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विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं?

विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं?
उदाहरण के लिए, EURUSD जोड़ी सबसे अधिक कारोबार वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति है। यह अमेरिका और यूरोपीय आर्थिक आंकड़ों जैसे ब्याज दर में बदलाव, बेरोजगारी और जीडीपी के प्रति संवेदनशील होगा। हालांकि, तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि 2015 के बाद से यह लगभग हमेशा 1.1 की विनिमय दर (1 यूरो 1.1 अमरीकी डालर के बराबर) से ऊपर व्यापार करेगा।

International Trade Settlement in Rupee: रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की अनुमति देना अहम फैसला, दुनिया में बढ़ेगी भारतीय करेंसी की साख

International Trade Settlement in Rupee रुपये की लगातार गिरती कीमत और बढ़ते व्यापार घाटे के दबाव के बीच आरबीआइ के इस फैसले का दूरगामी महत्व है। इससे एक अंतरराष्ट्रीय करेंसी के रूप में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ेगी।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में करने की अनुमति देना (International Trade Settlement in Rupee) एक सामयिक और दूरगामी महत्व का फैसला है। विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 11 जुलाई, 2022 को आरबीआइ ने बैंकों से रुपये में निर्यात-आयात के भुगतान के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने के लिए कहा था। आरबीआइ के इस फैसले का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देने के साथ घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहन करना है। यह बात आरबीआइ के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन ने कही है।

India is differently placed, at low risk of recession: RBI Guv

बढ़ेगी रुपये की साख

आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआइ द्वारा रुपये में भुगतान की अनुमति देना निश्चित रूप से एक कदम आगे का फैसला है। उधर डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक राधिका राव ने कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटान मुद्रा के रूप में रुपये की भूमिका को स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "यह रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक बहुत ही सामयिक और मजबूत कदम है।" राव ने हालांकि यह भी कहा कि इस घोषणा को रुपये को मजबूत बनाने के उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक निश्चित दिशा में घरेलू मुद्रा को आगे बढ़ाने के बजाय रुपये के उपयोग का विस्तार करने के बारे में है।

कैसे काम करेगी ये व्यवस्था

आरबीआइ द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि रुपया चालान प्रणाली को लागू करने से पहले अधिकृत डीलर (एडी) बैंकों को आरबीआइ के विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी। किसी भागीदार देश का बैंक एक विशेष आईएनआर वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए भारत में किसी एडी बैंक से संपर्क कर सकता है। एडी बैंक, रिजर्व बैंक से अनुमति मांगेगा। पद्मनाभन ने कहा कि इस अनुमोदन प्रक्रिया के साथ केंद्रीय बैंक इस बात पर नजर रखना चाहता है कि वास्तव में ये खाते आयात-निर्यात को रुपये में सेटल करने के लिए खोले जा रहे हैं या नहीं। खाता कौन खोल रहा है? कौन सा देश खाता खोल रहा है? किस तरह के लेन-देन हो रहे हैं? शुरुआत में आरबीआइ इन सभी चीजों पर नजर रखना चाहेगा।

Rupee Vs Dollar: पहली बार एक डॉलर के मुकाबले 80 के पार निपटा रुपया, जानें- आप पर क्या होगा इसका असर?

Rupee Vs Dollar: पहली बार एक डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के पार बंद हुआ. इसके पहले यह 80 पार पहुंचा था, लेकिन दिन के कारोबार में ही संभलकर फिर से 80 के स्तर से नीचे आ गया था. डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से आम आदमी पर क्या होगा इसका असर. यहां पर इसके बारे में जानकारी दी गई है.

Updated: July 21, 2022 9:20 AM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Rupee Vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 13 पैसे लुढ़ककर 80 प्रति डॉलर (Dollar ki kimat India mein) के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार बंद हुआ. रुपये में गिरावट का कारण आयातकों द्वारी डॉलर की भारी मांग और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी रही. साथ ही विदेशी निवेशकों की इक्विटी मार्केट में बिकवाली रही.

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बता दें, बुंधवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.91 प्रति डॉलर पर खुला (Dollar ki kimat Rupye mein) और कारोबार के दौरान यह 80.05 के निचले स्तर पर पहुंच गया.

