बाजार में शिवलिंग

वाराणसी ब्यूरो
Updated Mon, 18 Jul 2022 12:09 AM IST
बाजार में शिवलिंग, तिरंगा और राजस्थानी पैटर्न वाली राखियों की बढ़ी मांग
फरीदाबाद। शहर का मुख्य बाजार रक्षाबंधन के लिए सज गया है। फरीदाबाद के एनआईटी-1, 5, ओल्ड फरीदाबाद सेक्टर-10, बल्लभगढ़, सेक्टर-37 और बदरपुर बॉर्डर पर राखी की छोटी-बड़ी करीब 1000 से ज्यादा दुकानें सजी हैं। राखी का पर्व 11 व 12 अगस्त को है और अब दो दिन का समय बचा है। ऐसे में राखियां खरीदने के लिए बाजार में महिला एवं बालिकाओं की भीड़ जुटी हुई है। इस बार रक्षा बंधन के बाद स्वतंत्रता दिवस है। इसलिए तिरंगा राखियों की मांग बढ़ी है, वहीं शिवलिंग व राजस्थानी पैटर्न की राखियां खूब बिक रहीं हैं। यहां बताना जरूरी है कि इस बार जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम है क्यूंकि पिछले दिनों कोरोना के मामलों में बढ़तरी हो गई है हालांकि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का प्रतिबंध भी नहीं है। दो साल बाद राखी बाजार बाजार में शिवलिंग में रौनक दिखाई दे रही है।
घर में कितने आकार का रखें शिवलिंग
घर में रखे जाने वाले शिवलिंग के आकार का जरूर ध्यान रखना चाहिए। बता दें कि किसी भी शिवलिंग को घर में रख रहे हैं, तो उसका आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए यानी 4 इंच से ऊपर का शिवलिंग न रखें।
कितनी संख्या में शिवलिंग रखना सही
शास्त्रों के अनुसार, घर में सिर्फ एक ही शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है इसलिए एक से अधिक कभी भी शिवलिंग न रखें।
मार्केट में विभिन्न तरह के शिवलिंग मिलते हैं। लेकिन हर किसी को घर में रखना शुभ नहीं माना जाता है। घर में पारद शिवलिंग रखना चाहिए जो चांदी और पारे से मिलकर बना होता है। इसके अलावा स्फटिक शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है। यह एक पारदर्शी शिवलिंग होगा। इसके अलावा नर्मदेश्वर शिवलिंग भी रख सकते हैं। यह शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे ही पाए जाते हैं। इन्हें वहां से मंगा सकते हैं।
माना जाता है कि शिवलिंग को कभी भी अकेला नहीं रखना चाहिए। उसके साथ भगवान शिव के पूरे परिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की तस्वीर रखनी चाहिए।
घर के शिवलिंग में न कराएं प्राण प्रतिष्ठा
माना जाता है कि घर के शिवलिंग की कभी भी प्राण प्रतिष्ठा नहीं करनी चाहिए। ऐसे ही रोजाना पूजा करनी चाहिए। क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी शिवलिंग में हर प्रहर में पूजा करनी पड़ती है। लेकिन घर में यह संभव नहीं हो पाता है।
जीवन में खुशियां लाता है पारद शिवलिंग
जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कमी खत्म नहीं होती और आपकी समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। आर्युवेद के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार है। पारा कोई रोगों में दवा के रूप में काम करता है।
पारद शिवलिंग की बाजार में शिवलिंग पूजा से मिलती है लक्ष्मी मां की कृपा
पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के बाजार में शिवलिंग अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।
कामायाबी के लिए करें पारद शिवलिंग की पूजा
नया साल लाभदायक बनाने के लिए हर रोज पारद शिवलिंग के सीधे हाथ की तरफ दीपक जलाएं और हाथ में जल और फूल लेकर तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और जल और फूल शिवलिंग पर अर्पित कर दें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और आपके हर क्षेत्र में कामयाबी मिलती है। इस शिवलिंग की महत्वपूर्ण बात यह है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने के लिए किसी भी प्रकार की प्राण प्रतिष्ठा करवाने की आवश्यकता नहीं है, यह स्वयं सिद्ध धातु होती है।
