शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने

आसानी से स्टॉक मार्केट सीखे
Niftyfriend.com भारतीय शेयर बाजार के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भारतीय व्यापारियों / एनआरआई के लिए एक “नि: शुल्क सीखने वाला निवेश पोर्टल है। हम पहले “स्टॉक ब्रोकर” के लिए निवेश यात्रा और चयन शुरू करने में मददगार हैं। हमारी समीक्षाओं से स्टॉक ब्रोकर, सेवाओं और शुल्क जैसे ब्रोकरेज शुल्क और डीमैट शुल्क के बारे में ज्ञान बढ़ता है। तुलना करें और अपने लिए सही स्टॉक ब्रोकर चुनें। ब्रोकरेज शुल्क, लेनदेन शुल्क, और अन्य शुल्क जैसे और अन्य छिपे हुए शुल्क (जैसे डीपी शुल्क, कॉल और व्यापार शुल्क, फंड ट्रांसफर शुल्क) के बारे में अधिक जानकारी पढ़ें।
निवेशकों को ब्रोकर के बारे में पारदर्शी जानकारी प्रदान करने और व्यापारियों को व्यापार शुरू करने से पहले बेहतर मार्गदर्शन करने का हमारा मूल आदर्श वाक्य या मौजूदा व्यापारी अपना सर्वश्रेष्ठ उपयुक्त शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने ब्रोकर चुन सकते हैं जो उनके ट्रेडिंग उपयुक्त ब्रोकर को पूरा करता है ताकि उनके सफल ट्रेडिंग कैरियर के साथ नई ऊंचाई हासिल हो सके।
हमारा मार्गदर्शक
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भारतीय स्टॉक मार्केट के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भारतीय व्यापारियों / एनआरआई के लिए niftyfrined.com विकसित और डिज़ाइन, ब्रोकरेज की तुलना और ब्रोकरेज चार्ज, ट्रांजेक्शन चार्ज, और अन्य शुल्क जैसे और अन्य छुपे हुए चार्ज (जैसे डीपी चार्ज, कॉल) के आधार पर ब्रोकरेज शुल्क। व्यापार शुल्क, फंड ट्रांसफर शुल्क)। ब्रोकर के बारे में निवेशकों को पारदर्शी जानकारी प्रदान करने और कारोबार शुरू करने से पहले व्यापारियों को बेहतर तरीके से मार्गदर्शन करने के लिए हमारा मूल उद्देश्य अपने मौजूदा उपयुक्त ब्रोकर का चयन कर सकता है जो अपने ट्रेडिंग उपयुक्त ब्रोकर को पूरा करता है ताकि नए उच्च अपने सफल ट्रेडिंग कैरियर के साथ प्राप्त कर सकें। हालाँकि, खाता खोलने से पहले हम दलाली की पुन: पुष्टि करने की सलाह देते हैं और अन्य लोग टर्म ब्रोकर संबंधित ब्रोकर बनते हैं क्योंकि उनके द्वारा समय-समय पर परिवर्तन किया जा सकता है। और हम नियमित आधार पर योजना और प्रस्तावों को अद्यतन करने के बारे में भी चिंतित हैं।
भारत में चॉइस stock ब्रोकरेज फर्म के लिए
पैरामीटर यहाँ हैं:
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1.ब्रोकरेज शुल्क:
ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क चुनते समय ब्रोकर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लगाने में लाभदायक हो जाता है। ब्रोकरों द्वारा फिक्स्ड / फ्लेक्सिबल (प्रतिशत प्रतिशत और फ्लैट / फिक्स्ड चार्जेज) ब्रोकरेज चार्ज पॉलिसीज हैं। इस पैरामीटर के आधार पर विपरीत साइट के रूप में दिए गए सर्वश्रेष्ठ चार अनुशंसित हैं।
