क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं?

मिरे एसेट निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स फंड 30 अप्रैल 2026 या उससे पहले परिपक़्व हो रहे एएए रेटेड पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) बॉन्ड और स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) में निवेश करके, निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स को ट्रैक करता है। ये एक फिक्स्ड मैच्योरिटी इंडेक्स फंड है जिसमें अपेक्षाकृत कम क्रेडिट रिस्क और कोई लॉक इन नहीं है. यानि निवेशक जब चाहे इसमे सब्सक्राइब कर सकता है या रिडीम कर सकता है. वहीं मिरे एसेट क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स- अप्रैल 2033 इंडेक्स फंड क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स अप्रैल 2033 का ट्रैक करता है. यह 29 अप्रैल 2033 या उससे पहले मैच्योर हो रही गवर्नमेंट सिक्योरिटी में निवेश करता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या बेहतर है?
एक समय था जब बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स (एफडी) रूढ़िवादी(Conservative) निवेशकों के लिए बहुत लंबे समय के लिए पसंदीदा निवेश एवेन्यू था। यह पूंजी संरक्षण सुनिश्चित करते हुए ब्याज कमाने क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? का सबसे अच्छा विकल्प था। पिछले कुछ वर्षों में, हुए बदलाओ में लोग म्युचुअल फंड कोर में आए हैं। नतीजतन, एफडी को अब सबसे लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश सम्पत्ति नहीं माना जाता है।
2016 की नोटबॅंधी के दौरान, म्यूचुअल फंड कम जमा रिटर्न दरों के अवसर को भुनाने में सक्षम थे। इसके अलावा, कर बचत म्यूचुअल फंड की उपलब्धता के कारण, म्यूचुअल फंड कि प्रमुखता बढ़ी।
डेट म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों?
डेट फंड और एफडी में बड़ा अंतर यह है कि डेट फंड फ्लेक्सबिल्टी के साथ बहुत अधिक विकल्प प्रदान करते हैं। अक्टूबर 2019 के अनुसार बैंक अपनी एफडी पर केवल 5% से 8 % तक ब्याज देते हैं।दूसरी ओर डेट फंड ब्याज दरों की गिरावट से लाभान्वित होंते हैं, क्योंकि डेट फंड्स एनएवी की सराहना करते हैं जब दरें गिरती हैं।
Investment Tips: बढ़ती ब्याज क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? दरों में कहां है कमाई का मौका? जानिए इक्विटी और डेट फंड के निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह
Investment Tips: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दिया जो तीन सालों का उच्चतम स्तर है. अभी क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? रेपो रेट में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है. ऐसे में इक्विटी और डेट फंड के निवेशकों को किस स्ट्रैटिजी पर आगे बढ़ना चाहिए इसके बारे में जानते हैं.
Investment Tips: आज एकबार फिर से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. अब रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच गया जो तीन सालों का उच्चतम स्तर है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी महंगाई की चिंता बनी रहेगी. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस करना जरूरी है. अगर आपका पोर्टफोलियो 7 फीसदी से ज्यादा रिटर्न नहीं दे रहा है तो नेट आधार पर आपको नुकसान हो रहा है. अभी निवेश और पोर्टफोलियो को लेकर क्या स्ट्रैटिजी होनी चाहिए इसके बारे में मिराए एसेट की सेल्स प्रमुख सुरंजना बोरठाकुर और मॉर्निंगस्टार की सीनियर ऐनालिस्ट कविता कृष्णन ने जी बिजनेस से खास बातचीत में निवेशकों को बहुमूल्य टिप्स दिए हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
हर हाल में पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रखें
जब आप अपना पोर्टफोलियो तैयार करते हैं तो इसे डायवर्सिफाई रखने की सलाह दी जाती है. इससे रिस्क घटता है. एक्सपर्ट ने कहा कि अपने पोर्टफोलियो में सभी एसेट क्लास को शामिल करें. इस स्ट्रैटिजी को कभी भूलना नहीं क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? चाहिए. इस समय शेयर बाजार में हलचल है. ऐसे में इक्विटी के मुकाबले डेट एसेट स्थिर है. अगर इक्विटी में ज्यादा उथल-पुथल है और इकोनॉमी में अनिश्चितता की स्थिति बनती है तो गोल्ड की तरफ रुख करना चाहिए.