कारोबार के दौरान रुपये में 79.91 से विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं? 80.05 रुपये (Dollar aur rupye mein antar) के दायरे में उतार-चढ़ाव होता रहा. कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट के साथ दिन के निम्नतम स्तर 80.05 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक, तेल आयातकों की डॉलर की बढ़ती मांग, कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती तथा बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर उपजी चिंता से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.

मंगलवार को रुपया दिन के कारोबार के निचले स्तर 80.05 से उबरकर डॉलर के मुकाबले छह पैसे की तेजी दर्शाता 79.92 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

बाजार के सूत्रों के मुताबिक, तेल आयातक कंपनियों की भारी डॉलर मांग, कच्चे तेल की कीमतों के मजबूत होने के साथ-साथ व्यापार घाटा बढ़ने की चिंताओं के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जो गिरावट का मुख्य कारण बना.

एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि पिछले कुछ दिन में कच्चे तेल में बढ़त से ब्रेंट क्रूड एक बार फिर 105 डॉलर से ऊपर चला गया है. वहीं, रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की कमी की वजह से रुपया 80.00 प्रति डॉलर के आसपास मंडरा रहा है. आगे जाकर रुपया 79.75-80.25 के दायरे में रहने की संभावना है.

त्रिवेदी ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय भुगतान मोर्चे पर रिजर्व बैंक के उपायों या कमोडिटीज उत्पादों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी जैसे कदमों के बाद भी रुपये में व्यापक रूप से गिरावट का रुख है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मार्च, 2022 के मुकाबले 27.05 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.25 अरब डॉलर रह गया है.

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत घटकर 106.56 अंक रह गया.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरंग सोमैया ने कहा कि रुपये एक सीमित दायरे में रहा. अभी सभी की निगाह अगले सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) पर रहेगी. यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) द्वारा ब्याज दरों में ऊंची वृद्धि की चर्चा के बीच यूरो मजबूत हुआ.

इसके अलावा वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.73 प्रतिशत घटकर 105.49 डॉलर प्रति बैरल रह गया.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने मंगलवार को 976.40 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.

बता दें, सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्थानीय मुद्रा के मूल्य के बारे में पूछे जाने पर 31 दिसंबर 2014 से भारतीय रुपये में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई है.

एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये का मतलब क्या है?

जब यह कहा जाता है कि रुपया 80 डॉलर के निचले स्तर पर आ गया है, तो इसका मूल रूप से मतलब है कि किसी को एक डॉलर खरीदने के लिए 80 रुपये की जरूरत होती है.

न केवल अमेरिकी सामान बल्कि अन्य सामान और सेवाएं (कच्चा तेल कहते हैं) खरीदते समय यह महत्वपूर्ण है.

रुपया गिरने का कारण

अधिकांश अन्य मुद्राओं की तरह, अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारत की मुद्रा का मूल्य नीचे चला गया है. 30 दिसंबर 2014 को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 63.33 थी. 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 80 के स्तर को पार कर गयी.

इस गिरावट के कई कारण हैं जैसे कि मुद्रास्फीति, चीन में लंबे समय तक COVID-19 लॉकडाउन, प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक कड़े अभियान और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान.

इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो पूंजी का बहिर्वाह भी भारतीय मुद्रा में मूल्यह्रास भी एक प्रमुख कारण है. अमेरिका में भारत की तुलना में बहुत तेज दर से ब्याज दरों में वृद्धि के कारण कई विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से हाथ खींच लिया है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2022-23 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजारों से करीब 14 अरब डॉलर की निकासी की है.

यह सब संयुक्त रूप से डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्यह्रास का कारण बना है.

आम आदमी के लिए इसका क्या मतलब है?

रुपये में गिरावट का प्राथमिक प्रभाव आयातकों द्वारा महसूस किया जाता है क्योंकि उन्हें उसी मात्रा के लिए अधिक खर्च करने की आवश्यकता होती है. सबसे प्रतिकूल रूप से प्रभावित क्षेत्र तेल और गैस होगा, भारत 85 प्रतिशत से अधिक तेल और आधे से अधिक गैस का आयात करता है.

