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ईटीएफ और इंडेक्स फंड

ईटीएफ और इंडेक्स फंड

एनएसई इंडेक्स ने नया निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स लॉन्च किया

दिसंबर 2019 में, NSE इंडेक्स ने अप्रैल 2023 और अप्रैल 2030 में परिपक्वता के साथ भारत बॉन्ड इंडेक्स में पहले दो इंडेक्स लॉन्च किए, और जुलाई 2020, अप्रैल 2025 और अप्रैल 2031 में परिपक्वता वाले दो इंडेक्स लॉन्च किए गए।

आगामी भारत बॉन्ड ईटीएफ (विनिमय व्यापार फंड), जो भारत बॉन्ड ईटीएफ श्रृंखला में छठा है, 2033 में परिपक्व होने वाले नए लॉन्च किए गए निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स को ट्रैक करेगा।

निफ्टी भारत बॉन्ड इंडेक्स - अप्रैल 2033 की आधार तिथि 30 नवंबर, 2022 और आधार मूल्य 1,000 है। सूचकांक को प्रत्येक कैलेंडर तिमाही के अंत में पुनर्संतुलित/पुनर्गठित किया जाएगा।

यह निश्चित आय वाले निवेशकों को अधिक निवेश विकल्प प्रदान करेगा और विभिन्न परिपक्वताओं की संरचना बनाने में मदद करेगा।

विविध निवेश के लिए गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ उम्दा विकल्प

सोना या फिर किसी भी कीमती धातु को भौतिक रूप से हासिल किए बिना ही इसमें निवेश करने को डिजिटल इन्वेस्टमेंट कहा जाता है. यह एक आभासी तरीका है. भौतिक सोना में तो शुद्धता को लेकर रिस्क बना रहता है, लेकिन डिजिटल निवेश में इन झंझटों से बिलकुल बेपरवाह रहिए. दूसरी बात है कि यहां इसे सुरक्षित रखने का भी कोई खतरा नहीं रहता है.

हैदराबाद : हाल के दिनों में लोगों में डिजिटल रूप से सोने में निवेश करने की प्रवृत्ति बढ़ी है. निवेश को इक्विटी तक सीमित किए बिना लोग अपने निवेश विकल्पों का विस्तार कर रहे हैं. जैसे सोने और चांदी में निवेश करने के लिए कुछ राशि निर्धारित करना.

ऐसे निवेशकों के लिए, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने हाल ही में मोतीलाल ओसवाल गोल्ड एंड सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की शुरुआत की है. इस योजना का एनएफओ 7 नवंबर को समाप्त हो जाएगा. इस एनएफओ में न्यूनतम निवेश 500 रुपये है. अभिरूप मुखर्जी इसके फंड मैनेजर हैं. इस योजना के तहत अन्य म्यूचुअल फंड के गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ भी यहां खरीदे जा सकते हैं.

सोने के निवेश के अन्य विकल्पों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ, निप्पॉन इंडिया ईटीएफ गोल्ड बीज़, एसबीआई-ईटीएफ गोल्ड, कोटक गोल्ड ईटीएफ और एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ शामिल हैं. वहीं चांदी की योजनाओं के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ, निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ और आदित्य बिड़ला सिल्वर ईटीएफ में खरीदारी की जा सकती है.

कुल निवेश राशि में से 70 प्रतिशत गोल्ड ईटीएफ के लिए निर्धारित किया जा सकता है और शेष राशि सिल्वर ईटीएफ इकाइयों के लिए आवंटित की जा सकती है. ये योजनाएं उन निवेशकों के लिए हैं, जो अपने निवेश में विविधता लाना चाहते हैं. आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने एकल म्यूचुअल फंड योजना के माध्यम से विविध निवेश की योजना के साथ एक अभिनव फंड का अनावरण किया है.

इसका नाम है आदित्य बिड़ला सन लाइफ मल्टी-इंडेक्स फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) और यह फंड ऑफर 10 नवंबर को बंद होने वाला है. न्यूनतम निवेश 100 रुपये किया जा सकता है. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है और विनोद भट्ट इस स्कीम के फंड मैनेजर हैं. ए 'फंड ऑफ फंड्स' (एफओएफ) स्टॉक, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने के बजाय अन्य निवेश फंडों के पोर्टफोलियो को रखने की एक निवेश रणनीति है. वे सोने और चांदी की आकर्षक योजनाओं में भी निवेश करते हैं.