2. आदेश सुविधाएं:
ऑर्डर के प्रकार जो व्यापारियों को उनकी ट्रेडिंग शैली दिन/डिलीवरी के अनुसार ऑनलाइन/ऑफ़लाइन ऑर्डर की सुविधा के अनुसार लचीलापन प्रदान करते हैं। आजकल कुछ ब्रोकर सबसे उन्नत ऑर्डर सुविधा प्रदान करते हैं जैसे ट्रेलिंग स्टॉप लॉस और लक्ष्य ऑर्डर समान मार्जिन जो सुरक्षित दिन व्यापारी और स्वतंत्रता
3. पारदर्शिता/समर्थन:
व्यापारी के प्रति आश्वस्त होने के कारक के लिए समय पर समर्थन और उपयोगिता महत्वपूर्ण है
या इसके साथ भारतीय बाजार के दलालों ने भारतीय व्यापारी के लिए अपने सर्वोत्तम, निम्न और सस्ते ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का चयन करने की तुलना की। हमारा उद्देश्य खुदरा व्यापारियों को अत्याधुनिक तकनीक कम दलालों के लिए उनके सबसे भरोसेमंद ब्रोकर प्रदान करना है। खासकर अब डिस्काउंट ब्रोकर, सभी सेगमेंट के साथ भारतीय शेयर बाजार में शामिल हो गया है। हमने भारतीय निवेशकों को उनके ब्रोकर, ट्रेडिंग सुविधाओं और स्टॉक, कमोडिटी मार्केट की अन्य खबरों को समझने की कोशिश की।
हमने उन व्यापारियों और निवेशकों के लिए सर्वोत्तम जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया, जो अपने ज्ञान में सुधार करना चाहते हैं। यहां हम उपलब्ध भारतीय स्टॉक ब्रोकरों की ब्रोकरेज योजनाओं और विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की निष्पक्ष समीक्षाओं की समीक्षा के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। इसके अलावा, बाजार विशेषज्ञों के सम्मानित दृष्टिकोण, व्यापारियों की समीक्षा और स्वतंत्र विशेषज्ञों की रेटिंग आपको रुचि की ब्रोकर कंपनियों और उनकी गतिविधि का अपना उद्देश्य मूल्यांकन करने में मदद करेगी।
निफ्टी फ्रेंड को उन लोगों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो ट्रेडिंग करते समय एक उच्च रिटर्न देना चाहते हैं, लेकिन इस बीच सफलतापूर्वक ट्रेड करने के लिए ज्ञान या समय की कमी के कारण इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। आपके द्वारा खाता खोलने और व्यापार शुरू करने से पहले हम आपको विदेशी मुद्रा बाजार में संचालन की विशेषताओं को समझने, इसकी गतिशीलता और बिक्री के माहौल के चरित्र को महसूस करने में सहायता करेंगे। आवश्यक जानकारी और अनुभव रखने के बाद हम आपके मामलों की वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे।
4. लेनदेन शुल्क/अन्य शुल्क:
यह शुल्क संबंधित एक्सचेंज (बीएसई/एनएसई/एनसीडीईएक्स/एमसीएक्स आदि) द्वारा लगाया जाता है और टर्न ओवर एक्सचेंज के आधार पर इन शुल्कों को ठीक करता है। कुछ डिस्काउंट ब्रोकर बहुत कम ब्रोकरेज शुल्क प्रदान करते हैं, हालांकि व्यापारी को लेनदेन की जांच करनी चाहिए जो व्यापार के कुल कारोबार पर प्रबंधित होता है।
जानिए Portfolio Management क्या है और कैसे करे ?
