चार्ट पैटर्न ट्रेडिंग

Stock Market पेपर ट्रेडिंग क्या होता हैं ? पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
क्रिकेट के प्लेयर्स नेट प्रैक्टिस करते है। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग करते हैं। समझ लिया, लेकिन थोड़ा ठहरो और पूरी बात को समझो। नेट प्रैक्टिस की तरह इसे भी लगातार करना होता हैं। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनानी हो तो और भी ज्यादा वक्त देना होता हैं।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की, स्टॉक मार्केट में 80% ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग नहीं करते हैं। बस 20 % ट्रेडर्स ही यह करते हैं। इनमे से ही आगे चलकर ट्रेडिंग में करियर करते हैं।
पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?
"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?
इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर एन्ड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।
उदाहरण
हमें SBI के शेयर्स खरीदने हो तो हम ब्रोकर के जरिए बायिंग का ऑर्डर डालेंगे। इससे हमारी पोजीशन बनेगी। कीमत बढ़ने पर सेल करते हैं तो मुनाफा होगा। और अगर कीमत निचे जाती हैं तो लॉस उठाना पड़ सकता हैं।
लेकिन पेपर ट्रेडिंग में हम कागज पर ट्रेड को लिखते हैं। और क्या रिसल्ट आया है इसका मुआयना करते हैं। ऐसा करने से शुरू में लॉस उठाना नहीं पड़ता और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से परिचय भी होता हैं। जैसे की एक कहावत हैं की, साँप भी मर जाए और लाठी भी ना टुंटे।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स
यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते हैं।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री
पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। बस इतने से काम चल जाएगा।
महत्वपूर्ण बात
पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।
पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग इंडिया की वेबसाइट पर कर सकते हैं।
2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।
3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।
4 ) अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।
5 ) अपनी जानकारी के आधार पर ट्रेड तय करके कागज पर लिखना।
6 ) ट्रेड के लिए टार्गेट और स्टॉप लॉस लिख लेना।
7 ) टार्गेट हिट होने पर हमने क्या सही किया इसका स्टडी करना हैं। और स्टॉप लॉस हिट चार्ट पैटर्न ट्रेडिंग होने पर हमसे क्या गलती हुई इसका स्टडी करना हैं। इसे संक्षिप्त में लिख लेना हैं।
8 ) इस अनुभव का उपयोग अगले ट्रेड में परफॉर्मेंस सुधारने के लिए करना हैं।
पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
जवाब में कहते हैं कि, नए ट्रेडर्स को चार्ट पैटर्न ट्रेडिंग बेसिक पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। और जो ऑलरेडी ट्रेडर्स हैं, ट्रेडिंग करते हैं उनको एडव्हान्स लेवल के साथ पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए।
A ) पेपर ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए
अगर हम नए ट्रेडर हैं। और शुरुआत करने जा रहे हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट में कौन-कौनसे शेयर्स हैं यह देखकर उनमे से कुछ शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।
2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम सिर्फ शेयर के प्राइस चार्ट को लेते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। शुरुआत में इतना काफी है।
3 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।
B ) पेपर ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के लिए
अगर हम अनुभवी ट्रेडर हैं। और प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट की खबरें पढ़ेंगे। महवपूर्ण इंडेक्स की दिशा को समझेंगे। इस दिशा को फॉलो करने वाले शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।
