क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है

India vs China: चीन नहीं अब भारत में लगेंगी फैक्ट्रियां, 64 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी, सरकार ने बनाया ठोस प्लान
चीन ने कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के प्रकोप को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगा रखा है। इस कारण पूरी दुनिया में सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। दुनिया की कई कंपनियां अब चीन का विकल्प तलाश रही हैं और भारत इस मौके को हाथोंहाथ लेना चाहता है। सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू की थी। अब तक कई सेक्टर्स में इसे शुरू किया जा चुका है। पिछले दो साल में इसका मिलाजुला परिणाम देखने को मिला है। कई सेक्टर्स में इसका अच्छा नतीजा देखने को मिला है लेकिन कई सेक्टर्स में उम्मीद के अनुरूप नतीजे नहीं आए हैं। अब सरकार इस योजना को फास्ट-ट्रैक में डालने की तैयारी में है।
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के टॉप अधिकारियों की पिछले हफ्ते बैठक हुई। इसमें पीएलआई योजना में निवेश की स्थिति पर चर्चा हुई। समीक्षा में यह बात सामने आई कि पिछले दो साल में कुछ सेक्टर्स में शानदार नतीजे देखने को मिले हैं जबकि कुछ सेक्टर्स में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं रहे हैं। अब इस योजना को फास्ट ट्रैक पर डालने की तैयारी चल रही है। एक अधिकारी ने कहा कि कुछ सेक्टर्स में अच्छी प्रगति हुई है और कुछ में इसकी रफ्तार स्लो है। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि इस स्कीम में क्या सुधार किया जा सकता है। अगर परमिशन में कोई दिक्कत है तो उसे दूर किया जाएगा। साथ ही इसकी खामियों को भी दूर किया जाएगा ताकि फंड्स का दुरुपयोग रोका जा सके।
64 लाख लोगों को नौकरियां
अधिकारी ने कहा कि अब तक 14 चैंपियन सेक्टर्स में पीएलआई योजना की शुरुआत की जा चुकी है। लेकिन उनकी प्रगति कि रफ्तार अलग-अलग रही है। मार्च 2022 तक 2.34 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया जा चुका था। सबसे ज्यादा दिलचस्पी ऑटोमोबाइल एंड ऑटो कंपोनेंट्स, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरीज, स्पेशियल्टी स्टील और हाई-एफिशियंसी सोलर पैनल्स में देखने को मिल रही है। इसके अलावा ड्रोन, वाइट गुड्स, टेक्सटाइल्स, टेलिकॉम एंड नेटवर्किंग प्रॉडक्ट्स, फूड प्रॉडक्ट्स और मेडिकल डेवाइसेज में भी पीएलआई स्कीम शुरू की गई है।
इन निवेश से अगले पांच साल में 64 लाख लोगों को नौकरियां मिलने की उम्मीद है। मार्च, 2022 तक 26,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। साल 2020 में सबसे पहले मोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स और फार्मास्यूटिकल्स में इस स्कीम को शुरू किया गया क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है था। वाइट गुड्स सेक्टर में 64 कंपनियों को परमिशन मिली है। इनमें से 15 कंपनियां प्रॉडक्शन फेज में हैं जबकि बाकी 49 कंपनियां अपने निवेश को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया में हैं।
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ें हर सवाल के जवाब, कितना है जोखिम क्या है फायदा ?
वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है.
फाइनेंसियल वर्ल्ड में क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा जोर-शोर से चल रही है. देश में पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह भी है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें जोखिम रहने के बावजूद तेजी से रिटर्न क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है मिलता है.
वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के मन में उलझन बनी हुई है कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं और आखिर यह क्या है और इसमें ट्रेड कैसे होता है.
पूरी दुनिया के लोगों या किसी भी संस्था को अपनी आधारभूत जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी यानी मुद्रा की जरूरत होती है.
भारत में आ रही है डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगी अलग ?
हर देश की मुद्रा अलग-अलग नाम से जानी जाती है, जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, यूरोपीय देशों में यूरो, सउदी अरब में रियाल, जापान में येन आदि. उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह की मुद्रा है, लेकिन यह बाकी सभी मुद्राओं से बिलकुल अलग है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते हैं. यानी यह एक डिजिटल करेंसी (डिजिटल मुद्रा) है.
