ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है

Stock Market: हम सभी जानते हैं कि सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस से होने वाली कमाई पर हमें टैक्स देना होता है. इसके अलावा, आप शेयरों की बिक्री या खरीद से भी मोटी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है. कई गृहिणी और रिटायर्ड लोग स्टॉक मार्केट में निवेश के ज़रिए मुनाफा कमाते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि इस मुनाफे पर टैक्स कैसे लगाया जाता है. इक्विटी शेयरों की बिक्री से होने वाली इनकम या लॉस ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.
ExpertOption - मोबाइल ट्रेडिंग
ExpertOption एक मोबाइल ब्रोकर है जो वैश्विक बाजारों में ट्रेड करने का एक आसान तरीका प्रदान करता है। शक्तिशाली विश्लेषणात्मक उपकरण प्रदान करके, यह एप एक उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस, और स्टॉक्स से सूचकांक तक 100+ लोकप्रिय संपत्ति तक पहुंच प्रदान करती हैं।
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सुविधाजनक भुगतान
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कैसे आकृति का काम करता है काम करता है: जोखिम और पुरस्कार | इन्वेस्टोपैडिया
स्टार्टअप मोतिफ निवेश एक ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है तरह से निवेशकों को पोर्टफोलियो बनाने, वास्तविक-शब्द रुझानों और एक अनूठे निवेश के अनुभव के लिए अनुकूलन के संयोजन के तरीके में बदलाव कर रहा है।
मेरे पास एक छोटा सा व्यवसाय है (एलएलसी), जो मैं अंशकालिक काम करता हूं। मैं एक कंपनी के लिए भी पूर्ण समय काम करता हूं और मुझे 401 (के) योजना में नामांकित किया गया है। क्या मैं अभी भी अपने अंशकालिक एलएलसी की आय से व्यक्तिगत 401 (के) में योगदान करने के योग्य हूं?
जब तक आपके पास कंपनी में कोई स्वामित्व न हो, जिसके लिए आप पूर्णकालिक काम करते हैं और आपके पास कंपनी के साथ एकमात्र संबंध कर्मचारी के रूप में है, तो आप अपने सीमित दायित्व के लिए एक स्वतंत्र 401 (के) कंपनी (एलएलसी) और कंपनी से मिलने वाली आय से ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है योजना को फंड करें।
बोलिंगर बैंड्स ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले हैं?
बोलिंजर बैंड का उपयोग अस्थिरता के परिवर्तनों और सही समय पर विकल्पों के विकल्प की पहचान करने के लिए; इन रणनीतियों का उपयोग करते हुए बुल या भालू बाजार में लाभ
शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन्स टैक्स (STCG)
अगर आप शेयर मार्केट में लिस्टेड किसी शेयर को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचते हैं, तो इस पर ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है आपको 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. भले ही आप इनकम टैक्स देनदारी के 10 फीसदी के स्लैब में आते हों या 20 या 30 फीसदी के स्लैब के तहत, आपने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन किया है तो इस पर 15 फीसदी का ही टैक्स लगेगा.
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ढाई लाख रुपये से कम है तो शेयर बेचने से हासिल लाभ को इससे एडजस्ट किया जाएगा और फिर टैक्स कैलकुलेट होगा. इस पर 15 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस लगेगा.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग या फ्यूचर-ऑप्शन के ज़रिए ट्रेडिंग करते हैं तो ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है इस पर होने वाली कमाई पर भी टैक्स देनदारी बनती है. इंट्रा-डे ट्रेडिंग से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहते हैं. इसके अलावा, फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है. इनसे होने वाली कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है. इसका मतलब है कि स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके ऊपर की कमाई पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक
Hindi wise money
दोस्तों ऑप्शन ट्रेडिंग में जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को ध्यान में रखने वाली. वह होती है ऑप्शन की एक्सपायरी डेट.
इक्विटी मार्केट में जो ऑप्शन की ट्रेडिंग होती है उसमें दो प्रकार के ऑप्शन ट्रेड होते हैं.
वीकली एक्सपायरी वाला ऑप्शन हर हफ्ते के थर्सडे को एक्सपायर होता है . और ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है न्यू सीरीज वीकली ऑप्शन की जो शुरुआत होती है, वह भी थर्सडे को ही स्टार्ट होती है.
(ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है 2.) मंथली एक्सपायरी वाला ऑप्शन.
मंथली ऑप्शन की एक्सपायरी मंथ के एंड में जो थर्सडे पड़ता है उस दिन एक्सपायर होता है. और न्यू सीरीज का जो ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट शुरू होता है वह भी उसी दिन से होता है.