Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

Share market me trading kya hai शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है
अधिकतर लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। इसलिए हमें इसके विषय में जादा से जादा जानकारी होना चाहिए। इसी जानकारी के बल से यहां अपने वैल्यू निवेश से अधिकतम रिटर्न कमाया जाता है । इसी आधार पर Share market me trading kya hai शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है इसके विषय में भी हमें और जादा समझ होना जरुरी है।
इसी के साथ स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकार को विस्तृत रुप से जानते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं-
- लौंग टर्म ट्रेडिंग
- सौर्ट टर्म ट्रेडिंग
- इन्ट्राडे ट्रेडिंग
- सौर्ट सेलिंग
- प्री ओपनिंग सेशन
- स्पेशल प्री ओपनिंग सेशन
- क्लोजिंग सेशन
Share market me Long term trading
शेयर मार्केट में लौंग टर्म ट्रेडिंग Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है को लम्बी अवधि ट्रेडिंग भी कहते हैं। जैसे कि एक बार शेयर खरीद कर लम्बे समय 10 वर्ष, 15 वर्ष, 20 वर्ष और इससे भी जादा समय के लिए हो सकते हैं । इसे डिलीवरी भी कहा जाता है ।
इस समय के दौरान मार्केट के बडने और गिरने से कोई फर्क नहीं होता है । क्योंकि यह सौदे मार्केट आधारित ना होकर बिजनेस भविष्य की ग्रोथ परफार्मेंस और रिसर्च पर आधारित होते हैं ।
Short term trading
सौर्ट टर्म ट्रेडिंग लगभग लम्बी अवधि की डिलीवरी के समान ही होती है । किन्तु इसमें केवल यह अन्तर होता है कि यह सौदे अधिकतर एक से पांच वर्ष तक के समय तक ही निवेशक शेयर्स को होलड करके रखते हैं । और फिर बेचकर प्रफिट बुक करके निकल जाते हैं ।
Share market me Intraday trading
इन्ट्राडे ट्रेडिंग डिलीवरी के ठीक उलट होती है । यह सामान्य ट्रेडिंग सेशन प्रातः 09:15-03:30 IST इण्डियन स्टैंडर्ड टाइम मतलब भारतीय समय के अनुसार केवल कुछ मिनट, एक घण्टा प्राधिकरण दिखने और अधिकतम मार्केट क्लोजिंग तक ही होते हैं ।
इसमें अनुभव इन्ट्राडे टैकनीकल एनालेसिस के अनुसार ट्रेडर ट्रेडिंग करते हैं । किन्तु इसे अत्यंत ही सावधानी से करना चाहिए। क्योंकि इसमें लाभ और हानि के बराबर के अवसर होते हैं ।
इससे बहुत अधिक लाभ भी कमाया जा सकता है और उसी अनुपात में हानि । ट्रेडर ट्रेडिंग करते करते मार्केट को फोरकास्ट करने लगते हैं । जबकि बाजार को ट्रेडर्स को सरप्राइज करना बहुत जादा पसंद आता है ।
किन्तु जब भी इन्ट्राडे ट्रेडिंग करें तो अपने डिलीवरी सौदे को इससे बिलकुल ही अलग रखें । इनको मिक्स ना होने दें । इसे एक अलग ट्रेडिंग अकाउंट से के माध्यम से करना ही जादा बेहतर होता है ।
क्योंकि वह पैसे शून्य भी हो जायें तो कोई विशेष असर ना पड़े । और इसमें एक बार पैसे डालने के बाद बार बार से जादा पैसे डालने से बचना चाहिए।
किन्तु इस ट्रेडिंग से निवेशक या ट्रेडर सक्रिय भी रहता है । इसके साथ ही मार्केट से अपडेट भी रहता है । बाजार से अपडेट रहना बहुत ही महत्वपूर्ण भी है ।
और कुछ नया अनुभव सीखने का मौका भी होता है। जो उसके ट्रेड और निवेश जननी में एक विशेषज्ञता लाने में भी सहायक होता है ।
Stop loss ke sath Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है intraday trading