  • इसका मतलब यह है कि तेल की कीमतों में वृद्धि होगी, जो बदले में, कई उत्पादों तक पहुंच जाएगी.
  • कार खरीदना भी अधिक महंगा हो जाएगा, क्योंकि मूल्य के हिसाब से कार के कुल कच्चे माल का 10-20 प्रतिशत आयात किया जाता है.
  • मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी अधिक महंगे होने की संभावना है.
  • उड़ान भी अधिक महंगी हो जाएगी क्योंकि ईंधन खरीदना महंगा हो जाएगा.
  • जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए रुपये का गिरना एक समस्या हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि रुपये-डॉलर की तुलना में फीस अब महंगी होगी.
  • भावी छात्रों या यहां तक ​​कि मौजूदा छात्रों को अपने खर्च में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है.
  • रुपये में गिरावट का एक और बड़ा असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ सकता है. जो लोग अपनी विदेश यात्रा फिर से शुरू करना चाहते हैं, वे कुछ दिनों पहले की तुलना में बहुत अधिक खर्च करना समाप्त कर देंगे.

रुपये में गिरावट से क्या होगा फायदा?

रुपये में गिरावट का एक फायदा यह होगा कि भारत से निर्यात सस्ता हो जाएगा. सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र सबसे बड़ा लाभ पाने वालों में से एक होगा, क्योंकि वे अधिकांश ग्राहकों को अमेरिकी डॉलर में बिल देते हैं. भारतीय मुद्रा के गिरते ही उनकी रुपये की कमाई बढ़ जाती है.

कई वित्तीय विशेषज्ञ इस बात पर गौर करते हैं कि विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण और सेवाओं में निवेश करने का यह सही समय है. साथ ही यह अवधि भारत के पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी.

क्या हो रहा है?

इससे पहले, महीने में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेशी मुद्रा के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को और उदार बनाया, जिसमें बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB) मार्ग के तहत उधार सीमा को दोगुना करना शामिल था.

देश में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में अधिक विदेशी निवेश का मतलब घरेलू मुद्रा-मूल्य वाली भारतीय संपत्ति खरीदने के बदले रुपये की अधिक मांग होगी.

(With PTI Inputs)

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मार्च 2022 तक भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर पर, पढ़िए डिटेल रिपोर्ट

देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है.

देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है.

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी कर्ज और बढ़ गया है. मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डॉलर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 03, 2022, 07:46 IST

हाइलाइट्स

देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी फिर कमी आई है.
प्रवासी भारतीयों की जमा राशि दो प्रतिशत घटकर 139.0 अरब डॉलर रह गई.

नई दिल्ली. भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डॉलर हो गया. वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर के रूप में है जबकि भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज 31.2 प्रतिशत है.

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत का बाहरी कर्ज लगातार बेहतर तरीके से प्रबंधित बना हुआ है. मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डॉलर था जो एक साल पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं? 8.2 प्रतिशत अधिक है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के रूप में विदेशी ऋण 19.9 प्रतिशत था. विदेशी मुद्रा भंडार और बाह्य ऋण का अनुपात 97.8 प्रतिशत था.’’

कर्ज बढ़ा
हालांकि, बाह्य ऋण के अनुपात के तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का 97.8 प्रतिशत पर होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट को दर्शाता है. वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि देश का दीर्घावधि ऋण यानी लंबी अवधि का कर्ज 499.1 अरब डॉलर का है जो कुल बाह्य ऋण का 80.4 प्रतिशत है. वहीं, 121.7 अरब डॉलर के साथ अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी 19.6 प्रतिशत है.

प्रवासी भारतीयों की जमा राशि घटी
एक साल पहले की तुलना में सॉवरेन ऋण 17.1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डॉलर हो गया जबकि गैर-सॉवरेन ऋण 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डॉलर रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों की जमा राशि दो प्रतिशत घटकर 139.0 अरब डॉलर रह गई जबकि वाणिज्यिक उधारी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डॉलर और अल्पावधि का व्यापार ऋण 20.5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डॉलर रहा.

विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर कमी आई है. यह लगातार चौथा सप्ताह है, जब इसमें गिरावट हुई है. 26 अगस्त, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 19 अगस्त, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था. 5 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.97 अरब डॉलर रहा था.