सभी समस्याओं का अंत करता है पारद शिवलिंग
अगर परिवार के किसी सदस्य की तबीयत खराब है तो उनको दवाओं के साथ पारद शिवलिंग की पूजा करवाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा आपके आसपास बनी रहती है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन, बाजार में शिवलिंग परिवार, स्वास्थ्य और आपके जीवन से जुड़ीं छोटी और बड़ी संबंधित समस्याओं का अंत होता है। पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।
शिवभक्तों के लिए बाजार हुआ बमबम
वाराणसी ब्यूरो
Updated Mon, 18 Jul 2022 12:09 AM IST
गाजीपुर। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर सोमवार को देवाधिदेव का जलाभिषेक करने के लिए बाजार में शिवलिंग शहर के घाटों से गंगाजल भरकर बोल-बम का जयकारा लगाते हुए महाहर धाम जाने वाले कांवड़ियों की भीड़ उमड़ती है। इस माह में बाजार की रौनक बढ़ जाती है। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में तरह-तरह के भगवा वस्त्रों, गमछा, लोवर, बरमूडा, शर्ट, टी-शर्ट, छोटे तथा बड़े कांवर, गंगाजल भरने के लिए तरह-तरह के पात्र, लाकेट, माला, पट्टी सहित अन्य पूजन सामग्रियों की स्थाई एवं अस्थाई दुकानें सज गई हैं। कांवरियों के लिए भगवा रंग में कई प्रकार के शर्ट, कालरदार एवं गोल गले की टी-शर्ट तथा लोवर, बरमूडा, हाफ पैंट दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसमें शर्ट एवं टी-शर्ट पर भगवान शिव एवं माता पार्वती के चित्र बने हुए हैं तो कुछ पर शिवलिंग या ओम लिखा हुआ है। इनकी कीमत 200 से लेकर 500 रुपए तक है। बोल-बम के गमछे तथा ओमकार से युक्त गमछे भी बाजार में उपलब्ध हैं। 80 रुपए से लेकर 200 तक की कीमत में ये उपलब्ध हैं। इसके अलावा माथे की पट्टी या कांधे पर महावर भी भगवान शिव को समर्पित है। यह अलग-अलग कीमतों में उपलब्ध है। पैसा तथा जरूरी चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक या रेक्सीन के पर्स तथा कमर में बांधने के लिए बेल्ट भी मिल रही है। शिव के भक्तों के लिए बाजार में कम कीमत में बड़े और आकर्षक कांवर लाए गए हैं। छोटे-बड़े हर प्रकार के महिला पुरुष कांवर लेकर शिवधाम तक यात्रा करते हैं। छोटे-बड़े कांवरों की अलग-अलग कीमत है। ये डेढ़ सौ से लेकर तीन सौ तक में बिक्री के लिए उपलब्ध है। जबकि पिट्ठू बैग 25 से 60 रुपये तक में उपलब्ध है। वहीं झोला 30 से 100 रुपये में उपलब्ध है। कांवर पर मंदिर, नाग, फूल, ओम तथा शिव की मूर्ति भी कांवरिया लगवा सकते हैं।
घर में शिवलिंग रखने से पहले जान लें ये बातें
ज्योतिषियों के मुताबिक घर में शिवलिंग को कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए, जहां आप पूजा नहीं करते।
हिंदू धर्म में ईश्वर दर्शन करना महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि लोग अपने घरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों को रखते हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि घर में किसी भी देवी-देवता की मूर्ति को रखते हैं तो जरुरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। अन्यथा ये अशुभ हो सकता है। जैसे की कई लोग घर में शिवलिंग रखते हैं लेकिन इसके लिए जरुरी बातों का ध्यान नहीं रखते। आज हम आपके लिए लाए हैं शिवलिंग को घर में रखने के नियमों की महत्वपूर्ण जानकारियां, जिनको ध्यान में रखकर आप अपने घर में शिवलिंग को रख सकते हैं।