Portfolio Management In Hindi: यदि आप भी स्टॉक मार्केट, जिसे हम शेयर मार्केट (बाज़ार) के नाम से भी जानते है या stock market से सम्बंधित जानकारी रखते है तो आपने भी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बारे में ज़रूर जानते होंगे या फिर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या निवेश करना चाहते हैं तो यह post आपके लिए काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होने वाला है, इसलिए इस post को पूरा ज़रूर पढ़ें।
जी हाँ ! यदि आप भी स्टॉक मार्केट में investment करना चाहते है तो आपको भी portfolio management करना ज़रूर आना चाहिए। तभी आप स्टॉक मार्केट से पैसे कमा सकते हैं, अन्यथा स्टॉक मार्केट से पैसे कमाना कठिन हो जाता है।
यदि आप भी stock market से पैसे कमाना चाहते है तो सबसे पहले आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना बहुत ज़रूरी है। यदि आप अपना डीमैट अकाउंट open करना चाहते है तो आप यहाँ register करें।
ज़्यादातर beginners को यही समझ नहीं होती कि आख़िरकार शेयर मार्केट होता क्या है ? तो हम इसकी जानकारी के लिए बता दें कि शेयर बाज़ार, एक ऐसा market होता है जहाँ stock market में listed कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेंचें जाते हैं।
जहाँ आपको शेयर ख़रीदने के लिए किसी Trusted Stock Broker के पास आपका demat account होना ज़रूरी है। बिना stock ब्रोकर के आप स्टॉक मार्केट में पैसे नहीं लगा सकते।
जब आपका डीमैट अकाउंट open हो जाता है तब आपको यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि – portfolio management क्या है ? और यह क्यों ज़रूरी है ?
Portfolio Management क्या है ?
अपने पैसे को एक systematic तरीके से जोख़िम को कम करते हुए ऐसी जगहों में निवेश करना, जहां भविष्य में आपको अपने पैसों से अच्छा खासा return मिले। अर्थात इससे आपके द्वारा निवेश किये हुए पैसों का जोख़िम कम हो जाता है और इससे अच्छा return मिलने के chances ज़्यादा बढ़ जाते है, इसे ही हम Portfolio Management कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – “अपने पैसे को diversify कर देना अर्थात अपने पैसे को थोड़ा-थोड़ा करके ऐसी कई जगहों में निवेश कर देना ताकि आपके पैसों का risk भी कम हो सके और आपको अच्छा खासा return भी मिल सके।यानि कि यदि आपके किसी भी sector में लगे हुए पैसे डूब भी जाते है तो आप पर इसका किसी भी प्रकार से असर न पड़े। क्योंकि आप दूसरी चीज़ों में लगे पैसों से profit कमा लेते हो। इसे हम पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के रूप में जानते है”।
Portfolio Management कैसे करें ?
एक investor के लिए सबसे ज़रूरी बात यह होती है कि – वह अपना पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कैसे करें ? पोर्टफोलियो manage करना इतना आसान भी नहीं होता।
इसके लिए बहुत research और मेहनत की ज़रूरत होती है, लेकिन यदि आप थोड़ी बहुत भी स्टॉक मार्केट में रिसर्च करना सीख जाते है। तो आप भी अपना portfolio manage करना सीख जाते हो।
वैसे तो आप अपने पोर्टफोलियो को दो तरीकों से manage कर सकते हैं। यदि आप चाहे तो आप अपना शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने पोर्टफोलियो ख़ुद से भी manage कर सकते है। या फ़िर किसी Research Advisor द्वारा।
यदि आप अपना portfolio ख़ुद से manage करते हो तो बहुत अच्छी बात है। यदि आप अपना पोर्टफोलियो किसी Advisor के द्वारा manage करवाते हैं तो आपको इसके लिए कुछ charges भी देने पड़ते हैं। जो कि advisor recommend करेगा।
यदि आप यहाँ से free डीमैट account open करते हो तो आपको freestockadvisory मिलेगी।
ख़ुद से Portfolio Management करने के तरीक़े
- Well research करके stock selection करे।