2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम शेयर्स के प्राइस के चार्ट के साथ इंडेक्स के चार्ट को भी देखते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। इसके साथ स्टॉक मार्केट के महत्वपूर्ण इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं।
3 ) लाइव डाटा जैसे की पुट कॉल रेश्यो, शेयर्स के ट्रेडिंग वॉल्यूम, टोटल बायर्स सेलर्स इस जानकारी को समझेंगे।
4 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।
पेपर ट्रेडिंग की खासियतें
पेपर ट्रेडिंग हमारे ट्रेडिंग स्टाइल पर निर्भर हैं। इसपर मेरे ट्रेडिंग करने वाले, ज्यादातर भाई और बहनें कहेंगे की हमारी तो कोई स्टाइल हैं ही नहीं। उनके लिए खुशखबरी यह हैं की, पेपर ट्रेडिंग करो आपकी ट्रेडिंग स्टाइल अपने-आप बनती जाएंगी। जिसे की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी कहते हैं।
" जिनके पास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होती हैं वह सुधार के लिए बैक टेस्टिंग करते हैं। और जिनके पास यह नहीं होती वो पेपर ट्रेडिंग करके अपने लिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।"
रियल ट्रेडिंग करते वक्त, हम रियल मनी ट्रेडिंग अकाउंट में डालते हैं। और इसके जरिए ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम नए हैं और हमें लॉस होता हैं तो यह हमारे लिए इमोशनल प्रॉब्लम बन सकता है। Stock Market % Game में फँसकर, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के बारे में हमारा नजरिया निगेटिव हो सकता है। लेकिन पेपर ट्रेडिंग करने से हमें चार्ट को समझकर, प्राइस मूवमेंट को समझकर ट्रेडिंग करने की आदत हो जाती है।
उपयुक्त जानकारी
पेपर ट्रेडिंग के बारे में हमने यह जाना
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह रिस्की बिजनेस है। इसमें डिसिप्लिन के सिवा पैसा कमाना मुश्किल होता है और डिसिप्लिन बनाने के लिए हमें कीमत चुकानी होती है।
यह कीमत हम, स्टॉक मार्केट रियल ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डालकर लॉस करके चुका सकते हैं या फिर पेपर ट्रेडिंग करके पेपर पर लॉस करके भी चुका सकते हैं। इससे हमारे रियल मनी का नुकसान नहीं होगा। और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के करियर में हम फिट हो सकते हैं या नहीं यह हमें पैसे गवाएं बिना पता चलता है।
पेपर ट्रेडिंग के रिजल्ट को ध्यान में रखते हुए हम तय कर सकते हैं कि, हमें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करना है या नहीं करना है। और हाँ तो अपनी आगे की दिशा तय कर सकते हैं।
रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न: Fixed Time Trade के लिए ट्रेडिंग विन्यास (फार्मेशन)
जहाँ कुछ समय तक बिक्री और खरीद संतुलन में दिखते हैं वहाँ रेक्टेंगल(आयत) या बॉक्स निरंतरता पैटर्न होते हैं जो चार्ट की कीमतों को दिखाते हैं| एसेट की कीमत बहुत सीमित रेंज में, रेक्टेंगल के तल से सहारा लेती हुई चलती है और रेक्टेंगल के शीर्ष को छूती है|
रेक्टेंगल(आयत) या बॉक्स पैटर्न से आपको लम्बे ट्रेड खोलने में मदद मिलती है| वे समर्थन और प्रतिरोध इंडिकेटर पर बनते हैं|
सिग्नल
रेक्टेंगल बहुत जाना-माना पैटर्न है| जब समर्थन और प्रतिरोध रेखाओं के अंदर कीमत स्थिर होती है, जो दो या अधिक पीक/लो से बनी होती हैं, तो इसे एक मजबूत समर्थन और प्रतिरोध रेखा के रूप में भी जाना जाता है।
प्राइस चार्ट बॉक्स के अंदर, लगातार शीर्ष और तल के किनारों को छूकर वापस उछलता हुआ चलता है| इस पैटर्न की विशेषता यह है कि ये आमतौर पर अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के अंत में दिखाई देते हैं| उदाहरण के लिए, डाउनट्रेंड के दौरान, कीमत धीमी होने लगती है, यह पैटर्न बनता है, और ट्रेंड फिर ऊपर की ओर चला जाता है| अपट्रेंड में भी ऐसा ही होता है|
रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न का प्रयोग करके ट्रेड खोलें
छोटी पोजीशन खोलें