इन्ट्राडे ट्रेडिंग में अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। जैसे पानी की गहराई में लाईफ जैकेट जीवन की सुरक्षा में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है । ठीक वैसे ही स्टौप लौस निवेश को बडे लौस से बचाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है |
इसलिए सभी रिटेल निवेशकों और ट्रेडरों को बडे लौस से सुरक्षित रखने के लिए इसे अपराध आवश्य करके ट्रेडिंग करना चाहिए।
Special Muhurat trading
बाजार में स्पेशल मुहुर्त ट्रेडिंग प्रत्येक वर्ष दिपावली के शुभ अवसर पर शांम को कुछ समय तक के लिए होती है। इसमें पूरे वर्ष बहतर कारोबार होने की भावना का भाव रहता है ।
Short selling kya hai
जब बडे इन्वेस्टर, फण्ड हाउस और ट्रेडर यह समझ लेते हैं कि मार्केट क्रैश होने वाला है गिरने वाला है । तो वह शेयर ना होने पर भी उनको उचे प्राइस पर बेचना शुरु कर देते हैं । और जब यह क्लोजिंग के समय तक बडी गिरावट की मार झेल चुका होता है ।
तो वह उन्ही बेचे गये शेयर्स को वापस फीर से कम भाव पर खरीद कर सैटलमेंट कर लेते हैं । जिससे कि वह इन बेचे गये शेयर्स के लिए डिफाल्टर ना हो सकें । और एक्सचेंज के माध्यम से उन्हें ब्लैक लिस्ट ना किया जाये ।
Pre opening session
प्री ओपनिंग सेशन मार्केट खुलने के पहले सुबह 09:00 बजे से शुरु होता है और 15 मिनट यानि सुबह 09:15 बजे बाजार खुलने तक चलता है ।
- शेयर क्या है शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता है
- अपर और लोअर सर्किट क्या है
- फण्डामेंटल और शेयर प्राइस अपडेट कैसे चैक करें
- सहकारी समिति कैसे बनाये मल्टीस्टेट सहकारी समिति का रजिस्ट्रेशन
यह मुख्यतः तीन तरह से काम करता है । सुबह 09:00-09:08 तक इसमें केवल आडर कलैक्ट, मोडीफाई और कैन्सल किये जाते हैं ।
इसी के साथ 09:12-09:15 बजे तक के 3 मिनट को ठीक रिजर्व टाइम के तरह रखा जाता है । जिससे कि आडर एजिक्यूट करने में कोई तकनीकी रुकावट हो जाये तो व्यवस्थित किया जा सके ।
Special pre opening session
यह स्पेशल प्री ओपनिंग सेशन कुछ विशेष टाइप की इक्विटी के लिए होता है । जैसे कि- IPOs इक्विटी और फिर से लिस्ट Relisted होने वाले शेयर के लिए होता है । जो प्रायः सुबह 09:00-10:00 बजे तक अर्थात 60 मिनट तक चलता है।
इसमें भी 09:00-09:45 बजे तक आडर्स की एन्ट्री, मोडिफीकेशन और कैन्सलेशन का काम चलता है । फिर 09:45-09:55 बजे तक मतलब 10 मिनट में सभी प्राप्त आडर्स का मिलान शुरु होने के साथ ही उनको पूरा कर दिया जाता है ।
और इस सेशन के अंत में 09:55-10:00 बजे तक 05 मिनट का बफर पिरियड होता है। जिसमें ट्रांजेक्शन प्री ओपन से सामान्य मार्केट तक चलता है ।
इस पिरियड में जो भी सौदे कम्पलिट किये जाते हैं । इस सेशन के समय और आईपीओ प्राइस ipo price से जितने भी प्रतिशत प्राइस बडकर या गिरकर स्पेशल प्री ओपनिंग सेशन समाप्त होता है।
उसी प्राइस पर सामान्य मार्केट में पहली बार ट्रेडिंग के लिए उस शेयर का प्राइस ओपन होता है । फिर उसके बाद जितने पर्सेंट की बडत या गिरावट उसमें होती है । वह इसमें वास्तविक चेंजेस होता है ।
Closing session
बाजार में सामान्य ट्रेडिंग सुबह 09:15-03:30 बजे तक मार्केट क्लोज होने के बाद भी कुछ सौदों का सैटलमेंट नहीं हो पाता है । तो ऐसे सौदों का निपटान पूरा करने के लिए 03:45 बजे से सायं 04:00 बजे तक का Closing session चलता है।
