लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है

ये हो सकती है कि आपकी लिक्विड फंड स्ट्रेटजी लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए बढ़िया है जो छोटी अवधि के लिए अपना पैसा कहीं रखना चाहते हैं. छोटे निवेशक इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए इन कम लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है जोखिम वाली स्कीमों में पैसा लगाते लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है रहे हैं. फिलहाल निवेशकों को लिक्विड फंडों से कम रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आपके पोर्टफोलियो से लिक्विड फंड बाहर हो जाएं. जो निवेशक पंद्रह दिन से लेकर तीन महीने के लिए अपना सरप्लस पैसा कहीं रखना चाहते हैं वे लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.
यूएस फेड लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है ने लिक्विडिटी घटाने का किया फैसला, लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है जानिए आपके निवेश पर क्या होगा असर
अगर आरबीआई यूएस फेड का अनुकरण करता है तो कैलेंडर ईयर 2022 के पहली छमाही में भारत में भी ब्याज लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है दरों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जिससे आपके होम लोन दरों में बढ़ोतरी होगी।
यूएस फेड की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने अमेरिका में बॉन्ड बाईंग स्कीम में कटौती की योजना को तेज करने का निर्णय लिया है। इसने मार्च 2022 के अंत तक फाइनेंशियल सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने से संबंधित क्ववांटिटेटिव ईजिंग (quantitative easing) को बंद करने का निर्णय लिया है। यूएस फेड मार्च 2022 से ब्याज दरें भी बढ़ाना शुरु कर सकता है जबकि पहले इसके जून 2022 में शुरु होने की उम्मीद थी। आइए देखते है कि यूएस फेड की तरफ से होने वाली ब्याज दरों में बढ़ोतरी से आपके अलग-अलग निवेशों पर लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है क्या असर होगा।
विदेशी संस्थागत निवेश में हो सकती है गिरावट
Debt funds में आज ही करें निवेश, बेहतर रिटर्न के साथ आपका पैसा रहेगा सुरक्षित- जानिए डीटेल
Debt fund Investment: डेट फंड को लिक्विड फंड भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है. इसका मतलब ये कि आप अपना पैसा कभी भी निकाल लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है सकते हैं.
Debt fund Investment: डेट फंड असल में म्यूचअल फंड ही होता है. इसमें निवेशक बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) या फिर दूसरी स्मॉल सेविंग्स स्कीम (Small Savings Scheme) के अल्टरनेट के रूप में इन्वेस्ट करते हैं. जैसे की सरकारी सिक्योरिटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और ट्रेजरी बिल्स. फिक्स्ड डिपॉजिट का समय पूरा होते ही डेट फंड आपको फिक्स्ड रेट पर अच्छा खासा रिटर्न देते हैं.
सुरक्षित रहेगा आपका पैसा
ICICI पर साझा जानकारी के मुताबिक, डेट फंड का उद्देश्य केवल इन्वेस्टर्स को सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के साथ फायदा पहुंचाना है. बता दें डेट फंड को लिक्विड फंड भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है. इसका मतलब ये कि आप अपना पैसा कभी भी निकाल सकते हैं.
स्टेबल फंड्स
डेट फंड में रिटर्न आमतौर पर हमेशा एक जैसा रहता है. इसके रेट्स में मार्केट के चलते कभी बदलाव नहीं दिखता है. ऐसे में अगर आपको इन्वेस्ट करने में डर लग रहा है, तो ये आपके लिए सुरक्षित ऑप्शन है. वहीं अगर लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है आप कुछ समय के लिए अपनी फाइनेंशियिल प्लानिंग करना चाहते हैं, तो Debt Funds बेस्ट है.
लोवर फीस
Debt Funds में आप Equity और म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले कम पैसों से निवेश कर सकते हैं. अक्सर इन्वेस्टर्स डेट और म्यूचुअल फंड स्कीम्स को ही चुनते हैं, जिससे TDS पर कोई असर नहीं पड़ता है. हालांकि अगर आप फंड यूनिट को बेचते हैं, तो आपको इन्वेस्टमे्ंट के दौरान चैक्स देना पड़ेगा.
कम जोखिम, बेस्ट रिटर्न
Debt Fund में अगर आप इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा. क्योंकि म्यूचअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट सबसे ज्यादा फायदा देने वाला सौदा माना जाता है. ऐसा अक्सर होता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड में ज्यादा रिटर्न मिलता है.
Debt funds से मिलने वाला पैसा टैक्स के दायरे में आता है. डेट फंड को 3 साल के बाद भुनाने पर लॉन्ग लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगता है. 3 साल के पहले डेट लिक्विडिटी जोखिम का क्या मतलब है म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने के बाद जो मुनाफा होता है, उसा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ता है.