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म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?

म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?
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म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?

दातर लोग रिटायरमेंट के करीब आने तक अपने रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोचते। पूरी ज़िंदगी एक के बाद दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने में खर्च हो जाती है, गाड़ी खरीदने से लेकर, घर खरीदने, परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की पढाई से लेकर उनकी शादी तक। जब ये ज़िम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं, हम रिटायरमेंट जो कि बस आने ही वाला है, के लिए कितने पैसे बचे हैं देखना शुरू कर म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? देते हैं। इसी समय लोग अपने जीवन भर की बचत को किसी ऐसी चीज़ में निवेश करने की सोचते हैं जो म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? रिटायरमेंट का दौर शुरू होने से पहले कम समय में ज़्यादा मुनाफ़ा दे सके। जीवन के उस दौर के लिए ऐसी प्लानिंग करना गलत तरीका है जहाँ आपको सबसे ज़्यादा आराम, सुरक्षा, अच्छी सेहत और बिना किसी रेगुलर इनकम के 15 से 30 साल तक सहारे की ज़रूरत है।

इस दौर की प्लानिंग करना जितना जल्दी शुरू कर दें उतना अच्छा। भले ही आपकी कमाई और लाइफस्टाइल कैसी भी हो, आप अपने सारे ख़र्चों को पूरा करने के बाद हमेशा पैसे बचा सकते हैं और आपके सारे बिल और दूसरी ज़रूरी चीज़ों को पूरा करने के बाद जैसे कार की ईएमआई, होम लोन की ईएमआई, बच्चों के लिए किये गए इन्वेस्टमेंट, इमरजेंसी फंड आदि जैसी आपकी फिनेंशिअल कमिटमेंट को पूरा करने के बाद आपके पास ज़रूर महीने के आखिर में कुछ पैसे बचते होंगे।

भले ही रकम छोटी क्यों ना हो, इसे सही ज़रिये में निवेश करने से आपको लंबी समय अवधि में बड़ी राशि बनाने में मदद मिल सकती है। और म्यूचुअल फंड्स से बेहतर ज़रिया और क्या हो सकता है! आप एसआईपी द्वारा म्यूचुअल फंड्स में हर महीने 500 रुपये से निवेश कर सकते हैं और आपकी इनकम/बचत बढ़ने पर राशि को बढ़ा सकते हैं। जब कम्पाउंडिंग के करिश्मे की ताकत देखेंगे तो आपको सुखद आश्चर्य होगा और क्या पता आगे चलकर आपको कुबेर का खज़ाना हाथ लग सकता है।

Retirement Planning: अब बुढ़ापे की नो टेंशन, Mutual Fund के जरिए यूं करें सेकेंड ईनिंग के लिए अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग

Retirement Planning: किसी स्कीम के नाम में रिटायरमेंट प्लान या Pension Plan लगा देने से यह साबित नहीं हो जाता कि वह आपके Retirement Planning के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगी।

Sachin Chaturvedi

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 24, 2022 16:33 IST

Mutual Funds- India TV Hindi

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Highlights

  • बाजार में पेंशन प्लान व रिटायरमेंट प्लान के नाम से निवेश के बहुत से विकल्प मौजूद हैं
  • रिटायरमेंट प्लानिंग के दो चरण होते हैं- पहला एक्युमुलेशन और दूसरा डिस्ट्रिब्यूशन
  • एक्युमुलेशन यानि धीरे-धीरे निवेश कर अपने लक्ष्य के लिए एक बड़ी रकम जुटाना

Retirement Planning: सेवानिवृत्त जीवन आनंददायक हो, यह सभी का सपना होता है। लेकिन यह तभी मुमकिन है जब सही तरीके से योजना बनाई जाए। यूं तो बाजार में पेंशन प्लान व रिटायरमेंट प्लान के नाम से निवेश के बहुत से विकल्प मौजूद हैं, जिनमें से अधिकतर योजनाएं जीवन बीमा कंपनियों द्वारा संचालित हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या निवेश के ये विकल्प रिटायरमेंट प्लानिंग के उद्देश्य को पूरा कर पाएंगे? किसी स्कीम के नाम में मात्र रिटायरमेंट प्लान या पेंशन प्लान लगा देने से यह साबित नहीं हो जाता कि जो स्कीम आप खरीद रहे हैं वह आपके रिटायरमेंट प्लानिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगी।