जब कीमत समर्थन और प्रतिरोध जोन में जाए, आपको लघु-अवधि का ट्रेड लगाना चाहिए| क्योंकि इस जोन में चलते हुए कीमत तब तक उछलती है, जब तक पलटने लायक मजबूत न हो जाए| इसलिए, ट्रेड करने के लिए समर्थन और प्रतिरोध इंडिकेटर का प्रयोग करें|
जब कीमत थ्रेशहोल्ड पार कर जाए तो लंबी पोजीशन खोलें
रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न बनाने वाली दो समर्थन और प्रतिरोध रेखाएँ बहुत मजबूत अवरोध (बैरियर) होती हैं। इसलिए जब कीमत अवरोध (बैरियर) को तोड़ने वाली होती हैं, इन्हें बहुत अधिक बल की जरुरत होती है, जिससे कुछ लंबी कैंडल्स बनती हैं| यह समय ट्रेंड को फॉलो करके ट्रेड लगाने का है|
आपको नकली बैरियर को पहचानने अभ्यास भी करना चाहिए, जहाँ से कीमत वापस रेक्टेंगल में आ जाती है| Olymp Trade पर Fixed Time Trade करने का यह काफी सुरक्षित तरीका है|
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हम व्यापारियों को सिर्फ कमाने का ही मौका नहीं देते हैं, बल्कि हम उन्हें यह भी सिखाते हैं कि कैसे कमाना है। हमारी टीम के पास विश्व स्तरीय विश्लेषक हैं। वे व्यापार की मूल रणनीतियों को विकसित करते हैं और खुले वेबिनारों में व्यापारियों को सिखाते हैं कि समझदारी से उनका उपयोग कैसे करें, और वे एक एक करके व्यापारियों से परामर्श करते हैं।
उन सभी भाषाओं में शिक्षा आयोजित की जाती है जिसे हमारे व्यापारी बोलते हैं।
Unofficial website of the Olymp Trade
जोखिम की चेतावनी: इस Olymp Trade द्वारा ऑफ़र किए जाने वाले लेन-देन केवल एक पूर्ण सक्षम वयस्क द्वारा निष्पादित किए जा सकते हैं। Olymp Trade पर ऑफ़र किए जाने वाले वित्तीय इंस्ट्रुमेंट्स के लेन-देनों में पर्याप्त जोखिम है; इसलिए ट्रेडिंग काफी जोखिमपूर्ण हो सकती है। यदि आप इस Olymp Trade पर ऑफ़र किए जाने वाले वित्तीय इंस्ट्रुमेंट्स के साथ लेन-देन करते हैं, आपको भारी हानि हो सकती है या आप अपने खाते की संपूर्ण धनराशि गंवा सकते हैं। इससे पहले कि आप Olymp Trade पर ऑफ़र किए जाने वाले वित्तीय इंस्ट्रुमेंट्स के साथ लेन-देन शुरू करने का निर्णय लें, आपको सेवा अनुबंध और जोखिम उद्घोषणा सूचना की समीक्षा कर लेनी चाहिए। इस Olymp Trade का स्वामी और प्रबंधकर्ता Saledo Global LLC; पंजीकरण संख्या: 227 LLC 2019; पंजीकृत कार्यालय पता: First Floor, First St. Vincent Bank Ltd Building, P. O Box 1574, James Street, Kingstown, St. Vincent & the Grenadines.
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रेक्टेंगल(आयत) या बॉक्स पैटर्न से आपको लम्बे ट्रेड खोलने में मदद मिलती है| वे समर्थन और प्रतिरोध इंडिकेटर पर बनते हैं|
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प्राइस चार्ट बॉक्स के अंदर, लगातार शीर्ष और तल के किनारों को छूकर वापस उछलता हुआ चलता है| इस पैटर्न की विशेषता यह है कि ये आमतौर पर अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के अंत में दिखाई देते हैं| उदाहरण के लिए, डाउनट्रेंड के दौरान, कीमत धीमी होने लगती है, यह पैटर्न बनता है, और ट्रेंड फिर ऊपर की ओर चला जाता है| अपट्रेंड में भी ऐसा ही होता है|
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Stock Market पेपर ट्रेडिंग क्या होता हैं ? पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
क्रिकेट के प्लेयर्स नेट प्रैक्टिस करते है। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग करते हैं। समझ लिया, लेकिन थोड़ा ठहरो और पूरी बात को समझो। नेट प्रैक्टिस की तरह इसे भी लगातार करना होता हैं। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनानी हो तो और भी ज्यादा वक्त देना होता हैं।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की, स्टॉक मार्केट में 80% ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग नहीं करते हैं। बस 20 % ट्रेडर्स ही यह करते हैं। इनमे से ही आगे चलकर ट्रेडिंग में करियर करते हैं।
पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?
"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?
इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर एन्ड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।
उदाहरण
हमें SBI के शेयर्स खरीदने हो तो हम ब्रोकर के जरिए बायिंग का ऑर्डर डालेंगे। इससे हमारी पोजीशन बनेगी। कीमत बढ़ने पर सेल करते हैं तो मुनाफा होगा। और अगर कीमत निचे जाती हैं तो लॉस उठाना पड़ सकता हैं।
लेकिन पेपर ट्रेडिंग में हम कागज पर ट्रेड को लिखते हैं। और क्या रिसल्ट आया है इसका मुआयना करते हैं। ऐसा करने से शुरू में लॉस उठाना नहीं पड़ता और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से परिचय भी होता हैं। जैसे की एक कहावत हैं की, साँप भी मर जाए और लाठी भी ना टुंटे।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स
यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते हैं।
पेपर ट्रेडिंग की सामग्री
पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। बस इतने से काम चल जाएगा।
महत्वपूर्ण बात
पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।
पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग इंडिया की वेबसाइट पर कर सकते हैं।
2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।
3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।
4 ) अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।
5 ) अपनी जानकारी के आधार पर ट्रेड तय करके कागज पर लिखना।
6 ) ट्रेड के लिए टार्गेट और स्टॉप लॉस लिख लेना।
7 ) टार्गेट हिट होने पर हमने क्या सही किया इसका स्टडी करना हैं। और स्टॉप लॉस हिट होने पर हमसे क्या गलती हुई इसका स्टडी करना हैं। इसे संक्षिप्त में लिख लेना हैं।
8 ) इस अनुभव का उपयोग अगले ट्रेड में परफॉर्मेंस सुधारने के लिए करना हैं।
पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?
जवाब में कहते हैं कि, नए ट्रेडर्स को बेसिक पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। और जो ऑलरेडी ट्रेडर्स हैं, ट्रेडिंग करते हैं उनको एडव्हान्स लेवल के साथ पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए।
A ) पेपर ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए
अगर हम नए ट्रेडर हैं। और शुरुआत करने जा रहे हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट में कौन-कौनसे शेयर्स हैं यह देखकर उनमे से कुछ शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।
2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम सिर्फ शेयर के प्राइस चार्ट को लेते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। शुरुआत में इतना काफी है।
3 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।
B ) पेपर ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के लिए
अगर हम अनुभवी ट्रेडर हैं। और प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।
1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट की खबरें पढ़ेंगे। महवपूर्ण इंडेक्स की दिशा को समझेंगे। इस दिशा को फॉलो करने वाले शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।
2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम शेयर्स के प्राइस के चार्ट के साथ इंडेक्स के चार्ट को भी देखते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। इसके साथ स्टॉक मार्केट के महत्वपूर्ण इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं।
3 ) लाइव डाटा जैसे की पुट कॉल रेश्यो, शेयर्स के ट्रेडिंग वॉल्यूम, टोटल बायर्स सेलर्स इस जानकारी को समझेंगे।
4 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।
पेपर ट्रेडिंग की खासियतें
पेपर ट्रेडिंग हमारे ट्रेडिंग स्टाइल पर निर्भर हैं। इसपर मेरे ट्रेडिंग करने वाले, ज्यादातर भाई और बहनें कहेंगे की हमारी तो कोई स्टाइल हैं ही नहीं। उनके लिए खुशखबरी यह हैं की, पेपर ट्रेडिंग करो आपकी ट्रेडिंग स्टाइल अपने-आप बनती जाएंगी। जिसे की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी कहते हैं।
" जिनके पास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होती हैं वह सुधार के लिए बैक टेस्टिंग करते हैं। और जिनके पास यह नहीं होती वो पेपर ट्रेडिंग करके अपने लिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।"
रियल ट्रेडिंग करते वक्त, हम रियल मनी ट्रेडिंग अकाउंट में डालते हैं। और इसके जरिए ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम नए हैं और हमें लॉस होता हैं तो यह हमारे लिए इमोशनल प्रॉब्लम बन सकता है। Stock Market % Game में फँसकर, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के बारे में हमारा नजरिया निगेटिव हो सकता है। लेकिन पेपर ट्रेडिंग करने से हमें चार्ट को समझकर, प्राइस मूवमेंट को समझकर ट्रेडिंग करने की आदत हो जाती है।
उपयुक्त जानकारी
पेपर ट्रेडिंग के बारे में हमने यह जाना
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह रिस्की बिजनेस है। इसमें डिसिप्लिन के सिवा पैसा कमाना मुश्किल होता है और डिसिप्लिन बनाने के लिए हमें कीमत चुकानी होती है।
यह कीमत हम, स्टॉक मार्केट रियल ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डालकर लॉस करके चुका सकते हैं या फिर पेपर ट्रेडिंग करके पेपर पर लॉस करके भी चुका सकते हैं। इससे हमारे रियल मनी का नुकसान नहीं होगा। और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के करियर में हम फिट हो सकते हैं या नहीं यह हमें पैसे गवाएं बिना पता चलता है।
पेपर ट्रेडिंग के रिजल्ट को ध्यान में रखते हुए हम तय कर सकते हैं कि, हमें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करना है या नहीं करना है। और हाँ तो अपनी आगे की दिशा तय कर सकते हैं।
कैंडलस्टिक चार्ट की जानकारी – भाग 10, Evening Star Pattern
आज हम कैंडलस्टिक के इवनिंग स्टार पैटर्न (Evening Star pattern) के बारे में सीखेंगे. ऊपर दो चार्ट दिये गए है. इन दोनों प्रकार के चार्ट में बने हुए कैंडलस्टिक पैटर्न, Evening Star pattern कहलाते है. यह कैंडलस्टिक पैटर्न आमतौर पर तब बनता है जब कोई स्टॉक या शेयर काफी दिनों से ऊपर चढ़ रहा हो और उसके अब और ज्यादा भाव बढ़ने की गुंजाईश नहीं हो. यह Evening Star पैटर्न आमतौर पर किसी शेयर के भाव का नीचे की ओर जाने या यूँ कहा जाया की भविष्य में गिरने का अंदाजा देता है. Evening Star पैटर्न में तीन दिनों की कैंडल् होती है, जिनकी जानकारी इस प्रकार है:-
1) पहले दिन की कैंडल (01-07-2017) हरी होती है और काफी बड़ी होती है.
