आरओआई क्या है?

सामान्य प्रश्न
आप अपना आयकर प्रमाणपत्र निम्न माध्यमों से प्राप्त कर सकते हैं:
आवास लोन एप्प द्वारा
हमारे हेल्पलाइन नंबर - 1800-20-888-20 / 0141-661-8888 पर संपर्क करके
कस्टमर केयर ईमेल आईडी: [email protected] द्वारा
एवम हमारी निकटतम शाखा में जाकर
आप अपना विवरण निम्न माध्यमों से अपडेट कर सकते हैं:
- हमारी निकटतम शाखा में जाकर
- हमारे टोल फ्री नंबर पर संपर्क करके: 1800-20-888-20
जिस संपत्ति के संबंध में ऋण लिया गया है उसे आरओआई क्या है? सुरक्षा के रूप में प्रदान किया जाना चाहिए। ऐसी जमानत उक्त संपत्ति के मूल हक के दस्तावेज जमा कराकर सृजित की जाएगी।
आप अपने लोन का हमारी नजदीकी शाखा में जाकर पार्ट-प्रीपेमेंट के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
आप मूलधन और ब्याज सहित समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में जिस संपत्ति के संबंध आरओआई क्या है? में लोन चुकाते हैं।
एक परिशोधन अनुसूची एक तालिका है जिसमें मासिक किश्तों द्वारा आपकी लोन राशि में कमी की जाती है। परिशोधन कार्यक्रम पुनर्भुगतान ब्याज आरओआई क्या है? और आपके लोन के बकाया मूलधन के लिए प्रत्येक ईएमआई का ब्रेक-अप देता है।
निम्नलिखित व्यक्ति सह-आवेदक हो सकते हैं:
-पति या पत्नी - रक्त संबंधी (परिवार के तत्काल सदस्य)
-लोन में सह-स्वामी अनिवार्य रूप से सह-आवेदक होने चाहिए।
आप लोन के लिए आवेदन निम्न माध्यमों से कर सकते हैं:
आवास लोन एप्प द्वारा
हमारे टोल-फ्री नंबर - 1800-20-888-20 पर संपर्क करके
"GHAR" - 56677 पर एसएमएस भेजकर
कस्टमर केयर ईमेल आईडी: [email protected] द्वारा
एवम हमारी निकटतम शाखा में जाकर
हां, आप कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध आरओआई स्विच/रूपांतरण नीति के अनुसार इसका लाभ उठा सकते हैं।
आंशिक रूप से या पूर्ण वितरित लोन के मामले में, स्विच/रूपांतरण का लाभ उठाने के लिए देय स्विच/रूपांतरण शुल्क बकाया मूल (पीओएस) और लागू करों पर अधिकतम 2% तक होगा।
ग्राहक अपने बकाया का भुगतान निम्नलिखित ऑनलाइन भुगतान माध्यमों से कर सकते हैं: ईसीएस/एसीएच/इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर/फंड ट्रांसफर/एनईएफटी/आरटीजीएस/नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/रुपे डेबिट कार्ड/यूपीआई/यूपीआई क्यूआर कोड (भीम यूपीआई क्यूआर कोड)।
रेफर & अर्न
RTI: RTI क्या होती है और यह कैसे दाखिल की जाती है? आरटीआई डालने का तरीका और नियम
RTI आम आदमी का अधिकार है. उसके पास सरकारी डिपार्टमेंट में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपने हक की जानकारी लेने का राइट है. आइए जानते हैं कैसे आप RTI दाखिल कर सकते हैं और इसके क्या नियम हैं.
By: ABP Live | Updated at : 17 Oct 2022 07:22 PM (IST)
आरटीआई आवेदन कैसे दर्ज करें
RTI: आपने RTI शब्द सुना होगा, लेकिन इसका मतलब क्या होता है? इसे कब और कैसे इस्तेमाल किया जाता है? इसको दाखिल करने का क्या तरीका है? ये सब शायद ही आप जानते हों. आज हम आपको बताएंगे कि आरटीआई क्या होती है और RTI की एप्लीकेशन देने के क्या नियम हैं. नागरिकों का अधिकार है कि वह आरटीआई के जरिये किसी भी सरकारी विभाग में आवेदन कर अपने हक की जानकारी ले सकते हैं. आरटीआई से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे.
क्या होती है RTI?
