निवेश और अर्थव्यवस्था

"इस उद्योग का अस्तित्व, और लघु द्वीपीय विकासशील देशों समेत अनेक पर्यटन स्थल, इसी पर निर्भर हैं."
निवेश और अर्थव्यवस्था
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भारतीय अर्थव्यवस्था में निम्नल .
चाय सीमेंट इस्पात पटसन
Solution : लौह और इस्पात उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़े लिए जाना जाता है। इस उद्योग ने सरकारी निवेश के साथ-साथ-प्रत्यक्ष नि निवेश भी प्राप्त किया है। भारतीय इस्पात उद्योग में किए गए कुछ। निवेश निम्नलिखित हैं:
चीन की आधारभूत संरचना कंपनी, टिडफोर हेवी इक्विपमेंट ग्रुप ने कोरिया की इस्पात कंपनी, पोस्को के साथ मिलकर वर्धा में स्थित अपनी का विस्तार करने हेतु उत्तम गैल्वा मेटालिक्स के साथ लगभग USS मिलियन के निवेश समझौते पर हस्ताधार करके भारतीय थाजार में प्रवेश की दिशा में एक कदम बढ़ा दिया है। आर्सेलर मित्तल एसए भारत में हाई-इन्ड स्टील प्रोडक्टस, जिसका प्रयोग और उपग्रह उद्योगों में किया जा सकता है, के निर्माण के लिए भारत स के स्वामित्व वाले भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) के साथ संयुक्त परियोजना (JV) की स्थापना करना चाहता है।
जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने अगले पांच से सात वर्षों के दौरान कोयले पर आ 1,320 मेगावाट (MW) की क्षमता वाले विद्युत संयंत्र, 4.8 मिलियन टन क्षमता वाले सीमेंट संयंत्र और पेंट फैक्टरी की स्थापना करने हेतु पश्चिम व के सालबोनी में लगभग 10,000 करोड़ रुपये (US$ 1.49 निवेश और अर्थव्यवस्था बिलियन निवेश करने की योजना बनाई है।
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) ने वित्त वर्ष निवेश और अर्थव्यवस्था 2018-19 तक मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) और वित्त वर्ष 2021-22 तक 100 मिदि टन प्रतिवर्ष (MTPA) खनिज क्षमता का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु-अगले आठ में लगभग 40,000 करोड़ रुपये (US$ 5.96 बिलियन) का निवेश कर योजना बनाई है।
अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, आगे बढ़कर निवेश करे उद्योग जगत: अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली। वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उद्योग जगत से निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद संरचनात्मक रूप से मजबूत है। सरकार इसमें सुधारों को लेकर पूरी प्रतिबद्ध है। ठाकुर ने ये बात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही।
ठाकुर ने सीआईआई सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कंपनी कर घटाने समेत पिछले 6 साल में कई सारे सुधार किए हैं। वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि घरेलू कंपनियों के निवेश से विदेशी कंपनियों में भी भारत में पैसा लगाने को लेकर भरोसा जगेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले साल कंपनी कर की दरों को 30 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया, जो ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि ये अब भारतीय उद्योग और कंपनियों पर है कि वे दुनिया को दिखाने के साथ आगे बढ़कर निवेश निवेश और अर्थव्यवस्था करें। उन्होंनें कहा कि मुझे लगता है कि पहला निवेश भारतीय उद्योग जगत की ओर निवेश और अर्थव्यवस्था से शुरू होना चाहिए। इससे विदेशी कंपनियों में भारत में निवेश को लेकर भरोसा बढ़ेगा।
रिपोर्ट कार्ड
संगठन निवेश और अर्थव्यवस्था ने अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपनी पहली ‘विश्व पर्यटन दिवस रिपोर्ट’ जारी की है, जोकि पर्यटन सैक्टर में संगठन के कामकाज के वार्षिक विश्लेषणों की श्रृंखला में पहला संस्करण है.
रिपोर्ट में लैंगिक समानता, सततता और जलवायु कार्रवाई, पर्यटन शासन व्यवस्था और निवेश व नवाचार सहित प्रमुख क्षेत्रों में यूएन एजेंसी की गतिविधियों पर जानकारी प्रदान की गई है.
विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के जी20 समूह के प्रतिनिधियों की इस वर्ष नवम्बर में बाली में बैठक होगी. यूएन एजेंसी ने आयोजन से पहले, मंत्रियों के लिये दिशा-निर्देशों का एक खा़ाका तैयार किया है, ताकि सहनसक्षम और टिकाऊ पर्यटन व्यवसायों को समर्थन दिया जा सके.
इस सिलसिले में, मानव पूंजी, नवाचार, युवा व महिला सशक्तिकरण, और जलवायु कार्रवाई को भी ध्यान में रखना होगा.
‘यौन शोषण के प्रति शून्य सहिष्णुता’
संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने विश्व पर्यटन दिवस से पहले जारी अपने एक बयान में, देशों की सरकारों से यह सुनिश्चित करने का आहवान किया है कि पर्यटन उद्योग को जबरन बाल श्रम, यौन शोषण और यौन हिंसा निवेश और अर्थव्यवस्था से मुक्त किया जाए.
बच्चों की ख़रीद-फ़रोख़्त और यौन शोषण पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष रैपोर्टेयर मामा फ़ातिमा सिंघातेह ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और सामाजिक-आर्थिक झटकों से, बाल संरक्षण व्यवस्थाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
उन्होंने कहा कि इन हालात में बच्चों के समक्ष यात्रा व पर्यटन के सन्दर्भ में, ख़रीद-फ़रोख़्त, तस्करी और यौन शोषण के जोखिम पनपे हैं, और उन्हें विशेष रूप से उन देशों में नाज़ुक हालात का सामना करना पड़ रहा है, जो पारम्परिक रूप से यात्रा व पर्यटन से होने वाली आय पर निर्भर हैं.
निवेश और अर्थव्यवस्था
विगत कुछ वर्षों से इन्वेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश को भारत के सर्वाधिक अधिमानित निवेश गंतव्य के रूप में परिवर्तित कर रहा है तथा इस प्रकार नए भारत के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विकास के नए क्षितिज गढ़ रहा है |
निवेश संवर्धन तथा सुविधायन के अतिरिक्त इन्वेस्ट यूपी का व्यावसायिक रूप से दक्ष कार्यबल निवेशकों को अनेकों सेवाएँ यथा निवेश आशय दर्ज करना, सी एस आर सहायता, स्वर्ण कार्ड योजना इत्यादि प्रदान निवेश और अर्थव्यवस्था कर रहा है | हमारा अस्तित्व अपने निवेशक सहभागियों की प्रगति में सहायता प्रदान करने के निमित्त ही है |
निवेश के रूप में सोना सबसे उपयोगी वस्तु क्यों है?
इतिहास के किसी-न-किसी पड़ाव में, नमक से लेकर तंबाकू से लेकर समुद्र तक की, सभी प्रकार की नरम कृषि वस्तुओं का इस्तेमाल मुद्राओं के रूप में किया गया है। लेकिन समय के साथ, इन नरम वस्तुओं का उपयोग कई कारणों से बंद भी किया जाता रहा :
- इतिहास के किसी-न-किसी पड़ाव में, नमक से लेकर तंबाकू से लेकर समुद्र तक की, सभी प्रकार की नरम कृषि वस्तुओं का इस्तेमाल मुद्राओं के रूप में किया गया है। लेकिन समय के साथ, इन नरम वस्तुओं का उपयोग कई कारणों से बंद भी किया जाता रहा :निवेश और अर्थव्यवस्था
- एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने पर इनका मूल्य बरकरार नहीं रहता था। उदाहरण के लिए, अफ्रीका के कुछ हिस्सों में नमक का उपयोग नहीं किया जा सकता था, क्योंकि वहां इसकी बहुतायत थी। आज भी, उदाहरण के लिए, तेल उत्पादन भौगोलिक रूप से दुनिया के कुछ ही हिस्सों में अधिक केंद्रित है; जैसेकि, तेल के प्रमाणित भंडारों का 50% से ज्यादा अभी मध्य पूर्व में स्थित है।
- मुद्राओं के रूप में इनका उपयोग करना इन्हें इनके मूलभूत उपयोग यानी कि मानव उपभोग से दूर ले जाएगा