कैसे करें रिटायरमेंट प्लानिंग

रिटायरमेंट प्लानिंग के दो चरण होते हैं- पहला एक्युमुलेशन और दूसरा डिस्ट्रिब्यूशन। एक्युमुलेशन यानि जब आप धीरे-धीरे निवेश करके अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक बड़ी रकम जुटाते हैं और डिस्ट्रिब्यूशन यानि जब जमा किए गए पैसों में से समय-समय पर पैसे निकाल कर आप अपना जीवन निर्वाह करते हैं। चूंकि म्यूचुअल फंड विभिन्न प्रकार के होते हैं इसलिए ये जरूरत के हिसाब से एक्युमुलेशन व डिस्ट्रिब्यूशन दोनों ही चरणों में सहायक सिद्ध होते हैं।

एक्युमुलेशन

सुरक्षा व बेहतर रिटर्न दोनों ही एक आदर्श निवेश की जरूरतें हैं। किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट, गोल्ड, रियल एस्टेट इत्यादि सभी प्रकार के एसेट्स होने चाहिए ताकि पोर्टफोलियो का संतुलन बना रहे। रिटायरमेंट प्लानिंग क्योंकि लंबी अवधि का निवेश है, इसलिए थोड़ा जोखिम लेकर अधिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश की जा सकती है।

यदि आप युवावस्था से अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाते हैं तो आपके पास अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक लंबा वक्त होता है। ऐसे में अधिक निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड में किया जाना चाहिए। इक्विटी मार्केट में छोटी अवधि के दौरान उतार-चढ़ाव बना रहता है किन्तु यह बात प्रमाणित है कि लंबी अवधि में इक्विटी में निवेश दूसरे विकल्पों के मुकाबले ज्यादा लाभ देता है। साथ ही इक्विटी में निवेश करना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि फिक्स्ड डिपॉजिट व डाक म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? घर बचत योजनाओं जैसे डेट के विकल्पों या गोल्ड इत्यादि में निवेश सुरक्षित तो रहता है, किन्तु इस पर मिलने वाला रिटर्न आकर्षक नहीं होता।

समय के साथ महंगाई बढ़ती जाती है और ऐसे में यदि निवेश पर मिलने वाला रिटर्न मुद्रास्फीति की दर से भी कम हो, तो निवेश के लक्ष्य को हासिल करना अत्यंत मुश्किल हो जाएगा। इसलिए एक्युमुलेशन के दौरान आपके पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेशित रहना चाहिए। इक्विटी म्यूचुअल फंड का पैसा आगे किस प्रकार के शेयरों में निवेश किया जाना है उसके आधार पर इन्हें लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, सेक्टर फंड इत्यादि विभिन्न श्रेणियों में रखा जाता है।

आपके पोर्टफोलियो में लार्ज कैप व मिड कैप दोनों ही तरह के म्यूचुअल फंड होने चाहिए, लेकिन ज्यादा प्रतिशत हिस्सा लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर है। साथ ही साथ पोर्टफोलियो का संतुलन बनाए रखने के लिए पोर्टफोलियो में डेट फंड का होना भी अत्यंत आवश्यक है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है और आप अपने लक्ष्य की और अग्रसर होते जाते हैं, अपना निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड से घटा कर डेट म्यूचुअल फंड में बढ़ाना चाहिए ताकि पूंजी खोने का जोखिम कम हो जाए।

डिस्ट्रिब्यूशन

रिटायरमेंट प्लानिंग का दूसरा चरण है डिस्ट्रिब्यूशन। यानि आपने जो पूंजी जमा की है, उसको इस तरह से निवेश किया जाए कि वह आपको निरंतर आय दे सके। इस दौरान आप बहुत अधिक जोखिम नहीं उठा सकते, क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। लेकिन चूंकि सेवानिवृत्ति के बाद भी एक लंबी जिंदगी होती है, इसलिए यह जरूरी है कि सुरक्षा और लिक्विडिटी के साथ-साथ आपके निवेश पर भी आकर्षक रिटर्न भी मिले ताकि इस उद्देश्य के लिए जमा पूंजी जीवन भर चल सके।

इस वक्त आपके पोर्टफोलियो में लिक्विड फंड, डेट फंड व इक्विटी फंड का होना बेहद जरूरी है। लिक्विड फंड इसलिए ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति में रकम उपलब्ध हो। डेट फंड पोर्टफोलियो का संतुलन बनाने में मदगार साबित होंगे और इक्विटी फंड से मिलने वाला आकर्षक रिटर्न महंगाई को मात देने में सफल साबित होगा।

रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्दी शुरू की जाए, लक्ष्य को हासिल करना उतना ही आसान होगा। साथ ही म्यूचुअल फंड एक लम्बी अवधि का निवेश है, इसलिए शेयर बाजार की तरह उसे रोज-रोज देखने की जरूरत नहीं है। किन्तु पोर्टफोलियो की निगरानी, समय-समय पर पोर्टफोलियो की समीक्षा व जरूरत पड़ने पर स्कीम में तब्दीली करने से लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

SIP Calculator: 30 साल है उम्र, 55 साल में होना चाहते हैं रिटायर; 2 करोड़ फंड के लिए कितना करें मंथली निवेश

SIP Calculator: SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. इसमें लॉन्‍ग टर्म में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है.

SIP Calculator: प्राइवेट जॉब में हैं, तो आपको रिटायरमेंट की प्‍लानिंग जितनी जल्‍दी हो उतनी जल्‍दी शुरू कर देनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्‍योंकि सैलरीड क्‍लास इंडिविजुअल के लिए करोड़ों का फंड बनाना आसान नहीं होता है. कम उम्र में हालांकि, लॉन्‍ग टर्म के नजरिए से रेग्‍युलर निवेश की आदत बना ली, जो करोड़ों का फंड बनाया जा सकता है. म्‍यूचुअल फंड SIP निवेश का एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए हम बाजार के डायरेक्‍ट निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. SIP Calculator की मदद से समझते हैं कि कैसे अगर आप 30 साल की उम्र में निवेश शुरू करते हैं, तो अगले 25 साल यानी 55 की उम्र तक ही 2 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं.

हर महीने कितना निवेश

म्‍यूचुअल फंड SIP में आप हर महीने निवेश कर एक तय समय के बाद 2 करोड़ रुपये का रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. SIP Calculator के मुताबिक, अगर हर महीने 10,000 रुपये का निवेश किया जाए और इसे लगातार 25 साल तक बनाए रखें, तो आराम से करीब 2 करोड़ (1,89,76,351 रुपये) का फंड बन सकता है. इसमें अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी लिया गया है. म्‍यूचुअल फंड्स की कई ऐसी स्‍कीम्‍स हैं, जिनका लॉन्‍ग टर्म रिटर्न 12 से 15 फीसदी रहा है.

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कितनी बढ़ी आपकी दौलत?

55 साल की उम्र में रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए अगर आपने 25 साल तक SIP में मंथली 10,000 रुपये का निवेश किया है, तो आपको आखिर में करीब 1.60 करोड़ रुपये का वेल्‍थ गेन होगा. जबकि आपका इस पूरी अवधि में निवेश सिर्फ 30 लाख रुपये के आसपास रहेगा.

SIP: लॉन्‍ग टर्म में मिल सकता है बेहतर म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? रिटर्न

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि अगर कोई निवेशक लॉन्‍ग टर्म SIP का टारगेट रखता है, तो उसे 12-15 फीसदी सालाना रिटर्न मिल सकता है. SIP निवेश का एक सिस्‍टमेटिक तरीका है. इसमें निवेशक को सीधे बाजार के म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? रिस्‍क का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, रिटर्न भी ट्रेडिशनल प्रॉडक्‍ट से ज्‍यादा मिलता है. हालांकि, म्‍यूचुअल फंड एसआईपी में भी म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? रिस्‍क रहता है. इसलिए निवेशक को अपनी इनकम, टारगेट और रिस्‍क प्रोफाइल देखकर निवेश का फैसला करना चाहिए.

वेल्‍थ मैनेजमेंट कंपनी फिनटू के फाउंडर मनीष पी हिंगर का कहना है कि लॉन्‍ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्‍पाउंडिग का म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? फायदा मिलता है. वहीं, लॉन्‍ग टर्म SIP में निवेश के लिए हमें एक अनुशासन और निरंतरता की जरूरत पड़ती है. इसलिए अगर आप SIP में निवेश शुरू करते हैं, तो आप यह तय कर लें कि जब तक आप कम्‍पाउंडिंग की पावर का फायदा नहीं उठा लेते, तबतक उसे बंद नहीं करेंगे.