आरटीआई का पूरा नाम होता है- राइट टू इंफॉर्मेशन (Right to Information). राइट टू इनफार्मेशन एक्ट अधिनियम के तहत देश का कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट से पूछताछ कर सकता है. उसके पास सरकारी डिपार्टमेंट में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपने हक की जानकारी लेने का राइट है. यह सिस्टम को पारदर्शक बनाने के लिए एक प्रभावशाली कदम है. यह अधिनियम खासतौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ 2005 में बनाया गया था जिसे सूचना का अधिकार कहा गया है. RTI के अंतर्गत आप किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट से यह पूछ सकते हैं कि विकास कार्यों में आने वाला पैसा कितना आया था और कितना इन विकास कार्यों में लगा. राशन की दुकानों पर भी आप पूछ सकते हैं कि कितना राशन आया था कितना बांटा गया और कितना ब्लैक किया गया. RTI आम आदमी का अधिकार होता है.
कैसे दाखिल की जाती है आरटीआई?
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- ऑनलाइन RTI फाइल करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर आरओआई क्या है? जाना होगा.
- फिर यहां 'Submit Request' के बटन पर क्लिक करना है. जिसके बाद एक गाइडलाइन्स पेज खुलेगा.
- अब गाइडलाइन्स को अच्छे से पढ़ लें और उसके बाद confirm पर क्लिक करें.
- आपने पूरी guidelines पढ़ ली हैं तो Submit पर क्लिक करें.
- अब आपके सामने एक फॉर्म खुल कर आएगा.
- आपको जिस department से जुडी जानकारी चाहिए, उसके अनुसार फॉर्म को पूरा भरें. ध्यान रखना है कि फॉर्म में सभी detail सही सही होनी चाहिए साथ ही फॉर्म को अधूरा न छोड़े, इसे पूरा भरें.
- इसके बाद जरुरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर दें.
- इसके आरओआई क्या है? बाद सुरक्षा कोड भरें.
- अब सबसे नीचे submit button पर क्लिक कर दें.
- फॉर्म भर जाने के बाद आपको फॉर्म का एक रिसीप्ट मिलेगा. आपको इसे संभाल कर रखना है. फॉर्म की status चेक करते समय आपको इस रिसीप्ट की जरुरत पड़ेगी.
आरटीआई के आवश्यक नियम
- भारत का नागरिक किसी भी सरकारी दफ्तर से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है.
- आरटीआई दाखिल करके आप किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसमें सभी केंद्रीय, राज्य और स्थानीय संस्थाएं आती हैं, जिनकी स्थापना संविधान के अंतर्गत हुई हो.
- आवेदन करते समय आवेदक को एकदम सटीक सरकारी संस्था का नाम दर्ज करना होता है.
- आवेदन के साथ आपको 10 रूपये का आवेदन शुल्क भी जमा करना पड़ता है. बीपीएल कार्ड धारकों के लिए यह शुल्क माफ कर दिया जाता है. अलग-अलग राज्यों के आधार पर यह शुल्क 8 से 100 रूपये के बीच हो सकता है.
- आवेदन करने के बाद 30 दिन के अंदर अंदर परिणाम मिल जाता है. यदि महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट हों तो परिणाम 48 घंटे में भी प्राप्त किया जा सकता है.
- कुछ कारणों से आवेदन कैंसिल भी किया जा सकता है, जैसे- आवेदन में बात स्पष्ट तरीके से न लिखी होना, आरओआई क्या है? डिटेल अधूरी होना या आवेदन की राशि गलत भर दी गई है तो आपका आवेदन रिजेक्ट भी किया जा सकता है.
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Published at : 17 Oct 2022 07:22 PM (IST) Tags: Rights RTI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Utility-news News in Hindi
आरओआई क्या है?
RTI का फुल फॉर्म :- 12 अक्टूबर, 2005 को भारत की संसद द्वारा एक ऐसा एक कानून पारित हुआ जिसके माध्यम से देश का कोई भी नागरिक सरकार से कोई भी सूचना मांग सकता है, कहाँ सरकार ने कितना खर्चा किया, किसको नौकरी मिली, किन विकास कार्यों के लिए कितना बजट जारी हुआ या किसी कार्य से सम्बंधित दस्तावेजों का निरीक्षण कर सकते है, इसके लिए आपको एक निर्धारित प्रारूप में आवेदन देना होता है साथ ही कुछ शुल्क भी जमा करना पड़ता है जिसे आप पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से जमा करवा सकते हैं। इस कानून को साधारणतः हम RTI आरओआई क्या है? नाम से जानते हैं, आज यहां हम RTI की फुल फॉर्म (RTI Full Form in Hindi) और उससे सम्बंधित जानकारी देने वाले हैं।
RTI का फुल फॉर्म क्या है ?