इसे आप अपने पर्स या पॉकेट में नहीं रख सकते बल्कि अपने पास डिजिटल स्वरूप में रख सकते हैं, वह भी ऑनलाइन. इसका मुद्रण नहीं किया जाता है. यह कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं होता यानी इसको कोई कंट्रोल नहीं करता है.
यह दुनिया के किसी भी सरकार के नियंत्रण में नहीं रहता है. लेकिन अपने देश में अब इसको रेगुलेट करने पर चर्चा हो रही है. एक बात और, इसका इस्तेमाल अन्य करेंसी की तरह वस्तुओ और सर्विसेज को खरीदने के लिए किया जा सकता है, सिर्फ ऑनलाइन तरीके से.
इसकी शुरुआत सबसे पहले 2009 में हुई जब पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन आया. अभी पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें कारोबार हो रहा है. बिटकॉइन, इथेरियम, टेथर, कारडेनो, बिनान्स कॉइन, पोलका डॉट जैसी कई क्रिप्टोकरेंसीयां हैं जहां भारतीय अपना पैसा लगा रहे हैं.
निवेश के लिए सही प्लेटफॉर्म जरूरी
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. सही प्लेटफॉर्म का चुनाव नहीं करने पर ट्रेडिंग करते वक्त ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है. दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं. यहां कारोबार कभी नहीं रुकता. इसमें कभी भी किसी भी समय निवेश कर सकते हैं या निकाल सकते हैं.
भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर प्लेटफॉर्म - वजीरएक्स है. इसे क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा देश में कॉइनस्विच, कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, जेबपे भी उपलब्ध हैं जिनके जरीये क्रिप्टो में कारोबार हो सकता है.
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं, तो पहले कुछ जांची-परखी गयी क्रिप्टोकरेंसी को समझें और फिर तय करें कि आपको कहां ट्रेड करना है. ऐसे कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानें.
यह दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सबसे पहले 2009 में संतोषी नाकामोटो के नाम से, किसी व्यक्ति या समूह द्वारा बनाया गया था. यह एक ब्लॉकचेन पर चलता है. किसी ब्रोकर के बिना रीयल–टाइम में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है. किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है.
: यह दूसरा लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. यह एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है जिसका मूल टोकन इथर या इटीएच है. यह भी ओपन सोर्स, डीसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन आधारित कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. यह अपने यूजर्स को डिजिटल टोकन बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से इसे करेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह तीसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग, पेमेंट प्रोसेसिंग या ट्रैवल बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है. साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी के अन्य रूपों जैसे कि इथेरियम या बिटकॉइन के लिए भी इसे ट्रेड या एक्सचेंज किया जा सकता है. इसकी कीमत अभी 650 डॉलर से अधिक चल रही है.
: यह एक नयी क्रिप्टोकरेंसी है, लेकिन इसने आते ही धूम मचा दी और इस समय सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बन गया है. बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में कम लागत पर ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने के लिए, इसे नये व भरोसेमंद प्रूफ–ऑफ–स्टेक मेथड के लिए जाना जाता है.
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: टेथर एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. इसे स्टेबल कॉइन कहा जाता है. यह अमेरिकी डॉलर जैसी फिएट करेंसी द्वारा समर्थित है, जो इसे की तुलना में अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाती है. इसका मार्केट कैप 73 बिलियन डॉलर के करीब है.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
क्रिप्टोकरेंसी के अपने फायदे और नुकसान हैं. इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके कई डार्क पहलू भी हैं. इसलिए इसमें निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी पक्ष नहीं है : क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश किसी भी तरह के कानूनी पहलू का हिस्सा नहीं होता है. भविष्य में कुछ गलत होता है, तो आप कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं.
उतार-चढ़ाव से भरा है बाजार: क्रिप्टोकरेंसी निवेश बाजार जोखिमों के आधीन हैं. रोजाना काफी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में इनमें मुनाफा और घाटा काफी तेजी से होता है.