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कॉपी-पेस्ट का काम नहीं होना चाहिए रीमेक : अभिषेक पाठक

''हम कोई ऐसा व्यक्ति चाहते थे जो यह समझ सके कि मैं इस फिल्म से क्या हासिल करना चाहता हूं। लेखन विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं? सबसे महत्वपूर्ण चीज है और हमें इस पर अधिक से अधिक समय खर्च करने की आवश्यकता है। एक बार लिखने के बाद, हमने डीओपी सहित टीम के साथ उपचार, मूड और शॉट की ऊर्जा के बारे में चर्चा की।"

"जब यह एक रीमेक है, अगर हम ठीक उसी तरह लेते हैं जिस तरह से मूल फिल्म बनाई जा रही है, तो मैं फिल्म में क्या (नया) कर रहा हूं? यह ऐसा है जैसे मैं कॉपी पेस्ट करने की कोशिश कर रहा हूं। जब मैं किसी प्रोजेक्ट पर आता हूं, मैं कुछ नया करना चाहता हूं। पटकथा स्वाद के अनुरूप होनी चाहिए और माहौल अलग होता है।" उन्होंने कहा कि टीम निर्देशक निशिकांत कामत को बहुत याद करती है, जिन्होंने 2015 में हिंदी में 'दृश्यम' का पहला भाग बनाया था। 2020 में हैदराबाद के एक अस्पताल में लीवर सिरोसिस से जूझने के बाद कामत का निधन हो गया।

पाठक ने "दृश्यम" श्रृंखला के निर्देशन की जिम्मेदारी ली क्योंकि वह सात साल पहले इसकी शुरुआत से ही इसकी दुनिया से अच्छी तरह वाकिफ हैं। फिल्म निर्माता ने 2015 की फिल्म के निर्माताओं में से एक के रूप में काम किया था।

तीन पावरहाउस अभिनेताओं देवगन, तब्बू और अक्षय खन्ना को निर्देशित करना फिल्म निर्माता के लिए एक सम्मान था।

उन्होंने कहा, "इतनी शानदार प्रतिभा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक साथ एक फिल्म में काम करना किसी सपने के सच होने जैसा है। वे इतने प्रतिभाशाली हैं कि आप जानते हैं कि चीजों को कैसे करना है।"

'दृश्यम 2' का निर्माण भूषण कुमार, कुमार मंगत पाठक, अभिषेक पाठक और कृष्ण कुमार ने किया है। फिल्म को वायकॉम 18 स्टूडियो, टी-सीरीज और पैनोरमा स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

Olymp Trade फॉरेक्स ट्रेडिंग में 4 सबसे महत्वपूर्ण कारक

 Olymp Trade फॉरेक्स ट्रेडिंग में 4 सबसे महत्वपूर्ण कारक

चाहे आप पहले से ही ओलंपिक व्यापार के साथ विदेशी मुद्रा बाजारों में निवेश कर रहे हों या आप शुरू करना चाह रहे हों, आपके ट्रेडों में अधिक सफलता पाने के लिए कई बातों पर विचार करना और समझना है। जबकि मुद्रा जोड़े के साथ विदेशी मुद्रा व्यापार अत्यधिक जटिल प्रतीत हो सकता है, और यह कुछ हद तक है, व्यापारी अपने व्यापारिक परिणामों को बेहतर बनाने के लिए कई अलग-अलग तरीकों को नियोजित कर सकते हैं।

मुद्रा व्यापार को प्रभावित करने वाला प्रत्येक कारक अत्यंत जटिल हो सकता है, लेकिन इन सभी जटिलताओं को बहुत गहराई से तलाशने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, एक अच्छा विदेशी मुद्रा बाजार अवलोकन और एक अच्छी समझ प्राप्त करना बेहतर व्यापारिक निर्णय लेने में मदद करने के लिए पर्याप्त होगा।

यहां कुछ चीजें हैं जो व्यापारियों को विदेशी मुद्रा बाजारों में निवेश करते समय विचार करना चाहिए जो औसत निवेशकों की सहायता के लिए सरल शब्दों में टूट गए हैं।