RTI की फुल फॉर्म है RIGHT TO INFORMATION (राइट टू इनफार्मेशन) इसका मतलब है सूचना का अधिकार। सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित कानून है, जो 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ, इसीलिए इसे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 कहा जाता है।
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RTI क्या है ? सूचना का अधिकार
RTI (RIGHT TO INFORMATION ) सुचना का अधिकार भारत संविधान के ARTICLE 19 (1) (a ) के तहत एक FUNDAMENTAL RIGHT है। यह भारत के नागरिको को हर तरफ की INFORMATION के लिए अनुरोध करने का RIGHT देता है जो GOVERNMENT OFFICIALS के CONTROL में रहता है। RTI (RIGHT TO INFORMATION) भारत के लोगो को निरिक्षण का अधिकार देता है भारत के लोग सरकारी कार्यो का निरिक्षण कर सकते है , उनकी फाइल्स की जांच कर सकते है , और सरकारी दसतावेजो की COPIES भी ले सकते है। स्वंत्रता सुचना एक्ट 2002 को बदलने के लिए संसद के एक एक्ट RTI (RIGHT TO INFORMATION ) की शुरुवात 2005 में की गई थी। संसद द्वारा 15 JUNE 2005 को इस कानून को पारित किया गया था और 12 OCTOBER 2005 से लागू कर दिया गया था। भारत के सभी राज्यों, प्रदेशो में यह लागू होता है बस जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं किया गया है। अगर किसी सरकारी विभाग से सुचना मांगी गई है तो उस सरकारी विभाग को 30 दिन के अंदर RTI का जवाब देना होगा। भारतीय संविधान द्वारा भारत के हर नागरिक को सुचना का अधिकार प्रदान किया गया है। देश का हर एक नागरिक किसी न किसी प्रकार टैक्स भरता है इसलिए उसके पास अधिकार है की सरकारी हो रहे कामो का आरओआई क्या है? पता लगा सके की उनके द्वारा भरे जाने वाले टैक्स का उपयोग हो रहा है या दुरूपयोग। देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है RTI ACT इसके माध्यम से कोई भी अपने अधिकारों की मांग कर सकता है।
RTI (RIGHT TO INFORMATION ) से क्या लाभ है ?
RTI जनता के लिए ही बनाया गया है और देश की जनता को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते है RTI के तहत। कुछ विशेष लाभों के बारे में आपको नीचे लेख में बताया जाएगा।
- RTI के अंतर्गत नागरिको से जुड़ी किसी भी सरकारी जरूरत के काम जैसे बिजली , पानी , सड़क आदि के बजट उपयोग से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त की जा सकती है और संगठन से पूरा विवरण लिया जा सकता है।
- देश का कोई भी व्यक्ति हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ RTI के अंतर्गत शिकायत कर सकता है।
- RTI द्वारा सभी नागरिको के लिए सरकार के प्रति TRANSPARENCY बानी रहती है।
- आम व्यक्ति के अधिकारों की RTI द्वारा रक्षा की जाती है।
- सरकारी संस्थानों से अब किसी भी तरह के तथ्य की जानकारी RTI द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
- सरकारी प्रोजेक्ट्स में कितना बजट आया है, उसमे से कितने की लागत हुई है , कही भ्रष्टाचार तो नहीं हो रहा है यह सब RTI के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- RTI के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपने निजी जीवन से जुडी किसी भी जरुरत की जानकारी ले सकता है जैसे पेंशन की जानकारी , प्रोविडेंट फंड की जानकारी , पासपोर्ट , आधार कार्ड , पैन कार्ड , टैक्स की जानकारी मांग सकते है।
- RTI के अंतर्गत सभी सरकारी संसथान , राज्य सरकार , केंद्रीय सरकार , कॉलेज , स्कूल्ज , हॉस्पिटल्स ,बैंक , रेलवे , पोस्ट ऑफिस , BSNL , इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इत्यादि आते है।
RTI के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करे ?
RTI के लिए ऑफलाइन आवेदन कैसे करे ?