बहुरूपता मायने रखती है, क्योंकि अन्य परिसंपत्तियों में गिरावट आने पर भी सिर्फ सोना स्थिर रहता है
सोना और अन्य परिसंपत्तियों, जिनमें कि वस्तुएं भी शामिल हैं, का परस्पर संबंध गतिमय है, अर्थात अलग-अलग आर्थिक परिस्थितियों में अन्य संपत्तियों के साथ सोना अलग-अलग व्यवहार करता है। अन्य वस्तुओं की तरह, आर्थिक विकास की अवस्था में सोने का शेयरों के साथ परस्पर संबंध सकारात्मक होता है; और जब इक्विटी बाजार में वृद्धि होती है, तो सोने की कीमत भी बढ़ जाती है। लेकिन अन्य वस्तुओं के बिल्कुल उलट, अर्थव्यवस्था में मंदी की अवस्था, जिसमें अपस्फीति भी शामिल है, में भी सोना अच्छा प्रदर्शन करता है, जबकि अन्य कई चीजें धन या पूंजी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। सोने को संकट-मोचन वस्तु के रूप में भी देखा जाता है, क्योंकि यह भू-राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान भी अपना मूल्य-मान्यता बनाए रखता है। उदाहरण के लिए, ब्रेक्सिट के दौरान भारी अनिश्चितता में भी सोने की कीमतों में इस साल काफी ज्यादा हलचल देखी गई।
मुद्रास्फीति के जोखिम से बचाव के रूप में सोना
पोर्टफोलियो में निवेश करने के पीछे सबसे आम कारण है मुद्रास्फीति के जोखिम से बचाव। यह एक ऐसा समय होता निवेश और अर्थव्यवस्था है, जब वस्तुएं अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन करती हैं। लेकिन, ऐतिहासिक रूप से तो, विशेष रूप से लंबे समय में, सोना उन सभी में सबसे बेहतर प्रदर्शन करता है।
अर्थशास्त्री विवेक कौल कहते हैं कि हम जिस समय में रह रहे हैं, वह मुद्रास्फीति के लिए बहुत मौजू समय है। ‘’जब कोई सरकार बहुत सारा पैसा छापती है, तो आपके पास उन्हीं सामान और सेवाओं के लिए बड़ी मात्रा में पैसा होता है, जिससे कारण इतनी ज्यादा मुद्रास्फीति है। इसलिए, कागजी पैसा, जो आपके पास होता है, वह समय के साथ बेकार हो जाता है,” कौल जिम्बाब्वे के उदाहरण देते हुए आगे कहते हैं, ‘’जहां 2019 में मुद्रास्फीति 300% है, जोकि दुनिया में सबसे ज्यादा है।‘’ अस्थिरता की ऐसे माहौल में किसी के भी धन को संरक्षित करने के लिए, कौल किसी भी व्यक्ति के पोर्टफोलियो में 10-15% सोना शामिल करने का सुझाव देते हैं। इस वीडियो देखिए कि ‘’आज आप सोने में निवेश क्यों करें’’।
सोने की आपूर्ति तो सीमित है, और मांग बढ़ेगी ही
सोना दुर्लभ की श्रेणी में आता है, जोकि इसके प्रति आकर्षण को बनाए रखता है। लेकिन केंद्रीय बैंकों सहित अन्य विविध प्रकार के संस्थागत निवेशकों के लिए एक सुसंगत निवेश के रूप में सोने के बाजार का आकार बहुत ही बड़ा है। अन्य वस्तुओं का आम तौर पर उत्पादन की बदलती दरों के कारण अल्पावधि वाली दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सोने का उत्पादन अलग-अलग महाद्वीपों में एक समान बांटा जाता है, जिससे उतार-चढ़ाव के झटकों से बचाव होता है।
इससे यह तय करने में मदद मिलती है कि सोना अन्य वस्तुओं की तुलना में बहुत कम परिवर्तनशील है।
अलग-अलग आर्थिक परिस्थितियों में सोने की माँग अपरिवर्तित है। जब अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही होती है, तो लोग आभूषण और तकनीकी उपकरणों जैसी विवेकाधीन खरीदारी ज्यादा करते हैं, जिससे कि सोने की मांग बढ़ जाती है। लेकिन जब अर्थव्यवस्था में मंदी छाई होती है, जब निवेशक बाजार के घाटे की भरपाई के लिए कोई भरोसेमंद, तरल संपत्ति चाहते हैं, तो सोने की मांग (और फलस्वरूप इसकी कीमत भी) बढ़ जाती है।