जिसमें ऐसे सौदों का निपटान किया जाता है। और इक्विटी प्राइस की फाइनल क्लोजिंग उस Last trade price पर होती है। जिस आधार पर शेयरों की अगले ट्रेडिंग डे के लिए प्री ओपनिंग सेशन के बाद नौर्मल कारोबार के लिए ओपनिंग प्राइस तैयार होती है।
निवेशक और ट्रेडर में मुख्य अन्तर
Value invester के रुप में
एक वैल्यू इन्वेस्टर किसी भी कम्पनी के शेयरों को ऐसे ही आकर्षित होकर नहीं खरीदता है बल्कि उसके बिजनेस माडल, योजनाओं की सम्भावनाओं, पर्दशन, प्रोडक्ट, सर्विस और क्वालिटी मैनेजमेंट का पूरा एनालेसिस करने के बाद ही।
सही कम्पनी चुनकर उसके शेयरों को खरीदता है। और उनको धैर्य से लम्बे समय तक बिना किसी मार्केट डर के होल्ड करके रखता है। जिससे वह अपने निवेश से कई गुना सबसे अच्छा रिटर्न प्राप्त करते हैं। और अपनी वैल्थ को बडाकर धनवान बनते जाते हैं।
Trader के रुप में
जबकि ट्रेडर को किसी कम्पनी के बिजनेस माडल, परफार्मेंस, भविष्य की योजनाओं से, प्रोडक्ट व सर्विस से और मैनेजमेंट से कोई मतलब नहीं होता है।
वह केवल कम्पनी के शेयर भाव के मूवमेन्ट, ट्रेन्ड और डेली टैकनीकल चार्ट को और मार्केट भाव देखर शेयरों में ट्रेड करते हैं। और पैसे भी कमाते हैं।
वह केवल और केरल तुरंत का ही प्राधिकरण बनाने में लगे रहते हैं। जबकि किसी भी सफल इन्वेस्टर ने लम्बे समय में क्वालिटी स्टाक में निवेश करके ही कई गुना लाभ कमाया है।
कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब
पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)
दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)
यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)
अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.
1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.
2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)
3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.
4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)
5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.
6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)
7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)
Trading vs Investment में क्या फर्क है इन हिंदी ?|Difference Between Trading & Investment In Hindi.
Difference Between Trading And Investment In Hindi : Quickguruji के आज के आर्टिकल में हम Trading vs Investment में क्या फर्क होता है ? इस के उपर बात करेंगे.
जो लोग स्टॉक मार्केट के फील्ड में अपना नया कदम रखते है,तो ये दो शब्द वो काफी बार सुनते है.इसलिए आज इन्ही दो शब्द के बारे में डिटेल में चर्चा करेंगे.तो चलिए शुरू करते है.
Table of Contents
Introduction
अगर आप Stock market में इंटरेस्ट रखते हो या Stock market सिखना चाहते हो,तो Investment और Trading के बारे में अपको मालूम होना चाहिए.
बहुत सारे लोगों को Trading और Inveatment का मतलब एक ही लगता है,मगर ऐसा नहीं है,दोनों में काफी फर्क है.तो आज की आर्टिकल में हम इन्हीं दोनों के फर्क को समझने वाले हैं.
What Is Trading In Hindi ?(Trading किसे कहते है ?)
Stock market में आप Trading से बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हो.क्युकी यहां Profit कमाने की कोई limit नहीं है.
लेकिन एक बात याद रखना Trading में बहुत ज्यादा risk होता है.Trading में आप शेयर को Short Term के लिए Buy करते हो.