क्रिप्टो व्हेल : सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो व्हेल है यानी वे निवेशक जो बड़ी मात्रा में अपने पैसे डंप करते हैं और उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं. इससे छोटे और मध्यम दर्जे के निवेशकों को घाटा होता है.
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जोखिम है, पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका भी
क्रिप्टोकरेंसी बिलकुल एक नयी दुनिया है. अर्थव्यवस्था में या यूं कहें कि बैंकिंग, निवेश, आय-व्यय आदि हर जगह इसका प्रभाव पड़ने वाला है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो बिलकुल नयी है. यह अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि इसमें जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का बहुत ही अच्छा अवसर है.
इससे लोगों की आय बढ़ेगी. और आय बढ़ेगी तो लोग खर्च भी करेंगे. इससे सरकार का इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. अपने देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है.
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आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए? जानें ऐसे 5 कारण जो गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर
Gold Investment: माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है। ऐसे ही 5 और कारण इस पोस्ट में जानिए गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर।
Gold Investment: हमारे देश भारत में सोने को सदियों से निवेश के लिये सबसे उपयुक्त साधन माना गया है। यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है माना क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है जाता है, क्योंकि इसने हमेशा अपनी क्रय शक्ति को बनाए रखा है। लेकिन समय के साथ अब गोल्ड खरीदने का तरीका बदल गया है। डिजिटल गोल्ड ने सोने के निवेश को सहज और किफायती बनाकर लोगों के सोने को खरीदने और बेचने के तरीके में क्रांति ला दी है।
इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए।
1) सोना अत्यधिक तरल है
इतिहास में किसी भी अन्य मुद्रा की तुलना में लंबे समय तक सोने का उपयोग मुद्रा के रूप में किया गया है, हालांकि अब इसका उपयोग मुद्रा के रूप में नहीं किया जाता है, जब भी आवश्यकता होती है, इसे खरीदना या बेचना आसान होता है। यह एक ठोस संपत्ति है और दुनिया में किसी भी अन्य मुद्रा या संपत्ति की तुलना में इसका सबसे लॉन्ग टर्म वैल्यू है। आप बिना किसी झंझट के सोने पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल गोल्ड ने खरीदने/बेचने की प्रक्रिया को आसान और निर्बाध बना दिया है। बस आपको कुछ ही क्लिक की जरूरत है।
2) यह 100% सुरक्षित है
जब आप डिजिटल सोना ऑनलाइन खरीदते हैं, तो आपको बीमित, प्रमाणित लॉकर में फिजिकल गोल्ड आवंटित किया जाता है, और आप किसी भी समय भौतिक इकाइयों की डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। यह गुणवत्ता की चिंता किए बिना चोरी या भंडारण की परेशानी के जोखिम को समाप्त करता है।
3) मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव
गोल्ड का ट्रैक रिकॉर्ड 5000 साल से ज्यादा पुराना है और लॉन्ग टर्म में गोल्ड ने भी शानदार रिटर्न दिया है। मुद्रास्फीति के साथ, जबकि मुद्रा का मूल्य नीचे जाता है, सोने का किराया अच्छा होता है। पिछले पांच वर्षों में, सोने की कीमतें एक दशक में दोगुनी और चौगुनी हो गई हैं।
4) 1 रुपये से भी कर सकते है निवेश
इसका मतलब यह है कि आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए लंबी अवधि में सोने पर छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं। यह आपको एक कम निवेश का विकल्प चुनने में मदद करता है, और आपको अपनी इच्छानुसार निवेश करने में सक्षम बनाता है।
5) अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो सोना एक सुरक्षित दांव माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अपने पोर्टफोलियो में सोना जोड़ने से जोखिम कम होता है क्योंकि इसका किसी अन्य संपत्ति से शून्य से कम संबंध होता है। यह भी माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है।
Forex Trading में पैसा कैसे कमाए, how to make money in forex trading
विदेशी मुद्रा ( Forex Trading ) व्यापार, जिसे एफएक्स व्यापार या मुद्रा व्यापार भी कहा जाता है, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा जोड़े की खरीद और बिक्री को संदर्भित करता है। विदेशी मुद्रा व्यापार का मुख्य उद्देश्य एक मुद्रा को दूसरे के लिए विनिमय करना है ताकि कीमतों में परिवर्तन हो और खरीदी गई मुद्रा की कीमत बेची गई मुद्रा के सापेक्ष बढ़े।
विदेशी मुद्रा बाजार विश्व स्तर पर सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है जहां निवेशक, सट्टेबाज और कॉर्पोरेट सीमा पार विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल हैं। अन्य वित्तीय बाजारों के विपरीत, फॉरेक्स ट्रेडिंग एक भौतिक स्थान के माध्यम से नहीं बल्कि निगमों, बैंकों और व्यक्तियों के एक इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है जो एक मुद्रा को दूसरे के लिए व्यापार करते हैं। यह समय क्षेत्रों और वित्तीय केंद्रों में चौबीसों घंटे काम करना सुविधाजनक बनाता है।
फॉरेक्स पर पैसे कैसे कमाए how to make money on forex
चूंकि विदेशी मुद्रा बाजार चौबीसों घंटे आसान पहुंच और कम लागत वाला सबसे अधिक तरल बाजार है, इसलिए कई मुद्रा व्यापारी बाजार में तेजी से प्रवेश करते हैं, लेकिन फिर विफलताओं को देखने के बाद और भी तेजी से बाहर निकलते हैं। यहां निवेशकों/व्यापारियों के लिए कुछ संकेत दिए गए हैं कि कैसे प्रतिस्पर्धी बने रहें और Forex Trading पर पैसा कमाएं:
फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें जानें Learn the Basics of Forex Trading
फोरेक्स ट्रेडिंग की की मूल बातें सीखना ऑपरेटिव शब्दावली का ज्ञान प्राप्त करने से लेकर क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है भू-राजनीतिक, आर्थिक कारकों को समायोजित करने तक है जो एक व्यापारी की चुनी हुई मुद्राओं को प्रभावित करते हैं। विदेशी मुद्रा व्यापार में महारत हासिल करने और पैसा कमाने के लिए, निम्नलिखित के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ होना आवश्यक है:
मुद्रा जोड़े: मुद्राओं को हमेशा जोड़े में कारोबार किया जाता है, जैसे कि JPY/INR, USD/GBP, आदि। मुद्रा जोड़े तीन प्रकार के होते हैं
1. प्रमुख जोड़े जिनमें हमेशा यूएसडी (यूएस डॉलर) यानी यूएसडी/यूरो/, यूएसडी/आईएनआर आदि शामिल होते हैं।
2. छोटे जोड़े जिनमें यूएसडी शामिल नहीं है लेकिन एक दूसरे के खिलाफ प्रमुख मुद्राएं यानी जेपीवाई/यूरो, यूरो/जीबीपी, आईएनआर/जेपीवाई आदि शामिल हैं।
3. विदेशी जोड़े जिनमें एक प्रमुख मुद्रा और एक छोटी मुद्रा जैसे USD/HKD (अमेरिकी डॉलर/हांगकांग डॉलर) शामिल हैं।
पीआईपी (प्वाइंट इन प्राइस): एक पीआईपी एक मुद्रा जोड़ी के मूल्यांकन में अंतर है। उदाहरण के लिए, यदि USD/INR की दर आज 74.701 है और कल 74.7002 थी तो पीआईपी .0001 है।
आधार मुद्रा और उद्धरण मुद्रा: मुद्रा जोड़ी में '/' के बाईं ओर लिखी गई मुद्रा आधार मुद्रा होती है और दाईं ओर वाली मुद्रा को काउंटर या कोट मुद्रा कहा जाता है।