- अपने आसपास branded कंपनियों में ही निवेश करे। याद रखें उन stocks में निवेश करे, जिनमें volume ज़्यादा हो।
- Long Term Investment सोचें और अपने portfolio शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने को diversified करे कम से कम 20 stock को अपने portfolio में शामिल करें।
- कुछ पैसा Stocks, SIP, Lumpsum, Mutual Fund, Sovereign Gold Bond, FD, PPF, Jewellery, Land Property में investment करें।
कुल मिला के आपको अपने पैसे को manage कैसे करें आना चाहिए कि – आपको कितना पैसा कब और कहाँ ख़र्च कर सकें अर्थात आप अपने पैसे को पूरी तरह से Investment के रूप में बिखरा दें।
यानि अलग़-अलग़ जगहों में invest कर दे और एक दिन आपका यही पोर्टफोलियो बहुत ज़्यादा बड़ा होगा, जिससे आप अच्छा return कमा पाएँगे।
आख़िर में –
तो आशा है कि – आप भी अपना पोर्टफोलियो manage करना सीख गए होंगे और आप भी ख़ुद से अपना पोर्टफोलियो मैनेज कर पायेंगे।
यदि आप stock market के बारे में नयी-नयी जानकारी सीखना चाहते हैं तो आप हमारे telegram channel Allhindime को ज्वाइन करें। जिससे आपको नयी-नयी जानकारी मिलती रहेगी।
अगर आपको यह Portfolio Management क्या है और Portfolio Management कैसे करें ? लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने friends के साथ जरूर साझा करें। ताकि उन्हें भी stock market में अपना पोर्टफोलियो मैनेजमेंट करना आ सके वो भी अपनी मातृभाषा हिंदी में।
शेयर बाज़ार में निवेश कैसे करे ज्यादा मुनाफा अर्जित करने के लिए
आज की इस पोस्ट में आप सभी पाठको का बहुत स्वागत है.जैसा की आप जानते ही है की हम अपने ब्लॉग पर Share Market Knowledge Post हिंदी भाषा में पब्लिश कर रहे है.जिससे नए लोग जो शेयर बाज़ार को नहीं समझते है वो भी आसानी से समझ जाये.आज की इस पोस्ट में भी हम आपको शेयर बाज़ार में निवेश करने का सही तरीका क्या है इसके बारे में बताने वाले है.
आज की पोस्ट How To Invest in Share Market in Hindi को शुरू करने से पहले हम आपसे निवेदन करते है की पहले आप हमारी पिछली शेयर बाज़ार से सम्बंधित सारी ब्लॉग पोस्ट को ज़रूर पढ़ ले जिससे आपको आज की ब्लॉग पोस्ट को बेहतर तरीके से समझने में आसानी होगी.तो आइये पोस्ट की शुरुवात करते है और समझते है की कैसे शेयर बाज़ार में निवेश करके अधिक मुनाफा अर्जित किया जा सकता है.
How To Invest in Share Market in Hindi,शेयर बाज़ार में निवेश कैसे करे ?
आजकल शेयर मार्केट में निवेश करना बहुत आसान हो गया है.आप आसानी से घर बैठे अपना Demat Account और Trading Account खोलकर शेयर बाज़ार में ट्रेड करना शुरू कर सकते है.या फिर आप किसी Share Market Agents ( Brokers ) के पास जाकर भी अपना अकाउंट खोलकर निवेश शुरू कर सकते है.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने वाले है जिनकी पालना करने से आप शेयर बाज़ार में निवेश करना आसानी से सीख जायेंगे जिससे आपके रिस्क का चांस कम होकर मुनाफा कमाने का प्रतिशत बढ़ सकता है.
1 - शेयर मार्केट के बारे में सीखे,छोटी से बड़ी सब बातो पर ध्यान दे - शेयर बाज़ार रातो रात आपको करोड़पति भी बना सकता है और भिखारी भी बना सकता है.लेकिन आपको मुनाफा होगा या घाटा यह आपके अनुभव पर निर्भर करता है.
आपके पास जितना ज्यादा अनुभव होगा शेयर बाज़ार में उतना रिस्क कम हो जायेगा.क्योकि एक अनुभवी निवेशक दूर शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने द्रष्टि रखता है जिससे उसको अनुमान हो जाता है की किस शेयर में निवेश करता है और किस शेयर में निवेश नहीं करता है.
किसी को भी रातो रात तो अनुभव प्राप्त नहीं हो सकता है इसके लिए आपको सीखना होगा.शेयर बाज़ार में प्रयोग होने वाले सारे शब्दों को समझना होगा उनकी नियम व शर्तो को समझना होगा.क्योकि जितना ज्यादा आपको Share Market Knowledge मिलेगी आप उतना बेहतर Share Market Investing कर पायेंगे.
