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लंबी अवधि के लिए निवेश करें

लंबी अवधि के लिए निवेश करें
कम रिटर्न के लिए निवेशक जिम्मेदार
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने रेग्युलर ग्रोथ प्लान स्कीम्स से मिले रिटर्न और सभी ओपेन एंडेड स्कीम्स के रिटर्न को कैलकुलेट करने के बाद ये नोट तैयार किया है. नोट के मुताबिक कम रिटर्न के लिए निवेशकों का व्यवहार ज्यादा जिम्मेदार है. कुछ निवेशक बाजार में बड़ी गिरावट के आते ही SIP के जरिए किए जाने निवेश को बंद कर देते हैं. तो कुछ निवेशकों घबराहट में अपने निवेश को बेच देते हैं जिससे अपने पूंजी को वे बचा सके. एक्सिस म्यूचुअल फंड के मुताबिक 5 साल और 10 साल के अवधि के लिए किए जाने वाले निवेश में भी निवेशकों को बेहतर रिटर्न नहीं मिला है. लेकिन जो निवेशक बाजार में गिरावट के बाद भी निवेश जारी रखते हैं हैं और डटे रहते हैं उन्हें निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलता आया है.

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Mutual Fund Calculator: जानिए कैसे म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि तक निवेश नहीं करने से निवेशकों को हुआ नुकसान!

By: ABP Live | Updated at : 12 Sep 2022 02:19 PM (IST)

Edited By: manishkumar

Mutual Fund Return Calculator: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लंबी अवधि तक किए जाने वाले निवेश पर बेहतरीन रिटर्न मिलता है. ये बातें बार बार कही जाती रही है. लेकिन जब भी बाजार में बड़ी गिरावट आती है तब निवेशक नुकसान में या फिर छोटे मुनाफे पर अपना निवेश वापस निकाल लेते हैं. लंबी अवधि तक निवेश में नहीं बने रहते जिसके चलते उन्हें निवेश पर उतना रिटर्न नहीं मिलता है जितना उस फंड ने जेनरेट किया होता है.

निवेशकों को मिला कम रिटर्न!
एक्सिस म्यूचुअल फंड ( Axis Mutual Fund) ने एक नोट तैयार किया है जिसमें कहा गया है कि निवेशकों को सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानि SIP या फिर फंड लंबी अवधि के लिए निवेश करें में सीधे किए जाने वाले निवेश पर ज्यादा रिटर्न नहीं मिला है. ये बात इक्विटी, हाइब्रिड और डेट फंड तीनों ही पर लागू होता है. एक्सिस म्यूचुअल फंड ने बीते 20 सालों में एक्टिव फंड पर मिलने वाले रिटर्न का अध्ययन किया है और उसने पाया कि इन फंड्स ने 19.1 फीसदी का सलाना रिटर्न दिया है. जबकि निवेशकों को केवल 13.8 फीसदी का ही रिटर्न मिला है. हाइब्रिड फंड्स ने 12.5 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि निवेशकों को केवल 7.4 फीसदी का रिटर्न मिला है. एक्सिस म्यूचुअल फंड के नोट के मुताबिक जिन निवेशकों ने SIP के जरिए निवेश किया है उन्हें भी ज्यादा रिटर्न नहीं मिला है. SIP के जरिए इक्विटी फंड्स में निवेश पर निवेशकों को केवल 15.2 फीसदी का रिटर्न मिला है जबकि हाइब्रिड फंड्स में निवेश पर 10.1 फीसदी का रिटर्न मिला है.