Short Term के लिए Buy करना मतलब 1 साल या 1 साल से कम टाइम तक अपने पास वो शेयर Hold करके रखना.अब उस शेयर को Trader अपने पास,
- 1 Min के लिए,
- 1 week के लिए,
- एक महिन के लिए,
- 6 महिने के लिए,
- या ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए अपने पास hold करके रख सकता है.
जो लोग स्टॉक मार्केट में Trading करते है उन्हें Trader कहां जाता है.
ये जो बड़े बड़े Trader होते है,वो Trading करते time सिर्फ company के stock price के pattern को analysis करके उन्हें buy or sell करते है.
यहां Trader को किसी company की पूरी कुंडली निकालने की जरूरत नहीं होती. क्योंकि Trading करते time हर मिनट हर सेकंड में price चेंज होता रहता है,इसलिए यह stock price के पैटर्न और वॉल्यूम का analysis किया जाता है.
Types Of Trading In Hindi (Trading के प्रकार)
मैने आपको उपर पहिले ही कहा था,की Trading एक Short Term Investment होती है.इसलिए,
Scalp Trading
अगर कोई Trader कुछ मिनिट के लिए Share को Buy करके अपने पास रखेगा और उसे बाद में तुरंत Sell कर देगा तो उसे Scalp trading कहा जायेगा.
Intraday Trading
वहीं अगर कोई Trader सिर्फ एक दिन के लिए shares को Buy और Sell करेगा,तो उसे Intraday trading कहा जायेगा.
Swing Trading
Trader अगर कुछ दिनों के लिए,या कुछ हफ्तों के लिए Shares को Hold पे रखता है और बाद में उसे sell करता Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है है, तो उसे Swing Trading कहेंगे.
Position Trading
अगर कोई Trader किसी Shares को कुछ महीने के लिए अपने पास Hold करके रखता है,तो उसे Position Trading कहेंगे.
क्या Trading से रेगुलर Income कमाई जा सकता है ?
तो इसका जवाब है हा,लेकिन इसके लिए आपके अंदर कई सारी क्वालिटी होनी चाहिए.जैसे की,
- Trading से पैसे कमाने के लिए कई सारे shares को खरीदना पड़ता है,इसलिए आपके पास बहुत ज्यादा पैसा होना चाहिए.
- जरूरी नहीं कि अपको पहिले बार में सफलता मिले,सुरु सुरु में अपको loss भी हो सकता है.लेकिन आपके पास Patience होना चाहिए.
- यहां अपको अच्छी खासी Practice और सीखते रहने की चाह होनी चाहिए.
- Trading से अच्छे खासे पैसे कमाने के लिए आपके पास Technical Analysis की भी अच्छी खासी knowlege होनी चाहिए.
अगर ये सारी क्वालिटी आपके पास है,तो आप Trading करके इनकम कमा सकता है .
What Is Investment?(Investment किसे कहते है ?)
Investment जो है वो long term के लिए की जाती है, यहा Shares को long term के लिए hold किया जाता है.Long Term मतलब 1 साल से ज्यादा टाइम के लिए.
जो लोग Investment करते है,उन्हें Investor कहा जाता है.ये जो investor होते है,वो Smart Work करते है,वो Buy-hold-sell Approach को use करते है .
Buy-hold-sell मतलब किसी कंपनी के Shares को Purchase करना ,सालो तक उसे Hold पर रखना और opportunity देख कर उसे market में sell करना.
जैसे Trader का फोकस Technical Analysis के उपर होता है,उसी तरह Investor का focus Fundamental Analysis पर रहता है.
जब कोई Investor कंपनी के Fundamental Analysis करते है,तब उन्हें कंपनी के बारे एक Idea मिल जाती है,की Future में ये कंपनी कहा तक Growth कर सकती है.
Types Of Investing (Investing के प्रकार.)
Value Investing
Value investing का focus,future में जो industry ज्यादा develope होगी उसे पहचाना और उस में invest करना होता है.
