विदेशी मुद्रा विकल्प

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विशेष आर्थिक क्षेत्र को उभारने का प्रयास
इस साल अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (एस.ई.जैड.) अधिनियम को एक नए कानून से बदला जाएगा जो राज्य को उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास (डी.ई.एस.एच.) में भागीदार बनने में सक्षम बनाएगा और वह ये सभी मौजूदा और नए औद्योगिक परिक्षेत्र को कवर करेगा ताकि उपलब्ध बुनियादी ढांचे का बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सके और निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा सके। अब वाणिज्य मंत्रालय ने डी.ई.एस.एच. विधेयक का मसौदा एस.ई.जैड. ईकाइयों और एस.ई.जैड. डिवैल्पर्स को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा है। देश बिल आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है।
अनिवार्य रूप से मसौदा डी.ई.एस.एच. विधेयक एस.ई.जैड. डिवैल्पर्स और एस.ई.जैड. इकाइयों को उनके व्यावसायिक निर्णयों के परिणामों से उभारने का प्रयास करता है जो गलत हो गए हैं और निर्यात प्रदर्शन से कर रियायतों को अलग करते हैं। उक्त विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह सुझाव दिया जा सके कि यह निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में योगदान देगा। कुछ एस.ई.जैड. डिवैल्पर्स विशेष रूप से जो सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) क्षेत्र में इकाइयों के लिए उपयुक्त सुविधाओं का निर्माण करते हैं, ने एस.ई.जैड. इकाइयों की स्थापना करने वाले उद्यमियों की मांग से कहीं अधिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया। इससे न केवल उनके द्वारा अनुमानित मांग पूरी नहीं हुई बल्कि कुछ स्थापित एस.ई.जैड. इकाइयों ने एस.ई.जैड. को छोड़ कर घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डी.टी.ए.) में जाने का विकल्प चुना।
इसमें ऐसे एस.ई.जैड. डिवैल्पर्स को अपर्युक्त स्थान भूमि के साथ-साथ निर्मित क्षेत्र के साथ छोड़ दिया है। एस.ई.जैड. डिवैल्पर्स अधिसूचित एस.ई.जैड. क्षेत्रों में निष्क्रिय स्थान के लिए एस.ई.जैड. इकाइयों को आयकर रियायतों को वापस लेने का आरोप लगाते हैं। इसलिए सरकार ने एस.ई.जैड. में गैर-सन्निहित स्थानों को भी आंशिक रूप से डी-नोटीफिकेशन की अनुमति देकर उनकी मदद करने का फैसला किया है। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है जहां एक ही एस.ई.जैड. परिसर या इमारत में आसपास की इकाइयां या फ्लैट भी अलग-अलग कर छूट को आकर्षित करते हैं। वित्त मंत्रालय को सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए कि क्या इस तरह की व्यवस्था से अराजक स्थिति पैदा होगी?
वर्तमान में एस.ई.जैड. इकाइयों को कुछ कर कानूनों के उद्देश्य से देश से बाहर स्थित माना जाता है। इसलिए उन्हें सीमा शुल्क या माल और सेवाकर (जी.एस.टी.) के भुगतान के बिना जो कुछ भी चाहिए उसे आयात करने की अनुमति है। डी.टी.ए. से एस.ई.जैड. को वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति जी.एस.टी. कानूनों के तहत निर्यात के बराबर शून्य दर पर है और शुल्क वापसी जैसे निर्यात प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। इसके विपरीत एस.ई.जैड. से डी.टी.ए. को आपूर्ति के आयात के रूप में माना जाता है और यह भौतिक या गैर भौतिक आयात के बराबर सीमा शुल्क और जी.एस.टी. को आकॢषत करता है। डी.ई.एस.एच. विधेयक के मसौदे में यह परिकल्पना की गई है कि अधिसूचित क्षेत्रों में स्थित इकाइयां केवल माल बनाने के लिए उपयोग किए गए इनपुट पर शुल्क के भुगतान पर डी.टी.ए. को माल की आपूर्ति कर सकती हैैं।
इस प्रकार विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) में एक विवाद समाधान पैनल ने एस.ई.जैड. योजना को कुछ बहुपक्षीय समझौतों के विषयों के साथ असंगत बताया था क्योंकि कर रियायतें निर्यात प्रदर्शन से जुड़ी हुई हैं इसलिए नए डी.ई.एस.एच. कानून डी.ई.एस.एच. ‘इकाइयों’ द्वारा सकारात्मक शुद्ध विदेशी मुद्रा की आवश्यकता को दूर करने का इरादा रखते हैं। डी.ई.एस.एच. विधेयक के मसौदे में कई अन्य परिवर्तन प्रस्तावित हैं, मुख्य रूप से विभिन्न नामकरणों का उपयोग करने के लिए। उदाहरण के तौर पर विकास आयुक्त को हब निदेशक के रूप में फिर से नामित किया जाएगा और इस तरह के बदलावों का कोई सार्थक परिणाम होने की संभावना नहीं है।-टी.एन.सी.राजगोपालन
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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, 413 अरब डॉलर पर पहुंचा
8 जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान इसमें 87.95 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुर्इ.