2 - कम पूँजी से निवेश शुरू करे - आपने बचपन में एक कहानी तो सुनी ही होगी की किस प्रकार एक खरगोश तेजी से भागने की कोशिश में आलसी होकर एक निरंतर चलते हुए कछुए से दौड़ में हार जाता है.शेयर बाज़ार भी इसी तरह की रेस है.
ज्यादा लाभ कमाने की कोशिश में यदि आपने बहुत ज्यादा Money Invest कर दी तो आपको घाटा होना सुनिश्चित ही है.क्योकि मान लीजिये की यदि आपके पास एक लाख रूपये है और उससे आपने एक कंपनी के शेयर ख़रीदे और आपको घाटा हो गया तो आपके एक लाख रूपये सीखे ढूब जायेंगे.
इससे बेहतर है की एक लाख रूपये निवेश करने की बजाय उसमे से 20000 रूपये निवेश किया जाये और Share Market के Trend को समझे.यदि 20000 रूपये निवेश करके आपको मुनाफा हो रहा है तो और निवेश करे और यदि किसी कारणवश आपको घाटा होता है तो दुबारा से प्लान बनाये और किसी बेहतर कंपनी के शेयर्स में निवेश करे.
3 - Share Market Trend को समझे - शेयर मार्केट को समझे की उसमे किस प्रकार मंदी चल रही है या ग्रोथ हो रही है निवेश करने से पहले उस कंपनी की पिछली सारी जानकारी जैसे IPO,बिजनेस प्लान,मुनाफा,घाटा,इतिहास,Future Plan,Marketing Ideas को जाने.जिससे आपको एक बेहतर Company चुनने में आसानी हो और आप किसी बेहतर कंपनी के Shares Buy करके निवेश शुरू कर सके.निफ्टी,सेंसेक्स आदि के बारे में जानकारी रखे.
4 - Share Markets Agents,Brokers के Tips से बचे - शेयर मार्केट में टिप्स का कोई काम नहीं है.यदि आपको कोई टिप्स दे रहा है तो उसको नजरंअंदाज करे.शेयर मार्केट यदि टिप्स से ही चलती तो हमारे आस-पास सभी शेयर मार्केट एक्सपर्ट बन जाते.
ऊपर हमने यह जानकारी दी है की शेयर मार्केट में टिप्स की बजाय अनुभव काम आता है और अनुभव आप किसी से खरीद नहीं सकते.
5 - Share Market के Risk को समझे - शेयर मार्केट में उतने लोगो को फायदा नहीं होता जितने लोगो को घाटा हो जाता है.शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने क्योकि वो शेयर बाज़ार को केवल पैसा कमाने का जरिया समझते है और मार्केट के रिस्क को नहीं समझते है.जिससे उनको घाटा होता है.
रिस्क को समझे केवल उतना भी निवेश शुरू के दिनों में करे जितने का घाटा आप सह सकते है.अपनी आर्थिक स्थितियों को देखकर ही Invest करने वाले धन के बारे में प्लान बनाये.क्योकि अंधाधुंध दौड़ने की बजाय यह अच्छा होता है की केवल एक दिशा में ही चला जाये.
इस पोस्ट को हल्के में ना ले,शेयर बाज़ार जोखिम से भरपूर है.इसमें यदि आपको कोई घाटा होने से बचा सकता है तो वो आप खुद है.हम केवल आपको एक ही सलाह देते है की शेयर मार्केट की जानकारियाँ एकत्रित करके खुद शिक्षित बने.जिससे आप खुद यह जान जायेंगे की शेयर मार्केट में निवेश करने का बिल्कुल सही तरीका क्या है.
आज की पोस्ट How To Invest in Share Market With Proper Way in Hindi आपको कैसे लगी आप कमेंट में ज़रूर बताये.इसी तरह की ब्लॉग पोस्ट पढने के लिए हमारे ब्लॉग के साथ बने रहे.