Growth Investing
Growth investing का मकसत उन कंपनियों में invest करना होता है ,जो fundamentally काफी strong होती है.और जिनका मार्केट में नाम हो.
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दोस्तो स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट / ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है.आप चाहे तो Upstox में अपना डीमैट अकाउंट ओपन करके इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग की शुरवात कर सकते हो.
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FAQ |सवाल जवाब
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से रिलेटेड गूगल पर पूछे जाने वाले कुछ फेमस सवाल और उनके जवाब.
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
ट्रेडिंग के कई सारे टाइप है, लेकिन शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ये दो ट्रेडिंग के मुख्य टाइप है.
Trading क्या होता है ?
जब शेयर मार्केट में से आप कोई शेयर खरीदते हो,और उसे 1 साल के अंदर बेच देते हो,तो उसे ट्रेडिंग बोला जाता है.
इन्वेस्टमेंट किसे बोला जाता है ?
जब शेयर मार्केट में से आप कोई शेयर खरीदते हो,और उसे 1 साल के लंबे गैप के बाद बेच देते हो,तो उसे इन्वेस्टमेंट बोला जाता है.
आखरी शब्द
दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (Difference Between Trading & Investment In Hindi.) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे ब्लॉग पर दोबारा जरूर विजिट करे.
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What is Stock Trading and types of trading ? स्टॉक ट्रेडिंग क्या है ओर कितने प्रकार कि होती है ?
आज हम ट्रेडिंग के बारे में जान ने वाले है । दोस्तो आप अगर शेयर मार्केट में नये हो तो आपको इस कन्सेप्ट को समझना बहुत जरुरी है। क्यू कि शेयर मार्केट में हम नये होते है कुछ समझ में नहीं आता क्या करना है। ऐसें वक्त में हमे शेयर मार्केट कि एक एक concept को समझना जरुरी होता है उसके सीवा हम आगे बड नहीं सकते ओर यह समझना भी जरुरी हि है । दोस्तो अगर हमे बेसिक कन्सेप्ट के बारे में हि पता नहीं होगा तो हम आगे काम कैसे करेंगे ओर शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमा सकते है इसलीये इन कन्सेप्ट को समझना चाहीए।
What is Stock Trading and types of trading ? |
शेयर / स्टॉक ट्रेडिंग क्या है ?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना यांनी किसी कंपनी के शेयर को कम किंमत पर खरीदना ओर उसका भाव यांनी किंमत बड ने पर बेच देना इससे जो लाभ होता हे उसे मूनाफा कहते है, लेकिन कही बार शेयर कि किंमत घट जाती है तो नुकसान भी हो सकता है । इसके लिए हमें उस कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहीए उस पर रिसर्च किया होणा चाहिए।
यह उसी प्रकार है जैसे हम किसी चीज का व्यापार या धंदा करते है जीसमे कम टाइम में हमे वह चीज को बेच ना होता है जेसें मंडी मार्केट में हम सुबह कोई सब्जी 10 रु kg के भाव से बेचने के लिए लेते है ओर शाम तक उसे 20 रु kg के हिसाब से बेच देते है जिससे हमे मूनाफा हो जाता है । लेकिन कही बार सब्जी अगर बेची नहीं गयी तो हमे नुकसान भी उठाना पडता है । उसी प्रकार शेयर ट्रेडिंग भी होती है। शेयर ट्रेडिंग में भी कही सारे प्रकार कि ट्रेडिंग होती है उन्हे हम आगे समझ लेते है ।
ट्रेडिंग के प्रकार :