- अगर आपको RTI ऑफलाइन अप्लाई करना है तो आपको ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म डाउनलोड आरओआई क्या है? करना पड़ेगा।
- अब आपको RTI अप्लाई करने के लिए स्वयं आवेदन पत्र लिखना होगा।
- अब आवेदन पत्र को पोस्टल आर्डर के जरिये सम्बंधित कार्यालय में भेजे जहा से आपको जानकारी लेनी हो। अब 30 दिन के अंतर्गत आपको जवाब मिल जाएगा।
RTI की फुलफॉर्म RIGHT TO INFORMATION है, और हिंदी में इसको सुचना का अधिकार कहते है।
RTI आवेदन करने के बाद आपको 30 दिन के अंतर्गत जवाब प्राप्त हो जाता है।
How To Calculate the ROI of Cloud Computing, क्लाउड कंप्यूटिंग के आरओआई की गणना कैसे करें
क्लाउड कंप्यूटिंग की संभावित लागतों का निर्धारण थोडा पेचीदा मामला हो सकता है. इसके लिए आपको न सिर्फ क्लाउड प्रोवाइडर के विभिन्न प्राइस सीलिंग स्ट्रक्चर्स को देखना पड़ेगा बल्कि आपको उन रिसोर्सेज के अनुमान लगाने का एक उचित तरीका भी ढूँढना होगा जिनकी आपको भविष्य में आवश्यकता होगी.
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज बहुत से इंडस्ट्रीज में अधिकांश कंपनियों के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग आवश्यक हो गई है. कोरोना महामारी ने बिजनस के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. क्लाउड कंप्यूटिंग की संभावित लागतों का निर्धारण थोडा पेचीदा मामला हो सकता है. इसके लिए आपको न सिर्फ क्लाउड प्रोवाइडर के विभिन्न प्राइस सीलिंग स्ट्रक्चर्स को देखना पड़ेगा बल्कि आपको उन रिसोर्सेज के अनुमान लगाने का एक उचित तरीका भी ढूँढना होगा जिनकी आपको भविष्य में आवश्यकता होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि आपकी सर्वश्रेष्ठ कोशिशों के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपकी गणना सही हीं होगी. और इसकी वजह है क्लाउड का गतिशील (डायनामिक) आरओआई क्या है? आर्किटेक्चर मूल्य. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download hereSeptember Month Current Affairs Magazine- DOWNLOAD NOW |
क्या होती है क्लाउड आरओआई (ROI) ?
क्लाउड आरओआई (ROI) यानि कि क्लाउड रीटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट आपके निवेश पर लाभ को कैलकुलेट करने का एक माप है.
मतलब यह कि आपने क्लाउड टेक्नोलॉजी में जो इन्वेस्टमेंट की है उस में से आप कितना प्रॉफिट वापस कमाते हैं या फिर अपना कितना पैसा और समय आप बचा पाते हैं.
कॉस्ट कैलकुलेशन
अपना समय और पैसा बचाने या फिर आप इन्वेस्टमेंट से ज्यादा प्रॉफिट कमाएँ यानि कि आपकी आरओआई (ROI) का आंकड़ा अच्छा हो इसके लिए यह जरूरी है कि आप अपने फिक्स्ड कॉस्ट्स को वेरिएबल कॉस्ट्स में बदलें. इन्फ्रास्ट्रक्चर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ऑफिस इक्विपमेंट्स इत्यादि मिलकर फिक्स्ड कॉस्ट्स के एक मेजर हिस्से का निर्माण करते हैं. इस फील्ड में काम करने के लिए अपना खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर रखने से बेहतर है कि आप किसी होस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ हीं कंटिन्यू करें. इससे आपका आरओआई (ROI) यानि कि रीटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट बढेगा क्योंकि क्लाउड कंप्यूटिंग सेक्टर में पे-एज-यू-गो (Pay-As-You-Go) मॉडल का इस्तेमाल होने के कारण केवल उन संसाधनों का मूल्य चुकाना होता है जिनका वास्तव में आपके द्वारा इस्तेमाल हो रहा है.इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी के बिल इत्यादि के खर्चों को भी कंसीडर करना होता है. भविष्य की अनुमानित गणना करने का एक बढ़िया तरीका यह हो सकता है कि आप यह देखें कि आपने विगत पास्ट में इसका क्या उपयोग किया है. उदाहरण स्वरुप अगर आप अपने पिछले वर्षों या महीनों के बिजली के बिलों को देखते हैं तो काफी सरलता से इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि अगले कुछ महीनों या वर्षों में आपके खर्च क्या होंगे.
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