भी संस्था या सरकार के द्वारा नहीं संचालित नहीं किया गया है। इस करेंसी का आज तक कोई मालिक नहीं पता चला है। इसलिए यह एक decentralised currency है। एक डिजिटल करेंसी होने के कारण इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। इस करेंसी का प्रयोग किसी भी वस्तु या सर्विस का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है और वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल सिग्नेचर लिए जाते हैं।
इस करेंसी का कोई मालिक ना होने के कारण पहले इसे अवैध करार दिया गया था। लेकिन बिटकॉइन के इतने पॉपुलर होने के बाद कुछ देशों ने इसे legal कर दिया है। लेकिन आज भी ज्यादातर देश की सरकारों ने क्रिप्टोकरंसी को अपने देश में illegal कहां है।
Crypto currency कि Value
क्रिप्टो करेंसी की कोई भी फिजिकल अपीयरेंस ना होने के बावजूद भी आज इसकी वैल्यू बहुत अधिक है। शुरुआत में तो क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू बहुत कम थी। लेकिन धीरे धीरे इसकी वैल्यू बढ़ती गई और आज यह बहुत ही प्रचलित करेंसी बन गई है। आज इसकी वैल्यू रुपया, डॉलर, यूरो इत्यादि अलग-अलग देशों की करेंसी से भी कई गुना हो गई है। आप इस करेंसी की मदद से किसी सामान का लेन देन या इसमें ट्रेडिंग और निवेश भी कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए आपको technical analysis आना जरूरी है नहीं तो बिना ज्ञान के भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी निम्लिखित रूप से कार्य करती हैं:-
Crypto Currency का मुख्य कार्य, ब्लॉकचैन के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना होता है। ब्लॉकचैन का कार्य बैंक की तरह होता है। सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉक चैन में होने के कारण धोखाधड़ी की संभावना काफी कम होती है।
टॉप Crypto Currency कौन सी है?
1) Bitcoin (BTC) :-
Bitcoin दुनिया में सबसे पहले क्रीपटोकरंसी के रूप में आयी है। यह सबसे पॉपुलर और सफल Crypto Currency है। जिसे साल 2009 में सतोशी नाकामोटो के द्वारा निर्माण किया गया था। हालाकि इससे पहले भी वर्चुअल करेंसी को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बिटकॉइन को भी बनाने में काफी कढ़ी मेहनत करनी पड़ी Bitcoin के लाभ Bitcoin के लाभ थी लेकिन आज वही बिटकॉइन जिसको पहले कोई नहीं जानता था। शुरू में $5 में एक बिटकॉइन की कीमत थी। आज $64000 के पार चली गई है। यानी कि अगर रुपयों में बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत आज ₹46 लाख के पार पहुंच Bitcoin के लाभ गई है। इससे आप इसके इंपॉर्टेंस को समझ सकते है। लेकिन सबसे बढ़ी बात यह है कि cryptocurrency में निवेश बहुत सोच समझ के किया जाता है। हर दिन इसकी कीमत में भारी fluctuation होता रहता है।
2.Ethereum (ETH) :-
Bitcoin के जैसे ही Ethereum भी decentralized Crypto Currency है। Vitalik Buterin के द्वारा Ethereum Crypto Currency बनाई गई थी। इसके टोकन को Ether के नाम से Bitcoin के लाभ भी कहा जाता है। इसका plateform यूजर्स को वर्चुअल टोकन बनाने में मददगार साबित होता है। जिसे blockchain-based computing platform कहा जाता है। इसकी मदद से बिटकॉइन के जैसे ही currency के तौर प्रयोग कर सकते हैं। Bitcoin के बाद Etheremum सबसे पॉपुलर Crypto Currency है। आज लगभग Ethereum $4200 कि उचाई तक पहुंच गया है। लेकिन शरुआत में इसकी क़ीमत सिर्फ 800 कि थी।
Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा
आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं।
आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं। जयपुर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर होड़ सी मची है। यहीं कारण है वर्तमान में अब तक जयपुर में करीब एक लाख लोगों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है और यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बात अगर पूरे भारत की करें तो करीब 2 करोड़ लोग भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है। जयपुर के एक लाख लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 करोड़ का निवेश कर रखा है।
विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – cryptocurrency पर रोक लगाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र के व्यापर और विकास संगठन – UNCTAD ने बुधवार को प्रकाशित तीन नीति पत्रों में, विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक लगाने के लिये कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाई है.
यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को लाभान्वित किया है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक जोखिम और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.
अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों Bitcoin के लाभ को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के साए में दब जाते हैं.
क्रिप्टो मुद्रा में उछाल
क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.
क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया. इस समय दुनिया भर में लगभग Bitcoin के लाभ 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.
वर्ष 2021 में क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.
इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.
उतना स्वर्णिम नहीं
अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो Bitcoin के लाभ हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.
उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.
कर चोरी का भय
अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.
अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.
एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.
cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।
क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता Bitcoin के लाभ के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।
जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।
मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।
SBI का शुद्ध लाभ 62 फीसदी बढ़ा, इतने करोड़ रुपए का हाइएस्ट क्वाटर्ली नेट प्रॉफिट
देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट Bitcoin के लाभ बैंक (एसबीआई) का वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 8,432 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। बैंक का शुद्ध लाभ वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 62.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक को 5,196 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इसके अलावा, 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त तिमाही के दौरान ऋण देने वाले प्रमुख बैंक की शुद्ध ब्याज आय 6.48 प्रतिशत बढ़कर 30,687 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 28,820 करोड़ रुपये थी। एसबीआई ने शनिवार को शेयर बाजार को दी गई एक नियामकीय सूचना में कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 तिमाही का शुद्ध लाभ उसका अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ है।
इसके अलावा, बैंक का सकल एनपीए अनुपात सालाना आधार पर 94 बीपीएस की गिरावट के साथ 4.50 प्रतिशत रहा। नेट एनपीए अनुपात 1.34 प्रतिशत रहा, जो कि 47 बीपीएस वर्ष-दर-वर्ष से नीचे रहा। कुल मिलाकर शुद्ध एनपीए में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बैंक ने कहा, असमायोजित आधार पर, सकल एनपीए अनुपात में सालाना आधार पर 27 बीपीएस की गिरावट आई है, जबकि शुद्ध एनपीए अनुपात में सालाना आधार पर 11 बीपीएस की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, इसका प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के अंत में 88.32 प्रतिशत रहा।
पिछले एक साल के दौरान 47 फीसदी लोगों की जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आयी
देश के 46.6 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बीते एक साल में उनके जीवन की गुणवत्ता घटी है। आईएएनएस-सीवोटर ने बजट के बाद इस संबंध में सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 46.6 प्रतिशत ने कहा कि गत एक साल में उनके जीवन की गुणवत्ता में कमी आयी है, 25.5 प्रतिशत ने कहा कि गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि 24.5 प्रतिशत ने कहा कि उनके जीवन की गुणवत्ता सुधरी है। सर्वेक्षण में बजट के कारण महंगाई में कमी आने के संबंध में पूछे गये सवाल पर 44.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे महंगाई में कोई कमी नहीं आयेगी, 26.7 प्रतिशत ने कहा कि चीजों के दाम में हल्की गिरावट आयेगी जबकि 22.6 प्रतिशत ने दामों में भारी गिरावट आने की बात की।
आईएएनएस-सीवोटर ने संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किये जाने के बाद बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान उनके कई सवाल पूछे गये। यह सर्वेक्षण देश के अलग-अलग हिस्सों में किया गया और करीब 1,200 लोगों से सवाल पूछे गये। मॉर्निगस्टार इनवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बजट में आयकर में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गयी जिससे कोरोना संकट के दौर में कम आय और बढ़ती महंगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं मिली। बजट में निजी उपभोग क्षमता को बढ़ाये जाने के उपाय भी सीमित रहे। आयकर में राहत और मनरेगा के आवंटन में बढ़ोतरी से निजी उपभोग क्षमता पर तत्काल सकारात्मक प्रभाव पड़ता।
बजट के प्रावधानों से सौर उपकरण निर्माताओं को होगा लाभ
केंद्रीय बजट में किये गये प्रावधानों से घरेलूू सौर उपकरण निर्माताओं को लाभ होने की उम्मीद है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोलर मॉड्यूल निर्माण के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के तहत अतिरिक्त वित्तीय आवंटन जैसे प्रावधानों से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, अपना सोलर पीवी मॉड्यूल स्थापित करने के लिए इच्छुक टाटा पावर, एलएंडटी, अडानी इंटरप्राइजेज और कोल इंडिया जैसी कंपनियों को इस प्रावधान से लाभ मिलने की उम्मीद है। घरेलू निर्माण क्षमता को वर्ष 2030 तक 280 गीगावाट के महत्वाकांक्षी लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए पीएलआई योजना के तहत 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।
इसके अलावा सोलर बैट्री पर लगने वाली सेफगार्ड ड्यूटी को हटाकर उसकी जगह सीमाशुल्क को 20 से 25 प्रतिशत करने तथा सोलर मॉड्यूल पर सीमाशुल्क को 20 से 40 प्रतिशत करने से घरेलू सौर उपकरण निर्माताओं को लाभ होने होने की उम्मीद है। इससे घरेलू सौर बैट्री और मॉड्यूल निर्माता आयातित सामानों के प्रतिस्पर्धी कीमत पर कारोबार कर सकेंगे। इससे टाटा पावर, अडानी इंटरप्राइजेज, एलएंडटी तथा कोल इंडिया आदि घरेलू सौर बैट्री एवं मॉड्यूल निर्माता कंपनियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, ग्रीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के लिए ग्रीन बांड जारी करने का प्रस्ताव भी क्षेत्र को मदद देगा। इसके साथ ही बजट में ग्रिड स्केल बैटरी सिस्टम समेत ऊर्जा भंडारण प्रणाली को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के प्रस्ताव पेश किया गया है।