13 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर 426.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. बीते साल 8 सितंबर को समाप्त हफ्ते में इसने पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था.
समीक्षाधीन अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 87.54 करोड़ डॉलर बढ़कर 388.39 अरब डॉलर पर पहुंच गर्इं. विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का सबसे बड़ा हिस्सा होता है.
एफसीए को डॉलर में दर्शाया जाता है. विदेशी मुद्रा भंडार में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के बढ़ने-घटने का असर एफसीए पर पड़ता है.
इस दौरान स्वर्ण भंडार में कोर्इ बदलाव नहीं हुआ. यह 21.18 अरब डॉलर पर यथावत रहा.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आर्इएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एडीआर) का मूल्य 18 लाख डॉलर बढ़कर 1.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
वहीं, आर्इएमएफ में भारत के रिजर्व पोजिशन का मूल्य 23 लाख डॉलर की बढ़त के साथ 2.02 अरब डॉलर हो गया.
Elon Musk News: छह अरब डॉलर में Tesla बेचने को तैयार हो गए थे एलन मस्क, फिर हुआ चमत्कार.
नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले
नई दिल्ली:
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) आज दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी है। इसके शेयरों में आई तेजी की वजह से ही एलन मस्क (Elon Musk) दुनिया के सबसे रईस इंसान बने हैं। मस्क इस कंपनी के विदेशी मुद्रा विकल्प सीईओ हैं। इस कंपनी में उनकी करीब 14 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय मस्क इस कंपनी को सिर्फ छह अरब डॉलर में बेचने को तैयार हो गए थे? आज मस्क की यह कंपनी मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी है। इसका मार्केट कैप 606.20 अरब डॉलर है। मस्क ने 2003 में टेस्ला की स्थापना की थी लेकिन 2013 में कंपनी गहरे संकट में फंस गई थी। मस्क इसे बेचना नहीं चाहते थे लेकिन उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। वह इसे बेचने के लिए गूगल (Google) के कोफाउंडर और अपने दोस्त लैरी पेज (Larry Page) से बात कर रहे थे कि तभी चमत्कार हो गया।
अमेरिकी बिजनस कॉलमनिस्ट और लेखक एश्ली वेंस की किताब 'Elon Musk: How the Billionaire CEO of SpaceX and Tesla is Shaping Our Future' के मुताबिक फरवरी 2013 में टेस्ला गहरे संकट में थी। कंपनी की कारें बिक ही नहीं रही थी। कस्टमर ऑर्डर कैंसल कर रहे थे। कंपनी का प्रॉडक्शन बंद करने की नौबत आ गई थी। कंपनी ने मस्क से यह बात छिपाने की कोशिश की। लेकिन जब उन्हें इसका पता लगा तो वह एक्शन में आ गए। उन्होंने डेमलर (Daimler) में काम कर चुके Jerome Guillen को सर्विस से जुड़े मुद्दों को देखने को कहा। कई सीनियर अधिकारियों की छुट्टी कर दी और बड़ी संख्या में जूनियर स्टाफ को प्रमोट कर दिया। अप्रैल के पहले हफ्ते में मस्क ने पेज से संपर्क साधा।
टेस्ला का टिकना था मुश्किल
मस्क ने पेज से कहा कि टेस्ला का कुछ हफ्ते भी टिकना मुश्किल है। हालत यह हो गई कि कंपनी को अपनी फैक्ट्री बंद करनी पड़ी है। लोगों से यह कहा गया कि मेंटनेंस के लिए फैक्ट्री को बंद किया गया है। पेज ने स्थिति के समझा और दोनों ने डील पर बातचीत आगे बढ़ाने का फैसला किया। मस्क चाहते थे कि कंपनी बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक कार बनाने का काम आगे बढ़ाए। मस्क की शर्त थी कि वह आठ साल तक कंपनी उनके कंट्रोल में रहेगी या जब तक वह बड़े पैमाने विदेशी मुद्रा विकल्प पर गाड़ियां बनाना शुरू नहीं कर देती है। साथ ही उन्होंने फैक्ट्री के विस्तार के लिए पांच अरब डॉलर की पूंजी भी मांगी। गूगल के कुछ वकील इन मांगों से सहमत नहीं थे लेकिन मस्क और पेज ने बातचीत जारी रखी।
उस समय टेस्ला की वैल्यू छह अरब डॉलर थी। अगर यह सौदा हो जाता तो गूगल इतनी रकम में टेस्ला को खरीद लेती। अभी मस्क, पेज और गूगल के वकीलों के बीच इस डील पर बातचीत चल ही रही थी कि एक चमत्कार हो गया। टेस्ला ने 500 लोगों को सैल्समेन की जिम्मेदारी दी हुई थी। अचानक कंपनी की कारें धड़ाधड़ बिकने लगीं। टेस्ला के अकाउंट में केवल दो हफ्ते का कैश रह गया था। लेकिन 14 दिनों में कंपनी ने बड़ी संख्या में कारें बनाई और बेची। कंपनी ने लिस्ट होने के बाद पहली बार प्रॉफिट कमाया था। तिमाही के दौरान कंपनी ने 4,900 मॉडल एस सिडैन कारें डिलीवर कीं। इससे कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। जुलाई में इसकी कीमत 30 डॉलर से 130 डॉलर पहुंच गई।