Investment Tips: अगर SIP करते हैं तो इन 3 बातों का रखें विशेष ध्यान, केवल 5000 के निवेश से बनेगा 2 करोड़ का फंड

Investment Tips: SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को निवेश का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है. इसे महीनवारी, तिमाही या छमाही आधार पर किया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि छोटी-छोटी रकम होने के कारण निवेशकों पर बोझ कम रहता है. खासकर लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो SIP सबसे कारगर तरीका है. लंबी अवधि के कारण कम्पाउंडिंग बेनिफिट मिलता है और रिटर्न कई गुना हो जाता है. अगर आप भी SIP की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो तीन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी CEO फिरोज अजीज ने जी बिजनेस के कार्यक्रम मनी गुरु में कहा कि SIP को जारी रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. बाजार में उठापटक चलते रहता है. इसके कारण आपका पोर्टफोलियो कभी फायदे में रहेगा तो कभी नुकसान में रहेगा, लेकिन हर परिस्थिति में इसे जारी रखना है. SIP में यह बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है कि हर महीने आप कितना जमा करते हैं. अगर रकम छोटा है, लेकिन कंटीन्यूटी कायम है तो जितनी लंबी अवधि के लिए टिके रहेंगे, रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा.

बीच-बीच में एकमुश्त जमा करें

एक्सपर्ट ने कहा कि SIP के अलावा बीच-बीच में एकमुश्त पैसा भी जमा करते रहें. अगर आपको कहीं से एडिशनल इनकम हो रही है तो उस पैसे से एक्स्ट्रा यूनिट खरीदना फायदेमंद होगा. अगर बाजार में गिरावट आती है और म्यूचुअल फंड के NAV (नेट असेट वैल्यु) की कीमत घटती है तो उसे मौके का फायदा उठाएं और एकमुश्त रकम निवेश करें.

चूंकि महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में आने वाले समय में आपको जरूरत पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी. हर साल आपकी कमाई भी बढ़ती है. अगर नौकरी करते हैं तो हर साल इंक्रीमेंट का लाभ मिलता है. इसी तर्ज पर हर साल SIP को टॉप-अप करें. आसान शब्दों में कहें तो हर साल SIP अमाउंट को बढ़ाना और ज्यादा फायदेमंद होगा. SIP टॉप-अप करने का कितना फायदा होता है, इसे उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं.

5000 की लंबी अवधि के लिए निवेश करें एसआईपी शुरू करता है

मान लीजिए कि 'A' की उम्र 35 साल है और उसने रिटायरमेंट के लिहाज से SIP की शुरुआत की. अगर उसने हर महीने 5000 रुपए की एसआईपी 35 साल की उम्र में शुरू की और रेट ऑफ रिटर्न 12 फीसदी उम्मीद करता है तो 60 साल की उम्र में उसे कुल 95 लाख रुपए मिलेंगे. इन 25 सालों में 'A'का टोटल इन्वेस्टमेंट 15 लाख रुपए होगा. रिटर्न 80 लाख के करीब होगा और नेट रिटर्न 95 लाख रुपए होंगे.

स्टेप-अप की बात करें तो मान लीजिए कि 'A' ने हर साल 10 फीसदी की दर से SIP बढ़ाने का फैसला किया. 2022 में अगर हर महीना 5000 रुपए का निवेश करता है तो 2023 में वह हर महीना 5500 रुपए जमा करेगा. इस परिस्थिति में उसे 60 साल की उम्र पूरा होने पर कुल 2 करोड़ रुपए मिलेंगे. स्टेप-अप के कारण उसका कुल निवेश 59 लाख के करीब होगा. रिटर्न 1.42 करोड़ होगा और नेट रिटर्न 2 करोड़ से कुछ ज्यादा होगा.

SIP में हर माह 5 हजार के निवेश से बनेगा लाखों का फंड, इन बातों का रखें ध्यान

SIP में हर माह 5 हजार के निवेश से बनेगा लाखों का फंड, इन बातों का रखें ध्यान

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Neeraj Patel

Updated on: Oct 31, 2022 | 3:09 PM

अगर आप निवेश करते हैं तो आप एसआईपी में निवेश करके अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को निवेश का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है. इसे प्रतिमाही, तिमाही या छमाही आधार पर भी किया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि छोटी-छोटी रकम होने के कारण निवेशकों पर ज्यादा बोध नहीं पड़ता है. खासकर लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो SIP सबसे कारगर तरीका है. लंबी अवधि के कारण कम्पाउंडिंग बेनिफिट मिलता है और रिटर्न कई गुना हो जाता है.

