अगर ट्रेडिंग करे या न करें

Stock Market में Trading कैसे करे, ट्रेडिंग कैसे करें, ट्रेडिंग करना सीखे
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है लेकिन स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होना चाहिए. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी नहीं है तो आप स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने की जगह पैसे गवा सकते है.
क्योंकि स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जो की पूरी तरह जोख़िम से भरा है. यहां अगर आपको पूरी जानकारी होती है तो आप बहुत पैसे कमा सकते हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो अगर ट्रेडिंग करे या न करें आप कुछ ही मिनट के अंदर कंगाल भी हो सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग के बारे में जानते है .
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Stock Market Me Trading Kaise Kare
Stock Market में आप Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग कर के आप स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बैच कर मुनाफा कामते है. जिसके लिए आपको एक किसी ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है.
अगर आप सभी नियमों का पालन करते है और Technique को Follow करते है तो आप रोज स्टॉक मार्केट से मुनाफा कमा सकते है इन अगर ट्रेडिंग करे या न करें ट्रेडिंग की Technique का उपयोग कर के बस आपके पास एक Demat Account और Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से आप Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेचने का काम कर सके.
Demat Account Kya Hai
डीमेट अकाउंट, हमारे बैंक के सेविंग अकाउंट की तरह ही होता है. जैसे सेविंग अकाउंट का उपयोग पैसों को रखने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह डिमैट अकाउंट का उपयोग शेयर को रखने के लिए किया जाता है. अपना खुद का डिमैट अकाउंट कैसे खोलें यह जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़.
Trading Account अगर ट्रेडिंग करे या न करें Kya Hai
ट्रेडिंग अकाउंट हमारे बैंक के चालू खाते की तरह होता है. जिस तरह हम चालू खाते का उपयोग पैसों का लेनदेन करने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग शेयर का लेनदेन करने के लिए किया जाता है. अपना खुद का ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें उसके बारे में जानने के लिए हमारे नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Trading Kya Hai
रोज Stock Exchange से शेयर को खरीद कर बेचने का काम Trading कहलाता है इसे ही हम Trading कहते है और इस ट्रेडिंग को Daily 2 Days Hold और Weekly भी किया जाता है. जो की अलग अलग ट्रेडिंग Technique में Divided होती है.
ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े उसमे आपको Trading क्या है उसके कितने प्रकार है पूरी जानकारी मिलेगी.
Trading Kaise Kare
ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है. ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते. अगर आपके पास ये है तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं. ट्रेडिंग कैसे करें इसके बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Share Market Me Trading Kaise Kare
शेयर मार्केट में मुख्य रूप से तीन प्रकार की ट्रेडिंग ज्यादा होती हैं.
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai
इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग होती है. इसमें आम शेयर मार्केट के खुलने से बंद होने के बीच में शेयर को खरीद और बेच कर ट्रेडिंग करते हैं.
एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग भी कहते है. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Intraday Trading Kaise Kare
शेयर मार्केट रोज सुबह 9:15 पर खुल जाती है और दोपहर में 3:अगर ट्रेडिंग करे या न करें 30 पर बंद हो जाती है. हमें इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सुबह 9:15 से लेकर 10:00 के बीच में शेयर को खरीदना होता है.
ताकि हम शेयर को कम से कम दाम पर खरीद सकें और 3:00 से लेकर 3:20 तक 20 मिनट के अंदर अंदर हमें शेयर को हर हाल में बेचना होता है. इस प्रकार हम इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जाने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Scalping Trading Kya Hai
सकैलपिंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तरह ही एक दिन के अंदर की जाती है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग को हम कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरा कर लेते हैं.
यह ट्रेडिंग कुछ ही समय के लिए की जाती है इसलिए इसे सकैलपिंग ट्रेडिंग कहा जाता है. सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Scalping Trading Kaise Kare
सकैलपिंग ट्रेडिंग को करने के लिए भी हमें शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच में शेयर को खरीदना होता है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग में की जाने वाली ट्रेडिंग कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरी हो जाती है.
इसलिए मान लीजिए कि अगर आपने 9:15 पर ही शेयर मार्केट से शेयर खरीद लिए तो आपकी ट्रेडिंग 9:30 तक ही पूरी हो जाएगी. इस तरह से हम कुछ ही मिनट के अंदर ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ ट्रेडिंग करते हैं और सकैलपिंग ट्रेडिंग का फायदा उठाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाते हैं.
सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.
Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग और सकैलपिंग ट्रेडिंग से बहुत अलग है. क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग को हम 1 दिन या 1 हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम इसमें शेयर मार्केट के खुलने से लेकर बंद होने के बीच में कम से कम कीमत पर शेयर को खरीद कर रख लेते हैं और फिर टारगेट लगाकर उस शेयर की कीमत बढ़ने का इंतजार करते हैं.
जैसे ही उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है तब हम उस शेयर को बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग के अंदर हमें ट्रेडिंग एक ही दिन या एक ही घंटे के अंदर पूरी नहीं करनी होती. इसे हम एक दिन एक हफ्ते या 1 महीने तक भी कर सकते हैं.
इसलिए इसमे नुकसान कम और फायदा ज्यादा होता है. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading Kaise Kare
ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक बहुत ही अच्छी स्ट्रेटजी होनी चाहिए. उसी के साथ आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए एवं डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
अगर आपके पास यह सब चीजें हैं तो अब आपको शेयर मार्केट में जाकर सबसे ज्यादा उछाल आने वाले शेयर को चुनना है. अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है या घटने वाली है तो उसके हिसाब से शेयर खरीदना है.
मान लेते है अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है तो आप उस शेयर को आज की तरीख में खरीद के रख लें एवं अपना स्ट्रेटेजी के हिसाब से टारगेट बनाएं और जैसे ही वह टारगेट की कीमत शेयर छू जाए तब उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे लिखे पोस्ट को पढ़ें.
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Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
Options Trading: निश्चित ही ऑप्शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम अगर ट्रेडिंग करे या न करें आ सकते हैं.
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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.
ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.
जानकारी हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता अगर ट्रेडिंग करे या न करें है.
इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.
होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.
ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.
ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
- डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
- समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
- अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
- प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.
नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्त किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर : प्रकाशित विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लें.)
Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए अगर ट्रेडिंग करे या न करें अगर ट्रेडिंग करे या न करें जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन अगर ट्रेडिंग करे या न करें जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत अगर ट्रेडिंग करे या न करें सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें
आप ना केवल मूल्य में वृद्धि होने पर अभी तो मूल्य में गिरावट आने पर भी कमा सकते हैं। यदि शेयर का प्राइस गिर रहा है और आपको लगता है कि यह और गिरेगा तो इस स्थिति में आप शेयर बेचकर करके पैसे कमा सकते हैं।
निम्नलिखित कदमों का उपयोग करके आप इंट्राडे में स्टॉक्स बेचकर कमाई कर सकते हैं:
- अपने एंजल ब्रोकिंग ऐप से सर्च आइकन को क्लिक कीजिए तथा उस स्टॉक को ढूंढिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। सबसे पहले रिजल्ट पर क्लिक कीजिए। आप यदि यह सोचते हैं की मूल्य पहले से ही बहुत अधिक है और निश्चित ही इनमें गिरावट आएगी तो Sell बटन को दबाइए।
- Quatity फील्ड में जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उनकी संख्या लिखिए और उसके बाद यह निश्चित कीजिए की क्या आप मार्केट ऑर्डर प्लेस करना चाहेंगे या लिमिट ऑर्डर (मैं ऊपर समझा चुका हूं)।
- Intraday को Product Type के रूप में चुने।
- बाकी बचे दो फील्ड्स को ना छुएं और सेल ऑर्डर को प्लेस करने के लिए Sell बटन को दबाएं।
- अपने सेल आर्डर के विवरण को कंफर्म करने के लिए Confirm को क्लिक करें।
- आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा और आप तभी कमा पाएंगे यदि मूल्य में गिरावट आती है तथा आपको हानि होगी यदि मूल्य में वृद्धि होती है।
- होने वाली हानि को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को प्लेस करना ना भूलें।
- तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद एग्जिट करें और अपने स्टॉप लॉस ऑर्डर को कैंसिल करें।
इस प्रकार, एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।
अस्वीकरण: अगर ट्रेडिंग करे या न करें इस पोस्ट में उपलब्ध सूचना केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। कृपया किसी भी सुझाव को निवेश की सलाह के रूप में ना लें। ट्रेडिंग जोखिम से संबंधित होती है इसीलिए इसे ध्यानपूर्वक करें।