आखिर क्यों होते हैं सरोजिनी नगर के कपड़े इतने सस्ते?
‘सरोजिनी के कपड़े पहन के जाती मैडम डिस्को. ’ फिल्म ‘हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया’ के गाने ‘सैटरडे सैटरडे’ की इस लाइन पर तो आपने गौर किया ही होगा? अगर नहीं किया तो अब कर लीजिए! अब आप ये तो समझ ही गए होंगे कि आलिया भट्ट और वरुण धवन स्टारर किसी फिल्म के गाने में अगर किसी जगह का ज़िक्र है तो उसमें कुछ खास तो होगा ही।
वैसे अगर आप दिल्ली या इसके आस-पास के इलाके में रहते हैं तो आपको सरोजिनी नगर मार्केट के बारे में ज़रूर पता होगा। वैसे अब तो अलग-अलग शहरों में रहने वाले लोगों को भी इस मार्केट के बारे में पता है लेकिन अगर आपको नहीं पता है तो हम बता देते हैं।
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क्या है सरोजिनी नगर मार्केट?
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सरोजिनी नगर वैसे तो दक्षिण दिल्ली का एक बहुत एरिया है लेकिन ये मशहूर है अपनी मार्केट के लिए जहां आप कर सकते हैं स्ट्रीट शॉपिंग। यहां कपड़ों से लेकर एक्सेसरीज़ तक और होम डेकोर से लेकर किचेन यूटीलिटीज़ तक, सब कुछ मिलेगा। अब आप कहेंगे कि इसमें कौन-सी खास बात है क्योंकि ये तो किसी भी सुपरमार्केट या मॉल में मिल जाएगा।
तो सरोजिनी नगर की खासियत है यहां मिलने वाली चीज़ों की कीमत। 50 रुपए से शुरू होने वाले कपड़े और 10 रुपए से शुरू होने वाली एक्सेसरीज़ को खरीदने के लिए यहां रोज़ाना हज़ारों की भीड़ इकट्ठा होती है। कॉलेज जाने वालों से लेकर बजट शॉपिंग पसंद करने वाले लोगों से ये मार्केट हमेशा गुलज़ार रहती है।
यहां आपको एथनिक वेयर से लेकर लेटेस्ट ट्रेंड्स वाले वेस्टर्न आउटफिट्स तक सब कुछ मिल जाएगा। इतना ही नहीं यहां आपको कई पॉपुलर इंडियन और इंटरनैशनल हाई-एंड ब्रैंड्स के कपड़े भी मिल जाएंगे वो भी आधे से भी कम दामों में। अगर मोल-भाव करने की आपकी स्किल्स अच्छी हैं तो आप 2000 रुपए में यहां से पूरे महीने के कपड़े खरीद सकती हैं।
हालांकि यहां से शॉपिंग करते वक्त लगभग हर किसी के मन में से सवाल आता है कि आखिर यहां मिलने वाले कपड़े इतने सस्ते क्यों होते हैं? आपके इसी सवाल का जवाब हमने जानने की कोशिश की और यहां शेयर कर रहे हैं सरोजिनी के कपड़े इतने सस्ते होने के सबसे आम कारण।
एक्सपोर्ट सरप्लस
Whatshot
सरोजिनी नगर की अलग-अलग गलियों में बिकने वाले ज़्यादातर ब्रैंडेड कपड़े दरअसर एक्सपोर्ट सरप्लस होते हैं। हो सकता है कि आपने ये शब्द कई बार लोगों के मुंह से सुना हो लेकिन इसका मतलब क्या होता है ये ज़्यादातर लोग नहीं जानते हैं।
दरअसल Zara, H&M, Mango, Forever 21 जैसे कई हाई-एंड ब्रैंड्स के कपड़ों की मैन्युफैक्चरिंग इंडिया के कई शहरों समेत आस-पास के देशों में होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां लेबर कॉस्ट यानि की मजदूरी बेहद सस्ती है। सभी गारमेंट एक्सपोर्टर किसी भी कपड़े का ऑर्डर मिलने पर उसके 4-5 पीस एक्स्ट्रा बनवाता है।