100 गुना बढ़ा मार्केट कैप
तिमाही नतीजे घोषित करने के कुछ ही दिन बाद कंपनी ने 46.5 करोड़ डॉलर का सरकारी लोन ब्याज समेत चुकता कर दिया। अचानक कंपनी के पास ढेर सारा कैश आ गया। स्टॉक में तेजी से कस्टमर्स का भी भरोसा बढ़ गया। अब कंपनी की कारें तेजी से बिक रही थीं और टेस्ला की वैल्यू भी बढ़ रही थी। ऐसे में गूगल के साथ डील का कोई तुक नहीं था। गूगल के विदेशी मुद्रा विकल्प लिए अब टेस्ला को खरीदना महंगा सौदा था। इस तरह गूगल और टेस्ला के बीच डील को लेकर चल रही बातचीत भी बंद हो गई। इस तरह टेस्ला बिकने से बच गई। तबसे इसकी मार्केट वैल्यू 100 गुना से अधिक बढ़ चुकी है। मार्केट कैप के हिसाब से यह दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी है।
Gold ATM: यहां एटीएम से नोट नहीं, निकल रहे हैं सोने के सिक्के, पहली बार हुआ ऐसा, जानिए
हैदराबाद में दुनिया का पहला एटीएम लगाया गया है जहां से अब सोने की खरीदारी की जा सकेगी, विदेशी मुद्रा विकल्प यह दुनिया का पहला एटीएम होगा, जानिए इसके बारे में सबकुछ-
Updated: December 6, 2022 8:44 AM IST
Gold ATM: डिजिटल मनी ट्रांसफर ने लोगों को पैसे का भुगतान करना आसान बना दिया है तो वहीं एटीएम ने लोगों को पैसे का ट्रांसफर या पैसों के लिए बैंक जाने की अनिवार्यता खत्म कर दी है. अब इसके बाद हैदराबाद में एक ऐसा एटीएम बनाया गया है जिससे आप सोने की खरीदारी करने के लिए प्रयोग कर सकते हैं. ज्वैलरी निर्माता गोल्डसिक्का, जिसने एक स्टार्टअप – ओपनक्यूब टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड – के साथ इनोवेशन के सहयोग से इस तरह का पहला गोल्ड एटीएम सुरू किया है जिसे “विश्व स्तर पर पहला रियल-टाइम गोल्ड एटीएम” बताया जा रहा है.
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इसकी शुरुआत करने के बाद फर्म ने एक बयान में कहा, “हम गर्व से घोषणा करते हैं कि हमने गोल्ड एटीएम को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है और इस उपलब्धि के माध्यम से, हम भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाने और बंगारू तेलंगाना के मिशन में योगदान देने के लिए एक बड़ी शुरुआत की है.”
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गोल्ड एटीएम की ये होगी खासियत
फर्म का कहना है कि एटीएम का उद्देश्य “लोगों की सुविधा” के लिए सोना लोगों तक पहुंचाने का का करना है. 24*7 – मशीन से कोई भी कहीं से भी सोना निकाल सकता है,
डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा खरीदार पीली धातु को वापस लेने के लिए प्रीपेड और पोस्टपेड स्मार्ट कार्ड का भी उपयोग कर सकते हैं,
फर्म का पहला एटीएम अशोका रघुपति चेम्बर्स, बेगमपेट में अपने प्रधान कार्यालय में स्थापित किया गया है और इसका उद्देश्य पूरे शहर में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे एटीएम स्थापित करना है.
“सोने की कीमत में अपडेट लाइव कीमतों पर आधारित होगी. इस महीने की शुरुआत में सोने की कीमत लगभग 54,630 प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, लेकिन सोने की मांग भी बढ़ी. गोल्ड एटीएम उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करेगा. यह गोल्ड एटीएम 0.5 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक के सोने की सिक्र्के की आपूर्त करता है. गुणवत्ता के मामले में कहा गया है कि सभी सोने की मुद्रा 24 कैरेट गोल्ज हैं.
प्रताप, उपाध्यक्ष, सुनारसिक्का, ने समाचार एजेंसी एएनआई को कहा है कि. “प्रत्येक एटीएम में 5 किलो तक सोना रखने की क्षमता होगी, जिसकी कीमत लगभग 2-3 करोड़ रुपये होती है. एटीएम मशीन 0.5 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक के सिक्कों का वितरण करती है. 0.5 ग्राम सहित आठ उपलब्ध विकल्प हैं. इसमें 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम, 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम और विदेशी मुद्रा विकल्प 100 ग्राम के सिक्के होंगे. ”
वहीं, सुरक्षा सुविधाओं पर कहा जा रहा है कि “मशीन में इनबिल्ट कैमरा, अलार्म सिस्टम, बाहरी सीसीटीवी कैमरे जैसे सुरक्षा उपाय हैं. ग्राहकों की सुविधा के लिए हमारे पास ग्राहक सहायता टीम भी है.”
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