वितरण सूचक

उत्पादन के चार कारक कौन-कौन से हैं और इनमें से प्रत्येक के पारिश्रमिक को क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय आय का लेखांकन
बजटीय घाटा और व्यापार घाटा को परिभाषित कीजिए। किसी विशेष वर्ष में किसी देश की कुल बचत के ऊपर निजी निवेश का आधिक्य 2000 करोड़ रु० था। बजटीय घाटे की राशि 1500 करोड़ रु० थी। उस देश के बजटीय घाटे का परिमाण क्या था?
बजटीय घाटा: कर द्वारा अर्जित आय की अपेक्षा सरकारी व्यय जितने अधिक होते हैं, उसे 'बजटीय घाटा' के रूप में सूचित किया जाता है।
व्यापार घाटा: एक देश द्वारा अर्जित निर्यात आय की अपेक्षा अति-रिक्त आयत व्यय की मात्रा व्यापर घाटा कहलाता हैं।बजटीय घाटा = सरकारी व्यय - सरकारी प्राप्तियाँ
व्यापार घाटा = आयत (M) - निर्यात (X)
और
व्यापार घाटा = निवेश (I) - बजत (S)
इस प्रकार,
M - X = (I - S) + (G - T)
= 2,000 + 1,500 = 3,500 करोड़ रूपए
∴ व्यापार घाटा = 3,500 करोड़ रूपए
नियोजित और अनियोजित माल-सूची संचय में क्या अंतर है? किसी फर्म की माल-सूची और मूल्यवर्धित के बीच संबंध बताइए।
लाख की खेती को बढ़ावा देने 50 हितग्राहियों को बीज का वितरण
फरसगांव। जंगलों पर निर्भर आदिवासी समुदायों के लिए लाख की खेती अब महज आजीविका चलाने का जरिया नहीं बल्कि उनकी जिंदगी में समृद्धि का सूचक है। यही वजह है कि किसान लाख लगाबो, लाखों कमाबो का नारा बुलंद कर रहे हैं।
बतोदं कि जंगल से जुडे क्षेत्र के किसानों में लाख की खेती को लेकर लोकप्रियता बढ़ रही है।
इसकी प्रमुख वजह है कि प्राकृतिक रूप से बहुतायत में पाए जाने वाले पलाश के पेड़ है। इस लिए किसान अपनी वितरण सूचक जमीन पर पारंपरिक धान और नगदी फसल करने के साथ साल में दो मर्तबा लाख उत्पादन कर रहे हैं। इसी कड़ी में 23 जून को ब्लाक फरसगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत खंडसरा में जनपद अध्यक्ष शीशकुमारी चनाप, ब्लाक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेखा कश्यप, जनपद सीइओ शिवकमार टंडन, सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में 50 हितग्राही को परियोजना मद से लाख कीट (लाक्षा कीट) का वितरण किया गया।
कई गैर-अतिव्यापी वर्गों के साथ सारणीबद्ध रूप में डेटा का सारांश और वितरण सूचक प्रस्तुतिकरण क्या कहलाता है?
Key Points
वर्ग अंतराल - वर्ग एक साथ समूहीकृत वितरण सूचक किए गए आंकड़ों का एक समुच्चय होता है वितरण सूचक और वर्ग अंतराल उच्च-वर्ग की सीमा को निम्न-वर्ग सीमा से घटाकर निर्धारित की गई वर्ग की चौड़ाई है।
आंकड़ों का सारणीकरण रूप-
आँकड़ों को प्रस्तुत करने, सारणीकरण या आँकड़ों की सारणीबद्ध प्रस्तुति की एक विधि, आँकड़ों के गुणों के अनुसार पंक्तियों और स्तंभों के रूप में आँकड़ों की व्यवस्थित वितरण सूचक और तार्किक व्यवस्था है।
यह एक स्पष्ट, स्व-व्याख्यात्मक संरचना है जो सुगठित होती है।
लाख की खेती को बढ़ावा देने 50 हितग्राहियों को बीज का वितरण
फरसगांव। जंगलों पर निर्भर आदिवासी समुदायों के लिए लाख की खेती अब महज आजीविका चलाने का जरिया नहीं बल्कि उनकी जिंदगी में समृद्धि का सूचक वितरण सूचक वितरण सूचक है। यही वजह है कि किसान लाख लगाबो, लाखों कमाबो का नारा बुलंद कर रहे हैं।
बतोदं कि जंगल से जुडे क्षेत्र के किसानों में लाख की खेती को लेकर लोकप्रियता बढ़ रही है।
इसकी प्रमुख वजह है कि प्राकृतिक रूप से बहुतायत में पाए जाने वाले पलाश के पेड़ है। इस लिए किसान अपनी जमीन पर पारंपरिक धान और नगदी फसल करने के साथ साल में दो मर्तबा लाख उत्पादन कर रहे हैं। इसी कड़ी में 23 जून को ब्लाक फरसगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत खंडसरा में जनपद अध्यक्ष शीशकुमारी चनाप, ब्लाक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेखा कश्यप, जनपद सीइओ शिवकमार टंडन, सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में 50 हितग्राही को परियोजना मद से लाख कीट (लाक्षा कीट) का वितरण किया गया।
पूर्व जपं सदस्य को 6 माह की सजा!: पटवारी को पट्टा वितरण को लेकर उमरेठ तहसील कार्यालय में किया था अपमानित, न्यायालय ने किया दंडित
उमरेठ के पूर्व जपं सदस्य और वितरण सूचक वितरण सूचक भाजपा नेता कैलाश सोनी को पटवारी को धमकाने के मामले में छिंदवाड़ा के विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम छिंदवाड़ा ने 6 माह की सजा से दंडित किया है । लोक अभियोजक आरिफ खान के मुताबिक घटना 25 जुलाई 2016 की है उमरेठ की हल्का पटवारी सुषमा धुर्वे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि तहसील परिसर में जपं सदस्य कैलाश सोनी ने उन्हे पटटा वितरण को लेकर जाति सूचक शब्द से अपमानित किया था, और गंदी गंदी गालिया देकर सभी के सामने बेइज्जत किया था।
जिसके चलते पुलिस ने महिला पटवारी की शिकायत पर कैलाश सोनी के विरूध्द धारा 353, 294, 506 एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3-1 द ध एवं 3-2- व्ही के तहत प्रकरण पंजीबध्द किया था। इस मामले में आज सभी पक्षों को सुना गया जिसके बाद माननीय न्यायालय ने आरोपी कैलाश सोनी को धारा 294, 353 एवं 506 भाग 2 भादस तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 3-2- वी ए के अपराध के आरोप से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।