फंड मैनेजर परिस्थितियों के आधार पर फैसला करेगा कि क्या निवेश करना है और कितना निवेश करना है. यह कहा जा सकता है कि यह फंड निवेशकों को अपने पैसे को अलग-अलग योजनाओं को चुने बिना मल्टी-इंडेक्स फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से अलग-अलग जगहों पर निवेश करने का अवसर प्रदान करता है.

एक्सिस म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया ‘एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ’

उदयपुर। भारत में सबसे तेजी से बढ़ते फंड हाउसों में से एक एक्सिस म्यूचुअल फंड ने आज अपना नया फंड- ‘एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ’ लॉन्च करने की घोषणा की। सोमवार, 30 अगस्त से खुलने वाला यह नया फंड ऑफर (एनएफओ) निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स पर नज़र रखने वाला एक ओपन एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है। नया फंड निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स शेयरों के समूह में निवेश करके रिटर्न हासिल करने के लिए लंबी अवधि में धन सृजन से संबंधित सॉल्यूशन और लक्ष्य प्रदान करता है। भारत की अर्थव्यवस्था में पहले से ही अगले दस वर्षों के लिए विकास संबंधी मजबूत संभावनाएं नजर आ रही हैं। नई सहस्राब्दी के पहले दो दशकों में भारत ईटीएफ और इंडेक्स फंड की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गई है (स्रोत- मॉर्गन स्टेनली)। हमें विश्वास है कि निम्नलिखित संरचनात्मक कारकों को देखते हुए यह प्रवृत्ति अगले दशक तक जारी रहने की संभावना है-

– आबादी संबंधी अनुकूल आंकड़े- संभावना है कि अगले 10 वर्षों में, 122 मिलियन और लोग कार्यबल में शामिल हो सकते हैं, जो भारत के वर्तमान कार्य बल के लगभग 20 प्रतिशत के बराबर है। (स्रोत- मॉर्गन स्टेनली)

– वैश्वीकरण- यह बाहरी मांग और वित्तपोषण के सक्षम कारक प्रदान करता है, जिनका उपयोग विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

– सुधार- सरकार 1990 के दशक की शुरुआत में भारत द्वारा शुरू किए गए सुधारों को जारी रखे हुए है। सुधारों की यह प्रक्रिया व्यापार करने में आसानी, एफडीआई, सरकारी वित्त, कराधान, बुनियादी ढांचे और राज्यों के लिए अधिक स्वायत्तता से संबंधित है।

हमारे विचार में डिजिटाइजेशन के कारण विकास की इस प्रक्रिया को और बढ़ावा मिल सकता है। डिजिटलीकरण के कारण दो तरह के परिवर्तन अवश्यंभावी हैं- 1) नीतिगत पहल जो वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रही हैं और 2) टैक्नोलॉजी संबंधी परिवर्तन जो जनता और छोटे उद्यमों के लिए वित्तीय सेवाएं देने की लागत को कम कर रहे हैं। ये, सभी के लिए रोजगार पर सरकार के फोकस के साथ, विकास को और अधिक समावेशी बना देंगे, जो बदले में हमें भारत के विकास के दृष्टिकोण के बारे में अधिक आश्वस्त करता है।

विकास संबंधी इस प्रक्रिया में कंजम्पशन एक प्रमुख फैक्टर है। एक आकांक्षी आबादी के चलते खपत के मामले में आज देश चीन के बाद सबसे बड़ी विकास संभावना के रूप में नजर आ रहा है। जैसे-जैसे औसत आय बढ़ती है, भारतीय परिवारों के लिए विवेकाधीन खर्चों में तेजी से बढ़ने की संभावना है, जिसमें मनोरंजन, सैर-सपाटा, कंज्यूमर एप्लायंसेज और प्रोपर्टी संबंधी सेगमेंट में बड़े पैमाने पर खर्च बढ़ने की संभावनाएं नजर आ रही हैं।