2) दूसरे दिन की कैंडल छोटी होती है और वह लाल या हरे रंग दोनों में से कोई भी एक हो सकती है. आप ऊपर दिए हुए दोनों चार्ट में देख सकते है की पहले चार्ट में बीच की कैंडल (02-07-2017) हरे रंग की, और दूसरे चार्ट में बीच की कैंडल (02-07-2017) लाल रंग की है.
3) तीसरे दिन की कैंडल (03-07-2017) लाल रंग की होती है. इस पैटर्न को नीचे समझाया गया है.
Evening Star पैटर्न में पहली कैंडल हरी रंग की होती है और यह bullish कैंडल होती है. यहाँ पर पहली हरी कैंडल की बॉडी काफी बड़ी होती है, जैसे की आप ऊपर के दोनों चार्ट में देख सकते है की पहले दिन उस शेयर में काफी खरीदारी हुई और उस शेयर का भाव काफी ऊपर चढ़ कर बंद हुआ. अब इसमें दूसरे दिन की कैंडल का महत्व होता है, यह हरे रंग या लाल रंग दोनों में कोई भी एक रंग की कैंडल होती है. यह दूसरी कैंडल की बॉडी पहली हरी कैंडल से बहुत छोटी होती है और इसका open price हमेशा पहली हरी कैंडल के close से ऊपर होता है, लेकिन दूसरे दिन इस शेयर के भाव में ज्यादा बदलाव नहीं आता है और यह अपने open price के आस-पास ही बंद होता है, जैसा की दोनों चार्ट में दिखाया गया है. छोटी कैंडल का अर्थ है की उस दिन इस शेयर में ज्यादा हलचल नहीं थी. यहाँ पर दूसरी कैंडल लाल या हरे रंग में कोई भी हो सकती है.
अब तीसरे दिन यह शेयर दूसरे दिन के open या close price के नीचे खुलता है और तीसरे दिन यह शेयर पहले दिन की बड़ी हरी कैंडल की बॉडी के बीच के हिस्से से नीचे ही बंद होता है. जिसका अर्थ है की मंदड़ियों (Bears) ने इस शेयर पर अब अपनी पकड़ बना ली है. यहाँ पर यह अंदाजा लगाया जा सकता है की इस शेयर में खरीदने वालों की दिलचस्पी कम हो गयी है क्योंकि पहले दिन की खरीदारी के बाद दूसरे दिन इसमें कोई विशेष बदलाव नहीं आया यानी इसमें ज्यादा buyers नहीं थे या उन्हें लगा की अब यह शेयर और ऊपर नहीं जायेगा. तीसरे दिन बेचने वालों ने इस शेयर पर अपनी पकड़ बनायीं, और यह शेयर अब पहले दिन के close price के ऊपर जाना मुश्किल है.
इससे यह भी पता लगता है की अब बाज़ार का रुख इस शेयर में बदल रहा है और इस शेयर में अगले कुछ दिन तक बिकवाली रह सकती है और इस शेयर का भाव यहाँ से नीचे गिर सकता है. वैसे ज्यादातर ट्रेडर्स इस Evening Star pattern के बनने पर दूसरे टेक्निकल इंडिकेटर को भी देखते है ताकि यह निश्चित किया जा सके की अब इस शेयर में बेचने का दौर आने की संभावना है.