शुरू करें 5000 की एसआईपी

देश में महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में आने वाले समय में आपको अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होगी. हर साल आपकी कमाई भी बढ़ती है. अगर नौकरी करते हैं तो हर साल इंक्रीमेंट का लाभ मिलता है. इसी तर्ज पर हर साल SIP को टॉप-अप करें. आसान शब्दों में कहें तो हर साल SIP अमाउंट को बढ़ाना और ज्यादा फायदेमंद होगा. SIP टॉप-अप करने का कितना फायदा होता है, मान लीजिए कि आपकी उम्र 35 साल है और रिटायरमेंट के लिहाज से SIP की शुरुआत की. अगर आपने हर महीने 5000 रुपए की एसआईपी 35 साल की उम्र में शुरू की और रेट ऑफ रिटर्न 12 फीसदी उम्मीद करता है तो 60 साल की उम्र में उसे कुल 95 लाख रुपए मिलेंगे. इन 25 सालों में आपका टोटल इन्वेस्टमेंट 15 लाख रुपए होगा. जबकि रिटर्न 80 लाख रुपए के करीब होगा और आपका नेट रिटर्न 95 लाख रुपए होगा.

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मौजूदा और नए निवेशक क्‍या करें?

इक्विटी बाजार लंबी अवधि के लिए आपकी दौलत में इजाफा करते हैं. इक्विटी निवेश के जरिए बड़े रिटर्न के लिए आपको लंबी अवधि तक अपने निवेश को बनाए रखना होगा.

इसलिए एसेट एलोकेशन सही करें. रिस्‍क लेने की क्षमता और निवेश के लक्ष्य को देखकर निवेश करें. इक्विटी निवेश को कम से कम 3-5 साल के लक्ष्‍य के साथ शुरू करें. छोटी अवधि के लिए, आप बैंक डिपॉजिट और डेट फंड पर विचार कर सकते हैं.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STPs) का इस्तेमाल करें.

किन सेक्टर्स को लेकर पॉजिटिव

भारत की अर्थव्यवस्था अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत बनी रहेगी, मुख्य रूप से घरेलू खपत और खर्च के चलते. इसलिए डोमेस्टिक ओरिएंटेड सेक्‍टर्स जैसे फाइनेंशियल, कंज्‍यूमर, इंडस्ट्रियल और हेल्‍थकेयर पर ओवरवेट हैं. कमोडिटी की कीमतों में नरमी से भारत को फायदा हो सकता है. कैपेक्स साइकिल के रिवाइवल के शुरुआती संकेत भी दिख रहे हैं.

पैसिव फंड्स इंडस्‍ट्री में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. यह इंडस्‍ट्री एक्टिव फंडों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि अभी इसका बेस कम है. पैसिव फंड में ग्रोथ काफी हद तक EPFO / अन्य PF ट्रस्टों के साथ-साथ एचएनआई और अन्य संस्थागत निवेशकों द्वारा ड्राइव की गई है. अभी पैसिव फंड कुल इंडस्‍ट्री एसेट का 15 फीसदी हिस्सा है और आगे मार्केट शेयर में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. पैसिव फंडों की डिमांड मजबूत रहेगी.

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में किस तरह के बदलाव

भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. साल दर साल ग्रोथ देखने को लंबी अवधि के लिए निवेश करें मिली है. रिटेल निवेशक अब इंस्टीट्यूशनल इन्‍वेस्‍टर्स की तुलना में AuM के बड़े हिस्से का योगदान करते हैं. पिछले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड अन्य डीआईआई के साथ बाजारों में नेट इन्‍वेस्‍टर रहे हैं, जबकि FPIs ने भारी मात्रा में पैसा निकाला है. मंथली बेसिस पर SIP AuM और अकाउंट में बढ़ोतरी इंडस्‍ट्री के लिए एक बड़ा और सपोर्ट देने वाला फैक्‍टर रहा है.