इस वृद्धि के परिणामस्वरूप पहले ही विभिन्न क्षेत्रों में कई बी2सी व्यवसायों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस प्रदर्शन का एक संकेतक निफ्टी इंडिया कंजम्पशन है। इंडेक्स में कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, ऑटो, टेलीकॉम सर्विसेज, फार्मास्यूटिकल्स, होटल, मीडिया और एंटरटेनमेंट आदि जैसे क्षेत्रों में कंपनियों का एक विविध समूह शामिल है, जो आज भारत में आवश्यक और विवेकाधीन खर्चों के उपभोग को दर्शाता है। निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स में फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन द्वारा 30 सबसे बड़ी खपत उन्मुख कंपनियां शामिल हैं।

भारतीय वित्तीय बाजारों में पेसिव इनवेस्टमेंट की संभावना काफी गति पकड़ चुकी है और इसके बने रहने की उम्मीद है। पेसिव इनवेस्टमेंट के लिए दो सबसे लोकप्रिय तरीके इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हैं। पेसिव इनवेस्टमेंट निवेश संबंधी एक लो फ्रिक्शन रणनीति है, जो एक विशिष्ट सूचकांक को यथासंभव बारीकी से ट्रैक करती है। यह घटकों में सूचकांक के समान अनुपात में भाग लेता है और व्यापक बाजार ज्ञान पर भरोसा करके कुशलतापूर्वक कम लागत की रणनीति पर सुरक्षा चयन के जोखिम को दूर करता है।

लागत प्रभावी होने के अलावा, ईटीएफ निवेशकों को रीयल-टाइम कीमतों पर निवेश करने देते हैं, जबकि सेक्टर फंडों में दिन के आखिर में रहने वाली कीमतों को लागू किया जाता है। यह उनके निवेश को अल्पकालिक निवेशकों के इनफ्लो और आउटफ्लो से बचाता है। इसके अलावा, ईटीएफ परिसंपत्ति-श्रेणी से जुड़े प्रदर्शन को अर्जित करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं और इसे बाजारों में तत्काल जोखिम प्राप्त करने के लिए सबसे लचीले उपकरणों में से एक माना जाता है, जिससे नकदी का संतुलन होता है।

एनएफओ की लॉन्चिंग के अवसर पर एक्सिस एएमसी के एमडी और सीईओ श्री चंद्रेश निगम ने कहा, ‘एक्सिस एएमसी के रूप में हमारी पहचान एक जिम्मेदार फंड हाउस की है, जो बाजार में मजबूती से खड़ा है। हम अपने उपभोक्ताओं को विभिन्न किस्म के प्रोडक्ट्स प्रदान करने का प्रयास करते हैं जो संभावित रूप से गुणवत्ता से संचालित होते हैं और वर्तमान संदर्भ में दीर्घकालिक रिटर्न देने के साथ ही प्रासंगिक भी हैं। एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ के लॉन्च के माध्यम से, हमारा लक्ष्य अपने उपभोक्ताओं को एक ऐसा निवेश विकल्प प्रदान करना है, जिसमें विकास और मजबूत रिटर्न ईटीएफ और इंडेक्स फंड का प्रमाण हो। खपत बाजार मजबूत बना हुआ है, लोगों का रुझान बढ़ रहा है और पिछले कुछ दशकों में खपत में लगातार वृद्धि हुई है। हमारे निवेशक स्मार्ट हैं और पूरी तरह से डेटा द्वारा संचालित हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम निष्क्रिय निवेश में वृद्धि को स्पष्ट रूप से दिखाएं। मेरा मानना है कि एक्सिस कंजम्पशन ईटीएफ निवेशकों के लिए एक्सपोजर हासिल करने के साथ-साथ बाजार में स्थिर और सुरक्षित ग्रोथ को हासिल करने का एक अच्छा अवसर है।’’

Index Fund vs ETF: Passive Investors के लिए किसमें निवेश करना बेहतर है?

Index Fund vs ETF: Passive Investors के लिए किसमें निवेश करना बेहतर है? – ईटीएफ और इंडेक्स फंड आज के समय में बहुत सारे लोग कैपिटल मार्केट में निवेश करने को लेकर सतर्कता दिखा रहे हैं। वे सुरक्षित रिटर्न दिलाने वाले विकल्पों की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं जिसमें भले ही इक्विटी की तुलना में मुनाफा कम हो लेकिन साथ ही साथ रिस्क भी कम हो। ऐसे में बहुत सारे निवेशक पैसिव फंड्स की ओर ध्यान दे रहे हैं जहां पर उन्हें इंडेक्स की तरह अच्छा और सुरक्षित रिटर्न मिलने की गुंजाइश होती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि Index Fund vs ETF: Passive Investors के लिए किसमें निवेश करना बेहतर है?