यानि कि अगर उसे 30 ड्रेसेज़ का ऑर्डर मिला है तो वो 35 बनवाएगा, जिससे कि अगर किसी कारणवश 1-2 पीस खराब भी हो जाते हैं तो उसके पास पूरा ऑर्डर मौजूद हो। इस तरह लगभग हर ऑर्डर से उसके पास 2-3 पीस एक्स्ट्रा बच ही जाते हैं। इन एक्स्ट्रा पीसेज़ को सरोजिनी के दुकानदार बल्क में खरीदते हैं, जिस वजह से ये इन्हे ¼ या उससे भी कम कीमत में मिल जाते हैं जिस वजह से आप इन्हे इतनी कम कीमत पर खरीद पाती हैं।
ऐसा करने से एक्सपोर्टर को इन एक्स्ट्रा पीसेज़ से छुटकारा मिल जाता है, उसे किसी तरह का लॉस भी नहीं होता, दुकानदारों को भी कमाई का ज़रिया मिल जाता है और आपको भी कौड़ियों के भाव में ब्रैंडेड कपड़े मिल जाते हैं।
रिजेक्टेड पीस
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एक्सपोर्ट सरप्लस के अलावा सरोजिनी नगर में मिलने वाले काफी ब्रैंडेड कपड़े रिजेक्ट का माल भी होते हैं। कोई भी ऑर्डर बनने के बाद तब तक एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकता जब तक वो उस ब्रैंड का क्वॉलिटी चेक पास नहीं कर लेता। इस क्वॉलिटी चेक में ये देखा जाता है कि तैयार किए गए कपड़े ब्रैंड के क्वॉलिटी स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरते हैं या नहीं।
कई बार इस क्वॉलिटी चेक में कुछ पीसेज़ पास नहीं होते हैं और ब्रैंड इन्हे लेने से मना कर देता है। इन सभी पीसेज़ को एक्सपोर्टर एक बार फिर सरोजिनी नगर और ऐसी ही दूसरी स्ट्रीट मार्केट्स के दुकानदारों को कम दामों में बेच देता है।
यही वजह है कि कहा जाता है कि स्ट्रीट मार्केट्स या फ्ली मार्केट्स से कपड़े खरीदते वक्त अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए क्योंकि ये डिफेक्टिव हो सकते हैं। हालांकि ज़्यादातर मौकों पर ये डिफेक्ट इतने बारीक और छोटे होते हैं कि आम लोगों को शायद नज़र भी ना आएं और शायद हमें इनसे फर्क भी न पड़े।
मिसाल के तौर पर ब्रैंड्स द्वारा कोई कपड़ा रिजेक्ट करने के मुख्य कारण होते हैं किसी एक जगह पर धागे का कलर मैच ना होना या फिर अलग स्टाइल के बटन का इस्तेमाल होना, गलत साइज़ लेबल लग जाना, टेढ़ी सिलाई जैसे छोटे-मोटे डिफेक्ट होते हैं जिन्हें आसानी से आपके मोहल्ले का लोकल टेलर ठीक कर सकता है।
ये सभी चीज़ें सिर्फ सरोजिनी नगर में मिलने वाले कपड़ों पर ही लागू नहीं होती हैं बल्कि देश भर की ज़्यादातर फ्ली मार्केट्स पर लागू होती हैं। हालांकि फैशन ब्लॉगर्स और आम लोगों की मानें तो सरोजिनी जितनी वरायटी और प्राइस रेंज शेयर मार्केट के बारे में ये भी ज़रूर जाने और कहीं भी नहीं मिलती। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में बड़े-बड़े फैशन हाउज़ और हाई-एंड ब्रैंड्स की फैक्ट्री हैं जिस वजह से यहां आपको लेटेस्ट ट्रेंड्स सबसे पहले और सबसे कम दामों में मिल जाते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके काम आएगी। ऐसी ही स्टोरीज के लिए पढ़ते रहिये iDiva हिंदी।
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