म्यूचुअल फंड में निवेश आपके फाइनेंशियल गोल, इन्‍वेस्‍टमेंट हॉरिजॉन के साथ रिस्‍क लेने की क्षमता पर बेस होना चाहिए. जोखिम ले सकते हैं और लंबी अवधि का लक्ष्य है तो एसेट के अधिक रेश्‍यो को इक्विटी जैसे एसेट क्लास में रखना चाहिए.

म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों को एसआईपी या हाइब्रिड फंड जैसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड या लार्ज कैप डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. निवेश के पहले अपने स्तर पर एडवाइजर से सलाह लें ताकि उनका पोर्टफोलियो बेहतर बन सके.

कीमती मेटल (Precious metals)

दिवाली के मौके पर अधिकतर लोगों की पहली पसंद गोल्ड की खरीदारी करना होता है. इसके साथ ही लोग चांदी भी जमकर खरीदते हैं. इस साल हाई इनफ्लेशन और कच्चे तेल की कीमतों में आये उछाल की वजह से मार्केट में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. ऐसी स्थिति में हमेशा गोल्ड के दामों में भी इजाफा होता है. इसलिए अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन आपको गोल्ड में निवेश के लिए सही तरीके को चुनना होगा.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) गोल्ड में निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें आपको 2.5% सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. SGB ​​को शेयरों की तरह DMAT अकाउंट में रखा जाता है. यह सेकेंडरी मार्केट में लिस्टेड होते हैं और जरूरत पड़ने पर आप इन्हे बेचकर अपना निवेश वापस पा सकते हैं. गोल्ड के साथ ही दिवाली पर चांदी की भी खरीद की जाती है. हालांकि इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होता है.

इक्विटी

वित्तीय तंगी और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच पिछले कुछ महीनों में इक्विटी बाजार में सुधार और तनाव देखा गया है. IMF के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने अन्य देशों के मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन किया है. IMF ने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सभी चुनौतियों को पार करते हुए 6.8% GDP ग्रोथ हासिल कर सकती है. इसलिए लॉन्ग टर्म में निवेश के लिए इक्विटी बाजार आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. उदाहरण के लिए पिछले 10 वर्षों में इक्विटी बाजार ने 12% सालाना के हिसाब से रिटर्न दिया है, जबकि गोल्ड का एवरेज सालासना रिटर्न करीब 5% है. हालांकि पिछले एक साल के दौरान गोल्ड ने 8.7% का रिटर्न दिया है.

अगर आप शेयर बाजार की अच्छी समझ रखते हैं, तो आप शेयर में सीधे निवेश कर सकते हैं. वरना आप इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. निवेशक को इंवेस्टमेंट रिस्क और फाइनेंशियल टारगेट के हिसाब से इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए. अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो इक्विटी एसेट्स में ज्यादा निवेश लंबी अवधि के लिए निवेश करें से करने से बचें.

डेट म्यूचुअल फंड (Debt mutual funds)

डेट फंड आपके पोर्टफोलियो को रिस्क और रिटर्न के बीच सही संतुलन बनाये रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. अगर आप एक निश्चित अवधि के लिए स्टेबल रिटर्न के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो डेट फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसके साथ ही अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो आपको कम निवेश जोखिम के लिए डेट फंड को विकल्प के तौर पर चुना चाहिए. अगर आपको दिवाली पर बोनस के रूप में एकमुश्त इनकम हुई है और आप इसे निवेश करना चाहते हैं तो आपको डेट फंड में छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए.

अगर आप अपने निवेश पर जोखिम नहीं लेना चाहते, तो आपको कम जोखिम पर अच्छा रिटर्न पाने के लिए बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना चाहिए. फेस्टिव सीजन के दौरान कई बैंकों ने अपनी एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है. निवेश से पहले आपको बड़े बैंकों के साथ ही छोटे बैंकों द्वारा FD पर दी जा रही ब्याज दरों के बारे में जांच जरूर करनी चाहिए, क्योंकि कई बार छोटे बैंक या फाइनेंस कंपनियां बड़े बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज देती है.

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