भाग प्रतिफल

Geography Notes for UPSC , State PCS Exam, and NCERT Classes
स्थलरूप में जो विभिन्न भू-आकृतियों होती है उसका भाग प्रतिफल निर्माण व् विकास को समझने के लिए उसके अपरदन चक्र को समझना बहुत जरुरी होता है। वैसे तो अपरदन चक्र के बहुत सरे सिद्धांत है जो स्थारूपो के स्वरूपों की व्याख्या करते हैं , लेकिन डब्ल्यू एम डेविस पहले व्यक्ति थे जिन्होंने1889 में स्थलरूप के अपरदन भाग प्रतिफल चक्र की व्याख्या की। डेविस का अपरदन चक्र उत्तर-पूर्वी अमेरिका के एपलाचुएन पहाड़ों के आद्र क्षेत्र के अध्ययन पर आधारित हैं।
डेविस के अनुसार, स्थलरूप का विकास इसकी संरचना, प्रक्रिया और समय का प्रतिफल होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थलरूप के विकास में तीन प्रमुख नियंत्रण कारक हैं- संरचना, प्रक्रिया और समय।
- भू-भाग की अपरदन प्रक्रिया भू-भाग की संरचना पर निर्भर करती है। यदि कोई भूभाग कठोर चट्टान से बना है तो वहां पर धीमी अपरदन प्रक्रिया होती है। यदि किसी भू-भाग की संरचना मुड़ी हुई है और अपभ्रस्ट है, तो बहते पानी जैसे भू आकृतिक कारक भू-भाग की उच्चावच भाग प्रतिफल को बहुत तेज़ी से नष्ट कर देते हैं। अपरदन प्रक्रिया की तीव्रता भू-भाग की संरचना से निर्धारित होती है। इसलिए, स्थलरूप की संरचना निर्णायक कारकों भाग प्रतिफल में से एक है।
- प्रकिया में अपक्षय , अपरदन, और परिवहन तीनो शामिल भाग प्रतिफल हैं। अपरदन प्रकिया में किस प्रकार के भू-आकृतिक एजेंट मौजूद हैं वहां की स्थलरूपों के बनने में बहुत ही योगदान देता भाग प्रतिफल हैं ।
- उदाहरण के लिए, बहता पानी आर्द्र भाग प्रतिफल जलवायु में सक्रिय होता है।
- शुष्क जलवायु में हवाएँ सक्रिय होती हैं।
- हिमनद क्षेत्र में हिमनद भाग प्रतिफल सक्रिय हैं।
परिदृश्य का विकास समय पर निर्भर है, यह तीन चरणों में विकसित होता है -युवा, परिपक्व और वृद्धा चरण।
- आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में, बहता पानी युवा अवस्था में लंबवत रूप में अधिक अपरदन करता है।
- इस अवस्था में, स्थलरूप संकरी वी-आकार की घाटी और झरना का निर्माण करती हैं।
- इस चरण में डेल्टा और बाढ़ के मैदान का अभाव होता है।
परिपक्व अवस्था:
- इस अवस्था में भाग प्रतिफल लम्बवत अपरदन की तुलना में पार्श्व अपरदन अधिक होता है, फलस्वरूप एक भाग प्रतिफल चौड़े V के आकार की घाटी का निर्माण होता है।
- नदी अपने मुहाने पर एक संकरा डेल्टा भाग प्रतिफल बनाती है।
- इस अवस्था में इस अवस्था नदी विसर्प , गोखुर झील , चौड़े मैदान, और अच्छी तरह से विकसित डेल्टा का भाग प्रतिफल निर्माण करता है।
- नदी आम तौर पर आधार स्तर तक पहुँच जाती है।
- इस चरण में पेनेप्लेन जैसे आकृतिविहीन समतल मैदान बनते हैं।
इसलिए, डेविस ने जोर देकर कहा कि संरचना, प्रक्रिया और समय संयुक्त रूप से स्थलरूप के विकास को निर्धारित करते हैं।