1. सामान्य आर्थिक स्वास्थ्य मुद्राओं को प्रभावित करता है

किसी देश की अर्थव्यवस्था की ताकत का उस देश की मुद्रा का अन्य मुद्राओं के मुकाबले मूल्य निर्धारण पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। एक ठोस या बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश अधिक वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने की क्षमता रखता है और अपने अधिक धन को प्रचलन में रखता है। यह, बदले में, प्रभावित करेगा कि इसकी मुद्रा का मूल्यांकन कैसे किया जाता है।

कई मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्टें हैं जो दर्शाती हैं कि किसी देश की अर्थव्यवस्था कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इन रिपोर्टों में सबसे महत्वपूर्ण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) है और व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख देशों में जीडीपी की वृद्धि पर किसी भी समाचार पर ध्यान दें।

इसके अतिरिक्त, बेरोजगारी के आंकड़े, उपभोक्ता विश्वास और मुद्रास्फीति रिपोर्ट विदेशी मुद्रा बाजार को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।

2. ब्याज दरें मुद्रा मूल्य को प्रभावित करती हैं

लगभग हर देश में ब्याज दरें होती हैं जो उस देश में "केंद्रीय बैंक" द्वारा निर्धारित की जाती हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में, वह प्राधिकरण यूएस फेडरल रिजर्व बैंक के पास रहता है, और प्रत्येक संस्थान के नाम अलग-अलग होते हैं, लेकिन वे अनिवार्य रूप से वही काम करते हैं, जो राष्ट्रीय ब्याज दर निर्धारित करना है।

यह ब्याज दर वह दर नहीं है जो बैंक ग्राहकों से घरों, कारों, या व्यवसाय शुरू करने/निधि के लिए पैसे उधार लेने के लिए लेते हैं। इसके बजाय, यह वह ब्याज दर है जो बैंक एक-दूसरे को ऋण के लिए एक-दूसरे से लेते हैं। हां, बैंक अन्य संघीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार एक-दूसरे से पैसा उधार लेते हैं, लेकिन यह एक और समय के लिए है।

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उच्च ब्याज दरें मुद्रास्फीति को कम करने में मदद करती हैं जबकि कम दरें व्यावसायिक गतिविधि को बढ़ाने में मदद करती हैं। ब्याज दरों के बारे में जारी कोई भी खबर अक्सर विदेशी मुद्रा और शेयर बाजारों को प्रभावित करेगी और ब्याज दर में बदलाव सीधे उस देश के मुद्रा मूल्य को प्रभावित करेगा। आप प्लेटफॉर्म के ओलम्पिक ट्रेड के इनसाइट्स सेक्शन के साथ कई समाचार अपडेट पा सकते हैं, जैसे कि नीचे दी गई छवि में, लेकिन समाचार स्रोतों का संयोजन आमतौर पर सबसे अच्छा होता है।


3. राजनीतिक उथल-पुथल और सैन्य संघर्ष पढ़ें

किसी भी देश या क्षेत्र में राजनीतिक और सैन्य उथल-पुथल का उन अन्य देशों और क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, जिनका संघर्ष से कोई सीधा संबंध नहीं है। हालाँकि, हम एक वैश्विक अर्थव्यवस्था में रहते हैं और दुनिया दिन-ब-दिन छोटी और अधिक जुड़ती जा रही है।

शीर्ष स्तरों पर राजनीतिक स्थितियों और किसी भी चल रहे सैन्य संघर्ष की खबरों पर नजर रखें और सक्रिय रूप से सवाल पूछें और जवाब मांगें कि ये चीजें दुनिया में व्यापार को कैसे प्रभावित कर सकती हैं।

उदाहरण के लिए, म्यांमार जैसे छोटे देश में राजनीतिक उथल-पुथल का चीन के साथ व्यापार पर असर पड़ सकता है क्योंकि म्यांमार चीन को प्राकृतिक गैस का शुद्ध निर्यातक है। चीनी निर्माताओं के लिए ऊर्जा की कोई भी बढ़ी हुई लागत बाजार की कीमतों और दूसरों के लिए कम लाभप्रदता बढ़ा सकती है। जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, कुछ छोटी लहरें भी कुछ आर्थिक लहरें पैदा कर सकती हैं।