आधार मुद्रा हमेशा संदर्भ तत्व होता है और इसका मान 1 होता है, जो आधार मुद्रा की एक इकाई को खरीदने के लिए आवश्यक बोली मुद्रा की मात्रा को इंगित करता है। उदाहरण के लिए, यदि आप EUR/USD खरीदते हैं, तो इसका मतलब है कि आप भाव मुद्रा बेच रहे हैं और आधार मुद्रा खरीद रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें, एक व्यापारी एक जोड़ी खरीदेगा यदि उसे लगता है कि आधार मुद्रा बोली मुद्रा के सापेक्ष सराहना करेगी। क्या करेगा व्यापारी अगर उसे विश्वास है कि बोली मुद्रा के मुकाबले आधार मुद्रा का मूल्यह्रास होगा तो वह बेच देगा।
बिड और आस्क प्राइस (Bid and Ask Price): आधार मुद्रा खरीदने की कीमत बोली मूल्य है, और आधार मुद्रा को बेचने की कीमत पूछी गई कीमत है।
उदाहरण के लिए, यदि USD/INR को 75.7260/75.7240 के रूप में दिया जाता है, तो 1 USD को खरीदने के लिए बोली मूल्य 75.7240 रुपये होगा और 1 USD को बेचने के लिए पूछ मूल्य 75.7260 रुपये होगा।
Bid और Ask price के बीच का अंतर है।
Lot: करेंसी ट्रेडिंग लॉट में की जाती है और यूनिट के आधार पर तीन प्रकार के लॉट साइज उपलब्ध होते हैं - माइक्रो (1K यूनिट), मिनी (10K यूनिट), और स्टैंडर्ड (1 लाख यूनिट)।
इन परिचालन स्थितियों के अलावा, विदेशी मुद्रा बाजार पर शोध और अध्ययन हमेशा एक प्रगति पर होता है और व्यापारियों को बाजार के परिदृश्यों और विश्व की घटनाओं के अनुकूल होने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता होती है। निवेश के उद्देश्यों के अनुरूप जोखिम की भूख के आधार पर, लेकिन निवेश विकल्पों की जांच और जांच करने के लिए एक मजबूत व्यापार योजना विकसित करना विदेशी मुद्रा व्यापार के माध्यम से पैसा बनाने का एक व्यवस्थित तरीका होगा।
सही फोरेक्स ब्रोकर खोजें Find the right forex broker
सुनिश्चित करें कि ब्रोकर मौजूदा नियमों का अनुपालन करता है जो विदेशी मुद्रा बाजार की अखंडता को बनाए रखते हैं। निवेशकों के ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार में दिग्गज होने का दावा करने वाले धोखेबाजों के शिकार होने की संभावना है, जैसा कि पिछली घटनाओं से पता चलता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लेन-देन की लागत बढ़ने के बाद व्यापारी अपना परिचालन बंद कर देते हैं और निवेशक को पैसा खोना शुरू हो जाता है। इसलिए ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहें जो जोड़-तोड़ और गाली-गलौज की बातें करते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपको एक बेहतर ब्रोकरेज या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मिल गया है, तो उनकी समीक्षाओं की ऑनलाइन जांच करना सुनिश्चित करें और देखें कि क्या अधिकांश लोगों का उनके साथ अच्छा अनुभव रहा है। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुना गया ब्रोकरेज आपको आपकी पसंद के मुद्रा जोड़े प्रदान कर रहा है और आप प्रति ट्रेड जो भुगतान करेंगे वह पर्याप्त है।
डेमो/प्रैक्टिस खाते साथ शुरुआत करें Get started with a demo/practice account
अधिकांश प्रमुख ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक अभ्यास मंच प्रदान करते हैं ताकि आप अपनी मेहनत की कमाई खर्च किए बिना ट्रेडिंग में अपना हाथ आजमा सकें। एक अच्छा विचार होगा कि ऐसे प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जाए जिससे आप सीखते समय पैसे बर्बाद न करें। अभ्यास व्यापार के दौरान, आप गलतियों से सीख सकते हैं ताकि आप उन्हें वास्तविक समय क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है में न दोहराएं।
छोटे इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू करें start with small investment
जब आप पर्याप्त अभ्यास के बाद वास्तविक समय के Forex Trading में कदम रखते हैं, तो छोटे से शुरू करना एक बुद्धिमान विचार होगा। अपने पहले व्यापार के दौरान बड़ी राशि का निवेश करना एक जोखिम भरा कार्य हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप आप आवेगी निर्णय ले सकते हैं और धन खो सकते हैं। पहले कम मात्रा में निवेश करना और फिर धीरे-धीरे समय के साथ लॉट साइज बढ़ाना फायदेमंद रहेगा।