यदि आप पैसिव निवेशक है तो म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे बेहतर ऑप्शन है क्योंकि इसका उद्देश्य इंडेक्स की तरह ही बेहतर रिटर्न पाना है। यदि आप इक्विटी बाजार में पैसिव तरीके से निवेश करना चाहते हैं तो इसके 2 तरीके होते हैं: पहला, Index Fund और दूसरा ETF (Exchange Traded Fund)। इन दोनों में से किसी एक में निवेश करने से पहले इन दोनों के बारे में जानकारी ईटीएफ और इंडेक्स फंड रखना बहुत ही जरूरी होता है इसीलिए अब हम सबसे पहले आपको बताएंगे कि इंडेक्स फंड क्या होता है?

इंडेक्स फंड क्या है?

इंडेक्स फंड शेयर मार्केट NIFTY50 या SENSEX 30 में शामिल कंपनियों में निवेश करने के लिए निवेशकों द्वारा फंड इकट्ठा करते हैं। इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी अनुपात में उसके शेयर खरीदे जाते हैं। मतलब, इंडेक्स फंड का प्रदर्शन उसके इंडेक्स जैसा होता है। इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है जो रिस्क कम लेना चाहते हैं, भले ही उन्हें थोड़ा बहुत कम रिटर्न मिल जाए। इंडेक्स फंड में नुकसान होने का खतरा कम होता है। इंडेक्स फंड में खर्च की लागत कम होती है और साथ में कुछ फायदे भी मिलते हैं। इसके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

• इस प्रकार के फंड को पैसिवली मैनेज किया जाता है इसीलिए एक्टिवली मैनेज किए जाने वाले फंड के मुकाबले इसमें कम खर्च आता है।
• इसका एक फायदा और है कि इसमें निवेशकों को अलग-अलग फंड में निवेश करने का मौका भी मिलता है जिससे उनके पैसा डूबने का खतरा भी कम रहता है।
• यदि एक कंपनी के शेयर में गिरावट आती है तो दूसरे के कंपनी में ग्रोथ के चलते नुकसान को मैनेज किया जा सकता है।
• इंडेक्स फंड में ट्रेकिंग की गलतियां कम होती है जिससे इसको इमेज करने की सटीकता बढ़ जाती है इसीलिए इसमें रिटर्न का अच्छी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है।

ETF क्या है?

ETF इंडेक्स में निवेश करने का मौका देता है जो लोग शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं और बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते वे इस प्रकार के फंड में निवेश कर सकते हैं। फंड मैनेजर इंडेक्स में जो भी शेयर मिलते हैं वह इसी अनुपात में स्टार्ट लेकर ETF बनाते हैं। ETF शेयरों के 1 सेट में निवेश करते हैं और एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। जिस तरह से आप किसी शेयर को खरीदते हैं, इसे भी केवल स्टॉक एक्सचेंज की मदद से खरीद एवं बेच सकते हैं। यदि आप बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो ETF में निवेश करना बेहतर ऑप्शन हो सकता है।

ETF में निवेश करना क्यों बेहतर है?

• ETF इंडेक्स का ही एक मूर्त रूप है इसका मतलब यह है कि यदि इंडेक्स में तेजी आएगी तो इन्हें भी फायदा मिलेगा। ETF का एक्सपेंस रेश्यो कम होता है यानी इसमें निवेश करने का खर्च कम लगता है।
• ETF रिस्क को भी अलग अलग करता है। म्यूचुअल फंड में रिस्क भी अलग अलग होता है लेकिन उसमें वर्गीकरण किस के मुकाबले थोड़ा अधिक है।
• यदि आप पोर्टफोलियो में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव की उम्मीद नहीं कर रहे हैं तो ETF में निवेश करना बेहतर ऑप्शन हो सकता है। ETF में टैक्स की देनदारी अन्य शेयरों में निवेश की तरह ही होता है।
• यदि ईटीएफ और इंडेक्स फंड सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में रैली आते हैं तो इंडेक्स में भी मजबूती मिलती है जिसका फायदा ETF के निवेशकों को मिलता है

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