4. मौलिक और तकनीकी विश्लेषण सम्मिश्रण

कुछ नए व्यापारी पूछ रहे होंगे कि "बाजार विश्लेषण क्या है" और "मौलिक और तकनीकी विश्लेषण में क्या अंतर है"। निश्चिंत रहें, विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं? कुछ समय और अभ्यास के साथ समझने में न तो बहुत जटिल या कठिन है और दोनों का उपयोग समग्र मुद्रा बाजार विश्लेषण (विदेशी मुद्रा) में किया जाता है।

मौलिक विश्लेषण पहले 3 बिंदुओं में सचित्र आर्थिक और राजनीतिक समाचारों पर अधिक आधारित है। जबकि, तकनीकी विश्लेषण के लिए मुद्रा जोड़े के लिए वास्तविक ट्रेडिंग चार्ट के मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।

एक अच्छी रणनीति एक या कुछ अलग मुद्रा जोड़े की पहचान करना और समय के साथ उनसे बहुत परिचित होना है। आप आर्थिक समाचारों के आधार पर व्यवहार के पैटर्न को देख पाएंगे और साथ ही यह भी देख पाएंगे कि ये जोड़े किस तरह से ट्रेंड करते हैं और अपने ट्रेंड को उलटते हैं। विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं?

उदाहरण के लिए, EURUSD जोड़ी सबसे अधिक कारोबार वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति है। यह अमेरिका और यूरोपीय आर्थिक आंकड़ों जैसे ब्याज दर में बदलाव, बेरोजगारी और जीडीपी के प्रति संवेदनशील होगा। हालांकि, तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि 2015 के बाद से यह लगभग हमेशा 1.1 की विनिमय दर (1 यूरो 1.1 अमरीकी डालर के बराबर) से ऊपर व्यापार करेगा।

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यहाँ गुलाबी क्षैतिज रेखा के साथ जोड़े का 1 महीने का चार्ट है जो 1.1 स्तर पर जबरदस्त समर्थन दिखा रहा है। युग्म के ऐतिहासिक व्यवहार को समझना उपयोगी होगा यदि/जब यह भविष्य में समाचार के आधार पर ट्रेडिंग निर्णय लेने के संबंध में 1.1 के स्तर के निकट हो।

आप कई ट्यूटोरियल का लाभ उठाकर मंच पर बाजार के तकनीकी विश्लेषण का संचालन करने के बारे में अपने कौशल में सुधार कर सकते हैं और बाजार में कब प्रवेश और बाहर निकलने के बारे में बेहतर निर्णय ले सकते हैं। क्या अधिक है, यदि व्यापारी मंच पर सीखी जा सकने वाली कई विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीतियों को लागू करते हैं, तो वे अपनी लाभप्रदता को अधिकतम करने में सक्षम होंगे।


विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ बनें

व्यापारियों को विदेशी मुद्रा पर एक विशेषज्ञ बनने और बाजारों का विश्लेषण करने के तरीके को समझने के लिए वित्त या अर्थशास्त्र में डिग्री की आवश्यकता नहीं है। आवश्यक सभी जानकारी मुफ्त में उपलब्ध है और जो ऊपर बताया गया है उससे अधिक विस्तार से उपलब्ध है।

यहां चर्चा किए गए विचारों को ध्यान में रखते हुए व्यापार करते समय आपके व्यापारिक व्यवहार में अपने आप सुधार होगा क्योंकि आपकी जागरूकता आपके बाजार विश्लेषण और निर्णय लेने को प्रभावित करेगी। हालांकि, अपने विश्लेषणात्मक कौशल को सुधारने के लिए अतिरिक्त समय लेना और जब आप समाचार या अन्य जगहों पर प्रासंगिक जानकारी देखते हैं तो इसे लागू करने से निश्चित रूप से आपकी ट्रेडिंग सफलता दर में वृद्धि होगी।

ध्यान रखें, यदि आपका मौलिक और तकनीकी विश्लेषण आपको प्रति सप्ताह $100 का एक और लाभदायक व्यापार प्रदान करता है, तो आप एक वर्ष के बाद एक और $5,000 डॉलर कमाएँगे। इनाम निश्चित रूप से प्रयास के लायक है।

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