रिटायरमेंट के बाद भी रहेंगे 'ठाठ' से! अगर चुनेंगे सॉल्यूशन ऑरिएंटेड फंड्स

अगर म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? आपने अपना पोस्‍ट रिटायरमेंट प्‍लान नहीं किया है तो अब भी देर नहीं हुई है. आप जितना जल्‍दी अपनी रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करेंगे, आपको सेवानिवृत्ति के समय उतना ज्‍यादा फायदा होगा.

लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्‍त इंस्‍ट्रूमेंट है. (Reuters)

अगर आपने अपना पोस्‍ट रिटायरमेंट प्‍लान नहीं किया है तो अब भी देर नहीं हुई है. आप जितना जल्‍दी अपनी रिटायरमेंट की प्‍लानिंग करेंगे, आपको सेवानिवृत्ति के समय उतना ज्‍यादा फायदा होगा. दरअसल, लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्‍त इंस्‍ट्रूमेंट है. इसमें किया जाने वाला निवेश रिटायरमेंट बाद की जरूरतें पूरी करता है. यह फंड सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड की कैटगरी का है. आइए जानते हैं कि सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड क्‍या होता है और इसमें कैसे निवेश कर आप अपना रिटायरमेंट या अन्‍य जरूरतों का खर्च पूरा कर सकते हैं?

क्‍या होता है सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड
म्‍यूचुअल फंड ट्रेनर प्रकाश रंजन सिन्‍हा ने 'जी बिजनेस' को बताया कि 2018 में बाजार नियामक सेबी ने म्‍यूचुअल फंड (MF) को रिक्‍लासिफाई किया था. इसमें ही सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड की कैटेगरी जोड़ी गई थी. इस फंड में चिल्‍ड्रेन और रिटायरमेंट फंड को रखा गया. ये दोनों ही फंड विशिष्‍ट जरूरतों से जुड़े हुए हैं. यानि आप अभी से पोस्‍ट रिटायरमेंट प्‍लानिंग शुरू कर सकते हैं म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? ताकि बुढ़ापे में पैसे की चिंता न रहे.

लॉक इन पीरियड
म्‍यूचुअल फंड ट्रेनर प्रकाश रंजन सिन्‍हा ने बताया कि इसमें 5 साल का लॉक इन पीरियड होता है. यानि 5 साल से पहले यह पैसा विड्रा नहीं कर सकते. हां, रिटायरमेंट अगर 5 साल से पहले आ जाता है तो ही पैसा निकालने की इजाजत है.

टैक्‍स छूट
सॉल्‍यूशन ऑरिएंटेड फंड में निवेश पर 80सी का बेनिफिट मिलता है.

फायदेमंद है निवेश
प्रकाश रंजन सिन्‍हा ने बताया कि वित्‍तीय लक्ष्‍य तय करते यह जरूर ध्‍यान में रखना चाहिए कि रिटायरमेंट के बाद अच्‍छा रिटायरमेंट कॉर्पस कैसे होगा. इसलिए निवेश करते समय कितना रिटर्न आएगा, इसका अंदाजा लगाना जरूरी है.

रिटायरमेंट में कम टाइम बचा तो क्‍या करें
सिन्‍हा के मुताबिक अगर आपके रिटायरमेंट 5 से 10 साल का वक्‍त है तो आपको इक्विटी में निवेश करना चाहिए. लेकिन अगर रिटायरमेंट की अवधि कम है तो फिर इक्विटी में निवेश जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए इक्विटी और डेट फंड में बैलेंस बनाकर चलें. बेहतर होगा कि रिटायमेंट की अवधि जैसे-जैसे नजदीक आने लगे फंड का प्रपोर्शन बैलेंस करते चले. वहां स्विच करना बेहतर होगा.

कितना रिटर्न मिलेगा
अगर आपने निवेश कंजरवेटिव यानि डेट फंड में ज्‍यादा रकम डाली है तो रिटर्न फिक्‍स्‍ड होगा. इसमें 7 से 9 फीसदी तक रिटर्न मिलेगा. वहीं अगर मॉडरेट यानि डेट और इक्विटी दोनों में बराबर निवेश है तो फिर रिटर्न 9 से 11 फीसदी तक मिलेगा. वहीं अगर 5 साल या उससे ज्‍यादा के लिए इक्विटी में निवेश करते हैं तो रिटर्न 18 फीसदी तक हो सकता है.

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