महंगाई चरम पर होने के कारण रेपो रेट में अभी बढ़ोतरी जारी रहेगी. एक्सपर्ट ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी से डेट फंड्स पर नेगेटिव असर होता है. ऐसे में अभी डेट फंड से संभल कर रहें. अगर आपका नजरिया लंबी अवधि के निवेश का है तो डेट फंड से बचें. अगर इसमें निवेश करना ही है तो पोर्टफोलियो में लिक्विड औप अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड को शामिल कर सकते हैं. अगर मीडियम टर्म के निवेशक हैं तो डायनमिक बॉन्ड फंड सही विकल्प है. इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा. ऐसे में बैंकिंग और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) बॉन्ड फंड में निवेश करने की सलाह दी गई है.
निवेशकों के लिए कमाई के दो मौके, लॉन्च क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? हुए दो नए टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Oct 12, 2022 | 7:52 AM
कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखने वाले लोगों के लिए निवेश के दो मौके मिल रहे हैं. दरअसल मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने अपने दो नए फंड लॉन्च किए हैं जो कि टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड हैं. ये हैं मिरे एसेट निफ्टी एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस एसडीएल अप्रैल 2026 50:50 इंडेक्स फंड और मिरे एसेट क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स – अप्रैल 2033 इंडेक्स फंड. टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड्स एक डेट फंड होते हैं. इनकी एक खास मैच्योरिटी डेट दी जाती है जो कि उनके पोर्टफोलियो में मौजूद बॉन्ड की एक्सपायरी डेट के मुताबिक होती है. हाल के दिनों में टारगेट मैच्योरिटी फंड्स पर निवेशकों को भरोसा बढ़ा है. फंड तुलनात्मक रूप से लोअर इंटरेस्ट रेट रिस्क और अधिक प्रिडिक्टिव और स्टेबल रिटर्न प्रदान करते हैं,
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Index Fund: कम खर्च में मिल रहा है हाई रिटर्न, इंडेक्स फंड में किसे करना चाहिए निवेश
म्यूचुअल फंड में कई कटेगिरी होती है. इक्विटी क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? और डेट फंड सेग्मेंट में कई कटेगिरी हैं, जिनकी अपनी खासियत है. जिस तरह के निवेशक हैं और जैसी उनकी जरूरत है, उस हिसाब से वे अलग अलग कटेगिरी का चुनाव कर सकते हैं. इंडेक्स फंड भी म्यूचुअल फंडों की क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? एक कैटेगरी है, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते होंगे. लेकिन क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? कोविड की दूसरी लहर के बीच इन फंडों में एक बार फिर निवेशकों का इंटरेस्ट बढ़ा है. जानकार भी मानते हैं कि ये फंड सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए अच्छा विकल्प है.
इंडेक्स फंड्स, म्यूचुअल फंड्स की एक कटेगिरी है, जिसे पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं.
जानें इंडेक्स फंड के बारे में
इंडेक्स फंड्स, म्यूचुअल फंड्स की एक कटेगिरी है, जिसे पैसिव फंड्स कहा जाता है. ये फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. मसलन निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी अनुपात में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. निफ्टी 50 और सेंसेक्स 30.
इंडेक्स फंड में निवेशकों के लिए फायदा यह है कि इसमें एक्सपेंस रेश्यो कम होता है. यानी निवेश करने पर जो लागत आती है, वह एक्टिवली मैनेज्ड फंड की तुलना में कम होती है. सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों रेगुलेशन के अनुसार, इंडेक्स फंड के लिए एक्सपेंस रेश्यो डेली नेट एसेट के 1 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है. हालाकि एक्टिवली मैनेज्ड फंडों की तुलना में इनमें लिक्विडिटी कम होती है. फिर भी आप इन्हें किसी भी समय बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.
कम जोखिम के साथ चाहिए बेहतर रिटर्न! गिल्ट फंड्स हैं ना
आप कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, लेकिन बैंक FD में निवेश नहीं करना चाहते, ऐसे में गिल्ड फंड्स आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित होंगे.
गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन सिक्युरिटीज की गारंटी सरकार देती है.
आप कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, लेकिन बैंक फिक्सड डिपॉजिट (FD) में निवेश नहीं करना चाहते, ऐसे में गिल्ड फंड्स (Gilt Funds) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित होंगे. गिल्ट फंड्स बहुत कम जोखिम में आपको अच्छा मुनाफा दे सकते हैं.
PersonalFinancePlan.in के इन्वेस्टमेंट एडवायजर दीपेश राघव क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? के मुताबिक, Gilt Funds ऐसी म्यूचुअल फंड्स होते हैं, सरकारी सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं. गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन सिक्युरिटीज की गारंटी सरकार देती है.