1 ) Intraday Trading
( इंट्राडे ट्रेडिंग):
Intraday trading यांनी मान लो हमने आज किसी कंपनी के शेयर को खरीदा ओर मार्केट बंद होणे से पहले उसे बेच दिया इसे intraday trading कहा जाता है। इस तरह के ट्रेडिंग के प्रकार में आपको उसी दिन शेयर को बेच ना होता है । फिर चाहे आपको प्रॉफिट हो या लॉस हमे उसी दिन अपनी position को बंद करना होता है , इस ट्रेडिंग के प्रकार में रिस्क बहुत जादा होता है ओर प्रॉफिट भी ज्यादा कमा सकते है । यह ट्रेडिंग उन्हे हि करणी चाहीए जिनोने शेयर मार्केट को अच्छे से समझ लिया हो या फिर किसी के गाईडन्स में यांनी जो व्यक्ती को इसका अच्छा अनुभव हो उनसे आप सिख सकते हो । intraday में हमे ब्रोकर कि ओर से मार्जिन money कि facility भी मिलती है । यांनी हम हमारे कॅपिटल से ज्यादा शेयर खरीद सकते है। जेसें अगर हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में 10 हजार रु है ओर हमे 3× मार्जिन मिल रही है तो हम 30 हजार किंमत के शेयर खरीद सकते है यह अलग अलग ब्रोकर कि कम जादा हो सकती है। लेकिन मार्जिन मनी का फायदा ओर नुकसान दोनो है । इसे आपको समझना होगा । अगर आपको मार्केट के उतार चढाव के बारे में अच्छे से जानकारी हो तभी आप यह facility ले ।
2 ) Swing Trading
( स्विंग ट्रेडिंग ) ;
इस प्रकार कि ट्रेडिंग कुछ दिन या कुछ हफ्ते के लिए कि जाती है जो कि intrday जेसे हि होती है लेकिन इसमें आपको उसी दिन शेयर को बेचना नहीं होता है । हम कुछ दिनो या हफ्तो के लिये position होल्ड कर सकते है ओर मूनाफा होणे के बाद बाहर निकाल सकते है । यह ट्रेडिंग बहुत हि पॉप्युलर type है। यह ट्रेडिंग पार्ट टाइम ट्रेडर के लिए बहुत हि फायदेमंद है क्यू कि वह intraday trading जेसे मार्केट पुरे दिन watch नहीं कर सकते है । यह ट्रेडिंग के प्रकार में हम हमारे प्रॉफिट टार्गेट सेट कर सकते है, achive होणे पर हम exit हो सकते है । स्विंग ट्रेडिंग में हमे अच्छे रिटर्न मिलने के चान्स ज्यादा होते है ओर रिस्क कम होती है । इस ट्रेडिंग को ट्रेडिंग किंग भी कहते है ।
3) Short Term Trading :
( शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ) :
Short Term Trading इस ट्रेडिंग का नाम हि हमे इसके बारे में बता देता है कि यह ट्रेडिंग type में कुछ weeks से लेकर कुछ months तक हम हमारा ट्रेंड ऍक्टिव्ह रख ते है ओर जेसे हि हमे हमारे शेयर का टार्गेट price मिल जाता है तो हम ट्रेंड Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है को close कर देते है। यह ट्रेडिंग भी बहुत पॉप्युलर है ।बस आपको किसी भी शेयर में यह ट्रेडिंग करणी हो तो आपको उस शेयर कि काफी रिसर्च करणी होती है । तब जाकर आप अच्छे से प्रॉफिट बना सकते हो ।
4 ) Long Term Trading
( लोन्ग टर्म ट्रेडिंग ) :
Long Term Trading भी एक अच्छा option है जीसमे कुछ माहिनो से लेकर कुछ साल तक हम ट्रेड ले सकते है । ओर टार्गेट Achive होणे पर हम position exit कर देते है । इसमें हमे daily के मार्केट उतार चढाव पर नजर नहीं रखनी होती है । यह एक बेस्ट option है जिनके पास कम टाइम है ओर वह रोजाना मार्केट को watch नहीं कर सकते । इसमें रिस्क ज्यादा नहीं होता है,ओर कही बार अगर कंपनी अगर डिवीडेन्ट ओर बोनस प्रदान करती है तो उसका भी लाभ हमे मिल जाता है ।
आपको यह जानकारी कैसी लगी कॉमेंट में अपनी राय जरूर दे और अपने दोस्तो से शेयर करना न भुले