रिकार्ड बनाकर रखें keep a record
एक पत्रिका रखें जो भविष्य की समीक्षा के लिए आपके सफल और असफल ट्रेडों को रिकॉर्ड करे। इस तरह, आप अतीत को याद रखेंगे और गलतियों को दोहराने से बचेंगे।
भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग forex trading in india
भारतीय फोरेक्स ट्रेडिंग बाजार को सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है और "भारत में Forex Trading के लिए आरबीआई दिशानिर्देशों" का पालन करता है। भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना के अनुसार, किसी व्यक्ति को क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है व्यापार के लिए मार्जिन राशि प्रदान करने या सट्टा उद्देश्यों के लिए विदेश में स्थानांतरित धन का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। भारत में खुदरा निवेशकों के लिए नकद में विदेशी मुद्रा (forex trading) व्यापार की अनुमति नहीं है। भारत में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड पर मुद्रा व्यापार की सुविधा है।
इन प्रतिबंधों को देखते हुए, भारत में विदेशी मुद्रा (forex trading) व्यापार विकसित बाजारों की तुलना में बहुत छोटा है। यह केवल चार मुद्रा जोड़े- यूरो (EUR), यूएस डॉलर (USD), ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP), और जापानी येन (JPY) तक सीमित है, और एक निवेशक को एक ट्रेडिंग खोलकर चार मुद्रा जोड़े के बीच व्यापार करने की अनुमति देता है। खाता। है। एक विश्वसनीय सेबी पंजीकृत ब्रोकर के साथ या सेबी अधिकृत प्रतिष्ठित प्लेटफार्मों के माध्यम से जो ऑनलाइन विदेशी forex trading में संलग्न हैं,
चेतन भगत का कॉलम: क्रिप्टो का खेल खत्म, पैसा कमाएं लेकिन मेहनत और धीरज से.
पिछले हफ्ते बिटकॉइन क्रैश हो गई। यह ओरिजिनल क्रिप्टोकरेंसी थी। पिछले साल ही इसकी कीमतों में 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। याद रहे एक समय था, जब बिटकॉइन को गोल्ड या यूएस डॉलर से भी ज्यादा मूल्यवान बताया गया था। दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का हाल तो और बुरा है। उनमें से कई एक ही साल में 80 से 90 फीसदी गिर गईं।
कुछ का तो सफाया ही हो गया। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले अधिकतर को बड़ा घाटा हुआ है। पिछले सप्ताह एफटीएक्स भी धड़ाम से गिरा। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से है। क्रैश का कारण था बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताएं। जैसे कि कस्टमर डिपॉजिट्स को अनुचित तरीके से इस्तेमाल करके कम्पनी की खुद की क्रिप्टाकरेंसी एफटीटी टोकन को खरीदना।
एफटीएक्स के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने माफी मांगी है। साथ ही एफटीएक्स ने दिवालिया घोषित करने की बात कही है, जिससे उसकी 32 अरब डॉलर की वैल्यू का सफाया हो गया है। एफटीएक्स के ग्राहक, कर्मचारी और ऋणदाता जैसे कि लुप्त हो चुके हैं। यह एक संयोग ही था कि एफटीएक्स हाल ही में समाप्त हुए टी-20 विश्व कप के प्रायोजकों में से एक था।
तो हम मान सकते हैं कि क्रिप्टो का खेल अब खत्म हो गया है। लेकिन इस बात की पड़ताल करना दिलचस्प होगा कि आखिर वह दुनिया की सबसे बड़ी ठगी कैसे बना। यह मनुष्यों के लिए भी एक सबक है कि हमें कितनी आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है। चेतावनियां पहले से ही दी जा रही थीं।
वॉरेन बफेट कह चुके थे कि वे पूरी दुनिया की बिटकॉइन को 25 डॉलर में भी नहीं खरीदेंगे। चूंकि इसका कोई उपयोग नहीं है, इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए इसे किसी को बेचना ही होता है। क्रिप्टोकरेंसी का सच में ही कोई प्रयोजन या उपयोगिता नहीं होती, इसके बावजूद वो कैसे बूम हुई थीं!
मार्च 2017 से मार्च 2021 के बीच ही क्रिप्टो में 5,500 फीसदी का इजाफा हो गया था! इंस्टाग्राम पर क्रिप्टो-मिलियनेयर्स भरे पड़े थे, जो याट और लैम्बोर्गिनी खरीद रहे थे। लेख लिखे जा रहे थे, जिनमें इस नए एसेट-क्लास के बारे में बातें की जा रही थीं। क्रिप्टो को अधिक नैतिक और पारदर्शी तक बताया गया था।
क्रिप्टो के गुब्बारे को एक सुई की दरकार थी। फुग्गा फूट गया है। क्या सच में ही आप अपने जीवनभर की पूंजी बहामा में बैठे किसी ऐसे आदमी के हाथों में सौंप देना चाहते थे, जो नियंत्रण-मुक्त है? क्रिप्टो अब लौटकर नहीं आने वाली। सरकारें नोट की तरह इन्हें छाप नहीं सकती थीं। ये कहा जा रहा था कि अगर ईश्वर की कोई मुद्रा होती तो वह क्रिप्टो ही हो सकती थी। इस कारण क्रिप्टो ने लाखों लोगों का ध्यान खींचा। बिटकॉइन मेनस्ट्रीम बन गई। मीडिया उसका पीछा करने लगा। फाइनेंस बाजार में मौजूद हर व्यक्ति का एक क्रिप्टो-नजरिया या क्रिप्टो-रणनीति रहने लगी। तब इस पर संदेह करना कठिन था।
इन पंक्तियों के लेखक ने जब क्रिप्टो में निहित खतरों पर बात की, तो बेरहमी से उसे ट्रोल किया गया। क्रिप्टो में इतना पैसा आ रहा था कि उन्हें मध्यस्थ-फर्में बनानी पड़ीं, जो खुद को एक्सचेंज कहती थीं। ये वास्तव में अटकलों के कैसिनो थे। इनमें से कुछ भी रेगुलेटेड नहीं था, फिर भी लोगों ने उसमें भरोसा कर पैसा लगाया।
ठगों ने क्रिप्टो के प्रति आकर्षण का लाभ उठाया और हजारों करेंसीज़ लॉन्च की गईं। सेलेब्रिटी ब्रांड एम्बेसेडर मैदान में उतारे गए। एचओडीएल (होल्ड ऑन टु डियर लाइफ) जैसे टर्म ईजाद किए गए, जिसका मतलब था कि चाहे बाजार कितना भी गिरे, कभी करेंसी मत बेचो।
जिन लोगों ने इसमें अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था, वो आज खाली हाथ बैठे हुए हैं। इन मायनों में क्रिप्टो कम्युनिज्म की तरह है, जो वादा तो करता है विकेंद्रीकरण के जरिए लोगों को ताकत देने का, लेकिन अंतत: सत्ता चंद लोगों के ही हाथ में रहती है।
जिन लोगों क्या मुद्रा खरीदना एक अच्छा निवेश है को लगता है कि सरकार ही झगड़े की जड़ होती है, वे क्रिप्टो से इसलिए आकर्षित हुए थे कि वह सरकारी नियंत्रण से मुक्त है और अंतत: ठगे गए। क्योंकि जब सरकार का नियंत्रण नहीं होता है तो शातिर ठग अपना खेल शुरू कर देते हैं। भले ही हमारा मौजूदा सिस्टम परफेक्ट न हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम खुद को अनरेगुलेटेड धोखाधड़ियों के हवाले कर दें। बिटकॉइन के बजाय हमें थोड़े कॉमन-सेंस-कॉइन्स की जरूरत है!
याद रखें कि निवेश एक बोरिंग काम है। इसमें नतीजे आने में समय लगता है। क्विक-मनी जैसी कोई चीज नहीं होती। यंग और कूल होने भर से कोई चीज अच्छा निवेश नहीं हो जाती। वैल्यू का महत्व है। रीयल एसेट का महत्व है।
कैश जनरेशन का महत्व है। किसी चीज की कोई उपयोगिता होनी चाहिए। नियम-कायदे और सरकारी नियंत्रण जरूरी हैं। पैसा कमाइए, लेकिन मेहनत से। इनोवेटिव बनिए, कस्टमर्स की जरूरतें पूरी कीजिए, कमाइए-बचाइए-निवेश कीजिए। लॉन्ग-टर्म में यही नीति काम आती है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)